Wednesday, December 28, 2011

" बस अन्ना जी , इतने भरोसे लायक भी नहीं है , ये जनता "....?? ?

मेरे प्रिय भरोसे मंद मित्रो , भावपूरण नमस्कार स्वीकार करें !! " जनता " के लिए आज तलक न जाने कितने समाजसेवी , नेता अपना समय , धन और जान तक गवा बैठे हैं , इस नामुराद जनता को याद नहीं है , कितने संत इस जनता को सुधारने हेतु अपना तन , मन , और धन , ज्ञान देने और लेने में लगा चुके हैं , इस " बेबस " जनता को वो भी याद नहीं , इस " निर्दयी " जनता के सामने कितने अन्याय हुए ,और ये चुप - चाप देखती और सहती रही , वो भी इसे याद नहीं ???? हमारा इतिहास साक्षी है की ये जनता कितनी " भुलक्कड़ " है ??? ये भी किसी से छिपा नहीं है ???? अन्ना जी , आपने 3.- 4.बार आन्दोलन करके देख लिए , सरकारी और गैर सरकारी नेताओं का हाल भी आपने देख लिया ??? समझ दार लोग सब समझ चुके हैं की किसके लिए क्या फायदे मंद बात है ??? और क्या नहीं ?? तो अब आपका दोबारा अनशन पर बैठना कटाई उचित नहीं है !! क्योंकि यही वो जनता है जो चोर नेताओं को " वोट " डालकर जीताती है !! दारू पीकर अपना वोट " बेच " आती है !! या अपनी जाती धर्म और इलाके के पीछे भाग पड़ती है ???? तो क्यों इस " नीरीह " जनता हेतु अपनी जान खतरे में डाली जाये ??? ये वोही जनता है जिसके सामने " द्रोपदी का चीर - हरण हुआ " और ये देखती रही ?? ये वोही जनता है , जिसके सामने "सीता को अग्नि परीक्षा" देनी पड़ी ??? और ये वो ही जनता है जिसके सामने " यीशु - मसीह " सूली पर चढ़ा दिए गए ????? क्या इस जनता की " अपनी " कोई जिम्मेदारी नहीं ??? क्यों कोई , महाराणा प्रताप , शिवाजी , लक्ष्मी बाई , तांत्या टोपे , भगत सिंह , चन्द्र शेखर आज़ाद , अपनी जान दे ??? या गांधी , जे . पी . और अन्ना जी जैसे अपना अमूल्य जीवन बर्बाद करें ??? अब जनता को स्वयं कार्यक्रम बना कर आन्दोलन करना चाहिए , और अन्ना जी , केजरी वाल जी और किरण बेदी जी जैसों को सिर्फ दिशा निर्देशों हेतु अपने पीछे रखना चाहिए ???? तब तो है मज्जा ??? नहीं तो अन्ना जी भूखे बैठे रहें और जनता रजाई में बैठी t.v. चेनलों पर समाचार देखती रहे , ये उचित नहीं है ???? आप सब मित्र इस विषय पर क्या सोचते हैं ??? कृपया अपने अनमोल विचार , मेरे ब्लॉग " ५थ पिल्लर करप्शन  किलर " पर अवश्य लिखें !! या लाग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. पर  भी अपने विचार  प्रकट कर सकते हैं !! तो बोलो ......जय श्री राम !!!!  

Sunday, December 25, 2011

" आज , ओरत व मर्द के - -" बीच "- - कैसे सम्बन्ध होने चाहिए " ? ??

सभी व्यस्क मित्रों को प्यार भरा नमस्कार !! मुझे फेस - बुक पर कार्य करते हुए लगभग एक वर्ष होने को है | मुझे कम्पूटर चलाना भी कम आता है | कुछ समय पहले तो आता ही नहीं था | तब तलक मेरी कोई महिला मित्र नहीं थी , सिवाय मेरी पत्नी के , कसम से !! बचपन में को - एजुकेशन मैं पढ़े तो उस समय सह पाठी लडकियां अवश्य होती थी | लेकिन  उस समय आज जैसी फ्रेंडशिप नहीं होती थी !! फेस - बुक पर आने के बाद , अपने ब्लॉग " ५थ पिलर करप्शन किलर " मैं ज्वलंत विषयों पर लिखने के बाद मेरी कई महिला मित्र बन गयी हैं || जिनसे समय - समय पर कई विषयों पर बात होती रहती है | आज मेरी एक महिला मित्र    "निशा सहारण " जी ने एक प्रश्न पूछ लिया के " आप मर्द और ओरत के संबंधों के बारे मैं क्या सोचते हैं ? कैसे सम्बन्ध होने चाहिए ? आदि आदि || तो मैंने उनसे कहा की आज इसी विषय पर मैं अपने विचार लिखता हूँ , और आप भी पढ़ कर उस पर अपने विचार लिखना !! ऐसा अभी उनके साथ तय हुआ है और पाठको आपसे भी अनुरोध है की आप भी इस विषय पर अपने विचार अवश्य मेरे ब्लॉग पर जा कर लिखें !! अग्रिम धन्यवाद स्वीकार करें !! मर्द और ओरत दो अलग अलग सोच और शारीरिक बनावट के बने शरीर हैं जिसे परमात्मा ने बनाया है !! विश्व मैं आज दो तरह की मान्सिकताएं चलती हैं | एक वो जो , भारतीय उपमहाद्वीप या एसिया मैं चलती है और दूसरी वो जो यूरोप और पाश्चात्य संस्कृति मैं चलती है ! पाश्चात्य संस्कृति को तो चंद  लाइनों मैं कहा और समझाया जा सकता है लेकिन भारतीय सोच को समझाने मैं बहुत वक्त चाहिए | कुछ लिखने से पहले मैं ये स्वीकार करता हूँ की मैं पूर्ण ज्ञाता नहीं हूँ इसलिए मेरे कथन मैं कोई त्रुटी भी हो सकती है इस लिए पहले ही क्षमा प्रार्थी हूँ !! पहले पाश्चात्य संस्कृति की बात करते हैं :-- वंहा नारी को केवल सेक्स की वस्तु  माना जाता है , जो मर्द का जीवन मैं अपनी इच्छा से सहयोग भी करती है ,और मर्द भी बदले मैं उसका सहयोग करता है !! वंहा माता बेटे के साथ , भाई बहन के साथ और पिता बेटी के साथ रजामंदी से सम्भोग कर सकता है कोई बुरी बात नहीं मानी जाती , बल्कि आजकल तो ओरत ओरत के साथ और मर्द मर्द के साथ भी सम्भोग करता है जिसे कानूनी मान्यता है | दोनों अपनी मर्ज़ी से कोई भी काम कर सकते हैं !! बस इतने मैं पाश्चात्य संस्कृति का बखान हो गया और ज्यादा कुछ कहने और समझने को नहीं है ??? अब भारतीय संस्कृति की बात करते हैं :-- एशिया मैं या भारतीय उप महाद्वीप में जो संस्कृति प्रचलित है वो हमारे " सनातन धरम की दी हुई एक सौगात है , जिस से एक संतुलन समाज में बनता है !! हमारे ऋषियों - मुनियों ने वर्षों की रिसर्च के बाद ये भारतीय पधिती तैयार की है जिसे एक लेख में लिख पाना संभव नहीं है फिर भी कोशिश करता हूँ विषय को संक्षिप्त करके || नारी और पुरुष पर केन्द्रित करके || भारतीय ग्रंथों के अनुसार भगवन शिव ने सृष्टि को चलाने हेतु अपने अन्दर से ही स्त्री और पुरुष को कैद किया जिसे " अर्ध - नारीश्वर " का नाम दिया गया | " फ़र्ज़ और कर्त्तव्य " नमक शब्दों में जीवन को इस प्रकार से " गूंथा " गया की हर वो कार्य जिस को करने से मानव जाती को भविष्य में नुकसान पंहुचता उसे " पाप " कहदिया गया और जिसको करने से इंसान को फायदा पंहुचता उसे " पुन्य कार्य " कहा गया !!  यंहा ओरत पहले " माता ", फिर " बहन " फिर " पत्नी " और फिर "बेटी" और " बहु"  बन कर दोस्त भी बनती है , सृष्टि को चलाने हेतु सेक्स भी करती है और जीवन मैं अन्य  तरह से सहयोग करने हेतु  "साली" और "भाभी" भी बनती है || यंहा मैं यह भी बता दूं की अगर जीवन मैं कोई उंच - नीच हो जाये तो , साली और भाभी , और देवर और जीजा आपस मैं पति पत्नी भी बन जाते है ||  माता , बेटी और पत्नी के रूप में नारी को व्यापक अधिकार भी दिए गए हैं और कार्य को बांटा भी गया है || परस्थितियों वश आज के युग में जब कार्य क्षेत्र बदल गए हैं तो संबंधों पर भी असर पड़ा है | कुछ लोग आधुनिक हो गए हैं , तो कुछ अभी सिमित दायरे में ही सोचते हैं || मेरे विचारों की जन्हा तलक बात  है वो ये है की सम्बन्ध रजामंदी से जैसे भी बने उसे निभाना चाहिए और अपने उस साथी को भी तुरंत बताना चाहिए जिस पर इस सम्बन्ध का असर पड़ता हो || बस धोखा नहीं होना चाहिए किसी के साथ भी || सच्ची दोस्ती  ही अबसे बढ़िया रिश्ता है दुनिया में क्यों ..........???? बोलो जाया श्री राधे ..... कृष्ण ...!!!!! क्योंकि प्यार के वोही देवता हैं ....!!!  

Wednesday, December 21, 2011

केंद्र सरकार , मानने को तैयार नहीं , की वो जनता की सेवक है ....???

सभी मित्रों  को प्यारी जिद्द भरा नमस्कार !! जिद्द भी कई तरह की होती है !! बच्चे की जिद , जो अच्छी लगती है ?? पत्नी या प्रेमिका की जिद , जो प्यारी लगती है ?? दोस्त की जिद्द , जिसपे कुर्बान जाने को दिल करता है ??लेकिन आज कल हमारे नेता गन भी जिद्द करने लग गये हैं !! की हम जीत  कर आये हैं , इसलिए जो हम करेंगे , वोही उचित होगा , बाकी अगर किसी को अपनी बात मनवानी है तो वो पहले लोक सभा का चुनाव जीत कर आये फिर हमें कुछ कहे , अन्यथा नहीं ?? u.p.a. की नेता श्री मति सोनिया गाँधी जी ने बड़े दिनों बाद अपना श्री मुख खोला है !!! वो बोली हैं की सरकार लोकपाल को लेकर अब लम्बी लड़ाई लड़ने को तैयार है ?? कोई पूछे भला किस् से ?? वो कहती हैं की अब जो बिल सरकार ने बनाया है वो फ़ाइनल है ....अन्ना या विपक्ष अब कुछ न बोले ...!!  केंद्र सरकार , मानने को तैयार नहीं , की वो जनता की सेवक है ....??? उन्हों ने जनता या अन्ना जी का नाम तो नहीं लिया लेकिन b.j.p. और विपक्ष का नाम ले कर ये कहा की ये अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं !!सोनिया जी ने अपनी सरकार द्वारा पेश किये गए बिल की तारीफ में स्वयं ही पुल बाँध दिए हैं ???? मील का पत्थर भी बता दिया है ???साथ साथ वार्निंग भी दे दी है की अब जो सरकार ने लोकपाल बिल पेश किया गया है , उस पर अब कोई समझोता या वार्तालाप नहीं होगी !! यानि अब अगर अन्ना जी आन्दोलन करेंगे तो ........सरकार लम्बी लड़ाई हेतु तैयार है ??? उन्होंने ये भी कहा की विपक्ष और टीम अन्ना अब इसे चुपचाप मान ले ??? उन्होंने विपक्ष पर अडवांस में ये आरोप भी जड़ दिया की वो नहीं चाहता की लोकपाल बिल पास हो और देश में भ्रष्टाचार समाप्त हो ....??? उन्होंने अपने सांसदों को भी होसला दे दिया है की घबराने की कोई जरूरत नहीं है पार्टी 5. राज्यों में भी जीतेगी .......?????? कुल मिला कर बात वन्ही की वन्ही है !!!! केंद्र सरकार का मतिभ्रम न केवल बना हुआ है , बल्कि बढ़ भी गया है ??? की बस जो कुछ हैं , वो बस हम हैं .....??? जो चुनाव जीत गया ....वो सेवक नहीं ....राजा है ......? बस अब वक्त आ गया है .......जनता ....जाग ....जाये .....!!! सबक सिखाने को तैयार रहे ......इन नेताओं को ......!!!! bolo....जय ......श्री ......राम .....!!!!

Sunday, December 18, 2011

मैं होता पी . एम् . , तो एक " डालर " के देता , " 2./- "......? ? ?

स्वाभिमानी मित्रो , प्यार भरा " रोकड़ी " नमस्कार !!पिछले कई दिनों से समाचार पढ़ रहा हूँ की रुपया गिर गया , रुपया गिर गया !! पता नहीं कन्हा गिर गया ये समझ में नहीं आ रहा था !! एक दिन मैंने अपने मित्रों से पपच ही लिया , यारो कोई तो मुझे बताओ आखिर ये रुपया कब - कब गिरता है ?? कन्हा  गिरता है ? क्यों गिरता है ???कैसे गिरता है ???और डॉलर ससुरा 1967. से ही चढ़ता ही जा रहा है क्यों ????? मेरे मित्र बोले, अबे मास्टर रुक जा प्रश्न पे प्रश्न किये जा रहा है? जिस सरकार के पास जितना सोना होता है उतने ही नोट छपने का अधिकार उसके पास होता है ... उनके आगे बोलने से पहले ही मैं आगे बोला , रहने दो रहने दो , सोना तो हमारे पास उतना ही है जितना कल था , फिर रोज़ कैसे रुपया गिरता है ?? जरूर इसमें कोई विदेशी साजिश है ??? मित्र हंसने लगे , बोले जा यार तू तो बिलकुल भोला है , मैं बोला , भाइयो मैं तो एक बात जानता हूँ की मेरा रुपया है तो मेरी मर्ज़ी चलेगी या किसी विदेशी की , मैं ससुरे डॉलर की कीमत दो रूपये ही लगाता अगर मैं प्रधान मंत्री होता तो सब के लिए ये ऑर्डर पास कर देता की डॉलर के 2./- रूपये से ज्यादा देने ही नहीं है तो हमारे रूपये की कीमत कैसे गिरती ??? हम डॉलर के बदले हमारा सम्मान ही नहीं देते , कहते की हमारी करंसी लाओ तब देंगे हम हमारा सामान , तो कैसे रूपये की कीमत गिरती ???मेरे मित्र बोले भले मानुष हम 50.वस्तुएं बेचते हैं और 500. वस्तुए खरीदते हैं इसीलिए तो हमारी चलती नहीं ...?? मैं बोला की अगर हम में स्वाभिमान है तो हम उनकी 50. वस्तुओं की तरफ देखते भी नहीं ,और उनके डॉलर की कीमत 2./- रूपये ही लगाता अगर मैं प्रधान मंत्री होता ???? मेरे मित्र बोले की तभी तो तुम्हे कोई प्रधान मंत्री कोई बनाता नहीं ??? मैं सोच में घिर गया ?? की यार मैं तो अपनी और अपने देश की इज्जत और मान बढाने की बात कर रहा हूँ , और ये सब ये कह रहे हैं की इसी लिए तुझे कोई प्रधान मंत्री कोई नहीं बनाना चाहता तो क्या सारे बे - ईमानों को पसंद करते हैं .....??? ....... आप सब मित्रो आप ही मुझे समझाओ की क्या हम अगर मन को मजबूत बनाकर कुछ समय के लिए ऐसी घोषणा करदें की हमारी नज़र में डॉलर की कीमत मात्र 2./- रूपये है और इसी अनुपात से हम हमारा बाज़ार चलायें तो क्या नहीं चलेगा ???? क्या - क्या रुकावटें आएँगी ???? कौन सी ऐसी वस्तुएं हैं जिनके बिना हमारा काम नहीं चलता अगर हम उन्हें कुछ दिनों तक नहीं मंगाएं तो ????? क्या हम हमारे रुपये की इज्जत के लिए कुछ कुर्बानी नहीं दे सकते ....??? आखिर ह्म्मारी इज्जत भी तो हमारे देश की इज्जत से ही जुडी है ??? कैसे हमारे वित् मंत्री , वित् विशेषज्ञ आदि चुप बैठे रहते हैं ???? क्यों नहीं कोई प्रभावी बात कही या करी जा रही ???? हर बात पर बे - बस क्यों नज़र आती है हमारी सरकार और ये तथा - कथित नेता ( पक्ष और विपक्ष ) ???? क्या " मादा " ख़तम हो गया ........???? बोलो .....जय .......sri.....राम .......!!!!!!!!!!! 

