Saturday, January 29, 2011

kuch or kaam dhoond lo manmohan singh ji !! !! !! !! !!

प्यारे पाठक मित्रो,प्यार भरा नमस्कार स्वीकार हो, श्री सुरेश कलमाड़ी जी ने खेल कैसे खेले या खिलाये ? राजा जी ने टूजी लाइसेंस कैसे बांटे?और अब सी .वी .सी.थामस जी की नियुक्ति से पहले कोई केस दर्ज था ,हमारे विद्वान शरीफ और भोले भाले प्रधानमंत्री जी को पता नहीं था ऐसा सरकार के वकील जी ने सुप्रीम कौर्ट में कहा ? ? ? ? ? -----------इन सब बातोंपर मेरा यह कहना है कि माननीय प्रधानमंत्री जी , कोई और काम ढूंढ लो यह कुर्सी आपके काम की नहीं ! ! ! ! ! लोकतंत्र के दुसरे स्तम्भ यानि न्यायिका रोज़ सरकार के गाल पर चांटे मारे जा रही है परन्तु इस यु .पी .ए.सरकार के अफसर ,मंत्री ,प्रधानमंत्रीऔर घटकदल सब बेशरम हैं !  !  !  ! ? ? ?  अभी तो कलयुग का ट्रेलर है फिलम तो अभी बाकि है !  !  !  आगे आगे देखिये होता है क्या  ?  ?  ?  ?                                                            

Tuesday, January 25, 2011

26th janwari 1948 aai - - - - -fir 27th janwari 2011 - - -aai - - - -! ! ! !!!!!!!!!!! !

प्यारे पाठक मित्रो नमस्कार ! आज़ादी मुबारक हो !भारत के संविधान को लागू हुए इतने साल हो गए और न जाने कितने संशोधन हो गए ! फिर भी शराफत कंही दुबक कर बैठी है ,भारतीय संस्कारों का टी .वी. और आज का साहित्य ,सिनेमा कतल कर चुका है !आरक्षण की दीमक इस देश के भाईचारे को खा चुकी है ! अमीर और अमीर हो गया ,गरीब तो बी . पी . एल .और नरेगा के सहारे जीवन काट रहा है , लेकिन बीच वाला तबका ऐसा फंसा है की दो पाटन में पिस रहा है !गुंडागर्दी, हेराफरी, रिश्वतखोरी,मक्कारी, गद्दारी, और नेताओं की बेशर्मी का परचम लहरा रहा है !  !   !   !अब बचा है सिर्फ एक खोल ,फटा हुआ ढोल ,जिसकी खुल चुकी हो पोल !क्यों  --कैसी कही  ?  ?   ?   ?   ? बोलो जय श्री राम  !! !! !!

Thursday, January 20, 2011

KALA DHAN VIDESHON MAIN JAMA KARNE WALON KO FANSI DO ! ! !

प्यारे पाठक मित्रो , नमस्कार !       लोकतंत्र के दुसरे पिल्लर यानि उच्त्तम न्यायालय के दबाव में सरकार ने यह तो बता दिया कि विदेशों में कितना धन जमा है ! लेकिन यह नहीं बताया कि किसने यह देशद्रोह का काम किया है !केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हमारे सयाने प्रधानमंत्री ने कहा कि दुसरे देशों के साथ हमारी संधि टूट जाएगी इसलिए नाम नहीं बता सकते ! प्रणब दा को पूरे देश में प्रचारित करने का जिम्मा सौंपा गया है !विपक्ष को भी सम्झादेंगे ! मेरा यह कहना है कि हमें नाम मत बताओ जिन्होंने यह काम किया है उसे लालकिले के सामने २६ जनवरी को फांसी पर लटकादों तो हमें क्या लेना है नाम जानकर !जो राजा दोषी को दंड नहीं दे सकता उसे राज करने का कोई अधिकार नहीं है ! ऐसे पिलपिले प्रधानमंत्री को हम चाटें ? ? ? ? ?    जो अपना मंत्रिमंडल अपनी इछा से न बना सके ? ? ? ???????     गठबंधन की मजबूरी है तो मत बनाओ सरकार ! !!!! !!!!!     चलने दो राष्ट्रपति शासन ५ साल या १० साल , क्या ये संभव नहीं  ?  ??  ??  ६ महीने तो रह ही सकता है ,उस काल में कई कठोर निर्णय ले कर देश में फैली गंदगी को दूर किया जा सकता है ! है कि नहीं  ? ? ? ? ?

