Friday, April 29, 2011

mantri --"dhpole shankh " or bade babu -- "chtur " to nahin ????? ????

ज्ञान के भण्डार देश के ज्ञानी सजनो ,ज्ञान भरा नमस्कार स्वीकार करें !!  कल रात मेरे मन में सोने से पहले विचार आया कि कंहीं हम अपने नेताओं को पहचानने में भूल तो नहीं कर रहे ? श्रीमती गोलमा देवी ,श्रीमती राबड़ी देवी जी जैसे कई पुरुष नेता इस बात के समर्थक होंगे |मंत्रियों को जैसे सचिव लोग गाइड करते हैं वैसे ही हमारे मंत्री लोग करते हैं | तभी तो लोग पी.एम्. को दोषी नहीं,पी. एम्. ओ. को दोषी मानते हैं | आरक्षण और गठबंधन कि मजबूरी  भी आड़े आ जाती है |नीरा राडिया और बड़े कार्पोरेट घरानों से भी संपर्क बनाकर रखने पड़ते हैं |मज़बूरी को समझो यारो !! पार्टी ने चुनावों में खर्चा पानी भी करना होता है |

Wednesday, April 27, 2011

"MEETHA -- MEETHA GADUP KADWA THOO --- THOO " ---!!!!!!!!

प्यारे देश वासियों, प्यार भरा नमस्कार    स्वीकारें  !!      गीत याद आ रहा है "भोली सी सूरत आँखों में मस्ती ,आय हाय | कौन न मर जाये मनमोहन सिंह जी की सादगी पर |वार भी करते हैं ,हाथ में तलवार भी नहीं |कोई अच्छा कार्य होता है तो सभी ये कहते नहीं थकते कि सब सोनिया जी व मनमोहन जी के कारन ही हुआ है और जब कुछ बुरा हुआ है तो सब कहते हैं कि पी.एम्.दोषी नहीं पी. एम्.ओ. दोषी है ? राजा को मंत्री किसने बनाया ?कलमाड़ी को पद किसने दिया ? कैसे बच सकते हैं ये लोग जिमेदारी से | पूर्व शिव सेना सांसद और अब कंग्रेस्सी सांसद ने तो एन.डी.टी.वी. कि उदघोषिका को ही डांट दिया कि आप और जनता बहुत जल्दबाजी कर रहे हो |श्रीमती शीला दीक्षित ने भी रिपोर्टर को डांट दिया कि आप को कुछ पता होता नहीं [जो कभी कभी सच भी होता है ] ऐसे ही प्रशन पूछते रहते हो |३० दिनों में सोच समझ कर जवाब दे देंगे जल्दी क्या है ?संजय निरुपम से कोई ये पूछे कि भेया तुम क्यों बिना कहे गवाह बन रहे हो |तुम्हारे सामने बंटवारा थोड़े ही किया होगा ? ये बड़ा खेल है , खिलाडी भी बड़े होंगे ,भले मानुष | सच बोलते आये हो ,सच ही बोलो |ताज़ा मुस्लमान मत बनो | मीडिया वालो आप भी पूरी तैयारी से लग जाओ |पाताल से भी सबूत निकाल लाओ ,कसम खालो ,छोड़ना नहीं सालों को |  

Friday, April 22, 2011

SARV [ BHIKSHA] " SHIKSHA" ABHIYAAN ----------!!!!!!!! JAI HO "BABU"LOGO !!