Tuesday, December 13, 2011

" मान जाइये ......! मान जाइये....., बात मेरे दिल की जान जाइये " ! ! !!

रूठे हुए मित्रो , म्नुवल भरा नमस्कार स्वीकार हो !!! क्योंकि हमारी सर्कार भी धीरे - धीरे अब मान रही है !! सिटिजन चार्टर , विसल ब्लोवर , और न्यायिक व्यवस्था वाले बिल सदन में आ भी गए और पास भी हो गए !! अब कुछ हेर फेर के साथ " लोक - पाल " जैसा बिल भी पास हो जायेगा , क्योंकि सरकार अब विशेष सत्र बुलाने की बात भी कर रही है ||  अब प्रयास श्रेय लेने का हो रहा है , विपक्ष , n.g.o. और सरकार सब जोर - शोर से इसी प्रयास में लगे हैं || जनता को फिर सारे भूल जायेंगे ?? अपने अपने ढोल पीटने में ये सब लग जायेंगे ??? लेकिन जनता को अपने " घाव " हरे रखने होंगे ?? उसे तो अपने अंदर एक ज्वाला तब तक जलाए रखनी है जब तलक चुनाव नहीं आते केंद्र के ??? तब हमें सिर्फ उन लोगों को संसद में भेजना है जो वंहा जाने के बाद जनता को और जनता की समस्याओं को याद रखें , न की ऐसे लोगों को जिन्हें जनता की समस्याएँ " याद " करानी पड़ें ?????हमने  ऐसे लोगों को भी वोट नहीं देना जो हमें जातियों में बाँट रहे हैं , हमने ऐसे लोगों को भी वोट नहीं देना जो हमें किसी प्रकार का लालच देवे , न ही उनको वोट देना है जो हमारी पार्टी का प्रत्याशी तो है लकिन ईमानदार नहीं है , उसको भी वोट नहीं देना है जो हमे धर्मों में बांटे || बस हम सब मिल कर यही कसम खा लें की जो हमारी बात ईमानदारी से करेगा वोट उसी को मिलेगा चाहे वो निर्दलीय हो या दलीय , हिन्दू हो या मुस्लिम , सिख हो या इसाई , कांग्रेसी हो या भाजपाई , कामरेड हो या समाजवादी जो हमें ये न कहे की मंहगाई तो अभी और बढ़ेगी ?? या हिम्मत है तो चुनाव लड़ लो ?? ऐसा कहने वालों को चुनावों में निबटा जायेगा !! इस लिए लड़ाई अभी बाकी है !! देश का जो धन विदेशी बैंकों में पड़ा है उसे भी भारत वापिस लाना है ! बाबा राम देव जी ने " हुंकार " भरदी है | इसलिए जनता को अब उनका भी साथ देना है | ऐसे बेशरम नेताओं को दिखा देना है की " मालिक" जनता है न की नेता ???? अब लगता है की u.p.a. सरकार की कुम्भ्करनी नींद खुल गयी है और उसे सच्चाई सामने दिखाई देने लगी है , इसी मैं ये गाना गा रहा हूँ की " ममन जाईये ......! मान जाईये ..., बात मेरे दिल की जान जाइए !!......... बोलो .....जय ....श्री ...राम .....!!!! 

Sunday, December 11, 2011

' न जाने, किस वेश में , भारत का " दुश्मन " आ जाये ? ? ?

सच्चे देश - भक्त मित्रो , वन्दे - मातरम् !! और प्यार भरा नमस्कार स्वीकार करें !! अन्ना जी फिर वापिस आ गए हैं ! सरकार उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रही , और न ही जनता उन्हें अब तलक पूरा समझ पायी है ?? बुद्धिजीवी लोग अलग - अलग राय रखते हैं !! मैंने भी कई मित्रों के विचार अन्ना जी और उनकी टीम के साथ मेल नहीं खाते देखे हैं ! कोई उन्हें कांग्रेस का एजेंट बता रहा है तो कोई उन्हें r.s.s. का ?? कोई कहता है उनकी टीम में निम्न जाती के लोग नहीं इसलिए ये आन्दोलन सही नहीं तो कोई पूछता है की उनके पीछे कौन है ???? ये मन भी बड़ी विचित्र चीज़ है ?? कभी इधर तो कभी उधर , थाली के बैंगन की तरह कभी एक जगह टिकता ही नहीं ?????? इसलिए कल से मैं गहन सोच में डूबा हुआ हूँ ?? की इस देश का दुश्मन कौन और किस रूप में आ जाये ?? हम कुछ भी नहीं जानते ??? मैंने जो सोचना शुरू किया तो अजीब अजीब विचार मन में आने लगे /// आप भी पढ़िए ... पहला विचार ये आया की भारत का दुश्मन भारतीय नारियों को बिगाड़ने हेतु ऊटपटांग सीरियल और फिल्मे बनाकर tv. पर फ्री दिखा रहा है ??? और मज़े की बात ये है की सारा फिल्म और add. उद्योग उनकी मदद कर रहा है ???? दूसरा विचार ये आया की भारत के मैहनत कश लोगों को बेकार बनाने का काम हमारा दुश्मन कर रहा है और उनकी मदद इस काम में हमारी भारत सरकार कर रही है म्न्रेगा के ज़रिये १८०/- रूपये रोज़ थोड़े से काम के बदले दे कर आलसी बना रही है ????? ८०/- रूपये अफसर खा रहे हैं और १००/- गरीब मजदूर पा रहा है ???? इस तरह से भारत का मजदूर वर्ग आलसी हो रहा है ??? तीसरा हमला भारत पर शिक्षा के द्वारा हो रहा है ?? ८वीं कक्षा तक के बच्चों को बिना मेंहनत के पास किया जा रहा है और विद्यालय में ही खाना दिया जा रहा है , किताबें दी जा रही हैं और साईकिल भी दिए जा रही हैं जिस से हमारे विद्यार्थियों की नींव कमज़ोर हो रही है ?? दूसरो पर आश्रित होना सिखाया जा रहा है ???? और मज़े की बात ये की इसमें भी हमारी सरकार देश के दुश्मनों की मदद कर रही है ?? बड़े " माल " लाकर , छोटे व्यापारियों को ख़तम करने की साजिश रची जा रही है ?? नकली नोट भेजे जा रहे हैं ??? उग्रवादी भेजे जा रहे हैं ??? देश भक्तों का इतिहास समाप्त करके सिर्फ गांधी परिवार तक सीमित किया जा रहा है ?? देश को लूटा जा रहा है शरेआम वो अलग ??? लोहे की छोटी सी कुल्हाड़ी " लकड़ी के हत्थे " की मदद से देश रुपी पेड़ को काट रही है और देश के दुश्मन tv.पर बहस में भाग लेते हुए , बड़ी बड़ी बिंदियाँ माथे पे लगाके ये बोलते हैं या बोलती हैं की क्या ये देश इतना कमज़ोर है जो एक " सीरियल या फिल्म " देखने से बिखर जायेगा ??? और हम उनके इन्ही शब्दों के मायाजाल में फंस कर उन्हें सही मान लेते हैं ?????? जैसे महेश भट्ट , महिला आयोग के सदस्य और कुछ n.g.o. के सदस्य आदि आदि जो देश को तरह तरह से नुक्सान पहुंचा रहे हैं ....??? जागो ...देश वासियों  ....जागो !!! 

Tuesday, December 6, 2011

" जिसका - भय था.......वोही - बात हो गयी "....? ? ?

मर्यादा में रहने वाले समझदार मित्रो , नमस्कार !! ग्यानी जन बड़े दिनों से सोच रहे थे , कईयों ने तो फेसबुक पर लिख भी दिया था की अश्लील चित्र और भद्दी भाषा का उपयोग उचित नहीं है परन्तु एक बड़ी गिनती वाले लोग भावना मैं बह कर अनाप - शनाप लिखते भी रहते थे और दिखाते भी रहते थे | मैंने स्वयं भी एक या दो बार कड़े शब्दों का और कुछ ऐसे चित्रों का उपयोग किया जो सभ्य नहीं कहे जा सकते , लेकिन मैंने स्वयं उन चित्रों को नहीं बनाया, फिर भी अगले दिन मैंने सब मित्रों से माफ़ी मांगी !!सरकार या किसी नेता के किसी निर्णय या उसके किसी काम पर किसी को आपत्ति है तो उसे सभ्य शब्दों मैं भी जाहिर किया जा सकता है !! लेकिन  जब कोई हद पार कर जाए तो सख्त शब्द तो जायज़ हैं लेकिन अभद्र फिर भी जायज़ नहीं ?? कई लोग तो किसी चित्र पर बाबा राम देव , सोनिया , राहुल गाँधी , कपिल सिब्बल , आदि जैसे व्यक्तियों के चेहरे लगा देते थे लीन्हे देख कर हंसी भी आती थी और बुरा भी लगता था ??? लेकिन सवाल ये भी पैदा होता है की क्यों किसी को जरूरत पड़ी ऐसे शब्द बोलने की ??? या ऐसे घटिया स्तर  के चित्र बनाने की ???? इसका जवाब भी तो ये उपरोक्त लोग अपने गिरेबान में झाँक कर ढूंढें ..???? कुछ दिन पहले मेरी एक महिला मित्र ने बहुत ही बढ़िया प्रश्न फेसबुक पर उठाया था ! वो ये की मर्द लोग गालियाँ देते समय सामने वाले की " माता , बहन और पत्नी को ही टार्गेट कर के क्यों निकलते हैं ज्यादातर ??? ये बंद होना चाहिए !! मैंने उनसे वडा किया था की मैं जल्द अपने ब्लॉग में इस बारे में लिखूंगा और सचमुच ये मौका आज इतनी जल्दी आ ही गया !! ये तो सब को पता ही है की गलियाँ देने वाला व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति के किसी कार्य से इतनी हद तक क्रोधित होता है की वो उसके अहम् को ज्यादा से ज्यादा तोडना चाहता है और जब वो शारीरिक रूपसे उससे निपट नहीं पाता तब वो ऐसी गलियाँ निकलता है जिससे उसको मानसिक रूपसे गहरी चोट पंहुचे !! इसीलिए वो उसकी माता , पत्नी ,और बहन को निशाना बनाता है क्योंकि इन सबकी इज्जत का रखवाला भी वो सामने वाला व्यक्ति ही होता है !! इन्गालियों को सुन कर उसका अहम् जाग उठता है और वो शारीरिक रूप से लड़ने को बाहर निकल आता है !! ये एक पुराना तरीका था !! आज के इस युग में ऐसे अपशब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि हम सब ज्यादातर पढ़े - लिखे लोग हैं आखिर !! प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग जी ने बहुत ही खूब सूरत तरीके से कल एक t.v. चेनल में बताया की ये गुस्सा अगर " कुछ गलत शब्दों और कुछ गलत चित्रों " तक ही निकलता है तो इसे निकलने देना चाहिए , क्योंकि अगर इस तरह के गुस्से को बंदिश लगाकर रोका गया तो ज्वाला मुखी बन कर फूटने का खतरा बना रहेगा, जो आगे जाकर बम फूटने या उग्रवादी बनकर सामने आ सकता है | ऐसी समस्या का बस एक ही हल है , वो ये की जन्हा तलक हो सके वंहा तलक स्वयं को ही नियंत्रण में रहना चाहिए !! इसी में सब का भला है !! जिनको जनता ने 5. साल  के लिए संसद में भेजा है सरकार बनाकर वोभी ऐसे कार्य न करें जिसे जनता ऐसे व्यक्त करे !! ताली तो दोनों हाथों से ही बजती है न ....?????? सन्मान कोई देता नहीं --- बल्कि कमाया जाता है ....क्या ये नेता इतना भी नहीं जानते ....??? चलो आज हम ये कसम खाते हैं की जो मौजूदा संसद या विधायक हैं उनमे से ज्यादातर को अब हम चुनकर नहीं भेजेंगे .....???? अब चुनावों में ही इन्हें बताया जायेगा की राजा कौन है ??? ये जो हमें चेलेंज कर रहे हैं की चुनावों में जीतकर आ जाओ और अपनी मनमर्जी के क़ानून बनाओ ?? वो ये सब इसी भरोसे पर कह रहे हैं , की इनको पता है हमने वोटरों को जातियों , धर्मों , इलाकों और पार्टियों में इस तरह बाँट दिया है की जनता के सामने इन नेताओं को जितने के इलावा कोई विकल्प ही नहीं रह जायेगा ....?? वोटर तो भुलक्कड़ है , वोटर कोतो ये नेता खरीद लेंगे , वोटर को तो शराब पिलाकर कंही भी वोट डलवा लेंगे ????  लेकिन जनता को अब इन सब बातों को याद रखना होगा ??? उपचुनावों में जो कांग्रेस की जीत हुई है उसीसे इनका ये होसला हुआ है जो ये सोशल वेब साइटों के अफसरों को बुला कर डांटने लगे हैं !! लेकिन " सीमा " में रहना हम सबके लिए फिर भी जरूरी है !!  

Sunday, December 4, 2011

" किसको भाते हैं - " ईमानदार , सच्चे और कर्तव्यनिष्ठ - आदमी ".???

