Sunday, May 10, 2015

"साठ महीनों में से बारह महीने गुज़र गए मोदी जी " !!- पुण्य प्रसुन वाजपेयी जी से साभार !

आपको नौकरी मिली। नहीं मिली। किसानों को खून पसीने की कमाई मिली। नहीं मिली। जवानों के कटते गर्दन का जवाब सरकार ने कभी दिया। नहीं दिया। महंगाई से निजात मिली। नहीं मिली। बिना घूस के काम होता है। नहीं होता है। घोटालो की सरकार को बदलना है। बदलना है। स्विस बैंक से कालाधन लायेंगे। हां लायेंगे। आपने उन्हें साठ साल दिये। हमे सिर्फ साठ महीने देंगे। हां देंगे। और अब साठ महीनो में से बचे है अडतालीस महीने। तो क्या चुनाव से एन पहले नारे और नारों के साथ जनता की गूंज ने पहले बारह महीनों में देश को एक ऐसे मुहाने पर ला खड़ा किया, जहां नारों से सुर मिलाती जनता को लगने लगा कि सत्ता उसे घोखा दे रही है या फिर अच्छे दिन लाने के वादे के बीच उसी व्यवस्था के मोदी भी शिकार हो गये, जिसने 1991 के आर्थिक सुधार के बाद देश के हर सरकार को दबोचा चाहे वह यूपीए हो या एनडीए या फिर यूनाइटेड फ्रंट। किसानों के मुद्दा आर्थिक सुधार होने नहीं देगा। जवानों का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति चलने नहीं देगा। कालेधन पर नकेल आवारा पूंजी पर टिके विकास की रीढ़ को तोड़ देगा। महंगाई पर रोक बिचौलियों की राजनीतिक साठगांठ को खत्म कर देगा । तो क्या मोदी सरकार के पास विकास का कोई ऐसा माडल है ही नहीं जिसके आसरे देश में एक आर्थिक सोशल इंडेक्स खड़ा किया जा सका। समाज की विषमता को थामा जा सके। यकीनन पहले बरस के बीतते बीतते यही सवाल हर किसी के सामने मुंह बाये खड़ा है कि अगर मनमोहन डिजाइन की अर्थव्यवस्था ही मोदी के विकास के नारे में फिट करनी है तो फिर जो काम मनमोहन सिंह राजनीतिक मजबूरी की वजह से कर नहीं पाये वह काम आसानी से मोदी पूरा तो कर सकते हैं।
                                   लेकिन हाशिये पर पड़े भारत के जिस बहुसंख्यक समाज को मुख्यधारा में लाने के सियासी तानेबाने बुने गये, उन्हें ही हाशिये पर ढकेलना पहले बारह महीनो में मोदी की फितरत बन गई। लेकिन पहली बार किसी सरकार की उपलब्धि कामकाज से ज्यादा चुनावी जीत पर जा टिकी यह भी मोदी के दौर का नायाब सच है। महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू कश्मीर में बीजेपी से ज्यादा केन्द्र सरकार की जीत और मोदी की जीत को ही जिस तरह देश के सामने रखा गया उसने पहली बार यह भी संकेत दिये की चुनाव जीतना और किसी भी तरह सरकार बना लेना ही सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि सरकार अगर काम ना करे तो वह चुनाव हार जाती है। लेकिन कोई सरकार चुनाव जीतते चले तो फिर वह काम कर रही है यह बोलने और दिखाने की जरुरत नहीं है । शायद इसीलिये मोदी सरकार की उपलब्धियो के खाके में फिरौती लेने वाली पार्टी शिवसेना को करार देने के बाद भी साथ मिलकर सरकार बनाने में कोई हिचक नहीं दिखायी दी । बाप-बेटी की पार्टी और पाकिस्तान परस्त राजनीति करने वालो की कतार में मुफ्ती सईद की पार्टी को चुनाव प्रचार में करार देने के बाद भी सरकार साथ मिलकर बनायी । झारखंड में आदिवासियों का सवाल उठाकर गैर आदिवासियो के भ्रष्टाचार की अनकही कहानी चुनाव प्रचार में कही गई लेकिन