Monday, November 22, 2010

BHAGWAN BHROSE HINDUSTAN

सभी पाठकों को मेरा सादर नमस्कार ! स्वागत 1 विष्वके सबसे विशाल लोकतंत्र में पांचवें स्तम्भ का विशेष स्थान हे ! जब भी इस देश में भ्रष्टाचार उजागर होता हे तो उसमे पत्रकारिता से सम्बंधित लोगों का सहयोग अवश्य होता हे !ये लोग न्याय पालिका ,जनता एवं कार्यपालिका को सक्रिय करने में सहयोग करते हे ! राजा महाराजाओं के समय में यह कार्य धर्मगुरु किया करते थे !आज का मीडिया इन कार्यों को करते हुए अपना फायदा भी कर लेते हैं                  इसी लिए मेने बिना किसी स्वार्थ के यह ब्लॉग शुरू किया है !हर सप्ताह रविवार को मै किसी न किसी भ्रष्टाचार के विषय पर अपने विचार लिखा करूँगा !आज कर्नाटका के मुख्यमंत्री श्री येद्दियोरप्पा जी के सम्बन्ध में मेरी सोच यही हे की जाँच होने तक उन्हें पद पर नहीं रहना चाहिए !आज हर व्यक्ति दुसरे की तरफ उंगली करके दोषारोपण करता हे !परन्तु हम सब कहीं न कहीं दोषी हे !सारी व्यवस्था बदलनी होगी !या सारे दोषियों को फांसी देनी होगी !सब को फांसी कोई दे नहीं सकता !लेकिन संविधान बदल सकते हे ,प्रकिर्यायें बदल सकते हे !उस के लिए फिर नेताओं के पास जाना होगा !ऐसा नेता कहाँ से लायें जादू तो किसी के पास हे नहीं !तो क्या फिर इस देश को किसी तानाशाह की जरुरत है !मै कहूँगा हाँ !!! इस देश को सही तानाशाह की जरुरत है चाहे कम समय के लिए ही सही , तभी इस देश मै सुधार हो सकता है                                                                                           
              मेरे इन विचारों को आप से पहले भगवान जान  गए ! वे बोले वत्स ! मैंने जो कलयुग बनाया उसका क्या ? मै बोला आप क्यों चिंतित हो रहे हो ऐसा मुमकिन ही नहीं हे ! मै तो भोली भाली जनता को राजी कर रहा था !वो तो इतने मै ही वाह वाह करने लग जाती !अगर श्री राहुल गाँधी के किसी गरीब के घर जाने रोटी खाने से जनता बगोबाग हो सकती हे तो मेरी बातों से क्यों नहीं !तो रिजल्ट यह निकला की ये असम्भव है !

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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