"सोने की चिड़िया"वाले देश के निवासियों,प्यार भरा नमस्कार !!विश्व का भला चाहने वाली संस्था ने भारत को सर्व शिक्षा अभियान हेतु ढेर सारा धन दिया ,जिससे उन बच्चों को पढ़ाना था और अध्यापकों को गुरु के साथ-साथ माँ बनकर भोजन भी खिलाना था ,जो गरीबी के कारन शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते थे | भारत सरकार ने अपनी राज्य सरकारों के साथ समझोता किया कि ६०% धन केंद्र देगा और ४०% धन राज्य सरकारें देंगी | परन्तु कभी केंद्र बजट समय पर नहीं भेजता ,तो कभी राज्य सरकारें बजट जारी नहीं करतीं | जिससे "बाबु"लोगों को अच्छा बहाना मिल गया उन्होंने भी आये हुए बजट को इधर-उधर करना शुरू कर दिया |जिससे अव्यवस्था फ़ैल गयी | अब हालत ये है कि जिस काम के लिए बजट आता है वो कार्य होता नहीं है |जो काम करना होता है उतना बजट लोकल स्तर पर होता नहीं जिसका नतीजा ये होता है कि कोई भी कार्य समय पर नहीं हो पाता,विद्यार्थियों हेतु भोजन,किताबें,और फल समय पर नहीं मिल पाते | हद तो तब हो जाती है जब सर्व शिक्षा अभियान के अध्यापकों को ६-६ महीनों तक वेतन नहीं मिलता | उन्हें बाज़ार से उधार तक मिलना बंद हो जाता है | अध्यापक बेचारे अपने बच्चे पालें या विद्यालय के ?????अध्यापक सरकार का ऐसा गुलाम है जिसे घटिया से घटिया कार्य में लगाया जा सकता है | चाहे गांव की भैंसें ही क्यों न गिनानी हो | रसोइया विद्यालय का तो बना ही दिया सरकार ने !!!!!!शास्त्रों में गुरु का स्थान माता-पिता से भी ऊपर है | क्या सरकारों को सच में कुछ नहीं पता या जानबूझ कर ऐसा किया जा रहा है !!??  राम ------जाने  !!!!!तभी तो इसे "सर्व भिक्षा अभियान" कहा जाने लगा है |खुदा  खैर  करे !!!!!!

Thursday, April 21, 2011

EK TO KRELA WO BHI 50\- RS. K.g.

नमस्ते इंडिया,और संसार के बढ़िया दोस्तों,  !! कहावत है की "एक तो करेला ,ऊपर से नीम चढ़ा" |भारत में सब्जियां पहले मुफ्त मिलती थीं, फिर वस्तुओं का आदान-प्रदान शुरू हुआ |आजकल रुपयों से मिलती है,ये सारी प्रकिर्या ७० वर्षों में पूरी हुई |आजकल तो करेला,भिन्डी,शिमला मिर्च और तोरी ५० रूपये किलो मिलरही है |लहसुन २५०\ - तक बिक चुका,फलों का तो भाव सुनते ही रक्तचाप बढ़ जाता है |भाव तो भाव,खाने वाली वस्तुओं का आकार,स्वाद भी असली नहीं है |उपरसे किसी पर पोलिश हुई होती है तो कोई स्टोर किया होता है |इतना ही नहीं फलों को पकाने व मीठा करने हेतु कई जहरीली दवाइयों और रंगों का इस्तेमाल किया जाता है |खानेपीने की कोई वस्तु बची होगी जिसमे किसी प्रकार की मिलावट न हो |क्या ये भ्रष्टाचार नहीं,इसे कौन रोकेगा ???? क्या ये विज्ञान की गलती है ???? सोचिये !!!!!!!!!!!!!!!!!!!

Saturday, April 16, 2011

VIDESHEE TUKDON PAR PALNE WALE N. G. O.KYA DESH BHAGAT HAIN ??

राम-राम, दोस्तों, समाजसेवी भी कई तरह के होते हैं | कोई देसी तो कोई विदेशी ,देसी समाज्सेविओं को तो अपने आसपास से धन इकठ्ठा करके ,दानदाताओं के अनुसार समाजसेवा के कार्य करवाने होते हैं| विदेशी समाजसेवी विदेशों के धन पर उनके अनुसार समाजसेवा के कार्य करते हैं| विदेशी सरकारें उसमे अपना हित भी साधती हैं| इसी तरह के समाजसेवी भारत में भी भारी मात्रा में पाए जाते हैं| सच तो ये है कि भारत विरोधी ताकतों के एजेंट हर कार्यक्षेत्र में इस तरह से घुलमिल गए हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल है | हर पार्टियों के नेताओं,सरकारी कर्मचारियों,पत्रकारों,सुरक्षाबलों और आम जनता तक में वे घुलमिल चुके हैं कि पता ही नहीं चलता |भारत कि माटी में जन्मे,भारत की कमाई से पलने,बढ़ने,और समाजसेवा करनेवालों अपने चारों और ध्यान से देखो ,कंहींहम ऐसे गद्दारों के इशारों पर तो नहीं नाच रहे | भारतीयों, ढूंढो , और नंगा करो ऐसे लोगों को | जांच होनी चाहिए उन समाजसेविओं की जिन्हें विदेशी सरकारों से इनाम पा चुके हैं |चाहे वो मेधा पाटेकर हो या अन्ना हजारे,मल्लिका साराभाई,हो या स्वामी अग्निवेश,शबाना आज़मी हो या बरखा दत्त,महेश भट हो या आमिर खान,आदि-आदि| नजाने कितने हैं और किन-किन वेशों में हैं | इनकी संस्थाओं को चंदा देने वालों की भी पूरी जाँच होनी चाहिए ,पर सवाल ये पैदा होता है कि जाँच करेगा कौन ? सब जगह तो दुश्मन विराजमान है |सभी अधिकार प्राप्त संसद कमेटी ही ये कर पायेगी | है ये काम बड़ा जरूरी |    