झारखंड के सीएम के तौर पर गैर आदिवासी को चुना गया। दरअसल मोदी सरकार के पहले बारह महीने चुनावी संघर्ष और मनमोहन की नीतियो को खारिज करने में ज्यादा बीता । सरकार चलाने के लिये सत्ता की ताकत पीएमओ में कैसे केन्द्रित हो इसमें ज्यादा बीता। नौकरशाही और कारपोरेट के बीच मंत्रियो को नीतियां लागू कराने के लिये फाइलो पर चिडिया बैठाने की सोच के आगे कैसे ले जाया जा सकता है इस मशक्कत में ज्यादा बीता। यानी मोदी गुजरात से चलकर ही दिल्ली नहीं पहुंचे बल्कि दिल्ली को हराकर पीएम बने तो उसकी झलक दिखाने में पहले बारह महीने लगे इससे कार नहीं किया जा सकता है। तो अगला सवाल होगा कि
                              क्या पहले बारह महीनो में मोदी सरकार ने सिस्टम की ओवर हाइलिंग भर की है । यानी काम अगले 48 महीनो में होना है। तो सवाल ओवरहाइलिंग का नहीं बल्कि अपनी दिशा को बताने या अपने सियासी अंतर्विरोध को छुपाते हुये आगे बढा कैसा जाये इसपर मशक्कत का ही रहा। मोदी सरकार के लिये पहले बारह
                महीनो में जो सवाल सबसे बडा बना वह मोदी के विकास की अवधारणा की मान्यता का ही रहा। क्योंकि विकास के लिये जिस तरह खुले तौर पर विदेशी निवेश की जरुरत बतायी गई। विदेशी निवेश के लिये भारत के श्रमिक कानूनों में बदलाव लाने की बात सोची गई। उसने मोदी के सामने संघ परिवार की उसी विचारधारा
को सामने ला खड़ा किया जो अभी तक स्वदेशी का राग अपना रही थी । विदेशी निवेश की जगह देसी पूंजी को महत्व देना चाह रही थी। मजदूरों के हितों के लिये संघर्ष करने पर उतारु थी। यानी विकास को लेकर टकराव राजनीतिक विरोधियों से नहीं बल्कि अपनो को ही सहेजना ज्यादा रहा। भारतीय मजदूर संघ
और स्वदेशी जागरण मंच को संभाला गया। तो अगला सवाल विदेशी निवेश के लिये देश में उस वातावरण का आकर खड़ा हो गया जो टिका तो सामाजिक-आर्थिक विसंगतियों के लेकर आजादी के बाद से सरकारों के नजरिये पर था। लेकिन उसे कही भ्रटाचार तो कही लाल फीताशाही से जोड़ा गया। कानूनों में बदलाव लाकर
विदेशी निवेश के लिये सियासी जमीन बनाने की मशक्कत शुरु हुई । लेकिन आखिरी सवाल उस जमीन का आकर खडा हो गया जिसके बगैर कोई योजना देश में लागू हो ही नहीं सकती। तो भूमि अधिग्रहण के सवाल ने किसानो के उस हालात को मोदी सरकार के सामने ला खड़ा किया जिसपर हर सरकार ने ना सिर्फ आखे मूंदी बल्कि आर्थिक सुधार के बाद से तमाम राजनीतिक दलो ने जिस सर्वसम्मती से इस बात पर मुहर लगा दी थी कि खेती अपनी मौत खुद मरेगी । जीडीपी में खेती का योगदान संभव नहीं है । तो खेती को उघोग का दर्जा देना भी बेमतलब होगा । यानी जिस तेजी से किसान किसानी छोड़ रहा है । जिस तेजी से देश में सस्ते
मजदूरो की तादाद बढ रही है।जिस तेजी से खेती के लिये इस्तेमाल हर वस्तु पर बडी कंपनियो ने कब्जा कर लिया है । और जिस तेजी से किसान आहत होकर खुदकुशी कर रहा है उसमें खेती की जमीन पर सिचाई का इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने से बेहतर है, खेती की जमीन पर उद्योग लगा दिये जाये। बड़ी बड़ी योजनाओं को अमली जामा पहना कर विकास की चकाचौंध को विदेशी पूंजी के जरीये देश में ले या जाये। यानी जो सोच 1991 में वित्त मंत्री रहते हुये मनमोहन सिंह