सच्चाई और ईमानदारी की कदर करने वाले , प्यारे मित्रो , प्यारा सा नमस्कार स्वीकार करें !!!!! आजकल हिन्दुस्तान में बहुत शोर मचाया जा रहा है की भ्रष्टाचार मिटाओ , काला  धन वापिस लाओ और नेताओ ,       करमचारियों समय बध्ध कार्य करो आदि आदि .....?? बड़े बड़े आंकड़े भी बताये - गिनाये जा रहे हैं ||  जैसे 120,करोड़ जनता ये चाहती है ?????, s.c. जातियों वालों को ज्यादा दण्डित  किया जायेगा ?? अन्ना के पीछे कौन ??? मनमोहन सिंह जी के पीछे कौन ,??? मिडिया के पीछे कौन ??? लोक - पाल का आन्दोलन सारी  जातियों को साथ लेकर ही कामयाब हो सकता है ...????जैसे कई सवाल देश मैं गूँज रहे हैं !! इसके साथ साथ ये भी कहा जा रहा है की n.g.o. और मिडिया को भी लोकपाल में शामिल करो !! अन्ना जी ये भी कह रहे हैं की चुनावों के वक्त हम जनता के बीच में जायेंगे और इमानदार सच्चे और कर्तव्यनिष्ठ आदमी को जितने हेतु कहेंगे .....???? परन्तु मेरा ये पूछना है की इस कलयुग में किसको भाता है ....इमानदार , सच्चा और कर्तव्यनिष्ठ आदमी ???? आज के इस जमाने में जी हजूरी ,चमचागिरी और वाक्पटुता के धनियों की ही आवश्यकता रहती है ...??? नेता - ठेकेदार और कर्मचारी की तिक्क्दी आज कल हर शहर  में अपने करतब दिखा रही है .....किसको नहीं पता ...??? कोई आम आदमी चुनावों में खड़ा हो भी जाता है तो जनता ही कहती है की ये बेचारा कब जीत पायेगा ???  कौन इसको वोते देगा ...??? जीतेगा तो पार्टी वाला ही ...आदि - आदि !! लकिन मेरा तो यही कहना है की सभी देश वासी अगर ये प्रण करलें की " पार्टियों के अंधे अनुयायी नहीं बनना है , जातिवाद - इलाकावाद में नहीं फंसना है और धार्मिक भेदभाव नहीं सोचना है " || अगर ये तीन बातें आम जनता के दीमाग में बैठ जाएँ तो देश का उद्धार हो सकता है अन्यथा नहीं , तभी तो सत्ताधारी समाजसेवियों को चेलेंज करते हैं की हिम्मत है तो चुनाव लड़के संसद में आ जाओ और मन मर्ज़ी के क़ानून बनाओ ....??? उन्हें पता है की हमने समाज को इतने हिस्सों में बाँट दिया है की आम आदमी जीत ही नहीं सकता .....??? आज के क़ानून की लाख कोशिशों के बावजूद चुनाव जितने हेतु गुंडा तत्व +अनाप - शनाप पैसे वाला + रंगीन मिजाज़ वाले व्यक्ति ही सत्ता प्राप्त कर सकते हैं !!  भगवान्  करे भारत से कलयुग का असर कुछ कम हो और भारत की जनता उपरोक्त तीन बातों को गाँठ बाँध ले , तो ही भले आदमी हमारी संसद और विधान सभाओं  में आ पाएंगे ...!!!  अल्लाह ताला  से यही दुआ है ...आमीन !!  

Tuesday, November 29, 2011

" मुझे ठेका दे दो .......पूरे हिन्दुस्तान का " .....! !

सभी ठेकेदार मित्रो , अधिक बनाये हुए फर्जी बिल की तरह ज्यादा प्यार भरा नमस्कार !! दोस्तों वैसे तो मैं एक साधारण सा आदमी हूँ , लेकिन सोचता बड़ा हूँ और लिखता भी बड़ा हूँ !! मेरे एक मित्र ने एक दिन मुझसे पुछा की यार तुम्हारे घर में कभी लड़ने की आवाज़ नहीं आती , हमारे घर तो हर बात पर पत्नी से सर फुतोवल की नौबत बनी रहती है | तो मैंने उस मित्र को बताया की भाई देखो , हमने अपने अपने काम और उसका क्षेत्र बाँट रखे हैं , छोटे - मोटे कामों में मैं दखल नहीं देता और बड़े कामों और फैसलों में मेरी पत्नी नहीं बोलती | मेरे मित्र की  और जिज्ञासा जाग गयी ,वो बोला ..बताओ कौन कौन काम कैसे कैसे बांटे हैं , मैं बोला की जैसे बर्तन किसने धोने हैं , सफाई किसने करनी है और कपडे किसने धोने हैं या रोटी किसने बनानी है ,ऐसे कामों में मैं नहीं बोलता बस मैं चुप - चाप कर देता हूँ और अमेरिका की अर्थ निति कैसे चलेगी , इंग्लॅण्ड का प्रधानमंत्री कौन बनेगा और भारत की तरफ से पाकिस्तान कौन जायेगा आदि बड़े कामों में मेरी पत्नी नहीं बोलती बस मैं ही निर्णय करता हूँ ! तो साहिब ऐसी बातें करते करते मैं सो गया और एक सपना देखा रात को जो मैं आप सब मित्रों में बाँट रहा हूँ , आशा है की आपको भी पसंद आएगा !! हमारे प्रधानमंत्री विदेशी सौदागरों को काम बाँट रहे हैं इसी भावना के तहत मैं भी एक प्रार्थना - पत्र लेकर अपने मनमोहन जी के पास पंहुचा , और बोला की साहिब भारतियों से तो आजकल कोई काम होता नहीं इसलिए आप म्न्रेगा के तहत खाली बिठा कर मजदूरों को १०० रूपये दे रहे हो और वो निठ्ठले हो रहे हैं | आठवीं कक्षा तक बिना पढ़े ही पास कर रहे हो अच्छी दुश्मनी निकल रहे हो, देश का भविष्य कैसे उज्जवल हो पायेगा ?? सरदार जी बोले की देश का भविष्य बनाना किसको है , सोनिया जी का कहना है , सारा माल आपस में बाँट कर खाना है और विदेशियों को एक बार फिर भारत सौंपना है !!?? तो मैं बोला साहिब ! आप मुझे ही ठेका देदो इस देश का , आप लोगों को बोल देना की ये देश को सुधार देगा , सारा मिडिया आपका खरीदा हुआ है इसलिए वो आपकी हाँ में हाँ मिलाएगा ही , और ये N.G.O. किस दिन काम आयेंगे ?? विपक्षी पार्टियों की कमज़ोर नस आपके हाथ में है ही , बस कोई नहीं बोलेगा !! आप जैसे कहोगे मैं वैसे ही कर दूंगा !! ये बुद्धिजीवी थोड़ी देर हो - हल्ला मचाएंगे फिर चुप हो जायेंगे ?? साहिब बोले ठीक है पहले तुम ये बताओ की क्या करोगे ,  मैं बोला साहिब मैं सब से पहले देश और दुनिया को सबोधित करूँगा की मैं देश में पूरे बदलाव लाना चाहता हूँ इस लिए सभी मेरा सहयोग करें , फिर मैं सारे विदेशियों को ६ महीने हेतु देश से बाहर भेज दूंगा , सभी देश वासियों की अलग - अलग लिस्ट बनाऊंगा की कौन बेरोजगार है और वो क्या काम कर सकता है , उनसे वोही काम करवाऊंगा , जोकुछ नहीं जानते उन्हें वो ही सिखाऊंगा जिसकी देश को जरूरत है ! देश में वोही पाठ्यक्रम चलेगा जिसके प्रशिक्षकों की देश को जरूरत होगी | 90% पारदर्शिता लाऊंगा हर सरकारी कार्यक्रम में ! मैं पाकिस्तान , बंगलादेश ,श्रीलंका , नेपाल ,और भुत्तान को सारा भारत दे दूंगा और उस बड़े देश के एक प्रधान मंत्री और ५ उप - प्रधान मंत्री होंगे ! सब के समान अधिकार होंगे ! सेना को और मज़बूत बनाऊंगा ! टेक्स प्रणाली साधारण करूँगा !! किसी भी धर्म का कोई भी प्रदर्शन घर से बाहर नहीं होगा !! केवल अपने घर में ही जो जिसकी चाहे जैसे चाहे वैसे पूजा कर सकेगा और मौजूदा धार्मिक स्थलों आदि को शिक्षा स्थलों या अस्पतालों में बदल दूंगा !! हर व्यक्ति को 8. घंटे काम करना जरूरी होगा ! सबको 58.साल बाद रिटायर्मेंट और पेंशन दूंगा !प्रत्येक सरकारी कार्य को समयावधि में बाँध दूंगा !! किसी विदेशी को स्थायी तोर पर भारत में नहीं रहने दूंगा !! और भारत के सभी नए और पुराने देश भक्तों और शहीदों की जानकारी भारत सहित विदेशों में भी भेजूंगा !!   सरदार मनमोहन सिघ जी बोले अरे वाह !! मुझे पागल कुत्ते ने काटा है की तुम्हे फ्री में ठेका दूंगा ?? तेरे कहने पे देश में तो समस्या ही नहीं रहेगी तो हमें कौन पूछेगा ??? इसलिए चल भाग .....आया था मुझे बेवकूफ बनाने ? मैं बोला सरदार जी , आएगा वो भी समय जब कोई मेरे विचारों वाला इस देश की सत्ता को संभालेगा , और तब ये देश दुबारा " सोने की चिड़िया बनेगा ?? अब तो लोग शरीफ आदमी को ये समझ कर वोट ही नहीं देते की ये कौन सा जीत पायेगा ?? लेकिन जल्द ही देशवासी ऐसे ही दृढ इच्छा शक्ति वालों को ढूंढ कर जिताएंगे और वो लोग एक ही संसद की बैठक में एक साथ ये सारे प्रस्ताव पास करके ही उठेंगे ????  बोलो ...JAI...SRI...RAAM...!!!  

Sunday, November 27, 2011

" नेता " - किधर - ले - कर - जा रहे हैं , देश को ......? ? ?

प्रिय मित्रो , नमस्कार स्वीकार हो !! भारत में  लोक तंत्र है ! ये लोक तंत्र भी बड़ी कमाल की चीज़ है ! इसमें सब समझते हैं की " पावर " अपने हाथ में है ! लेकिन वास्तव में होती किसी के हाथ में नहीं ?? जैसे , जनता समझती है की हम नेताओं को अपने देश को चलाने के लिए उन्हें संसद में भेजते हैं , और वो हमारे सेवक हैं , जबकि वास्तव में ऐसा है नहीं , कभी किसी ने किसी नेता को ऐसी जगह बतियाते सुना हो जन्हा सारे उस जैसे ही बैठे हों , तब उनकी असली भाषा और मनःस्थिति का पता चलता है ???? सार्वजानिक जगह पर नेता जिसे माई - बाप कहता है , पीठ के पीछे उसे क्या बोलता है अगर मैं यंहा पर बता दूं तो सच बाहर आ जायेगा .....???नेता न्यायालय के आगे बेबस है , न्यायालय अफसरों के आगे बेबस है , अफसर जनता और नेता के आगे बेबस हैं || इनके बीच में धक्के से घुसे मीडिया ने अपनी जगह अब पक्की कर ली है ?? पहले सिर्फ अखबार छपते थे तो इसे लोक तंत्र का " चोथा " खम्भा कहा गया ? अब तो टी .वि . मिडिया , और इन्टरनेट मिडिया ,पांचवां और छठा खम्बा लोक तंत्र का बन गए है ?? न सिर्फ बन गए हैं बल्कि ये भी बड़ी भारी ग़लतफ़हमी का शिकार हैं की इनके कारन ही देश में जो कुछ हो रहा है वही होगा ?? इसी लिए मनमर्जी की विडिओ क्लिप तैयार करते हैं , पहले समझा कर नेताओं के बयान लेते हैं , उकसा कर जनता से प्रदर्शन करवाते हैं और न जाने क्या - क्या ....?भारत के पुराने नेता , महात्मा गांधी , पंडित जवाहर लाल नेहरु , पंडित राजिंदर प्रसाद , सरदार पटेल श्रीमती इंदिरा गांधी जी का पहला शासन काल तक तो सब कुछ सही था , आपसी स्नेह था , जीवन - मूल्यों पर चल रहा था , लेकिन उसके बाद जो गिरावट आई है , हर क्षेत्र में की पूछो मत ....? माननीय कृषि मंत्री जी को चांटा जड़ दिया गया , सारे नेता एक ही भाषा बोलने लगे , साथ चमचागिरी करने वाले लोग और मिडिया देने लगा , तनख्वाह बढवाने और मुसीबत में ये नेता एक हो जाते हैं ?? असली स्थिति की कोई व्याख्या नहीं करता ?? प्रणब जी कहते हैं की " पता नहीं देश किधर जा रहा है " मैं कहता हूँ की वन्ही तो जा रहा है , जिधर आप ले जा रहे हैं ????  ये कान्ग्रेस्सी लोग जब केंद्र में सरकार बनानी होती है तो छोटी पार्टियों के नेताओं की लीला - पोची कर्ट है " साम्प्रदायिकता के नाम पर ?? और जब प्रदेशों में चुनाव होते हैं तो राहुल बाबा जाकर कहते हैं की मुझे बहुत गुस्सा आता है क्या आपको नहीं आता , " लो गुस्सा आ गया " अब वही राहुल बोलते हैं की मैं तो उत्तर प्रदेश हेतु कह रहा था ?? गुस्सा दिल्ली में कैसे आ गया ?? कभी  कहते हैं की यू .पी . के लोग दुसरे प्रदेशों में जाकर भीख मांगते हैं ?? पता नहीं कौन आजकल उनका और भारत सरकार का सलाहकार है ?? जो सब को उग्र भाषा बोलने हेतु उकसा रहा है ?? जनता कहती है मंहगाई बढ़ रही है तो मंत्री बोलते हैं ये तो और बढ़ेगी ? तो जनता क्या करे गी ?? प्रधानमंत्री जी तक ये कहते हैं की जनता की खर्च करनेकी क्षमता बढ़ गयी है , इस लिए मंहगाई बढ़ रही है आदि आदि , ये सब जनता को उकसाने वाले ब्यान हैं जो पता नहीं किसके निर्देशन में दिए जा रहे हैं , और फिर जनता को ही दोषी बताया जा रहा है ??? ये तो वो बात हुई की "थप्पड़ भी मार दिया , और पूछते हैं की रो क्यों रहे हो ???? बोलो --जय --श्री -- राम -- !! 

Thursday, November 24, 2011

"सरदार" ने मारा .." थप्पड़ " " सरदार " के " कृषि मंत्री "को , क्यों निंदनीय है ये " महान कार्य " ?

ऐतिहासिक कार्य करने और देखने वाले मित्रो , करारा नमस्कार ! आज देश में एक और ऐतिहासिक घटना घट  गयी | आज एक सरदार ने हमारे देश के प्रधान मंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी के कृषि मंत्री श्री मन शरद पवार जी को एक " करारा  थप्पड़ जड़ दिया है | दिखा तो वो ये रहा था की वह सर्कार की नीतियों से पीड़ित हो कर ऐसा कर रहा है लेकिन वास्तव में वो किसी के बहकावे में आकर भावुक हो गया और ये कर बैठा ?? उसी तरह थप्पड़ खाने वाले मंत्री जी अब कह रहे हैं दिखाने  के लिए की " मैंने समझा की किसी पत्रकार का झटका मुझे लगा है , ऐसे झटके तो रोज़ हम जैसे मीडिया से घिरे लोगों को लगते ही रहते हैं "??? और ये भी दिखावे के लिए ही कहा की " इसे सब इतनी गंभीरता से मत लें " | ?? प्रणब डा कह रहे हैं की " पता नहीं देश कान्हा जा रहा है "??? है  भाई वन्ही तो जा रहा है जन्हा आप जैसे नेता ले जा रहे हैं ?? अभी ४दिन पहले हमारे राहुल बाबा ने u.p. में जा कर जनता से पुछा था की भाइयो आपको " गुस्सा " क्यों नहीं आता ???? लो आ गया गुस्सा !! यशवंत सिन्हा जी ने तो कल ही भविष्य वाणी कर दी थी की " संभल जाओ " पता नहीं कान्हा गुस्सा फूट जाये ?? अब कांग्रेस विपक्ष को , और विपक्ष सर्कार को दोषी ठहरा रहे हैं ?? सांप गुज़र गया और लकीर पीट रहे हैं ??? यानि थप्पड़ खाने के बाद भी ससुरे  नेता सही बात पर नहीं आ रहे ??? किसी पर जूते चल गए कोई काबिन में पिट  गया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता  ??  मैं कहता हूँ संभल जाओ नेताओं !!  कंही जूतों से सेवा न करदे जनता ???? सब इसको निंदनीय कार्य बात रहे हैं ?? मैं कहता हूँ की क्यों है ये निंदनीय कार्य ............आप ही बातें ....????जब कोई ढीठ पुणे की हद्द ही पार कर जाए तो जनता बेचारी क्या करे ......??

Wednesday, November 23, 2011

माया -- माया -- माया , काम -- काम -- और ... " काम ".. तो कैसे मिले " राम " ? ?

