कभी कभी मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि हिंदुस्तान में रह रहे छद्म-सेकुलरों से हर रोज़ लड़ने की बजाए हम सब उनके घरों में एक साथ मेहमान बनकर जाएँ और वापिस लौटें नहीं , पहले हम उनके घरों में पड़ी खाद्य सामग्री ,वस्त्र,और नकदी पर उनसे ज्यादा अपना हक़ जमाएं , फिर उनकी सारी सम्पत्ति के मालिक ही बन जाएँ ! तब इनको पता चले कि आज हिंदुस्तानियों के अपने ही घर में कैसे हालात हैं ??
कुछ ऐसा ही तो हुआ है हमारे साथ पिछले 6 -7 सौ सालों में !पहले "मुग़ल"आये, फिर "फिरंगी"आये ,इन सबने हमें खूब लूटा एवम हमारा शोषण किया ,और फिर इन दोनों की "नाजायज़"ओलादें हम पर ये कहकर और दिखाकर राज करती रहीं कि सबको समान अधिकार और मौके देंगे !लेकिन इन्होंने ना केवल पक्षपात किया ,बल्कि ये हमारे मालिक बन बैठे !यही वजह है कि जब भारत अपने किसी दुश्मन की "ठुकाई"करता है तो "रोने"ये लगते हैं !
ऐसे देशद्रोही लोगों ने अपने घरों को महलों जैसा बना रख्खा है ,हम जैसे लोग तो इनके पहरेदारों से बात तक नहीं कर पाते हैं !इन्होंने देश के क़ानून और सिस्टम को अपनी सुविधानुसार ढाल लिया है !आज इन्होंने पैसे के दम पर हर जगह अपने विशेष "कौए-तोते"बिठा रख्खे हैं , जो समय आने पर इनकी हालात अनुसार रोते या गाने लगते हैं !जैसे "पुरुस्कार वापसी गैंग,झूठे समाज-सेवी और पत्तरकार "आदि !
इसलिए आइये-चलिए !! हम सब "मुलायम,माया,राहुल-सोनिया,ममता" जी एवम उनके प्रवक्ताओं के घर मेहमान बनने चलें !
प्रिय मित्रो , सादर नमस्कार !! आपका इतना प्रेम मुझे मिल रहा है , जिसका मैं शुक्रगुजार हूँ !! आप मेरे ब्लॉग, पेज़ , गूगल+ और फेसबुक पर विजिट करते हो , मेरे द्वारा पोस्ट की गयीं आकर्षक फोटो , मजाकिया लेकिन गंभीर विषयों पर कार्टून , सम-सामायिक विषयों पर लेखों आदि को देखते पढ़ते हो , जो मेरे और मेरे प्रिय मित्रों द्वारा लिखे-भेजे गये होते हैं !! उन पर आप अपने अनमोल कोमेंट्स भी देते हो !! मैं तो गदगद हो जाता हूँ !! आपका बहुत आभारी हूँ की आप मुझे इतना स्नेह प्रदान करते हैं !!नए मित्र सादर आमंत्रित हैं ! the link is - www.pitamberduttsharma.blogspot.com. , गूगल+,पेज़ और ग्रुप पर भी !!ज्यादा से ज्यादा संख्या में आप हमारे मित्र बने अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर !! आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ आयें इसी मनोकामना के साथ !! हमेशां जागरूक बने रहें !! बस आपका सहयोग इसी तरह बना रहे !!
कुछ ऐसा ही तो हुआ है हमारे साथ पिछले 6 -7 सौ सालों में !पहले "मुग़ल"आये, फिर "फिरंगी"आये ,इन सबने हमें खूब लूटा एवम हमारा शोषण किया ,और फिर इन दोनों की "नाजायज़"ओलादें हम पर ये कहकर और दिखाकर राज करती रहीं कि सबको समान अधिकार और मौके देंगे !लेकिन इन्होंने ना केवल पक्षपात किया ,बल्कि ये हमारे मालिक बन बैठे !यही वजह है कि जब भारत अपने किसी दुश्मन की "ठुकाई"करता है तो "रोने"ये लगते हैं !
ऐसे देशद्रोही लोगों ने अपने घरों को महलों जैसा बना रख्खा है ,हम जैसे लोग तो इनके पहरेदारों से बात तक नहीं कर पाते हैं !इन्होंने देश के क़ानून और सिस्टम को अपनी सुविधानुसार ढाल लिया है !आज इन्होंने पैसे के दम पर हर जगह अपने विशेष "कौए-तोते"बिठा रख्खे हैं , जो समय आने पर इनकी हालात अनुसार रोते या गाने लगते हैं !जैसे "पुरुस्कार वापसी गैंग,झूठे समाज-सेवी और पत्तरकार "आदि !
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प्रिय मित्रो , सादर नमस्कार !! आपका इतना प्रेम मुझे मिल रहा है , जिसका मैं शुक्रगुजार हूँ !! आप मेरे ब्लॉग, पेज़ , गूगल+ और फेसबुक पर विजिट करते हो , मेरे द्वारा पोस्ट की गयीं आकर्षक फोटो , मजाकिया लेकिन गंभीर विषयों पर कार्टून , सम-सामायिक विषयों पर लेखों आदि को देखते पढ़ते हो , जो मेरे और मेरे प्रिय मित्रों द्वारा लिखे-भेजे गये होते हैं !! उन पर आप अपने अनमोल कोमेंट्स भी देते हो !! मैं तो गदगद हो जाता हूँ !! आपका बहुत आभारी हूँ की आप मुझे इतना स्नेह प्रदान करते हैं !!नए मित्र सादर आमंत्रित हैं ! the link is - www.pitamberduttsharma.blogspot.com. , गूगल+,पेज़ और ग्रुप पर भी !!ज्यादा से ज्यादा संख्या में आप हमारे मित्र बने अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर !! आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ आयें इसी मनोकामना के साथ !! हमेशां जागरूक बने रहें !! बस आपका सहयोग इसी तरह बना रहे !!
मेरा मोबाईल नंबर ये है :- 09414657511. 01509-222768. धन्यवाद !!आपका प्रिय मित्र ,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
सोच भी जातिवादी-सोनिया,मुलायम,राहुल,मुलायम,माया और केवल एक ममता?
ReplyDeleteक्यों मनीष तिवारी,जनार्दन द्विवेदी,मणिशंकर अय्यर,दिग्विजय सिंह,राकेश शुक्ला,आनन्द शर्मा आदि का नाम लेने में जाति आड़े आ गयी?
राष्ट्रिय सोच को संकीर्ण करेंगे तो आजादी की उम्र लम्बी रह पायेगी-सपने में मत रह जाइयेगा।
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (12-10-2016) के चर्चा मंच "विजयादशमी की बधायी हो" (चर्चा अंक-2492) पर भी होगी!
ReplyDeleteविजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'