ने ड्राफ्ट की उसी सोच को 24 बरस बाद अमली जामा पहनाने में किसी सरकार को बहुमत मिला तो वह मोदी सरकार है। लेकिन पहले ही बरस मोदी इस सच को भूल गये कि आजादी के बाद किसी सरकार को सबसे कम वोट फिसदी के आधार पर सबसे ज्यादा सीटे मिली है। सिर्फ 31 फिसदी और 281 सीट । यानी देश उस दौर में भी बीजेपी को लेकर बंटा हुआ था जब मनमोहन सिंह सरकार के प्रति उसमें गुस्सा था । मनमोहन की आर्थिक नीतियो को उपभोक्ता समाज के लिये माना गया । काग्रेस में दो सत्ता ध्रूव को मनमोहन सरकार के लिये मौत का गीत माना गया । यानी 2014 में जाती हुई सरकार की एवज में जिसे चुना गया उसके पास बहुमत की ताकत तो है लेकिन जनता का वह साथ नहीं है जो अच्छे दिन के नारो में खोने को तैयार हो जाये । असर इसी का है जिस विकास को लेकर राजनीति चुनावी जीत को आधार बनाया गया उसमें बीजेपी को चुनावी जीत तो जनता लगातार यह सोच कर देती चली गई कि न्यूनतम जरुरतो को तो कोई सराकर पूरा करेगी । दूसरी तरफ बीजेपी ने मोदी के आसरे चुनावी जीत के लिये जो रास्ते बनाये वह भी भारतीय समाज को समझे बगैर क्यो पूरे नहीं हो सकते है इसे मोदी सरकार
पहले बरस समझ पायी यह कहना मुश्किल है । क्योकि विकास के लिये जो भी रास्ते बनाये गये उसमें संयोग से दिल्ली मुबई इंडस्ट्री कारीडोर को पूरा करने में राजनीतिक तौर पर तो कोई मुश्किल मोदी सरकार के सामने नहीं है । क्योकि जमीन जिन पांच राज्यो की ली जानी है उनमें बीजेपी की सरकार है । हरियाणा,राजस्थान,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात । सभी जगह बीजेपी की सत्ता । लेकिन इसके बावजूद जमीन कैसे विकास के नाम पर लें ले यह नैतिक साहस राज्य सरकारो के पास है ही नहीं । और इसकी सबसे बडी वजह है विकास की तमाम नीतिया उपभोक्ताओ को ही ध्यान में रखकर बनायाजा रहा है । यानी देश
के नागरिको को लेकर विकास का कोई ब्लू प्रिट मोदी सरकार के पास है नहीं और इससे पहले की सरकारो के पास भी नहीं था । इसलिये जब वित्त मंत्री संसद के भीतर यह कहते है कि मोदी जी की विसाक की सोच से विकास दर आठ फिसदी पहुंच जायेगी । पूंजी ज्यादा आयेगी । तो फिर सिचाई में भी पैसा लगाया जासकेगा । और किसानो का भला होगा । यानी मोदी सरकार की भी वहीं सोच है जो मनमोहन सिंह के दौर में थी कि कारपोरेट/उघोघिक विकास से पूंजी कमायेगें और बचे हुये पैसे को मनरेगा या दूसरे सामाजिक कल्याण के पैकेज से बांटेगे ।मुश्किल उस वक्त भी थी । मुश्किल इस वक्त भी है । लेकिन पहले बरस कीमोदी की सत्ता ने राजनीतिक तौर पर यह पारदर्शिता तो देश के सामने रख दी कि जो सत्ता में होगा उसकी समझ विपक्ष की राजनीति से बिलकुल जुदा होगी । क्योकि मेक न इंडिया का नारा लगाकर दुनिया भर मेंबारत को एक नायाब बाजार के तौर पर रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी संसद में ही राहुल गांधी के इससवाल का जबाब नहीं दे पाते है कि किसान क्या मेक न इंडिया नहीं कर रहा है । और राजनीति जिस तरह जनता को लगातार ठग रही है उसमें कोई राहुल गांधी से भी नहीं पूछ पाता है कि जब बीते साठ बरस से किसान मेक इन इंडिया कर रहा है तो फिर मनमोहन सरकार ही नहीं बल्कि काग्रेस की तमाम सरकारो के वक्तकिसानो को लेकर बजट से लेकर हर नीति में कोई ऐसा इन्फ्रस्ट्रक्चर पैदा क्यो नहीं किया गया जिससे किसान के लिये सरकार हो । और किसान को भी लगे कि उसका वित् मंत्री या प्रधानमंत्री इन्द्र भगवान नहीं बल्कि चुनी हुई सरकार ही है ।