Tuesday, April 12, 2011

BAHNO OR BHAYIO --------"-BE CHILD" ----- LIVE HAPPY --- !!! !!!!

BHNO OR BHAYIO ,PYAAR BHARA NAMASKAR !! BACHPAN ME HASTE,NACHTE,ROTE,KHELTEOR LADTE BHI THE HUM BHAI BAHAN . LAKIN BADE HO KAR HUM KIS PRAKAAR KE BUDHIMAAN BAN JATE HAIN KI HAMEN EK BAAT KE CHAAR-CHAAR MATLAB SAMAJH AANE LAGTE HAIN.OR FIR HUM APNE CHARON OR OONCHI-OONCHI DIWAREN KHADI KAR LETE HAIN .ISKA NATIJA YEH NIKALTA HAI KI BINA SWARTH KE HUM KUCH BHI NAHI KARTE .SIRF OPCHARIKTAAEN KARTE REH JAATE HAIN .KAL NOEDA ME DO BAHNE "SONALI" OR "ANURADHA" KAMRE ME BANDH PAI GAIN .6MAHINO SE UNHONE KUCH BHI NAHIN KHAYA-PIYA,EKBAHAN TO APNE PRAAN BHI GAWAN BATHI .BHAI KAHTA HAI KI UNHE IS BAAT KA SHAK THA KI KANHI WO UNHE SAMPATTI DEGA YA NAHIN .ISLIYE USNE SAB KUCH UNHE DEKAR KINARA KAR LIYA .BAAD ME TEENO NE AAPAS ME SAMPARK HI NAHI KIYA KYON ?????? KYONKI AB VE BACHE NAHI RAHE THE .SYAANE HO GAYE THE .MAIN KAHTAA HOON BHAADH ME JAAYE AISE SYANAP .BACHPAN ME JAB BHAAI BAHAN LADTE HAIN TO MA-BAAP YA BADE BHAI BAHAN SAMJHOTA KRAA DETE THE .PRANTU AB KOUN BEECH ME PADE ? SYANAP SWARTH PAIDA KAR DETA HAI OR SWARTH HAME KAMRE ME BANDH KAR DETA HAI .OR HUM SYANE BAN KAR KAHTE HAIN KI "HAM KYA KAREN",HAMEN KYAA LENA DENA -----AADI AADI .KANOON BHI ISME BRABAR KA DOSHEE HAI . PAHLE MA-BAAP APNI LADKIYON KO SHADI ME DAHEJ DE KAR,BAAD ME JINDGI BHAR USE MAYKE AANE PAR UPHAAR DETE THE .BHAAI BHI IS PRTHA KO AAGE CHLATAA THAA .BAHAN KO SAMPATTEE KA HISSA OR BHAI KA PYAAR DONO MIL JATE THE .PRANTU DAHEJ KE LOBHIYON NE IS ACHEE PRATHA KO ABHISHAAP BANA DIYA .IS GHATNA SE HAME YAHI SABAK MILTA HAI KI JINGI SE MAASOOMIYAT OR BACHPNAA KABHI BAHAR NAHIN JANA CHHIYE ." PYAAR BANTTE CHALO" ------- '

Sunday, April 10, 2011

LATON KE BHOOT BAATON SE NAHIN MAANTE !! !! !! ????????