Monday, January 17, 2011

wah bhai wah ! ! ! ! s.montek singh aahluwaliya ji ------------------- ! ! !

प्यारे पाठक मित्रो ,  नमस्ते जी ,   योजना आयोग के उपाध्यक्ष सरदार मोंटेक सिंह आहलुवालिया जी ने फ़रमाया है कि गरीब लोग पेट भरकर और अछा खाने लग्गये हैं इसलिए मंहगाई बढ़ गयी है !अब मैं क्या करूँ इन नीलीआसमानी  पगड़ी वाले गुलामों का ? इन की बुधि पर तरस आता है !भारत की जनता पर दया आती है !मध्यम दर्जे के लोग पिस रहे है और उच्च मध्यम दर्जे के लोग मस्त हैं उन्हें न तो मंहगाई दिखती है और न ही भ्रष्टाचार नज़र आता है ! बड़े स्तर पर न तो विपक्षी पार्टियाँ विरोध कर रहीं हैं और न ही मीडिया कोई क्रांति ला प् रहा है !क्योंकि मिडिया को टी . आर . पी . की फिकर है और सांसदों को अपनी पेंशन की ! ! !स्वार्थ के बिना कोई कार्य नहीं होता यही तो कलयुग की रीत है !ऐसे ही तो नहीं कहते कि सारा आवा ही उत  है   !!  !! !! ---------

Wednesday, January 12, 2011

LO - -KARLYO - - - BAAT ! ! !MAHNGAI AB PRAKIRTIK AAPDA JAISI HAI ! ! !

प्यारे पाठक मित्रो , प्यार भरा नमस्कार स्वीकार करें ! मकर संक्रांति ,लोहड़ी और पोनम की बधाई हो !मेरी तरफ से अपार शुभकामनाएँ भी स्वीकार करें !प्याज़ ,लहसुन ,टमाटर तो दे नहीं सकता महंगाई का जमाना है ! आज का समाचारपत्र  पढ़ रहा था तो एक समाचार पर नज़र पड़ी तो हैरान हो गया रिश्वत देने का एक नया तरीका सामने आया !यु .पी .ए .सरकार के घटक दल महंगाई को लेकर जहां एक दुसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं ! वहीँ एक घटक दल जिसके मंत्री भ्रष्टाचार में जांच का सामना कररहे है के एक नेता ने मनमोहन सरकार को बचने हेतु यह बयान दे दिया कि मंहगाई तो प्राकृतिक आपदा जैसी  है ! हमने तो आज तक यही समझा जाना है कि मंहगाई होने के दो ही कारन हो सकते है !एक किसी वस्तु के उत्पादन  में कमी या फिर सरकार के प्रभन्दन में खराबी !आज जब पूरा विश्व एक परिवार की तरह है कोई भी वस्तु दुसरे देशों से खरीदी या बेचीं जा सकती है तो प्रबंधन में ही कमी हुई ! इसी लिए विपक्ष सरकार को दोषी ठहरा रहा है !सरकार अपने मंत्रियों को बलि का बकरा बनाना चाहती है !अब क्योंकि मंत्री दूसरी पार्टी का है तो ड्रामा हो रहा है !इस पर द्रमुक नेता ने नया तीर छोड़ा है ---------प्राकिर्तिक आपदा ----- तो अनायास मुंह से निकल गया कि -------लो ------- करल्यो ------बात  ! ! ! ! ! !                                     कोई श्रेय लेने कि बात होती तो सब एक ही सुर में राग अलापते  कि ये  तो सोनिया जी ,राहुल जी या मनमोहन जी कि कृपा से काम हुआ है !मंहगाई बढ़ने कि जिम्मेदारी अब कौन लेवे ? ??  ??

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...