" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !!
कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए , जग हँसे हम रोये ! ऐसी करनी कर चलो , हम हँसे जग रोये !! शारीर को एक चादर के सामान मानते हुए कबीर जी ने मानव शारीर की बहुत ही सुन्दर तुलना की है ! हमारी ये चादर , राम और श्याम नामक रस में भीगी हुई है !! अष्ट कमल का एक " चरखा " बना , और पांच तत्व की " पूनी " बनी ,"नो-दस मास" बुनने में लगे और हम मूर्खों ने इसे कितना मैला कर दिया ??
जब हमारी चादर बन के घर आ गयी तो रंगरेज़ को दीन्ही , यानी " शिक्षक "यानी गुरु के पास भेजा गया , उसने उत्तम शिक्षा देकर इसे लाल रंग दे दिया !! आगे कबीर जी हमें शिक्षा भी दे रहे हैं की ये स्पेशल चादर ओढ़कर कोई शंका मत करना , मुरख लोग भेद नहीं जानते इसीलिए हर दिन हम इसे मैली करते रहे !
आगे कबीर जी बताते है हम लोगों को समझाते हुए कि ये चादर " ध्रुव - प्रहलाद और सुदामा जैसे भक्तों ने ओढ़ी थी , जिन्होंने जैसी चादर पायी थी बिलकुल वैसी ही वापिस कर दी थी !! उन्होंने इसपर कोई भी दाग नहीं लगने दिया था !!
आइये अब हम अपने बारे में बात करते हैं कि हमने इश्वर द्वारा दी गयी इस शरीर रुपी चदरिया का क्या हाल करके रख दिया है ! ???
हमने अपने शारीर के अन्दर बसे आत्मा रुपी इश्वर की कही हुई बातें सुनना बिलकुल बंद कर दिया है !! मोह-माया-क्रोध-लोभ और अहंकार में हम इस कदर फंस चुके हैं कि हमें कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा !! कोई रास्ता दिखने की कोशिश भी करता है तो हम उसे ही " पागल घोषित कर देते हैं !!
भगवन श्री कृष्ण का कल जन्मदिन आ रहा है !! मेरी तो प्रभु जी से बस यही प्रार्थना है कि जो आपने गीता में वचन दिया था अब उसे पूरा करने का वक्त आ गया है !! प्रभु अब कल्कि भगवान को प्रकट करवाओ ताकि जनता दुष्टों के प्रकोप से बाख सके !!
आज के प्राणी को सभी ग्रंथों के सार का पता है , सभी प्रकार के ज्ञान से वो परिचित है फिर भी वो पाप करने से नहीं घबराता है !! सभी तरफ " इंसानियत के दुश्मन " घूम रहे हैं !! बस ऊपर वाला ही मेहर करे तो करे !!
" जय श्री राम और जयश्री श्याम तो बोलना ही पड़ेगा !! सभी पाठक मित्रों को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई !! सब मेरे साथ जोर से बोलिए :- धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो , प्राणियों में सद्भावना हो , विश्व का कल्याण हो , हर हर महादेव !!!!!!!!
प्रिय बन्धुओ और प्यारी बांध्वियो !!
सादर - सप्रेम नमस्कार !!
हमारे ब्लॉग " फिफ्थ-पिल्लर - कोरप्शन - किल्लर " ( 5th pillar corruption killer ) को आप इस लिंक पर जाकर रोज़ाना पढ़ें , शेयर करें तथा अपने अनमोल कोमेंट्स हमारे ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !! क्योंकि आपके कीमती कोमेंट्स ही हमारे लिए " च्यवनप्राश " का काम करते हैं !! आप चाहें तो हमारी कोई भी पोस्ट को आप किसी भी समाचार पत्र में प्रकाशित कर सकते हैं !! हमारे ब्लॉग के सारे लेख आपको हमारी फेस-बुक , गूगल +, पेज और ग्रुप्स में भी मिल जायेंगे !! जो भी मित्र अपने लेख हमारे ब्लॉग में प्रकाशित करवाना चाहें वो हमें इ मेल करें !! pitamberdutt.sharma@gmail.com. हमारे ब्लॉग का लिंक ये है :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com . और हमारी फेस-बुक का लिंक ये है :- www.facebook.com/pitamberdutt.sharma.7 .