सब कुछ जल्दी जल्दी करने वाले भारतीयों !! फटाफट नमस्कार !!हमारे शिक्षामंत्री माननीय कपिल सिब्बल जी कल एक कार्यक्रम में बोल रहे थे कि नया लोकपाल बिल क्या करेगा?और क्या नहीं |मुझे तो उनके स्टाइल ने प्रभावित किया | कितनी मक्कारी से बोल रहे थे ? कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं में ये बीमारी उचित मात्रा में पाई जाती है | परन्तु इसे कब प्रगट करना है कब नहीं यही कलाकारी है | सर्व श्री देवे गोडा, लाल्लू यादव,रघुवंश प्रसाद सिंह,मुलायम सिंह,बहन मायावती और कामरेडों सहित संसद के कई नेता व मुख्यमंत्री महोदय समय समय पर अपनी कलाकारी दिखा चुके हैं | बी.जे.पी.वाले भी इस कला में माहिर होते जा रहे हैं |किसी ने ठीक ही कहा है कि ,    "लातों  के  भूत बातों  से नहीं मानते  !!  !!  !!मिडिया वालों कमर कस लो पहले उन सबका इतिहास छापो जो बड़े भ्रष्टाचारी हैं | फिर जनता को यह बताओ कि किसको क्या सजा मिली ??और मिडिया वालो भगवान के लिए इस विषय पर आप भी दुकानदारी बंद करदो | ये लड़ाई ५-६ दिनों में समाप्त होनेवाली नहीं है !! समाजसेवक , संत,सिपाही , मीडिया और युवा पीढ़ी को  लम्बी लड़ाई लड़नी होगी  !!अन्ना जी , बाबा रामदेव जी आदि-आदि महापुरशो  !!!!!!   !!!!!   !!!!! जागो ---जागते ----रहो      !!!!!!! 

Saturday, April 9, 2011

KALE ANGREJON KE KHILAF LADAAI - ANNA HAJARE,LAGE RAHO MUNNA BHAAI !!

जीत के जशन में डूबे भारतीयों,नमस्कार !! कौन हैं ये काले अंग्रेज? ये वो लोग हैं जो देश के आज़ाद होने के बावजूद अंग्रेजों जैसी पढाई,कानून,पुलिस,रहन-सहन,और न्यायिक प्रकिर्या के समर्थक हैं | सन १९४७ में बंटवारे के बाद देश में पढ़े-लिखे ,भारतीय सभ्यता वाले नेता चाहते थे कि हमारी सभ्यता अनुसार कानून बने, भारतीयता से भरी शिक्षा पद्धति हो,भारत में केवल वोही  लोग रहें जो भारत की धरती को अपनी माँ  मानते हो आदि आदि| लेकिन देश में, विदेशों में पढ़े हुए नेता अंग्रेजों के अधिक नज़दीक थे | अंग्रेज चाहते भी यही थे कि हमारे जाने के बाद हमारे ही पिठू भारत में शासन करें ताकि भविष्य में भी अंग्रेजों का कंट्रोल रहे | तब से नेताओं की भारत में दो जातियां बन गयीं ,एक सेक्युलर और एक साम्प्रदायिक | वि.पी.सिंह जी ने देवी लाल जी से डरते हुए जब मंडल कमीशन लागू किया तो नेताओं की एक और जाती पैदा हो गयी जो केवल जातिगत वोटों पर आधारित राजनीती करने लगे |और कारणों के साथ साथ ये उपरोक्त कारन भी रहे देश के गर्त में जाने के | बाबा रामदेव जी पिछले कई वर्षों से भ्रमण कर जनता को जागृत कर रहे थे | लोहा गरम था ,कई देशों में क्रांतियाँ हो रहीं थी ,सर्वोच्च न्यायालय सरकार की हर बात पर पिटाई कर रहा था |विपक्ष संसद में सरकार को लानत भेज रहा था |मीडिया चीख रहा था | रामदेव जी का महूरत नहीं NIKLA  | और श्री अन्ना हजारे विश्व कप के पीछे से अचानक प्रगट हुए ,अनशन पर बैठ गए,सरकार मात्र चार दिनों में मान गयी इसी लिए मुझे दाल में कुछ काला लगा | जनता तो १०० सालों में एकबार जगती है |कहीं ये सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम तो नहीं था ? भगवान करे ये झूठ हो !! बाबा रामदेव जी के लिए अब कम विकल्प बचे हैं | आगे आगे देखिये होता है क्या ??      

Friday, April 8, 2011

ANNA JI KANHI YE ANSHAN CIRKET KI TARAH FIX TO NAHEEN?? ?? ??

