Thursday, July 5, 2012

" कण - कण में भगवान चाहिए या भगवन का कण " ???????

" भगवत प्रेमी " मित्रो , सादर जय श्री भगवान् !! पिछले तीन दिनों से पूरे विश्व का मिडिया , वैज्ञानिकों के बयानों और रंग बिरंगे चित्रों - ग्राफिकों से हम साधारण बुध्धि वाले लोगों को ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं की उन्होंने उस विशेष " कण " का पता लगा लिया है जिस से परमात्मा ने सूरज , चाँद और सितारे बनाये !! और उसी से ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति हुई !! उन्हों ने ये भी मन की पिछले 4सालों से पूरे विश्व के 113देशों के10,000 वैज्ञानिकों की अरबों रुपयों की लगत और मेहनत से ये " महीन " निष्कर्ष निकला है की अनु में एक ऐसा कण भी होता है जो दो अणुओं की प्रकाश की गति से टक्कर होने पर निकलता है !! और ये कण हर बार की टक्कर से नहीं निकलता बल्कि किसी - किसी टक्कर में निकलता है !! अभी तक हमारे महान वैज्ञानिकों को ये भी नहीं पता चला है की वो कौन सी विशेष प्रकार की टक्कर होती है जिससे ये " बोसों " नामक " भगवन का कण निकलेगा !! अभी कई वर्षों तक और पर्योग होंगे , टेस्ट होंगे तब कंही जाकर खोज पूरी होगी !!
                              हमारे वैज्ञानिकों का कहना है की जब सारे प्रयोग हो जायेंगे और टेस्ट सफल हो जायेंगे तब विश्व ने बिजली और हर प्रकार का इंधन प्रचुर मात्र में मिलेगा !! चलो हमारी आने वाली पीढ़ी हेतु कुछ तो आशाएं हैं वर्ना मैं तो यही सोच - सोच कर परेशान था की मेरे पोते - पडपोते , बिजली का बिल कैसे भरेंगे , सब्जी कैसे खरीद पायेंगे , राशन कितना और कैसे लायेंगे आदि - आदि !!!????
                 दोस्तों भारत हमारा सब विषयों में हमेशा आगे ही रहा है !! चाहे वो विज्ञानं हो या अयुर्वेद , मानव जाती का ज्ञान हो या पशु - पक्षियों और जलीय प्राणियों का ज्ञान हो !!लेकिन समस्या ये है की हमारी बात कोई सुनता नहीं !! सालों धक्के खाकर बाद में ससुरे मानते हैं की जो सनातन धर्म ने मनुष्य जाती को अपने अनमोल ग्रंथों में बताया है वही सच है लेकिन हम उसके गूढ़ रहस्यों तक नहीं पंहुच पाते हैं !1 क्योंकि हम अपनी पत्नी से ज्यादा पडोसी की पत्नी को सुन्दर और ज्ञानवान मानते चले आ रहे हैं !! 
                               मेरे जीवन में बहुत से संतों का प्रवचन सुनने का मौका आया है !! क्योंकि मेरे माता - पिता सनातन धर्म के प्रचारक ही रहे हैं ! उनको लोग पहले अपने शहरों में 2-4 दिनोहेतु प्रवचन देने हेतु बुलाया करते थे तो मैं भी उनके साथ जाया करता था !! इस तरह मुझे ईश्वरीय ज्ञान बड़ी सहजता से प्राप्त हुआ !!इसी तरह से एक दिन एक संत जी का भाषण चल रहा था , वे बोले मैं आपको अभी के अभी परमात्मा के दर्शन करवा सकता हूँ , लेकिन आप श्रधा से सुनोगे तो शारे  बोले जी हम श्रधा से ही सुनेंगे , तब वो सन्ति जी बोले मेरे बताने के बाद जिसको विश्वास आ जाये की मैंने भगवन दिखा दिया है वो उसे अपने मन में बसाले और जिसे विश्वास न हो वो चुप चाप अपने घर को चला जाए और फिर कभी भी मेरे प्रवचन सुनने नहीं आये !!
                             हम सब एक दम सतर्क हो गए की आज परमात्मा के दर्शन हो जायेंगे ....तभी महात्मा जी बोले की सभी पहले 11 बार " श्री - राम " का जाप करो और अपनी आँखें मूँद कर मुझे सुनो !! सबने ऐसा ही किया ..तभी महात्मा जी बोले आपले चीनी देखि है सब बोले हांजी , फिर उन्होंने पुछा आपने दूध देखा है सब बोले जी गुरु जी , तब वो बोले जब चीनी को दूध में मिला देते हैं तो क्या होता है सब बोले दूध मीठा हो जाता है , तब गुरु जी बोले क्या तुम उस मिठास को देख सकते हो ?? सब बोले नहीं , तो गुरु जी ने कहा की जो " मिठास " दिखाई नहीं दे रही लेकिन वो है , वोही " भगवान् " है !! बोलो दिखा क्या भगवान ?? सब बोले जी दिख गया !
                              इस तरह से मेरे जैसा जब साधारण आदमी भगवन को दिखा सकता है सिर्फ " सुनकर " , तो अगर जब कोई हमारे वेदों और अन्य ग्रंथों की रिसर्च करेगा तो क्या उसे विस्तृत रूप से भगवन का ज्ञान नहीं मिलेगा ..??? मैं कहता हूँ अवश्य मिले गा !!! उसके लिए हम भारतियों को अपने ग्रंथों में अपर विश्वास और श्रध्दा दिखानी और करनी होगी !! हम आज भी विश्व को ज्ञान देने वाले हैं और आगे भी रहेंगे !! सुना है इस खोजे गए कण का नाम भी वैज्ञानिकों ने भारत के किसी व्यक्ति के नाम पर रख्खा है " बोसोन " शायद ये हमारे मशहूर वैज्ञानिक श्री सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर रख्खा गया है जिन्होंने विश्व को ये बताया था की अनु एक तरह के नहीं बल्कि तीन तरह के होते हैं !
                    तो दोस्तों आपको कैसे लगते हैं हमारे ये लेख !!कृपया आप अपने अनमोल विचारों को हमारे ब्लॉग और ग्रुप जिसका नाम " फिफ्थ पिल्लर क्रप्प्शन किल्लर " है पर जाकर अवश्य लिखें जिन्हें हम अपनी प्रकाशित होने वाली पुस्तक में एक ख़ास स्थान देंगे !! आप इस ब्लॉग को ज्वाइन भी कर सकते हैं , आप चाहें तो अपने फेस - बुक मित्रों संग शेयर भी कर सकते हैं हमारा लिंक नोट करे :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
                आपका अपना ; पीताम्बर दत्त शर्मा 
                       संपर्क ;+919414657511.   

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