यानी जिन सवालो को लेकर देश का हर नागरिक अपने अपने दायरेमें जुझ रहा है पहली बार किसी सरकार के अंतर्विरोध ने उसे ना सिर्फ सतह पर ला दिया है बल्कि यह सवाल भी खडा कर दिया है कि बहुमत के साथ चुनावी जीत के बाद भी अगर कोई वैकल्पिक इक्नामिक माडल किसी सरकार के पास नहीं है तो फिर देश की राजनीति उसी दिशा में जायेगी जिसके खिलाफ खडे होकरनरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार में उम्मीद की आवाज दी ।  और देश भी मोदी के साथ चलने को इसलिये तैयार हो गया क्योकि हर पार्टी का कांग्रेसीकरण हो चला था। यहां तक की दिल्ली में बैठे बीजेपी के नेता भी कांग्रेस की नीतियों से इतर सोच नहीं पा रहे थे। इसलिये गुजरात से निकलकर लुटियन्स की दिल्लीको बदलने के ख्वाब मोदी ने जगाया । लेकिन पहले बारह महीने तो यह लगते हैं कि मोदी भी लुटियन्स की दिल्ली के रंगो में खो रहे हैं। मनाइये कि बाकि बचे 48 महीनो में अच्छे दिन की आस बरकरार रहे।

Wednesday, May 6, 2015

"2000 आँखें चिकितसकों ने कूड़े दान में फैंक दीं "! अब करना भी क्या है इन " आँखों " का ??- पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक )

  आँखों का भी एक अलग संसार है ! नीली आँखें,भूरी आँखें ! तो किसी की काली आँखें या फिर बिल्लोरी आँखे ! छोटी आँखें , बड़ी आँखें ! झील सी गहरी आँखें तो किसी की नशीली आँखें ! किसी शायर ने कहा था कि " उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता ! जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान हैं आँखें !!
किसी गीतकार ने लिखा कि " ये आँखें देखकर हम सारी दुनिया भूल जाते है "! तो किसी को इन आँखों में अंगारे नज़र आये !जी हाँ पाठक मित्रो ! आँखों पर हज़ारों गीत और शेयर लिखे जा चुके हैं ! बड़ी नियामत मानी जाती हैं ये हमारी आँखें ! लेकिन आज जैसे ही मैंने समाचार पत्रों में ये चौंकाने वाला समाचार पढ़ा कि हरियाणा विधानसभा मैं किसी सदस्य ने ये रहस्य उजागर किया है कि p.g.i.हस्पताल के नेत्र-विशेषज्ञों ने इस वर्ष 2000 से ज्यादा दान में दी गयीं आँखों का ज़रूरतमंदों में सदुपयोग नहीं किया बल्कि उन्हें कूड़ेदान में फैक दिया है ! तो मन में कई प्रश्न उठने लगे ! परन्तु  उत्तर देने वाला मेरे सामने कोई नहीं था !
                        मानव मन में कोमलता समाप्त हो चुकी है ! एक समय वो था जब महा कवि सूरदास जी अपने मन की आँखों से ही भगवान कृष्ण की मूर्ति पर किये गए श्रृंगार का सच्चा वर्णन अपने दोहों में रोशन कर दिया करते थे ! आज हम आँखें होने के बावजूद दुनिया में घट रहे अत्याचारों को नहीं देख पा रहे हैं ! देख लेते हैं तो उसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठा पा रहे हैं , तो ऐसी आँखों का कोई करे भी तो क्या ??हमारे देश की आँखों पर तो पट्टी बंधी है इसलिए वो न्याय करने पर दस-बीस साल भी लगा देती हैं ! हमारे बुज़ुर्ग तो किसी की आँखें देख कर ही बता देते थे की ये आदमी दोषी है या नहीं ??
