Tuesday, October 22, 2019

"बसपा नेताओं का राजस्थान में अपमान ,चुनौती सभी हेतु"!? - "लेखक-विश्लेषक पीताम्बर दत्त शर्मा "





बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम व प्रदेश बसपा प्रभारी सीताराम मेघवाल ,बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के आदेश पर कल 22 अक्टूबर 2019 मंगलवार को राजस्थान के प्रदेश कार्यालय में जैसे ही पंहुचे ,तो पहले से गुस्साए बैठे बसपा कार्यकर्ताओं ने ही उनको गालियां दीं ,धक्कामुक्की की,मुंहकाला किया और जूतों की माला पहनाकर अपना रोष प्रकट किया ! सभी कार्यकर्ता कुछ दिन पूर्व बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल करवाने में ,इन नेताओं की "भूमिका"पर क्रोधित थे ! पार्टी की टिकटें बेचने का आरोप भी लगाया !
                                उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बयान जारी कर सारा आरोप कांग्रेस पर मढ़ दिया ! ये सब कुछ निकाय चुनावों हेतु टिकटें बांटने हेतु रक्खी गई मीटिंग शुरू होने से पहले ही हो गया ! क्षेत्रीय पार्टियों के ज्यादातर नेता अपना व पार्टी का "आधार" बढ़ाने के चक्कर में धन,मंत्री पद और कमीशन का लालच छोड़ ही नहीं पाते !इसी चक्कर में छोटी - बड़ी सभी पार्टियां अपनी विचारधारा, निष्ठवान व समर्पित कार्यकर्ताओं को भुलाकर "सौदागरों" को ही पद और टिकटें बांटने लगी हैं ! जो लोकतंत्र हेतु भी एक भारी खतरा है !!
                                चुनाव आयोग ,सर्वोच्च न्यायालय और मीडिया को ऐसे "कुकृत्यों"पर लचीला रुख हर्गिज़ नहीं अपनाना चाहिए ,बल्कि "स्वतः संज्ञान"लेना चाहिए !! नेताओं का "चरित्रवान"होना "लोकतन्त्र के स्वास्थ्य " हेतु भी अत्यावश्यक है!
ऐसा अगर नहीं हुआ तो वो दिन दूर नहीं ,जब सभी पार्टियों के "बड़े -भ्रष्ट"नेताओं का "स्वागत"जूतों की माला से होने लगेगा !सभी "बुरे"नेताओं को ये घटना एक "बड़ी-चेतावनी"के रूप में लेनी चाहिए ! दूसरों पर आरोप लगाकर मायावती जी बच नहीं पाएंगी ! क्योंकि उनपर भी पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप ,उन्हीं की पार्टी के नेताओं ने लगाए हैं !
                        "चरित्र नहीं ,तो नेता कबूल नहीं "!!मतदाताओं को यही "सूक्त"अपनाना होगा ! भ्रष्ट नेताओं के "मायाजाल"में नहीं फंसना चाहिए !अब सवाल बड़ा ये भी खड़ा होता है कि "क्या ऐसे इलाज से भी ,भ्रष्ट नेता सुधरेंगे"????भारत की सुरक्षा एजेंसियों को चुनावों के समय ऐसे महान नेताओं ओर पार्टियों की "गतिविधियों"पर विशेष "नज़र"रखनी होगी !
                   पाठक मित्रों से अनुरोध है कि अपने कॉमेंट्स विस्तार से लिक्खें !!
"5th पिल्लर करप्शन किल्लर" "लेखक-विश्लेषक पीताम्बर दत्त शर्मा "
वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे ! 
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Wednesday, October 16, 2019

" गहलोत सरकार की चालाकियां" ! ?? _

राजस्थान में जब से गहलोत सरकार ने शपथ ग्रहण की है,तभी से उसे एक चिंता
 बहुत बुरी तरह से सता रही है ! वो समस्या है निकाय चुनावों की ! गहलोत
 सरकार चाहती है कि वो अपने हाईकमान और जनता के सामने अपना महत्व व 
साख बनाए और कायम रक्खे ! उनको हर चुनावों में मोदी जी का नाम आ जाने
 से डर लगता है ! उनकी प्रसिद्धि के सामने वो अपने को काफी बौना मानते हैं,जो वो हैं भी ! तभी तो उन्होंने निकाय चुनावों में अध्यक्षों के चुनावों के पहले सीधे जनता  द्धारा 
लेकिन उनको डर फिर भी सता रहा था ! रातों को नींद नहीं आ रही थी ! तो उन्होंने कल एक अधिसूचना जारी करवा दी ! जिसमें ये प्रावधान कर दिया गया कि अब निकाय अध्यक्ष का पार्षद होना आवश्यक ही नहीं है ! जो उनके चहेते होंगे केवल उन्हीं को नगरपालिका का अध्यक्ष चुनवा दिया जायेगा ! उसके लिए उनका "शुभचिंतक" होना आवश्यक है ! भाजपा को भी अंदर खाते ये नियम अच्छा ही लगेगा ! वो केवल नाम मात्र ही इसका विरोध करेगी ! क्योंकि उसके नेताओं को भी तो अपने "चेलों" को निकायाध्यक्ष बनाने का अवसर मिलेगा ! "राजनीतिक चमचों"की चांदी होने वाली है जी ! इच्छुक व्यक्ति अपने विधायकों,सांसदों और पार्टियों के अध्यक्षों व जिलाध्यक्षों को "दंडवत प्रणाम करना शुरु कर दें !
नगरपालिका अध्यक्षों व निकाय अध्यक्षों के इस तरह के चुनाव तरीके से भ्रष्टाचार चरम सीमा तक फैलेगा ! न्याय पालिका को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए ! क्योंकि जनता द्वारा चुने गए पार्षद अपने विवेक का उपयोग ही नहीं कर पायेंगे ! वे तो बस "येस मैन" बनकर ही रह जाएंगे ! उनके अधिकारों का भी हनास होगा ! "जनता और जागरूक" लोगों को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज अवश्य करवाना चाहिए ! किसीको भी "मनमर्जी" नहीं करने दी जा सकती क्योंकि ये "मौलिक अधिकारों का हनन" है !!