" माया और काम "प्रेमियों राम - राम !! भक्त जनों ! जब सारी दुनिया मोह,माया,काम,क्रोध,और लोभ में फंसी हुई है तो भारत के नेता,अफसर,व्यपारी,कर्मचारी और ठेकेदार इन बन्धनों में फंसे हैं तो कोई क्यों जल - भुन रहा है ? अब सतयुग तो कोई है नहीं जो राम राज्य आ जाए ? बी.जे.पी. वाले तो ऐसे ही शोर मचा रहे हैं !आज श्री मति मृणाल पण्डे जी ने बहुत खुबसूरत लिखा है की " जब मिडिया स्वयं एक व्यपारिक संसथान बन कर रह गया है तो दुसरे से कोई ये आशा क्यों लगाये बैठा है की वो धन के पीछे नहीं भागे , सिर्फ अपना फ़र्ज़ निभाए ?? मंहगाई इतनी हो गयी है की २४ घंटों में १८ घंटे काम करना पड़ता है आदमी को खून पसीने की कमाई से अपना परिवार पालने हेतु ? बिना भ्रष्टाचार या बैमानी से अमीर नहीं बना जा सकता ? ऐसा लगभग सब का मानना है ? इसी लिए चारो और सिर्फ माया ,माया ,माया और माया को पाने हेतु काम , काम और "वो" वाला "काम" !? कभी किसी की सी.डी. और कभी किसीकी , कभी एक ही जाती मैं शादी का रोना तो कभी साधू ४ बच्चों की माता को भगा ले गया ?? रोज़ नए - नए घटना क्रम देखने और सुनने को मिल जाते हैं|ये प्रसंग ही ऐसे हैं की "मियाँ - बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी ???? 80%से ज्यादा बलात्कार के केस फर्जी होते हैं | अब प्यार हो गया तो हो गया चाहे वो एक रात का हो या ७ जन्मो का ?? उस से किसी को क्या फर्क पड़ता है ?? जब भारत मैं " गे " कानून बन सकता है , भारत के इतिहास को बिगाड़ा जा सकता है , भारत के रीती रिवाजों को खराब किया जा सकता है , देश भक्तों को भुलाया जा सकता है , जब भारत के कानून को तोडा - मरोड़ा जा सकता है और राजनितिक दल अपने अनुसार देश के फिर से टुकड़े कर सकते हैं तो इस " काम " वाले कानून को व्यस्क स्त्री - पुरषों के स्वयं के विवेक पर क्यों नहीं छोड़ा जा सकता ???चाहे वो स्त्री हो या पुरुष सारे दिन की भाग दोढ के बाद अगर वो चाय और ठन्डे की तरह शारीरिक प्यास मिटानेहेतु किसी के साथ रजामंदी से हम बिस्तर हो चाहता या चाहती है तो किसी को क्यों ऐतराज़ होना चाहिए ?? बदल दो ये कानून वो कानून और सारे कानून ?? और करो सब अपनी मन - मर्ज़ी फैलने दो अराजकता ? आने दो प्रलय को " ससुरी ये दुनिया जितनी जल्दी समाप्त हो जाये उतना ही बढ़िया है " नयी शुरुआत हो,दोबारा से सतयुग आये ,तभी राम आयेंगे  और तभी राम राज्य आएगा !!नहीं तो ये आधुनिक नेता , समाजसेवी ,पत्रकार और tv. फिल्म वाले, भारत को ऐसी गर्त में धकेल कर छोड़ेंगे की मानव जाती अपने आदर्शों को न केवल भूल जाएगी ,बल्कि ऐसे उटपटांग कानून बनाने का समर्थन भी करने लगेगी , जिस तरह से मैंने ऊपर लिखा है | मेरी बात पर मत जाना मैंने तो उधारण दिया है .....??? बोलो जय श्री राम !!  जैसे कोई ग्रहण लग गया हो इस देश को ..????????  

Sunday, November 20, 2011

अडवानी जी की " चेतना - यात्रा " से " चेतना " .." जागी -- या --भागी "......? ?

चेतन मित्रो , चेतनता भरा नमस्कार स्वीकार हो !! हमारे आधुनिक " सरदार पटेल ", बुज़ुर्ग होते हुए भी जवान नेता , बेदाग़ छवि वाले , और सच्चे "राष्ट्र भक्त "श्री लाल कृष्ण अडवानी जी वैसे तो अपने राजनितिक जीवन में कई बार यात्राएँ निकाल चुके हैं जिनके फलस्वरूप स्वयं और पार्टी को सत्ता सुख दिला चुके हैं | इसमें कोई शक नहीं है | परन्तु उनकी यात्रा में जगह - जगह जिस प्रकार से खाली कुर्सियों और अजीब से सुने पण का आभास हुआ है वो पहले की यात्राओं में नहीं था ?? इस से कई प्रश्न खाए हो जाते हैं जिनका जवाब ढूंढना बहुत आवश्यक है ??क्यूँ जनता और कर्यकर्ताओं ने सक्रियता नहीं दिखाई ?? कौन ऐसे व्यक्ति या संगठन हैं जो नहीं चाहते थे की ये यात्रा ऐतिहासिक बने ?? विश्व हिन्दू परिषद् जिसने अडवानी जी की पहलेवाली यात्रा से करोड़ों रूपये इकठ्ठे कर लिए जिनका हिसाब कभी नहीं दिया गया , वो इस बार की यात्रा में कंही नज़र नहीं आई ?? आर .एस .एस . के स्वयं सेवक भी खाना - पूर्ती करते नज़र आ रहे थे ?? क्या इस यात्रा को नाकामयाब बनाने में उन्होंने भूमिका निभाई जो श्री नरेंदर मोदी जी को अगला पी . एम् . बनाना चाहते थे ?? कोई तो बड़ा तत्व है जो बी .जे .पी . को अपने बूते आगे नहीं बढ़ने देना चाहता ?? ये वो ही तत्व है जिसने ,श्री कल्याण सिंह , मदन लाल खुराना , साहिब सिंह , जसवंत सिंह और श्री मति वसुंधरा राजे को आगे बढ़ने से रोका ??? और भी बहुत से ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपना जीवन पार्टी के लिए लगा दिया , लेकिन उन्हें अचानक " पीठ " में वर करके मार दिया गया ?इनमे डा . महेश शर्मा , सु श्री उमा भारती और माननीय गोविन्दाचार्य जी मुख्य हैं ???बड़े कार्यकर्ताओं का जब ये हाल है तो छोटे कार्यकर्त्ता तो बेचारे किस खेत की मूली हैं ....? छोटे कार्य करता का आधा जीवन तो एम् .एल .ऐ .,एम् पी . , पार्षद और डायरेक्टर जिताने में ही निकल जाता है बाकी का जीवन आरक्षण के तहत नंबर आने की प्रतीक्षा करने में बीत जाता है ?? क्या बी .जे .पी . क्या कांग्रेस कोई भी दल अब मोका परस्तों , दलालों , ठेकेदारों , वकीलों ,और चमचा गिरी करने वालों जैसे लोगों से भरा पड़ा है ??? पार्टी की रीती -- नीतियों से प्रभावित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की कंही भी इज्ज़त नहीं है ?? सिर्फ भाषणों में ही इनका महत्व नज़र आता है ???? या फिर चंदा इकठ्ठा करने , दरियां बिछाने और चुनाव के दिनों में या प्रदर्शन में भीड़ का हिस्सा बनाने हेतु याद किया जाता है ??? कोई बड़ा नेता आ रहा हो या किसी बड़े अफसर को मिलने जाना हो तो अलग क्वालिटी के " नेता "  जाते हैं ??? इसी क्वालिटी के नेताओं से हर पार्टी का कार्यकर्त्ता और भारत की जनता परेशान है ??? जिसकी वजह से ज्यादातर ऐसे कार्यक्रम , प्रदर्शन और रैलियां फेल हो जाती हैं ?? पर वो नेता ही क्या जो असलियत को कबूल करले ....?? बड़ी ही " हरामजदगी " से वो नेता स्टेज पर खड़े हो कर दांत निकालता  है और " बेशर्मी "से अपनी और अपनी पार्टी की असफलता का कोई झूठा बहाना बना देता है ??? इसी लिए मैंने अपने पाठकों से ये पूछा है की " आडवानी जी की चेतना यात्रा से चेतना " .....जागी ......या ...... भागी ...??? बोलो जय श्री राम !! 

Tuesday, November 15, 2011

" सामूहिक स्तीफा "गहलोत सरकार का भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कवायद या अपनी कुर्सी बचाने का प्रयास ?

प्यारे मित्रो , सादर नमस्कार ! भारत के प्रान्त राजस्थान में पिछले कुछ महीनो से श्री मन अशोक गहलोत जी बड़े ही असमंजस में चल रहे थे , उनका कोई मंत्री तो " राजाओं "की तरह अपनी रातें रंगीन कर रहे थे , तो कोई गलत निर्णय ले रहे थे | कई मंत्री ऐसे थे जिन्हें राज - काज चलाना ही नहीं आता था , तो किसी की अफसर ही नहीं सुनते थे ?? हाई - कमांड तक संगठन रोज़ शिकायतें पंहुचा रहा था ? जब " पोल " खुलने लगी तो गहलोत जी ने सब बुरे कार्यों और बुरे मंत्रियों के ऊपर पर्दा डालने का एक असफल प्रयास किया की " सामूहिक स्तीफा ले लिया | और वो ही ६ मंत्री हटाए जो किसी न किसी रूप में आने वाले समय में स्तीफा देते ही देते ?? २ वर्ष से ज्यादा समय अभी पड़ा है देखते हैं अब नए मंत्री क्या गुल - खिलाते हैं ?? अभी - अभी गहलोत जी ने प्रदेश में " सिटिजन - चार्टर " कानून भी लागू किया है उस से पहले सभी अस्पतालों में मुफ्त दवाइयों का वितरण भी शुरू किया गया है जिसकी रिपोर्ट भी कोई संतोष जनक नहीं है |कोई भी योजना शुरू करने से पहले उसकी आवश्यकता कितनी है और स्टाक कितना है ये जांच लेना चाहिए , शुरू से ही अव्यवस्था फैलना तो यही दर्शाता है की अफसर लोग नेताओं को " घुमा " रहे हैं ? अभी तलक प्रदेश और देश में नेताओं को ये नहीं पता की वास्तविक गरीब कौन हैं कितने हैं ?? तो ये योजना कैसे सही बना पाएंगे ?? वास्तविक बेरोजगार कितने और क्यों हैं जब इन्हें यही नहीं पता तो उनके लिए नौकरियां कन्हा से पैदा कर पाएंगे ??एक लतीफा मशहूर है की " एक अँगरेज़ कई दिन भारत मैं गुज़ार कर जब वापिस जाने लगा तो किसी ने उसे पुछा की भारत कैसा लगा ? यो वो बोला की पहले तो मैं नास्तिक था , लकिन अब मैं भारत में रह कर आस्तिक हो गया हूँ | पूछने वाले ने फिर पुछा की क्यों ,कैसे ? तो वो अँगरेज़ बोला की यंहा १०० में से ९९ बे ईमान , और फिर भी ये देश तरक्की कर रहा है , इस लिए मैं आस्तिक हो गया | पूछने वाला तो पता नहीं शर्म सार हुआ या नहीं , लेकिन सच्चे देश वासी अवश्य शर्म सार होते हैं || यंहा तो नेता गुंडा गर्दी ,हेरा फेरी और चोरी में तो माहिर हो ही गए हैं , सीना - जोरी में भी माहिर हैं || गहलोत जी सोनिया जी के सामने " कुछ का कुछ " कहकर इस बार तो अपनी गद्दी बचाने में सफल हो गए हैं लेकिन जनता से बचा पाएंगे या नहीं ये देखना है ?? क्योंकि बकौल अन्ना जी और भारतीय संविधान के असली मालिक तो लोक तंत्र की जनता है || जय श्री राम बोलना पड़ेगा जी तो बोलो सब मिलके ..... जय श्री - राम ....!!  

Sunday, November 13, 2011

" पारसी ,भंवरी के भंवर में फंसे राम व महिपाल ? आनंदित मीडिया और पीड़ित जनता ?? "

 दूसरों को फंसा देख हंसने वाले मित्रो , हँसता हुआ राम - राम !! भाई वाह ! पत्नी हो तो महिपाल जी की श्रीमती लीला देवी जैसी जिन्होंने मुश्किल के वक्त में अपने राजस्थान के मंत्री श्री मन माहि पाल जी का जो सपोर्ट किया है सपोर्ट ही नहीं जिस प्रकार से मीडिया के खिलाफ " युद्ध " की घोषणा की है , वो तारीफ़ के काबिल है | इन मीडिया वालों को भी दूसरों के मामलों में टांग फंसाने की कुछ ज्यादा ही आदत हो गयी थी | उन्होंने अपने समर्थकों को स्पष्ट कह दिया की ये जितना हमें नुकसान पंहुचा सकते थे इन्होने हमें पंहुचा दिया , अब इनको और इनके कैमरों को तोड़ दो !! तो भागते और गुहार लगाते नज़र आये ये आनंदित होते पत्रकार ???एक महिना हो गया भंवरी देवी को लापता हुए लेकिन इन मीडिया वालों ने तब तक मामले को देश की जनता तक नहीं लाये जब तलक इसमें मंत्री जी नहीं आये ?? पारसी देवी की हत्या हुई या वो आतम हत्या थी आज तक पता नहीं लग पाया ?? बस चलादी फिल्म , बढ़ गयी टी .आर . पी . ?? जनता ऐसे कई गुंडा टैप नेताओं से रोज़ परेशान होती है , उनके घरों पर कब्जे हो जाते हैं और रोज़ बहु - बेटियों की इज्जत दाव पर लग जाती है तब ये " दिखाने वाला मीडिया सोया रहता है ?? तब तलक नहीं जागता जब तलक उस घटना - दुर्घटना में मसाला नहीं मिलता ??? बेचारा प्रिंट मीडिया सही काम करता रहता है ...???कई बार तो ये चेनल वाले कई दिनों तक मामला दबाए - छुपाये रहते हैं " मौका " आने पर ही दिखाते हैं ????   अब जरा इन नेताओं की भी खबर ले लें , जन्हा तलक " पर - नारी " से सम्बन्ध रखने की बात है तो हमारा इतिहास बतलाता है की इस मामले में अमीरों के लिए अलग और गरीबों के लिए अलग कानून और धर्म है | राजे - महाराजे जितनी चाहे रानियाँ रख सकते थे और हर रात को रंगीन बनाने हेतु एक रात की दुल्हन की व्यवस्था हो जाती थी और है | तुलसी दास जी भी लिख गए हैं की " समरथ को नहीं दोष गोसाईं " | और गरीब किसी की और आँख उठा कर भी अगर देखले तो सारा समाज उसे दुत्कारने , मारने और समझाने लग जाता है ?? हर आदमी मौका मिले तो गंगा में नहा लेना चाहता है बस बात " मेनेज " करने की है !! ये " दो - बेचारे " तो बस " मेनेज " ही नहीं कर पाए ! इसी लिए सरकार से बाहर हो गए हैं ?? नहीं तो क्या पक्ष और क्या विपक्ष , क्या राजस्थान और क्या देश सब जगह यही चल रहा है की अगर रजामंदी है तो मज़ा करलो !! कौन देखता है ?? जिस प्रकार छोटे चोर पकडे जाते हैं उसी तरह छोटे आशिक मिजाजी पकडे जाते हैं और बड़े छूट जाते हैं ?? जो पकड़ा जाए वो चोर वाली कहावत फिट बैठती है ?? मैं तो कहता हूँकि अब ये पुराने क़ानून वापिस ले कर नए कानून बना देने चाहियें की अगर दो व्यस्क आपसी सहमती से " शारीरिक सम्बन्ध " बनाते हैं तो कोई अपराध नहीं है !! और फिर बलात्कार की सजा " मौत " होनी चाहिए बशर्ते वास्तविक बलात्कार होना चाहिए ?? अपराधियों के अपराध साबित करने और सजा देने का काम न्यायालय का है मीडिया का नहीं एल .ओ . सी . किसी को नहीं लांघनी चाहिए !! श्रीमती लीला वती जी को भी नहीं ?? बोलो जय श्री कृष्ण ....!!! क्योंकि रास और कूटनीति के देवता श्री कृष्ण ही हैं इसलिए सब मिल कर बोलिए .... जय - जय श्री कृष्णा ....!! जय ....श्री कृष्णा ...!!!

