FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Tuesday, November 26, 2013
मैं भी बन सकता हूं पीएम? -अशोक मिश्र !! ( saabhaar )
मैं आफिस में बैठा कतरब्योंत कर रहा था कि एक आदमी मेरे पास आया और बोला, ‘भाई जी! मुझे आपसे कुछ सलाह करनी है। सुना है कि आप सलाह बहुत अच्छी देते हैं। आपकी जो भी फीस होगी, मैं भुगतने को तैयार हूं।’ मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और धीरे से उसके कान में फुसफुसाया, ‘आप आफिस के बाहर चाय की दुकान पर पहुंचिए, मैं आता हूं।’ थोड़ी देर बाद मैंने चाय की दुकान पर पहुंचकर उससे कहा, ‘हां..अब बताइए, आपकी क्या प्रॉब्लम है?’
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
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मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
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हिंदू शब्द वैदिक साहित्य में प्रयुक्त ' सिंधु ' का तदभव रूप है | वैदिक साहित्य में " सप्तसिंधु " शब्द का प्रयोग हुआ...
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