               
"5th पिल्लर करप्शन किल्लर" "लेखक-विश्लेषक पीताम्बर दत्त शर्मा "
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Thursday, October 10, 2019

"अड़ियल ,सड़ियल और बकियल भारतीय विपक्ष"!!

प्रिय पाठक मित्रो ! सादर नमस्कार !!
                              आज हम भारत के विपक्षी नेताओं के लम्बे समय तक सत्ता में रहने के कारण उनके बिगड़े स्वभाव की चर्चा करेंगे !आज लगभग सभी मुख्य विपक्षी नेता स्वभाव व व्यवहार से "अड़ियल ,सड़ियल और बकियल हो गए हैं ! आज वे भारत की सरकार ,संवैधानिक संस्थाओ ,प्रशासनिक अफसरों और न्यायालयों तलक को सीधे दोषारोपण ही नहीं करते बल्कि आदेश देते भी नज़र आते हैं !
                                  उनका ये व्यवहार जनता का कोई हित नहीं करता ,उल्टे देश की प्रगति मे बाधा ही बनता है !उनका सत्ता पक्ष की सफलताओं पर जलना ,हर बात पर अड़ जाना ,संसद व टीवी की बहस में बकना और गरियाना ,देश की प्रतिष्ठा पर एक बड़ा प्रहार होता है !अगर कोई समझे तो !
                                    उनका बड़ा कुतर्क ये ही होता है कि "प्रश्न पूछना व विरोध करना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है "!लेकिन वो विपक्षी ये भूल जाते हैं कि "संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादा बनाकर रखना और हर विषय पर सकरात्मक व सार्थक बहस कर उपयोगी सुझाव देना "भी उन्हीं का कर्तव्य है !? किसी बड़े या दुश्मन देश के धन ,लालच ,बिछाए जाल या ब्लैकमेल में फंसकर देश का अनहित तो किसीको नहीं करना चाहिए न ?
                                " सच्चा,कर्तव्यनिष्ठ और मजबूत विपक्ष ,लोकतंत्र की आवश्यकता होता है " !भारतीय विपक्ष ,बुद्धिजीवियों और पत्रकारों का भी ये धर्म हो जाता है कि वे समय समय पर समीक्षा कर जनहित हेतु चेताते रहें ताकि लोकतंत्र बचा रहे !



प्रिय मित्रो ! 
                    सादर नमस्कार !
                                       कुशलता के आदान-प्रदान पश्चात् समाचार ये है कि हमारे इस ब्लॉग में ज्वलन्त विषयों पर लेख-टिप्पणियां होती हैं।जो मित्र पढ़ने में रूचि रखते हों,अवश्य पढ़ें,फिर अपने मित्रों को शेयर करें और अपने अनमोल कॉमेंट्स भी रोज़ाना लिख्खा करें।इसका लिंक ये है - www.pitamberduttsharma.blogspot.com. मुझसे संपर्क करने हेतु मेरा ई मेल एड्रेस ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. मेरा मोबाईल नम्बर ये है - 9414657511. सधन्यवाद ! आपका अपना मित्र पीताम्बर दत्त शर्मा,1/120,आवासन मंडल कालोनी,वार्ड नम्बर 10,सूरतगढ़।जिला श्रीगंगानगर,राज. भारत


आपका एक बार फिर से स्वागत है !प्रिय पाठक मित्रो !!

प्रिय मित्रो !!
एक बड़े अंतराल के बाद आपसे से फिर से विचार सांझा करने का सुअवसर मिलना शुरू हुआ है !!आप सभी मित्रों को बधाई व शुभ कामनाएं !!जल्दी ही आप मेरे लेख पढ़ सकेंगे !!
आपका मित्र 
पीताम्बर दत्त शर्मा 

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...