                            हालांकि हरियाणा के चिकित्सा मंत्री जी ने आश्वासन दिया है कि मामले की जाँच करवाई जायेगी , लेकिन मित्रो ! मुझे पूर्ण विश्वास है कि वो उन चिकितसकों को सज़ा नहीं दिलवा पाएंगे ! क्योंकि उनकी आँखों में मुझे वो हौसला दिखाई नहीं पड़ा जिसकी इन कामों में बहुत आवश्यकता होती है !इस लिए मेरी आँखें भी आसमान की ओर देखकर उस परमात्मा से ही गुहार लगा रही हैं ! की हे भगवान ! सब पर अपनी कृपा बरसाओ और सबको सद्बुद्धि दो भगवान ! सबको सुखी करो भगवान ताकि कोई मेरे ऊपर  आकर ना पड़े मुसीबत के रूप में ! हा - हा - हा - हा .............!"
                                                    जय श्री राम !!!! 
                                                                           आपसे मित्रता करके मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है ! आपके जनम दिन की आपको हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं !! कृपया स्वीकार करें ! आपका जीवन सदा खुशियों से भरा रहे !! मेरा फेसबुक,गूगल+,ब्लॉग,पेज और विभिन्न ग्रुपों की सदस्य्ता ग्रहण करने का एक ख़ास उद्देश्य है ! मैं एक लेखक-विश्लेषक और एक समीक्षक हूँ ! राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय ज्वलंत विषयों पर लिखना -पढ़ना मेरा शौक है ! मैं एक साधारण पढ़ालिखा और साफ़ स्वभाव का आदमी हूँ ! भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से प्यार करता हूँ ! भारत देश के लिए अगर मेरे प्राण काम आ सकें तो मैं इसे अपना सौभाग्य मानूंगा !परन्तु किसी संत-राजनितिक दल और नेता हेतु नहीं !मैं एक बिन्दास स्वभाव का आदमी हूँ ! मेरी मित्र मण्डली में मेरे बच्चे और रिश्तेदार भी शामिल हैं ! तो भी मैं सभी विषयों पर अपने खुले विचार रखता हूँ !! आप सब का हार्दिक स्वागत है मेरे जीवन में !! मैं आपकी यादों - बातों को संभल कर रखूँगा !!


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सधन्यवाद !!
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पीताम्बर दत्त शर्मा,
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Tuesday, May 5, 2015

" समय की मांग स्वरूप रचा जाने वाला है एक ऐतिहासिक " सनातन - वेब ग्रन्थ ", आप सब के सहयोग से ! आइये साथ चलें भारत-भ्रमण पर 2018 से ! - पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक)

माननीय मित्र जनो ! सादर नमस्कार ! जैसा कि आप सब जानते हैं , हर तरफ , हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार सहित कई बुराइयों ने अपना घर बना लिया है ! धार्मिक कार्य , ज्ञान और स्वयं धर्म भी इस से बच नहीं पाया है !!ऐसा लगने लगा है कि जैसे बुराइयों से युक्त जीवन गुज़ारना ही हमारा भाग्य है ! लेकिन अगर इंसान चाहे तो क्या नहीं हो सकता है ?? ऐसी ही भावना के मन में जागने पर आपके इस मित्र ने भगवान की प्रेरणा , माता-पिता द्वारा मिले संस्कारों और आप सब मित्रों की सांगत से मिले ज्ञान एवं सहयोग की आशा से एक ग्रन्थ रचने की भावना मन में पैदा हुई है ! ये शुभ कार्य इतना बड़ा और कठिन है कि आप के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकता है ! इसी लिए ३ वर्ष पहले ही इसकी योजना बनायीं जा रही है ! आपके सुझाव और सहयोग सादर आमंत्रित हैं ! अभी मोती-मोती रूप-रेखा ही तैयार हो रही है ! आपके सुझावों को जोड़ने के पश्चात ये कार्य योजना सफलता को छूने वाली बन जायेगी !