Thursday, November 10, 2011

" भारत -- के -- भस्मासुर " ये -- " कान्ग्रेस्सी "...? ?

भारत प्रेमी मित्रो , प्यारा सा नमस्कार !! कल हमारे अर्थ - शास्त्री प्रधान - मंत्री जी ने पता नहीं कौन सा "अर्थ " निकालते हुए पकिस्तान के खूबसूरत प्रधान - मंत्री जी को " शांतिदूत " की उपाधि से नवाज़ दिया ?? सारे देश वासी हैरान - परेशान हो गये और लगे एक दुसरे से पूछने की ये क्या बात हुई ? कौन सा ऐसा काम पाकिस्तान के प्रधान - मंत्री जी ने कर दिया , कोई तो बताओ ??सरकार के चमचे पत्रकार और नेता लगे बचाव करने ऊटपटांग ब्यान देकर !! पर जनता को ये सब हज़म नहीं हो रहा है !! सब से ज्यादा दुखी तो हमारे सेन्य अधिकारी थे ,उनका कहना था की पहले नेहरु जी ने कश्मीर का मामला बीच में रखवा दिया , फिर इंदिरा जी ने शिमला समझोते में जीता हुआ इलाका वापिस करवा दिया और अब " सरदार " जी ने दुश्मन को शांति दूत घोषित कर दिया ?? मरते तो युद्ध में भारत वासी हैं और ये नेता सब " घोल - मोल " कर देते हैं !! पता नहीं किस से डरते हैं ये राजनेता ??? लड़ाई से या अमेरिका से ?? जनता जानना चाहती है !! जनता इन नेताओं को चुन कर संसद में भेजती है , जहां इन्हें बेमिसाल अधिकार मिलते हैं जिनका उपयोग ये नेता अपने फायदे और जनता के ही नुकसान हेतु उपयोग करने लग जाते हैं ??? चाहे वो मंहगाई हो या भ्रष्टाचार , देश की तरक्की की योजनाएँ हो या विदेश निति सब जगह भस्मासुर की तरह शक्तियां प्रदान करने वाली जनता को ही नुकसान पंहुचने वाले कृत्य करते हैं ये " कांग्रेसी "?? जनता इनको हर चुनावों में भगाने का प्रयास करती है लकिन ये चुनावों के बाद " साम्प्रदायिकता का ऐसा राग गाते हैं की मोका परस्त छोटी पार्टियों के नेता अपनी जीभ लप - लापाते आ जाते हैं और इनकी सरकार बना देते हैं !! और जब ४ साल बीत जाते हैं तो वोही छोटी पार्टियों वाले नेता इन्हें गालियाँ निकाल कर फिर जीत जाते हैं ???? जनता फिर अपने आपको  ठगा हुआ सा महसूस करती है !! भगवान् करे तीन - चार सो " भंवरी - देवियाँ " और पैदा हो जाएँ और एक " महिपाल " की तरह बाकी नेता भी जनता के सामने नंगे हो जाएँ , जैसा की राजस्थान में हुआ है !! भस्मासुर को भी तो भगवन ने मोहिनी का रूप धर कर ही मारा था !! इन भ्रष्ट नेताओं से भी ऐसे ही हमें मुक्ति मिलेगी !! क्या ये नेता चाहते हैं की यंहा भी पकिस्तान की तरह सेना सत्ता संभल ले जनता के समर्थन से !! हर चीज़ की कोई " हद्द " होती है ???/ न जाने कब अकल आएगी इन " कर्ण - धारों " को ?? जय शंकर की बोलना पड़ेगा जी , क्योंकि भस्मासुर को शक्तियां उन्होंने ही दी थी और मुक्त विष्णु जी ने करवाया था इसलिए सब बड़े ही प्रेम से बोलिए जय -- शंकर KI....!! और जय लक्ष्मी - नारायण ....!!

Tuesday, November 8, 2011

जेल में......." नेता "........ " बिग - बॉस में ....." स्वामी "...? ? ?

दुनिया  भर के व्यस्क मित्रो , "  प्यार " भरा नमस्कार !! आज  का मेरा लेख केवल वयस्कों हेतु है कृपया इसे रात्री दस बजे के बाद ही पढ़ें ! क्योंकि आजका विषय ही ऐसा है !" जेल में नेता,बिग -बॉस में स्वामी और भाड़ में जनता चली गयी है ???? और पत्रकार ख़बरें छाप,पढ़  और सुना रहे हैं !! पत्रकारों कभी कई खेमे बने हुए हैं | कभी कभी तो ऐसा लगता है की सब कुछ जैसे " कॉर्पोरेट - जगत " के वश में हो गया है|| क्या राजनितिक दल , क्या सरकारी योजनाएँ, क्या एन.जी.ओ. और क्या मीडिया सब इनके चंगुल  में फंसे हुए हैं या मौज कर रहे हैं ||  किसी को भी अपना फ़र्ज़ ,देश और धर्म याद नहीं आ रहा .....!! कोई हिम्मत करके अन्ना जी जैसा अपनी टीम बना कर इन्हें चेताने की कोशिश करता है तो राक्षसी वृति से उसे रोक दिया जाता है !! यही प्रकिरिया हर छोटे - बड़े स्तर पर होती देखी जा सकती है !! शायद यही परमात्मा की भी मर्ज़ी है क्योंकि अगर ये सब नहीं होगा तो प्रलय कैसे और कब आएगी ....???? नेता जी जेलों में क्यों हैं ये तो शायद अब किसी से भी छुपा हुआ नहीं रह गया है !! और न ही मीडिया पक्षपाती क्यों है ,ये किसी से छिपा है !!नया काम तो सरकारी स्वमी और द्विग्विज्य सिंह के सगे भाई अग्निवेश ने किया है, वो " आर्यसमाज " के पवित्र - मन्त्र उन बालाओं को सुना कर सुधारना चाहते हैं जिन्हें उनके माँ-बाप और गुरु जन नहीं सुधार पाए ....???? जिन्हें पैसा ही उल-जलूल हरकतें करने का मिला है ??? कल एन.डी.टी.वी.की बहस में एक महिला बहस करती हुई यंहा तक कह गयीं की इनका बस चले तो पैसे वाले या बिग - बॉस वाले बाथरूम   में भी केमरे लगवा देवें !! विश्व के कई देशों में रात को ब्लू - फिलम भी चलती है ...वो भी चलवा दो ...?? कईयों को तो ये भी सभावना नज़र आती है कि स्वामी जी सच मुच उन लड़कियों को सुधार ही देंगे ?? इतना आशा वादी होना भी ठीक नहीं है ||  सरकार के पास हर प्रकार के पुर्जे उपलब्ध हैं जिनका वो समय - समय पर उपयोग करती है , उन में से ये " स्वामी अग्निवेश " भी एक है !!  अब तो जय राम जी की बोलना ही पड़ेगा ....बोलो ....जय ....श्री  ....राम ...!!!  

Friday, November 4, 2011

" खेल में जेल " .... ये है खेल क्रिकेट का..? " इंसाफ जिंदा है !

क्रिकेट प्रेमी मित्रो , नमस्कार स्वीकार करें !! कल क्रिकेट के तीन खिलाडियों को आखिर कार जेल हो ही गयी ! ये देखना जरूरी नहीं है कि किस देश के खिलाडी हैं बल्कि देखने वाली बात ये है कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है ...? आई.सी.सी. हो या बी.सी.सी. या पी.सी.सी. या कोई और सब ने पिछले २० सालों से लूट सी मचा रखी है ...? क्या खिलाडी ,क्या कोच  ,क्या सलेक्टर सब हमाम में नंगे थे लेकिन सबूत नहीं थे || पहली बार सबूत मिले ,चोर पकडे भी गए और सज़ा भी हुई ??? परमात्मा भी कभी - कभी मनवा देता है कि मैं हूँ ?? हजारों करोड़ रूपये का " सट्टा " हर बाल पर लगता है जिसका हिस्सा पुलिस,नेता,और प्रबंधकों तक जाता है ?? कोई भी बोर्ड अपने देश के प्रति जवाबदेह नहीं है और सहूलियतें सारी लेते हैं ?? भारत के खेल मंत्री इन्ही बातों  को  लेकर एक " बिल " संसद के शीतकालीन सत्र में पास कराना चाहते थे , लेकिन उन्हें डांट कर बिठा दिया गया ...??? अब जब पी.एम्. में हिम्मत नहीं बोलने कि तो भला खेल मंत्री की क्या औकात की वो "चूँ" भी कर जाय.....??? ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि मैच - फिक्सिंग सिर्फ पाकिस्तानी ही करते है कम,ज्यादा सभी देशों के खिलाडी ऐसा कर चुके हैं ...? समय आ गया है कि सभी देश सख्त कानून बनाएं , भरपूर टेक्स वसूल करें और खिलाडियों के लिए नियम बनाये जाएँ...!! सब काम पार दर्शी होना चाहिए || क्योंकि आखिर आम जनता का धन और समय बर्बाद हो रहा है .....??? मुझे तो यंहा तक शक है कि राजनितिक दलों  के खर्चे भी इसी पर निर्भर हैं ......राम.......जाने.....???????? क्या...होगा....आगे...??? 

" पार्टियों " के - " वर्कर.".... या -- " बंधुआ -- मजदूर "......???

राजनितिक दलों हेतु, जिंदाबाद - मुर्दाबाद करने वाले प्रिय मित्रो , प्रदर्शनी नमस्कार !! आज समाचार आया कि  राजस्थान प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष श्री चंद्रभान जी के समक्ष पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना " दुखड़ा " सुनाया कि किस तरीके से कार्यकर्त्ता " अपनी " जान - पहचान ,मेहनत और  लगन "से नेताओं को चुनाव जिताकर  विधान- सभा व लोक - सभा में भेजता है ??  वो  ये नहीं देखता कि प्रत्याशी किस धर्म,जाती और इलाके का है ?? कार्यकर्त्ता ये भी नहीं देखता कि पार्टी ने इस प्रत्याशी को टिकट उसके गुंणों को देखते हुए दी है या प्रत्याशी ने पार्टी से " मोल " खरीदी है ????  "निष्ठा" से बंधा कार्यकर्त्ता यो  अपना फ़र्ज़ निभाता है और उसे जिताने का प्रयास करता है || लेकिन सत्ता में आने के बाद "  मेहनती और निष्ठावान " कार्यकर्त्ता  जब जनहित कार्यों की बात भी करते हैं तो न सत्ता और न  ही संगठन उनकी बातों पर ध्यान देते हैं  ||  कार्यकर्ताओं की राजनितिक नियुक्तियों में भी " देर - अंधेर " दोनों जानबूझ कर की जाती है || " चमचे,चाटुकार, ठग , चोर और वाक्चातुर्य के धनि लोग इस तरह से उस नेता के आस-पास मंडराने लगते हैं की जैसे उनसे बढ़िया कोई पार्टी वर्कर ही नहीं है ??? एम्.पी.और एम्.एल.ऐ. को दिखना  सुनना बंद हो जाता है ??? इसका दूरगामी असर जनता के विरोध के रूप में सामने आता है ??? " चोर,व्यापारी,नेता और अफसर " का आजकल देश में ऐसा गिरोह बना है की हर पार्टी इस रोग से पीड़ित है ??? चाहे वो बी.जे.पी. हो या समाजवादी , कामरेड हो या कोई और सब पार्टियों में गुंडे नेता शरीफ नेताओं से धमकाकर अपनी बात मनवा लेते हैं ...??? और ये रोजाना हो रहा है ...??? ये प्रथा पहले देश में " मुस्लिम शासकों फिर फ्रिन्गियों और बाद में कांग्रेस ने चलाई || अब तो सभी दलों में ऐसे लोगों की ही भरमार है ??? कार्य कर्ताओं को न्याय मिले भी तो कैसे और कंहा से ???? ग्रुप बाज़ी भी एक लाइलाज बीमारी है ??? आज जो कार्यकर्त्ता किसी भी राजनितिक दल से उसकी " रीतियों -  नीतियों के कारन से जुडा है वो ज्यादा परेशान और चिंतित है ??? सभी राजनितिक दलों को इस विषय पर गहन चिंतन करना चाहिए और जो विचार माननीय चंद्रभान  जी ने दिया है वो  भी विचारनीय है की" सिटिजन चार्टर " की तरह राजनितिक दलों का चार्टर भी बनना चाहिए !!!! सारे नेता "चोर " हैं ये भावना गलत है और इसके अंत के लिए सभी दलों को गहनता से सोचना ही होगा ....क्योंकि सभी नेता चोर नहीं हैं....... जय श्री राम बोलना पड़ेगा ...!! बोलो जय ....श्री .....राम.....!! 

Tuesday, November 1, 2011

" प्यार "....... अन्ना और कांग्रेस.......... का ..... ? ?

प्यार करने वाले सभी प्यारे मित्रो , प्यार भरा नमस्कार !! मधुर गीत  गाने वाले आशा ताई और  रफ़ी साहिब का एक गीत था " करले प्यार करले झूठा ही सही , और दिन है यही "....!! टीम अन्ना के कार्यकर्त्ता और कांग्रेस के प्रवक्ता भी आज -कल बिलकुल ऐसे ही लड़ रहे हैं ? जो " रंग - मंच " पर दिखाई दे रहा है पिछले ४ महीनो से ऐसा लगता है की इसके इलावा भी देश मैं कुछ घट रहा है , जिसे आम जनता से छिपाया जा रहा है ?? अनर्गल बातों को तूल दिया जा  रहा है ,और महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया  जा रहा है ....क्यों ??? नए - नए चेहरे ,चेनलों पर रोज़ आकर ऐसी - ऐसी बातें कर जाते हैं , कि दर्शक हैरान परेशान हो जाता है की देखो न जाने कौन ये नाहक ही बात का बतंगड़ बना रहा  है और बाकी सब भी उसकी बातों को महत्त्व दिए जा रहे हैं ! कांग्रेस दरअसल  "जन - लोकपाल " नामक बिल पास नहीं करना चाहती वो ऐसा बिल पास करना चाहती है अन्ना टीम की कोई लाइन ही न हो ?? ये बात टीम  अन्ना  भी जानती  है और मिडिया भी , इसी  लिए कल फिर अन्ना जी ने पी.एम्. जी को  पत्र  लिखा है की अगर शीत-कालीन सत्र समाप्त होने तक जन-लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो फिर अनशन होगा .......??? कांग्रेस अन्ना टीम को उलझा कर रखना चाहती है तो अन्ना कांग्रेस को दोनों एक दुसरे को अच्छे तरीके से समझ रहे हैं ...??? मिडिया अपनी " रोटियाँ  "सेंक रहा है  ,  विपक्ष चुनाव जीतने की सोच रहा है और जनता.........रोटी ,पानी का  इंतजाम कैसे हो  यही सोच रही है ..................????लोक - तंत्र के सभी खम्भे आपस में मिलकर कभी प्यार करते हैं तो कभी प्यार भरी तकरार  करते हैं ...लेकिन जनता की फिकर किसी को भी नहीं है ....?जय --- शंकर ----की बोलना पड़ेगा ....... आप कहोगे कि  पहले  तो हमेशां जय  श्री राम बुलाता है और आज शंकर कि जय क्यों ....???? वो इसलिये मित्रो , क्योंकि सत्य के देवता शंकर  ही हैं  ....!! इसलिए बोलिए .....जय --- शंकर .....की !! 