प्यारे देश वासिओ,क्रांति कारी नमस्कार !! प्रसिद्ध समाजसेवी श्री अन्ना हजारे जी आमरण अनशन पर बैठ गए और देश भर से समर्थन भी भरपूर मिल रहा है |लेकिन जितनी जल्दी सोनिया जी का समर्थन में ब्यान आया और जितनी जल्दी अन्ना जी पिघल गए उस से शक पैदा होता है कि कंही ये अनशन किरकेट की तरह फिक्स तो नहीं?? क्योंकि जिस सरकार के मंत्रिओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं उसकी अगवाई सोनिया जी ही तो कर रहीं हैं |क्या ये बाबा राम देव के आन्दोलन की धार को कमज़ोर करने का कोई विदेशी ताकतों के साथ मिलकर खेल तो नहीं रचा जा रहा ??सभी राजनितिक पार्टियाँ और मिडीया सोच समझ कर निर्णय ले|आम जनता तो भोली है,जंतर मंतर पर कुछ ऐसे लोग भी पधार रहे हैं जिन की भूमिका भूतकाल में संदिग्ध रही है| मैं तो यही कहूँगा कि  "जागते  ----- रहो"  !!  !!  !! 

Sunday, April 3, 2011

CHAITRA SHUKLA PRATIPADA VIKRMI SAMVAT 2068 KI BADHAAI--!!

हिन्दू सभ्यता के लोगों को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा,विक्रमी संवत २०६८.आप सब के लिए ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये !!बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें !!  इस नए साल पर खिलाड़ियों ने जीत का तोहफा दे कर देश का मान बढाया है !वहीँ इन नेताओं ने भी अपना काम कर दिया है !!भारत की किरकेट टीम को मुख्यमंत्रियों ने अपने प्रान्त के अनुसार बाँट लिया है!! फिर ये खिलाडी जातियों में बाँटेंगे और बाद में धर्मों में बंटेंगे!!क्या एक जगह इकठा करके राष्ट्रपति महोदया या प्रधानमंत्री जी से ये इनाम नहीं दिलाये जा सकते थे ?उस कार्यक्रम में मुख्यमंत्रियों को भी बुला लिया जाता तो कितना अछा होता !!भगवान् सब को सदबुधि दे !! आमीन !!

Saturday, April 2, 2011

MUGHE B. P. L. BANAADE RAAM ----------------!! !! !!

और दोस्तों क्या हाल है !!प्यार भरा नमस्कार स्वीकार करे !एक प्यार ही है चाहे जितना लेलो,चाहे जितना देदो,कोई मोल नहीं देना पड़ता !मगर दाल,रोटी,सब्जी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी चीज की कीमत चुकानी पड़ती है !कीमत देने के लिए रुपया होना चाहिए वही तो है नहीं इसी लिए भगवान् से प्रार्थना करनी पड़ी की हे भगवान् !मुझे बी.पी.एल.बनादे राम !भगवान् बोले मुझसे सरकारी कार्यों की अपील मत करो,उचित कोर्ट में अपील करो,मैं तो एक प्रकार का ही मनुष्य,ओरत या मर्द ,बनाता हूँ !जातियां,धर्म .उंच,नीच,सब इंसान खुद बनाता है !उसके बाद मैंने अमेरिका के सामने अपनी बात रखी,तो वे बोले हम तो लोकतंत्र की रक्षा के लिए हथियार देते हैं,बाद में अपना आदमी वहां का मुखिया बना देते हैं,रोटी,सब्जी हम बनिबनायी खाते हैं,अपने प्रधानमंत्री जी के पास जाओ,मैंने पी.एम्.जी से गुहार लगाई,वे बोले हम भी दुनिया की पांचवीं शक्ति  हैं,दूसरी शक्ति बनना है !इस लिए हम या तो बी.पी.एल.को दाल.रोटी.और रोजगार देते हैं,या फिर अमीर घरानों को प्रसन्न रखते हैं !तुम कौन हो?मैं बोला,सरजी मैं बीच वाला हूँ !पी.एम्.जी बोले तू तो पिसेगा,और अपने आप को गरीब कहेगा परन्तु कोई तुम पर विशवास नहीं करेगा !!गरीब तुझे सेठ जी कहेगा और मंहगी चीज बेचेगा तथा अमीर तुझसे मीठा बोलकर अपने सारे काम निकलवा लेगा !तू बार बार ठोकरें खायेगा !!तू   ही सभी पार्टियों के बारी बारी से प्रधानमंत्री बनाएगा,फिर पछतायेगा !!

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...