हमारा पता ये है :- पीताम्बर दत्त शर्मा ,
हेल्प-लाईन -बिग-बाज़ार,
पंचायत समिति भवन के सामने,
सूरतगढ़ , जिला श्री गंगानगर ,
मो. न. 09414657511.
फेक्स :- 01509222768.
कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए , जग हँसे हम रोये ! ऐसी करनी कर चलो , हम हँसे जग रोये !! शारीर को एक चादर के सामान मानते हुए कबीर जी ने मानव शारीर की बहुत ही सुन्दर तुलना की है ! हमारी ये चादर , राम और श्याम नामक रस में भीगी हुई है !! अष्ट कमल का एक " चरखा " बना , और पांच तत्व की " पूनी " बनी ,"नो-दस मास" बुनने में लगे और हम मूर्खों ने इसे कितना मैला कर दिया ??
जब हमारी चादर बन के घर आ गयी तो रंगरेज़ को दीन्ही , यानी " शिक्षक "यानी गुरु के पास भेजा गया , उसने उत्तम शिक्षा देकर इसे लाल रंग दे दिया !! आगे कबीर जी हमें शिक्षा भी दे रहे हैं की ये स्पेशल चादर ओढ़कर कोई शंका मत करना , मुरख लोग भेद नहीं जानते इसीलिए हर दिन हम इसे मैली करते रहे !
आगे कबीर जी बताते है हम लोगों को समझाते हुए कि ये चादर " ध्रुव - प्रहलाद और सुदामा जैसे भक्तों ने ओढ़ी थी , जिन्होंने जैसी चादर पायी थी बिलकुल वैसी ही वापिस कर दी थी !! उन्होंने इसपर कोई भी दाग नहीं लगने दिया था !!
आइये अब हम अपने बारे में बात करते हैं कि हमने इश्वर द्वारा दी गयी इस शरीर रुपी चदरिया का क्या हाल करके रख दिया है ! ???
हमने अपने शारीर के अन्दर बसे आत्मा रुपी इश्वर की कही हुई बातें सुनना बिलकुल बंद कर दिया है !! मोह-माया-क्रोध-लोभ और अहंकार में हम इस कदर फंस चुके हैं कि हमें कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा !! कोई रास्ता दिखने की कोशिश भी करता है तो हम उसे ही " पागल घोषित कर देते हैं !!
भगवन श्री कृष्ण का कल जन्मदिन आ रहा है !! मेरी तो प्रभु जी से बस यही प्रार्थना है कि जो आपने गीता में वचन दिया था अब उसे पूरा करने का वक्त आ गया है !! प्रभु अब कल्कि भगवान को प्रकट करवाओ ताकि जनता दुष्टों के प्रकोप से बाख सके !!
आज के प्राणी को सभी ग्रंथों के सार का पता है , सभी प्रकार के ज्ञान से वो परिचित है फिर भी वो पाप करने से नहीं घबराता है !! सभी तरफ " इंसानियत के दुश्मन " घूम रहे हैं !! बस ऊपर वाला ही मेहर करे तो करे !!
" जय श्री राम और जयश्री श्याम तो बोलना ही पड़ेगा !! सभी पाठक मित्रों को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई !! सब मेरे साथ जोर से बोलिए :- धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो , प्राणियों में सद्भावना हो , विश्व का कल्याण हो , हर हर महादेव !!!!!!!!
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सर मेरा ब्लॉग ज्वाइन करने के लिए आभार |पर मुझे राजनीति में अधिक रूचि नहीं है आपका सन्देश मैंने पढ़ लिया है |
ReplyDeleteआशा