Sunday, October 30, 2011

" सरकारी रिश्वत " बंद करने हेतु कौन सा "बिल और अन्ना " लाओगे ....??

सरकारी आनंद उठा रहे दोस्तों, मजेदार नमस्कार  !! पिछले कुछ समय से कई प्रकार के भ्रष्टाचार की चर्चा देश में चल रही है ...|" अन्ना मण्डली "और  जनता " जन - लोकपाल " चाहती है तो कांग्रेस और यु.पी.ए. " सरकारी या राहुल  वाला लोक - पाल" चाहती है | सभी मान रहे हैं की  रिश्वत दे कर भारत में कोई भी काम करवाया जा सकता है ?? सभी प्रकार की रिश्वत के बारे में चर्चा हो चुकी और सुझाव भी आ गए ...? लकिन " सरकारी - रिश्वत  " के बारे में कोई नहीं बोल रहा , न अन्ना मण्डली और न ही सरकारी मण्डली ...क्यों.... ?? ......कारण स्पष्ट है | कोई नहीं चाहता कि ये रिश्वत मिलनी बंद हो ...?? क्योंकि ये कितने प्रकार की हो सकती है अभी इस पर ही रिसर्च होनी बाकी है ......?? क्योंकि  रिश्वत के प्रयावाची " नियुक्ति, पदवी , सन्मान ,अलाटमेंट और नकद राशि " भी तो है ....?? एक मेडल  के  पीछे लोग क्या कुछ नहीं कर  गुज़रते ? ......कई बार तो मुझे लगता है की हम नाहक ही अपने आपको बुद्धिमान  समझने  लग जाते हैं ...??? वास्तव में हमें रोज़ ही  कोई न कोई मुर्ख बना  कर  अपना पेट भरता है ....???  और मज़े की बात ये  है कि कोई भी " भूखे - पेट " नहीं सोता  ...?? आ -- गया -- न -- मज़ा !! ........ बोलो ......जय....श्री....राम......!!!! क्योंकि....राम ...नाम....ही.....सत्य....है.......??????

Saturday, October 29, 2011

" मौन " - " अन्ना " जी का , और " बोल " " अन्यों " का .... क्या रंग लायेगा ..??

मौन चिकित्सा का सुख भोगने वाले सभी मित्रों को मेरा, प्यार भरा नमस्कार !! मित्रो पंजाबी में एक कहावत है कि " एक चुप्प - सौ सुख " जब चारों और से अन्ना मण्डली पर वार होने लगे तो परेशान हो कर अन्ना ने " मौन व्रत "को अपना हथियार बना लिया | कांग्रेस और उसके सहयोगी एन.जी.ओ.,पत्रकार , सरकारी अफसरों और अन्य पार्टियों के नेताओं द्वारा दागे गए प्रश्न रुपी मिसाइलों के उत्तर देते - देते जब अन्ना जी परेशान हो गए तो उन्होंने मौन रख लिया और उनकी मण्डली के सदस्य जवाब देने लगे | और जब वो भी परेशान हो गए तो कोर कमेटी के कुछ सदस्यों ने " कोर - कमेटी " को ही भंग कर देने का सुझाव दे डाला | अब कांग्रेस कह रही है कि हमें उनके अंदरूनी मसलों से कुछ नहीं लेना ...??? "  अन्दर तक उनका घर तो तोड़ आये , लेकिन मसलों से कुछ नहीं लेना | वाह री कांग्रेस  तेरी चतुराई ...?? लेकिन ये चतुराई किसी काम न आएगी ! जनता सब देख रही है ... कि सोनिया चुप क्यों है ...? द्विगविजय बोल क्यों रहे हैं ...? सलमान खुर्शीद जी मीठी गोली क्यों दे रहे हैं ?? कपिल और तिवाड़ी जी को सांप क्यों सूंघ गया ? मनमोहन - राहुल क्या योजना बना रहे हैं ?? सब पर आज चर्चा हो जाएगी | जनता भी २०१४ के चुनावों में अपना मत दे देगी | भगवान भली करेगा !! 

Saturday, October 22, 2011

" मार - दिया - जाय , - या - छोड़ - दिया - जाय " ..? ??

मर - मर के दीपावली मना रहे ,प्यारे दोस्तों, रौशनी और लक्ष्मी आने की संभावना से तथा प्यार भरा नमस्कार !!!घर की मरम्मत , रंग - रोगन ,नए  वस्त्र ,और सोना,बर्तन,व मिठाइयां खरीदने की मजबूरी में योजना बनाते दोस्तों ,मानो सरकार हमसे पूछ रही हो कि मार दिया जाय या छोड़ दिया जाय ?? इंसान " कर्नल  गद्दाफी" की तरह गिडगिडा रहा है कि माई - बाप छोड़ दिया जाय ,जान बक्श दी जाय , मैं ये अमीरों वाले कोई काम नहीं करूँगा ...? रूखी - सूखी रोटी खा कर ही दीपावली मना लूँगा ...? सोना तो मेरे बाप ने भी मेरी शादी के बाद आज तक नहीं ख़रीदा हजूर , तो मेरी क्या औकात सरकार ? स्टील के चम्मच खरीद कर धन तेरस मना लूँगा ? कपडे तो पिछली मार्च में ही  बनवाए थे हजूर !! मिठाई  और फल के भाव ही इतने ज्यादा हैं की आम आदमी इन के बारे में सोच कर टेंशन ही नहीं लेता ?? फिर मिठाई नकली और फलों पर पोलिश का खतरा सब्जी खरीद लाऊंगा होसला करके जनाब !! थोडा सा नकली दूध लेकर चीनी डाल कर बच्चों को पिला दूंगा और पटाखों से तो पर्यावरण दूषित हो  जाता है जी ?? सरसों का तेल खाने को नहीं मिलता तो दीपक कंहाँ से जलाएँगे ? मोम बत्ती से ही काम चला लेंगे २०१४ तक ??? क्योंकि इस सरकार के पास इतना समय ही बचा है ? बाद में तो हम देश वासी मिलकर कम बेईमानों की सरकार को ही चुनेंगे .....???? तो मेरा पडोसी बोला जो मेरे पास ही बैठा था , सही कह रहे हो यार जीना ही दुश्वार हो रहा है ? सरकार तो जनता,सरकारी अफसर, जज्जों ,एन.जी.ओ. और जनता को " धमका " रही है की हमारी सत्ता को मत चेलेंज करो २०१४ तक हमें अधिकार है तुम पर राज करने का ...???? और जनता सोच रही है " तो फिर उसके बाद " तेरा क्या होगा ......संप्रंग ...??? कर्नल गद्दाफी की तरह जनता पूछेगी कि...." मार दिया जाय , या छोड़ दिया जाय | बोल तेरे साथ क्या सलूक किया जाय ...??? बोलो जय -- श्री -- राम !!    

Wednesday, October 19, 2011

" खोजी - पत्रकारों."...! कुछ खोजो,......" अन्ना " सच्चा - या " सोनया "...??

खोजी प्रकृति के दोस्तों नमस्कार ! इंसान सदियों से सत्य की खोज करने की कोशिश और नाटक दोनों एक साथ कर  रहा है | कभी ये स्वयं मूर्ख बन जाता  है ,तो कभी दूसरों को मूर्ख बना लेता है ..!! हर कोई जोर शोर  से प्रचार करता है की वो अपना काम पूरी इमानदारी से कर रहा है | जनता एक दुसरे को अपनी बुध्धिनुसार तोलती है उसे जिस से उसे कोई काम होता है | स्वयं से सम्बंधित कार्य में इन्सान खुद निर्णय लेता है और ज्यादा लोगों से सम्बंधित कार्यों हेतु बहुमत से निर्णय लिया जाता है | यही प्रथा संसार  में हजारों सालों से चली आ रही है | पहले राजा लोग स्वयं रात को भेष बदल कर जनता के हाल - चाल की खोज निकालते थे , या फिर अपने विश्वासपात्र जासूसों से पता लगवाते थे | आज लोकतंत्र में प्रधान - मंत्री को तो समय ही नहीं होता रात को भेष  बदल कर जन - भावना जानने का , वो अपने मंत्रियों और ख़ुफ़िया एजेंसियों पर निर्भर रहते हैं | कई पत्रकारों पर भी उनकी " विशेष " कृपा रहती है , सो वो पत्रकार अपने आपको खोजी - पत्रकार कहते थे , और वो पी.एम्. को अपनी खोज के बारे में बताते थे और अपने मुंह से शेखियां भी बघारते रहते थे की मैं अमेरिका जा रहा हूँ .....आदि - आदि | मंत्री मंडल  के मंत्री अपने बारे में ही खोज करवाते रहते हैं ...???  कि उनका ग्राफ जनता की नज़र में कंहा पंहुचा ...?? खुफिया एजंसियां बहुत व्यस्त और आलसी दोनों हो गयी हैं ..? इसी लिए देश में क्या हो रहा है पी.एम्. को सबके बाद में पता चलता है .उनके मंत्री लाखों का माल सेंकडों में बेच देते हैं और सारी रकम गठबंधन पार्टियों के खजाने में पंहुचा दी जाती है ...??? तब भी उन्हें पता नहीं चलता ....जय हो !अब " अन्ना -मण्डली " और " सोनिया - मण्डली " में  से सच्चा कौन  है ???  इसका पता नहीं चल रहा " जनता " को , दोनों एक दुसरे  को चोर और झूठा बता रहे हैं ... दोनों के  नकली - असली सपोर्टर  भी भारी संख्या में हैं ..?? जनता बेचारी चेतना शून्य हुई पड़ी है ...??? उसे समझ में  नहीं आ रहा कि किसके साथ  जाए ...अन्नाजी के साथ ...या सोनिया जी कि मण्डली के साथ ..????? इस लिए सभी खोजी पत्रकारों से मेरी ये करबद्ध प्रार्थना है कि " सच " खोज के लाओ और जनता को  बताओ | ताकि पता चले कि अन्ना मण्डली किन व्यापारियों की कर्मचारी है और सोनिया मण्डली में कौन " अली बाबा " और कौन - कौन से ४० चोर हैं ...???? आलस्य त्यागो खोजी पत्रकारों जनता को सत्य  से अवगत करवाओ क्योंकि ये भी एक प्रकार की देश भक्ति  है ...??????? भगवान आपको शक्ति और सदबुध्धि दे ! राजीव शुक्ला और अरुण शोरी जी जैसा न बनाए ! बोलो --- भारत ---माता ---- की ---- जय !!!!!!!!!!!!

Sunday, October 16, 2011

' डोंट वर्री ',..विपक्ष " एक " नम्बरी - तो सरकार " दस " नम्बरी ???

सभी बिना नम्बरी दोस्तों को मेरा दस नम्बरी नमस्कार !! कई वर्ष पहले मनोज कुमार साहिब की एक फिलम आई थी " दस -  नम्बरी " मेरे ख्याल से ये पहली पिक्चर थी जिसमे हीरो दस नम्बरी था | और पुलिस वाला विलेन था , तथा हवालदार रिश्वत को हाथ नहीं लगाता था सीधा जेब में डलवाता था | उस चलचित्र का एक गीत बड़ा मशहूर हुआ था ..कि.." कहत कबीर सुनो भाई साधो , बात कंहूँ में खरी ....----कि दुनिया एक नम्बरी , तो मैं  दस नम्बरी || जब "येदी " जी को कारावास का दंड सुनाया गया ,तो मेरे मन ने  ये गीत गुनगुनाया ...तो मेरा दिमाग बोला :- कर गए न पक्षपात , अपनी पार्टी को सिर्फ एक नंबर और दूसरों को १००% चोरी में नंबर दे दिए ...? कम से कम ४ नंबर तो बनते ही  हैं ..? मन ने जानते  हुए भी दिमाग से पुछा ,कौन - कौन से .. तो दिमाग बोला ( पंजाब,मध्य-प्रदेश,कर्णाटक और उत्तरा-खंड ) हुए न ४ नंबर ?? मन बोला लेकिन सरकार तो १० नम्बरों की निस्संदेह रूप से हकदार है की नहीं ...? दिमाग बोला हाँ उस में हमारे मनमोहन टॉप पर हैं और रहेंगे ...? आखिर १० चोरों को जेल में तो उन्होंने ही डाला है ...?विपक्ष वाले ससुरे हैं ही ढीले ... ३० सालों में पूरी तरह से कांग्रेस से बेईमानी भी नहीं सीख पाए ....? फिर कैसे होगा देश का बंटा-ढार...???.कोई जनता में  " चेतना जगाता फिरता  है तो कोई मोन-व्रत रखता है ? कोई उपवास करता है तो कोई जय माता की ही करता रहता है ....?देश की चिंता किसी भी पार्टी के नेता को तो बिलकुल भी नहीं है ? इन ससुरे नेताओं , मंत्रियों ,मुख्यमंत्रियों के साथ राज्यों के मंत्रियों तथा सारे अफसरों को नेहरु स्टेडियम में तब तक बंद करदिया जाए  , जब तक ये सभी मिलकर संतोष जनक सभी समस्याओं का कोई हल नहीं ढूंढ निकालते ...? क्योंकि कौन सी समस्या का क्या सही समाधान है ये ससुरे जानते तो हैं परन्तु लागू नहीं करते या करवाते ...? कोई अन्ना जैसा नाक में अंगुली डाल दे तो फटाफट " चिठ्ठी " भेज देते हैं ...? अपनी तनख्वाह और भत्ते  तो सर्व -सहमती से और महिला आरक्षण लटका देते हैं ...? अपनी मुर्गे वाली थाली सिर्फ ५०/-में और आम आदमी ३२ /- वाला अमीर हो जाता है | कल फेसबुक पर मेरा एक मित्र मुझे कह रहा था की इन नेताओं को मिनिमम वेजेस पर रख्खो ....फिर देखो कितनी जल्दी बदलाव होते हैं ...? बोलो जय ....श्री .....राम ....!!! 

Thursday, October 13, 2011

" चिठ्ठी "आई है ,आई है .."मनमोहन" की चिठ्ठी आई है....???

स्वर्गीय जगजीत सिंह जी के निधन से दुखी मित्रो , नमस्कार ! हमारे प्रिय प्रधान मंत्री जी ने आखिर "अन्ना मंत्रिमंडल " को "जन - लोकपाल  नहीं ,प्रभावी लोकपाल संशोधन लाने की चिठ्ठी लिख कर भेज ही दी ?? इनके डाकिये भी स्पेशल होते हैं जी बड़े लोग जो ठहरे ?? हमारी चिठ्ठी तो सुसरी ३० किलोमीटर का सफ़र भी ७ दिनों में तय करती है ( वैसे रिकार्ड तो और भी बड़ा है )इनकी चिठ्ठी तो देल्ही  से रालेगन सिटी १दिन में ही पंहुच जाती है ....?ग़ज़ल की दुनिया के बड़े सितारे को हम अपनी श्रधान्जली देने के पश्चात् हम आपको ये बतादें की अन्ना अगर कांग्रेसियों पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं तो ये गलत भी नहीं  है |क्योंकि कांग्रेस उन्हें एक हाथ से मार रही है तो दुसरे  से पलोस रही है तीसरे हाथ से मज़ाक उड़ा रही है तो चोथे हाथ से अपना मुंह दबा  कर डर को छुपा  भी  रही  है ...???  मुस्कुरा कर कल्लोल भी कर  रही है| आर .एस.एस. ने सिर्फ  चले  हुए आन्दोलन को सिर्फ इसलिए समर्थन दिया क्योंकि ये भ्रष्टाचार से सम्बंधित था ,ऐसा ही बी.जे.पी.ने  किया  तो कांग्रेसियों ने शोर मचा दिया कि  देखो - देखो ये तो आन्दोलन ही साम्प्रदायिक ताकतों का था ...?? क्या आज से पहले जितनी रैलियाँ,प्रदर्शन और आन्दोलन हुए किसी ने जांच की कि उसमे कौन - कौन शामिल हुआ था ...? अगर आज भी इस बात की जांच करवाई जाए तो सारी पार्टियाँ मुसीबत में पड़ जाएगी ...??इलेक्ट्रोनिक मिडिया वाले भी बहस दिखाते और करते वक्त एक  -दो वक्ता ऐसे बुला लेते हैं जो छिपे रूप से कांग्रेस का ही समर्थन करते हैं ...??किसके पीछे कौन है  या किसका हाथ  है,  ये देश की सुरक्षा एजेंसियों को हमेशा चेक करते  रहना चाहिए ..? मुझे एक बात समझ नहीं आती कि " राम मंदिर के ताले खुलवाए कांग्रेस ने , पूजा  शुरू करवाई कांग्रेस ने , मस्जिद तुडवाने में सहयोग किया कांग्रेस प्रधान - मंत्री ने , शिला पूजन राहुल गाँधी के सहयोग से हुआ, और तो और राम नवमी का अवकाश भी अपने मनमोहन सिंह जी ने घोषित किया ..??? क्या लाल्लू,क्या द्विगविजय जी , सब समय - समय पर तांत्रिकों के  आगे माथा निवाते आये हैं तो साम्प्रदायिक शक्तियां कौन हैं ??कांग्रेस  वाले या आर.एस.एस.,बी.जे.पी. वाले ...??? सच्चे मन से  नेताओं को राजनीती करनी चाहिए और सच्चे मन से ही हम सबको श्रधान्जली देनी चाहिए ....? बोलिए कृष्ण  कन्हैया  लाल  की  ......जय  !!आप कहेंगे की हमेशा तो राम जी की  जय  बुलाते हो , तो आज क्रिशन जी की जय क्यों ..?? वो इस लिए क्योंकि राजनीती के देवता वही हैं  और प्रेम के भी ...? तो जय श्री कृष्णा......!!   

Saturday, October 8, 2011

" चेतना " कंहा जगाई जाएगी ? कंहा जगानी चाहिए ??? ?

 चेतन अवस्था में रहने वाले दोस्तों , नमस्कार ! लो जी सर्व श्री बाबा रामदेव , अन्ना हजारे , लाल  कृषण और छोटे मुलायम जी सभी " चेतना ", क्रांति " और जागरूकता रथ लेकर चल पड़े हैं  या चलने वाले हैं | जब किसी  विधान - सभा या लोकसभा का किसी को उमीदवार बनाना होता है  तब तो ये प्रादेशिक और केंद्रीय नेता ,जाती,धरम,पैसा और इलाका देख  कर टिकट बांटते हैं ? कार्यकर्ताओं और जनता को कोई नहीं पूछता  ?? कार्यकर्ताओं से लिये गए  चंदे को इन नेताओं ने कंहा खर्च कर दिया, कोई  नहीं बताता ?? ऊपर से आर्डर कर  देते  हैं  की प्रदर्शन कर दो , धरना  दे दो,वगेरह - वगेरह ,परन्तु बज़ट कोई नहीं भेजते ?? प्रदेश और केंद्र में  बसें भर कर कार्यकर्त्ता भेज दो ---?? पर कैसे, कंहा से भेजे कोई ?? सफाई  ऊपर से करो  ...... नीचे वाले अपने आप सुधर  जायेंगे ??? साधारण  जीवन  ,  उच्च विचार , त्याग की भावना , और देश भक्ति किसी भी पार्टी के बड़े लीडर में दिखाई ही नहीं देती | अफसर , पत्रकार , वकील और पुलिस सब " सभी  - चोर - हैं " बोलकर चोरी कर रहे हैं  ?? अध्यापक  , कवि और जज कुछ ठीक हैं | सेना  को तो कोई पूछता ही नहीं कि  क्या हो रहा है ? कार्यकर्त्ता तो हमेशा अपने बड़े नेता का स्वागत करता है , तन - मन - धन लगा देता है | निश्ठापूर्वक पार्टी के पदाधिकारियों के आदेश मानता है ? २० से ३० साल  गुज़र जाते हैं तब समझ  में आता है कि हमें तो मूर्ख बनाया जा रहा था ?? कभी किसी चोर,ठग ,कमीने और चालबाज़ को पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाता है ,तो कभी किसी पार्टी से बगावत करने वाले गिरोह बाज़ को ???? शरीफ , इमानदार और सिधान्तवादी सारी उम्र तालियाँ बजाते और माला पहनाते ही मर जाते हैं ????? ये सभी पार्टियों कि अंदरूनी कहानी है और भारतीय जनता पार्टी इस रोग से बुरी  तरह से ग्रसित है ?? क्या नगर और देहात मंडल , क्या जिला ,प्रदेश और केंद्र सब जगह छीना - झपटी चलती दिख रही है ???? जो कार्यशैली और इच्छाशक्ति दिखनी चाहिए किसी नेता में वो किसी भी  नेता में दूर - दूर तक नज़र नहीं आती ?? थोड़ी सी अन्ना जी और मोदी जी में दिखाई पड़ती है तो बाकी नेता उन्हें आगे नहीं आने देते बल्कि उन्हें चेल्लेंज करते हैं कि हिम्मत है तो २०१४ के चुनाव लड़ लो ?? अरे एक बार वैसे ही कुछ समय के लिए सरकार चलने की पावर किसी   ऐसे आदमी को देदो ?? या सारे नेताओं के बोम्ब फिट करके  नेहरु स्टेडियम में अफसरों के साथ बिठा दिया जाए और कह दिया जाए की अब आपको तभी छोड़ा जायेगा जब आप देश हित के सभी सर्वेक्षण , जांच , संशोधन और निर्णय नहीं कर लेते ??? सभी प्रदेशिक नेता अफसर भी साथ में बिठाए जाएँ लागु करवाने हेतु  ??   तब तो कोई उम्मीद है की देश का भला हो जायेगा अन्यथा बहन मायावती के अनुसार " एक नागनाथ तो दूसरा सांप नाथ " में   से ही किसी एक को  चुनना होगा ??  जय - श्री -  राम -  बोलना पड़ेगा ...... जय श्री राम !!      

Tuesday, October 4, 2011

"देखना गुजरात में " भट्ट " की पत्नी बनेगी विधानसभा की कांग्रेसी उमीदवार ..!"

राजनीती में आने की चाह रखने वाले दोस्तों , मेरा नमस्कार स्वीकार करें !,आज ही  मैंने न्यूज चेनल पर गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी  श्री संजीव  भट्ट की पत्नी को ये कहते सुना की मोदी जी ने  उस पुलिस  वाले को प्रमोशन का  वादा किया है , इसलिए वो हमारे  खिलाफ हुआ है ..... आदि आदि | उनके हाव-  भाव देख कर मैंने भी भविश्यवान्नी  करदी की ये महिला  हमारी नेता है , चाहे विधान सभा में जाय या लोकसभा में | कांग्रेस पार्टी ने पूरी तैयारी करली है | अब आप कहोगे की  तुम्हे  क्यों जलन हो  रही है ???  तो भाइयो ये कथा मैंने आपको इस लिए बताई है क्योंकि ये भी भ्रष्टाचार का ही दूसरा रूप है | करे चाहे कोई  लेकिन है  भ्रष्टाचार  और इसकी निंदा  भी होनी चाहिए  | आप कहोगे तो भाई अभी से  क्यों रो  रहा है ,?  तो वो इस लिए क्योंकि आज से पहले कई ऐसे महापुरुष और देवियाँ हैं जो  इस प्रकार के भ्रष्टाचार की कीमत के बदले कई राजनितिक पार्टियों का प्रचार कर चुके हैं | इसमें कई बड़े - बड़े नाम आ जाते हैं बेचारे ये पुलिस वाले और अफसर बेचारे किस खेत की मूली हैं ??? ये तो होते ही प्रिय सेवादार हैं ??  अगर जाट विधायक बन गया तो वंहा लगभग सारे जाट अफसर आ जाते हैं और दूसरा  विधायक बन गया तो दुसरे अफसर ...?  इसी तरह  से अदाकारों , कलाकारों और  बेचारों  को जनता के हित  के  लिए नेता साडी पार्टियों द्वारा बनाया जाता है ? अब  आप कहोगे की ये " बेचारे " कौन है ?  ये अपने एन.जी.ओ. और कौन ? ये सारी उम्र  दूसरों की मदद  जो करते हैं , तो राजनितिक दलों का भी फ़र्ज़ बनता है की नहीं भाई ??? अब ये दूसरी बात  है की ये  लोग समस्या उठा तो सकते हैं लेकिन हल  निकालने हेतु  सत्ता नहीं संभाल  सकते ?? हर राह है .... काँटों भरी ..... चलना भी है .... और संभलना भी | जय श्री राम !!बोलना पड़ेगा भाई सबको .........????? जय श्री --- राम ! 

Saturday, October 1, 2011

भारत के - " लाल बहादुरशास्त्री और करम चाँद गाँधी जी " -- " happy birth - day "

देशभक्त,निष्ठावान,और स्वदेशी दोस्तों,जोशीला जय -हिंद! आज भारत के उन महान दो सपूतों का जनम दिन है जिन्हों ने देश के लिए सिध्धांतो की  आधार शिला रखी ! " फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर " की स्थापना में इन दो महा पुरषों  का बहुत बड़ा हाथ है ?? वो ऐसे की जब इनके कार्यों से देश आज़ाद हो चुका था,  पंडित नेहरु प्रधान मंत्री बन चुके थे , तब  मैं अपनी माता के गर्भ में था ... यानि महा भारत के अभिमन्यु की तरह वो सब संस्कार मेरे दिमाग में भी  घर  कर गए जो मेरी माता ने मेरे पिता जी के श्री मुख से इन महा पुरषों के बारे में सुने ! ऐसा ही उस समय के सभी  महानुभावों के साथ भी हुआ होगा जो मेरी उम्र के हैं , ऐसा मेरा मानना है ! इसीलिए मेरी उम्र के ज्यादातर लोगो में देश भक्ति की भावना जीवित है !! जन्हा महात्मा गांधी जी ने हमें शान्ति के साथ रहना सिखाया  समाज में मिलजुल कर रहना बताया , वन्ही श्री लाल बहादुर  शास्त्री जो  देश के दुसरे प्रधान मंत्री थे ने " जय जवान - जय किसान  " का नारा देकर सब का पेट भरने और  विदेशी दुश्मनों को नाकों चने  चबाने का  सबक सिखाया ....??? मगर आज हम इतने स्वार्थी हो गए हैं की देश का या देश वासियों का भला  तो दूर अपने सगे सम्बन्धियों को भी  धोखा देने से बाज़ नहीं  आते ...???? सारे  रिश्तों को हम पैसे से तोलने लग गए ????  " न बीवी न बच्चा , ना  बाप बड़ा न मैया , ...  द होल थिंग इज देट  के भैया.., सबसे बड़ा  रुपईया....???? " ये गीत आज की व्यवस्था पर बिलकुल सटीक बैठता है ?? अन्ना जी , मोदी जी और बाबा राम  देव  जी ने आज देश को फिर  एक  नई दिशा  दी  है, जिसे  देशवासियों  ने पसंद  किया  है ! अब  देखना  है की देश किस  तरफ  जाता है ....!! चोर ज्यादा हैं और शरीफ कम .....! " ये लड़ाई है दिए की और तूफ़ान की ..." वन्दे --- मातरम् !!     

Friday, September 30, 2011

" हम से भूल हो गयी ......., हमका माफ़ी दे दो .... !!!"

भावुक हो कर भूलवश भूल करने वाले दोस्तों ,  माफ़ी भरा नमस्कार ! दोस्तों फेस - बुक पर मुझे आज ३ महीने से ज्यादा यानि  १०० दिन हो गए हैं , इस दोरान ८५ लेख मैंने ब्लाग पर लिखे ,और न जाने कितनी बातें , गीत ,चुटकुले और घटनाएँ सभी मित्रों के साथ बांटी फेस - बुक पर |  सैंकड़ों  मित्रों की विभिन्न प्रकार की बातें भी पढ़ी और देखि - सुनी | ये  सब करते हुए कभी मन गुस्से से भर जाता तो कभी हंसने लगता , कभी मूड सेक्सी हो जाता तो कभी मजाकिया , कभी मन भाव-विभोर हो जाता तो कभी जोश भर जाता | मैंने कभी कम्प्यूटर चलने की ट्रेनिंग नहीं ली , आज भी पूरा चलाना नहीं आता , कई बातें तो मैं लिखता भी नहीं था वो मेरे नाम से लिखी हुई आ जातीं ? कई अनर्गल लेख , फोटो और चैटिंग , जो मेरे द्वारा नहीं की गयी थी वो मेरी वाल पर दिखाई देने लग जाती थी ???? जिस से मन बड़ा परेशान हो जाता था | अभी दो दिन पहले की ही बात है किसी मित्र  ने सरदार मनमोहन सिंह जी , राहुल और  चिदम्बरम जी के मुख बच्चों के नंगे चित्रों पर लगाये हुए  थे , उन बच्चों ने एक दुसरे की पिशाब करने वाली जगह को पकड़ रखा था , उसे  देख  कर पहले तो मुझे हंसी आई तो  हंसी - हंसी में मैंने वो फोटो सभी मित्रो को सेंड कर दी |  ज्यादा तर मित्रों को वो पसंद आई , लेकिन तीन मित्र , सरदार सोढ़ी जी, नन्द किशोर जी और एक और  मेरे प्रिय मित्र हैं उनका मैं नाम भूल गया उनको वो पसंद नहीं  आई , क्योंकि मैं अपने सभी मित्रों को बहुत सन्मान की दृष्टि से देखता हूँ , किसी भी आदमी को नाराज़ करना मेरा उद्देश्य नहीं होता इस लिए आज मैंने अपने सारे लेखों और पोस्टिंग को दोबारा पढ़ा , जिस से मुझे महसूस  हुआ  की मुझे एक बार अपने सभी मित्रो से और उन सबसे जिनको मेरी किसी भी कही  या सुनी गयी बात से कष्ट पंहुचा हो ,..... तो  मैं हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगना चाहता हूँ | इंसान गलतियों का पुतला है , जो अपनी गलती मान ले , उसे माफ़ करने वाला बड़ा हो जाता है ......???? क्या आपने मुझे माफ़ कर दिया ??? अवश्य बातें ..... क्योंकि मैं अगले बुधवार से फिर देश हित में लिखने वाला हूँ नया खाता चालू करना है .....?? आज पता चला की लोग समय - समय पर हरिद्वार क्यों जाते हैं ...? बोलो .... राम ..... राम ..... राम ....!!!!

Wednesday, September 28, 2011

" वापिस ले जाओ अपनी , (सर - कार ) स. मनमोहन - जी "

कार वाले दोस्तों , पेट्रोल भरा  नमस्कार ! आजकल डीजल  भी पेट्रोल जैसा हो गया है | बात " सर " और " कार " की हो रही थी इसलिए वन्ही चलते हैं | अपने " मनु भाई " कहते हैं की हम २०१४ तक ये सरकार जरूर चलाएंगे ? बी.जे.पी. वाले कहते हैं कि हम कब मना कर रहे हैं लेकिन पी.एम्. बदल दो गृह मंत्री बदल दो | मनु भाई कहते हैं  फिर मेरे पास  बचेगा ही क्या ? कल को आप कहोगे कि पी.एम्. बदल दो ? फिर मैं क्या करूंगा ? वैसे इतिहास साक्षी है कि " देश पर संकट तभी - तभी आता है जब कांग्रेस पर संकट आ जाता है " आम आदमी कोई गलत वस्तु खरीद कर लाता है गलती से तो उसे फ़ौरन वापिस भी तो कर के आता है कि नहीं ?पर मनु भाई और उनका सारा मंत्री मंडल एक ही रत लगाये बैठा है कि " हमें २०१४ तक शासन करने का अधिकार मिला है , इसलिए कोईभी चाहे विपक्ष हो या जनता हमें रोक नहीं सकती ?"विपक्ष भी जनता को " चोर -  चोर मौसेरे भाई " जैसे लग रहे हैं सिर्फ हो - हल्ला मचाया जा रहा है  | सब अपनी पेंशन बचाने के चक्कर में हैं ?? या इनको भी " आधा " चंदा देने कि बात हो गयी है ?? जनता को सारे चोर क्यों दिखने लगे हैं ? क्या जनता की आँखों में  " काला -  मोतिया " आ गया है ?? इस सरकार  के सारे मंत्री आज  कुछ बोलते हैं तो कल  कुछ ? और  बी.जे.पी.  वाले " यात्रा " कर रहे हैं ?? इसी लिए मैं कह रहा हूँ कि सरदार मनमोहन सिंह जी आप अपना " सर " और " कार " वापिस ले जाइये अपने घर , क्योंकि न  तो आपका दिमाग काम कर रहा है , अगर दिमाग सही काम  कर रहा होता तो देश में " आतंकवाद , मंहगाई और भ्रष्टाचार समाप्त हो गए होते ? और अगर " कार " यानि हाथ काम कर रहे होते तो मंत्रियों कि इतनी हिम्मत नहीं  होती कि वो काम कि बजाए इधर - उधर के ब्यान दे रहे होते ???? आज किसी भी विभाग के अफसर अपने मंत्री कि सुनते नहीं किसी भी मंत्री को काम करना ही नहीं आता ??? तो जनता आपको  ५ साल तक क्यों ढोए ???? इसी लिए मैंने आज शीर्षक में मनमोहन जी के नाम के साथ " सिंह " नहीं  लगाया क्योंकि आदमी शेर तो तभी होता है न जब उसकी एक दहाड़ पर सब कांपने लग जाएँ ?  अतः आज के बाद हम तो हमारे प्रधान - मंत्री जी को सिर्फ मनमोहन , मनमोहन लाल या मनु भाई ही बुलाएँगे और कहेंगे कि कृपया मनु भाई हम पर दया करो  !  हम गलती कर बैठे जो आपको ५ साल तक सरकार चलाने का " अधिकार दे बैठे ?? वैसे सिर्फ आपको पूरा अधिकार तो हमने नहीं दिया था ? दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर आप ये सरकार चला रहे हो ?? ये छोटी पार्टियाँ भी बड़ी चतुर हैं प्रदेश के चुनावों में तो इन्हें साम्प्रदायिकता का भूत नहीं दिखाई देता इसलिए अलग - अलग चुनाव लड़ते हैं , लेकिन राष्ट्रीय चुनावों में ये सब " सेकुलर " बन जाते हैं और देश पर भरी संकट आ जाता है तो जनता को डरा कर ये सरकार बना लेते हैं ??? कोई मुसलमानों को हिन्दुओं से डराकर वोट लेता है तो कोई हिन्दुओं को मुसलमानों और ईसाईयों से डरा कर वोट ले लेता है | सब साले जनता को बारी - बारी से बेवकूफ बनाए जा रहे हैं ????????? बोलो ....! जय - श्री - राम !!     

Sunday, September 25, 2011

" YE - NATIKTA - VATIKTA - KYA HAI ..? HIMMAT HO TO 2014 MAIN HRAA DENA ..?? "

बेशर्म दोस्तों , शर्म भरा नमस्कार ! आजकल इसी गुण की भारी कमी है विशेषकर हिन्दुस्तान में ,पहले तो लोग " चुल्लु भर पानी में डूब कर मर जाते थे ?? अब तो समुद्र भी छोटा पड़ता है , उसमे से भी ससुरे नेता लोग तैर कर वापिस आ जाते हैं और फिर बे - शर्मी से आकर जनता को बोलते हैं कि " हमें तो २०१४ तक राज करने का अधिकार है ??  जिसे हम पसंद नहीं वो २०१४ में हमारे मुकाबले चुनाव लड़ले ? " लो करल्यो बात ? ये बात जोर शोर से वो इसलिए कहते हैं क्योंकि वो जानते है कि जो शरीफ होगा वो एम्.पी. का चुनाव लड़ ही नहीं पायेगा ? अगर फिर  भी अगर शरीफ आदमी चुनाव लड़ता है  तो , धन कंहा से लायेगा , वो भी अगर उसे कंही से मिल गया तो , जाती , धरम और इलाके के चक्कर में तो फंस ही जायेगा ....???? इन्ही बातों पर बेईमान नेता ताल ठोक कर चुनावों में मुकाबला करने का चेलेंज दे रहे हैं आम आदमी को ??? मगर ये यह नहीं जानते कि चाहे " रावण " हो या " कंस " " हिटलर "  हो या " मुसोलिनी " सबको इसी " आम " सी दिखने वाली जनता ने ही धूल चटाई है ?? जनता ने अगर सोच लिया तो दुनिया ने पहले भी देखा है और भविष्य में भी देखेगी कि कोई आम जनता में से नया नायक निकल कर आएगा और इन निक्कमे नेताओं का भ्रम तोड़ेगा , गर्व नष्ट करेगा और जनहित में सरकार चलाएगा ?? चाहे मोहम्मद गौरी हो या ओरंगजेब , मुग़ल हो या अंग्रेज सब को इस जनता ने भगाया है , भारत - माता कि जय बोल कर या  वन्दे - मातरम् बोल कर ! ??   

Sunday, September 18, 2011

GUJRAAT PAR - MEDIA - NETA - JANTA KO KYON GUMRAH KAR RAHE HAIN ?

उपवास का आनंद लेने वाले मित्रो , दिल से प्यार भरा नमस्कार ! ! !सन २००० मैं जब नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात का  नया  - नया  मुख्य मंत्री का पद संभाला हुआ था की तभी एक बुरी घटना घाट गयी , अयोध्या जा रहे कारसेवकों पर मुसलमानों का भेष धरके देश के दुश्मनों ने पेट्रोल छिड़क कर उनको जला दिया , इस घृणित कार्य में स्थानीय लोगों ने भी सहयोग किया ..?? जिस से हिन्दू समुदाय के कुछ  लोग अपना धैर्य खो बैठे | और उन्होंने प्रतिक्रिया वश अपने मुस्लिम भाइयों को दुश्मन मान कर क़त्ल करने की चाहत लिए हमला कर दिया ?? लकिन वो तो पहले से ही तैयार बैठे थे , तो जंग शुरू हो गयी ...?? उस समय " चेनल मीडिया " नया - नया आया था , एक विशेष प्रकार का उनमे उत्साह था ..?? जो मीडिया हिन्दू समर्थक था वो अलग तरह से क्लिप दिखा रहा था और जो विदेशी सहायता प्राप्त इंग्लिश मिडिया था वो केवल मुसलमानों को ही कट्टा मरता दिखा और बता रहा था ..? जो की असंभव था , क्योंकि जब भी किन्ही दो पक्षों में कत्लेआम होता है तो दोनों तरफ के लोग हताहत होते हैं ..??? लेकिन जिसके हाथ में केमरा होगा वो जैसे चाहेगा वैसे ही चित्र खींचेगा ..?बस यंही पर गड़बड़ हुई है ...??? किसके कहने पर ये शरारत हुई ये कोई नहीं बता रहा | लेकिन ये कहा जा रहा है कि क्योंकि सी.एम्. मोदी जी थे तो उन्होंने जल्दी क्यों नहीं रोका इसलिए पहली दुर्घटना और उसकी प्रतिकिर्या दोनों हेतु वोही दोषी हैं | कुछ अति उत्साही पत्रकार भाई तो नरेंद्र मोदी जी को ही कातिल मान रहे हैं जैसे कि उन्होंने ही स्वयं गोधरा जाकर कतल किये हो ..??? और नेताओं को तो जैसे अमृत मिल  गया हो ?? तब से लेकर पठ्ठे आज तक विश्व को भूलने भी नहीं देते ....? माला रटते ही रहते हैं | भले ही उसी गुजरात कि जनता ने उन्हें उसके बाद दो बार और सी. एम्. क्यों न बना दिया हो ?? और ऐसा भी नहीं है कि ऐसा कत्ले आम देश में पहली बार हुआ था ??? जब जब जनता कि अगवाई करने वाला राजा हो या मंत्री , न्यायालय हो या पंचायत किसी अन्याय पर न्याय नहीं कर पाते , तो जनता इस तरह से अपना फैसला सुनाती है जिसे सबको मानना ही पड़ता है फिर चाहे वो १९४७ हो या १९८४ , हिन्दू मरे या मुसलमान , सिख मरे या ईसाई कोई फरक नहीं पड़ता ? रोने वाले रोते रह जाते हैं और रोटियां सेंकने वाले रोटियां सेंक लेते हैं | समय बहुत बलवान है सब भुला देता है और फिर से एक नै राह बन्ने लगती है ??? परन्तु ये मीडिया और नेता साले भूलने ही नहीं देते ..... क्या करूँ ??? १९८४ में सिख भाइयों को दिल्ली में  जिन्दा जलया गया वो भी दंगे नहीं कत्लेआम था ?? उसके पीछे भी पुनजब में फैला उग्रवाद था हर सरदार अपनेआपको भिंडरावाला समझने लग गया था ...? जनता का सब्र का मटका भर चुका था ? कि तभी इंदिरा जी कि हत्या हो गयी और मटका फूट गया और सयंम टूट गया ???? " सयंम " ही ऐसी चीज़ है जो इंसानियत को जिंदा रखती है ? इसका होना अतिआवश्यक है सब भाइयों के लिए | में भी इतनी सखत भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहता था लेकिन आज एक नवभारत टाइम्स के स्तम्भ लेखक मित्र ने मजबूर कर दिया | रोज़ टी.वी. पर नेताओं , एन.जी.ओ.और पत्रकारों को निहायत ही घटिया तरीके से बहस करते हुए देखता हूँ , कोई बात उस बहस में साफ़ हो भी जाती है तब भी वो पत्रकार आदि एक पक्ष स्वयं बन कर बात को घिसटते रहते हैं घिसटते रहते हैं दर्शक गालियाँ निकालने के इलावा कुछ नहीं कर पाता ??  परमात्मा जल्दी से सबको सदबुधि दे !!

Thursday, September 15, 2011

" DANGON " - PAR - " GANDON " - KI - " KOOT NITIK " - " CHALEN " ? ? ?

गंदे नेताओं की गन्दी राजनितिक चालों और मंहगाई , भ्रष्टाचार से त्रस्त, प्यारे देशवासियों , नमस्कार !जब भी मोदी जी की तारीफ होने लगती है तो कुछ पार्टियों,पत्रकारों और एन.जी.ओ. की छाती पर सांप लोटने लग जाते हैं | वे गोधरा में जलकर मरे लोगों की जिम्मेदारी तो किसी पर नहीं डालते लेकिन बाद में हुए दो समुदायों के दंगों में हर मुस्लिम के मरने का जिम्मेदार केवल और केवल मोदी जी को मानते हैं | जब भी किसी दो पक्षों में दंगा होता है तो दोनों पक्ष के लोग ही हताहत होते हैं किसी एक पक्ष के ही मारें या मरें ये संभव नहीं है ?? लेकिन ये लोग किसी हिन्दू की मौत का जिक्र तक नहीं करते | दूसरी तरफ बी.जे.पी.वाले भी जब ८४ के दंगों की बात करते हुए कांग्रेसियों को जिम्मेदार ठहराते हैं , तो उसके पीछे छिपे पंजाब में सिख उग्रवादियों द्वारा मारे गए हिन्दुओं का गुस्से का जिक्र तक नहीं करते ??? क्योंकि इन्हें पंजाब में सरदारों के वोट चाहिए होते हैं ??? और कांग्रेसियों को मुसलमानों और ईसाईयों के वोट लेनेहोते हैं , इसलिए इन कमीनों  के मुह बंद  जाते हैं  ? इसी तरह माया को निम्न जातियों के वोट चाहिए कामरेडों को मजदूरों के , मुलायम लालू को यादवों के , शिव सेना को मराठियों के और बी.जे.पी.अपने आपको हिन्दुओं की रक्षक मानती है लेकिन है नहीं ?? सब ससुरे मिले हुए हैं ?? भारत वासियों की तो किस्मत ही खराब है , " प्रतिज्ञा" फिल्म में अदाकार " केश्तो - मुखर्जी " के डायलाग  :- " मरना है " की तरह है ?? इसे तो मरना है , चाहे किसे भी सरकार बनाने का " मत " दे दे | इसे तो कटना, ठगना और फंसना है गंदे राजनेताओं की कूटनीतिक चालों में ....?????  जय राम जी की बोलना पड़ेगा ...... बोलो जय श्री राम !!!!!!!!! क्योंकि वोही बचाएगा ??????? हमें ....... भगवन भली करे ????????            

Sunday, September 11, 2011

" DARI - SAHMI - BE-BAS - KAMZOR - BHRASHT - OR - LAACHAR - SARKAAR - ?? "

विशेषणों के धनि मित्रो , विशेष नमस्कार !हमारी केंद्र की सरकार के साथ रोज़ नए - नए विशेषण जुड़ रहे हैं , जैसे :- निक्कम्मी , बेबस , भ्रष्ट , कमज़ोर और डरपोक आदि - आदि | और दाद देनी पड़ेगी हमारे पी.एम्. , मंत्रियों , और ९०% सांसदों की जो इतनी गाली गलौज के बाद भी अपनी पीठ थप थपाते नहीं थकते , मनीष तिवाड़ी , कपिल सिब्बल , बंसल , सत्यव्रत , सिंघवी , रेणुका जी , कितने नाम गिनाऊं इन महा पुरषों के ??? जो राहुल , सोनिया जी पूछे बिना कुछ काम नहीं कर सकते |  देश वासी  उनसे  क्या उपेक्षा रखें ?? क्या रोज़गार निति और क्या  विदेश निति , सब चोपट कर दिया इन निक्क्मों ने ??? जनता में सरकार के प्रति जितनी निराशा आज है ?? उतनी पहले की किसी सरकार के  प्रति नहीं रही ??? और ये बेशरम नेता बार - बार जनता  को ये  कह कर और चिढ़ा रहे हैं कि हम तो २०१४ तक ऐसे ही करेंगे ??? अगर जनता को बुरा  लग रहा है  तो वो अगले चुनावों में नए एम्.पी.और एम्.एल.ऐ. चुन ले ???? मतलब इन मवालियों  को इतना घमंड है कि ये अगले चुनावों में  भी जनता को फिर से मुर्ख बनाकर जीत के प्रति आश्वस्त हैं | अब चैलेंज जनता को स्वीकार करना है ??? ये चतुर नेता जनता को पार्टी,धर्म , इलाके,और जातियों के बंधन में हमें बाँध कर , "अपना उल्लू सीधा " कर लेते हैं  ??????? इसलिए हमें अभी से संभलना और समझना होगा तथा समझाना भी होगा देश  कि भोली - भाली जनता को ??? बोलो ------ भारत -- माता -- की  -------- जय हो !!!!!!

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...