आप सबसे अनुरोध है कि आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ये विषय सबको मालूम हो जाए !अपने अनमोल सुझाव भी हमारे ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें ! "लो मित्रो !! वानप्रस्थाश्रम और आध्यात्म यात्रा की ओर जाने की तैयारी शुरू कर रहा हूँ "!!बात ये है कि सन 2015 की 1 जनवरी से मैंने सभी प्रकार की राजनितिक-सामाजिक सक्रिय गतिविधियों को त्याग दिया है ! सभी प्रकार की बुरी आदतें 31 दिसंबर 2010 से ही छोड़ दी थीं !इसी के साथ भोजन भी एक समय कर दिया है !क्योंकि - जीवन के ऐसे मोड़ पर आ चुका हूँ, जहाँ ये सोचना आवश्यक हो गया है कि हमारा जन्म इस धरती पर किस उद्देश्य की पूर्ती हेतु हुआ है ?गृहस्थाश्रम की लगभग सभी जिम्मेदारियाँ पूरी होने को हैं !जो एक-आध बाकी है वो भगवान पूरी करवा ही देंगे !राजनितिक और समाजसेवी संगठनों के रंग, जो हमें हमारे जीवन में दिखे,वो मुझे अपने साथ ज्यादा कभी भी बाँध ही नहीं पाये !जब तक इनमे रहा भी, तो, मैं एक प्रकार की असहजता ही महसूस करता रहता था !इसलिए इनको छोड़ने में भी मुझे ज़रा सी भी दिक्कत महसूस नहीं हुई ! मित्रो !! अपने आगामी जीवन काल में, मैं आपके साथ मिलकर एक बड़ा ही नेक उद्देश्य पूरा करना चाहता हूँ ! मुझे पूर्ण विश्वास है की आप सबका साथ इस उद्देश्य को पूरा करने हेतु मुझे अवश्य मिलेगा ! मैं आज आपके साथ अपना वो उद्देश्य भी साँझा करना चाहता हूँ ! उद्देश्य ये है -: जीवन के अनुभव से मुझे ये ज्ञात हुआ है कि सनातन धर्म के ज्ञान से भरे ग्रंथों,स्थानों एवं अन्य बहुमूल्य वस्तुओं को पहले मुस्लिम लुटेरों और फिर अंग्रेजी शासकों ने खूब लूटा जलाया और अपने साथ भी ले गए ! आज जो हमारे पास ग्रन्थ बचे हैं , वो अधूरे और टूटी-फूटी कड़ियों वाले हैं ! जिनका फायदा उठाकर कई आडंबरी ठगों ने साधू बनकर या अपना धर्म बनाकर एक प्रकार की दुकानें खोल ली हैं ! कई नेता और फिल्म-नाटक निर्माता भी इसका फायदा उठाकर करोड़ों कमा चुके हैं ! ठगे हमारे भोले सनातन-धर्मी लोग ही जाते हैं !आज हमें किसी देवता की पूरी जानकारी एक जगह नहीं मिलती और नाही सनातन-धर्म के अनुसार परमात्मा को पाने की विधियाँ प्रमाणित रूप से एक जगह मिलती हैं !समय का अभाव मनुष्य को रहता ही है ! किसी के पास समय नहीं है जिस से वो सारे ग्रन्थ पढ़ कर स्वयं निर्णय ले सके कि उसे किधर जाना है ?! इन्हीं बातों से प्रेरित होकर मैंने ये निर्णय लिया है कि मैं फेसबुक,गूगल+,ब्लॉग और ग्रुप्स की मदद से , आप सब दोस्तों के ज्ञान का फायदा उठाकर , एक टीम का गठन करूँ और फिर गाँव-गाँव, शहर-शहर और पूरे भारत में भ्रमण करके , आप सभी मित्रों से मिलकर आपकी मदद से वो,ऐतिहासिक जानकारियां एकत्रित करूँ, जो हमारे धर्म-ग्रंथों में वर्णित नहीं हैं ! और फिर विद्वानों के माध्यम से नयी व पुरानी जानकारियां मिलाकर इंटरनेट पर नए सिरे से सभी देवताओं की जीवनियाँ , उनके उपदेश आदि एक जगह पर डाल दें ! ताकि भविष्य में ना तो कोई भ्रमित हो सके , और नाही कोई किसी को भ्रमित कर सके !जिसको किसी देवता की जानकारी चाहिए होगी , वो उसे एक क्लिक करने पर मिल जाएगी और जिसको परमात्मा पाने की सनातन-धर्म की विधियां जाननी होंगी वो भी उसे एक ही क्लिक करने पर उपलब्ध हो जाएंगी ! इस पवित्र कार्य को पूरा करने हेतु इसकी शुरुआत 1 नवम्बर 2015 को सूरतगढ़ राजस्थान से करने की इच्छा है ! इस भारत-भ्रमण यात्रा में एक वैन में इंटरनेट के साथ प्रिंटर-कंप्यूटर लगे होंगे , एक वैन में साउंड-टेन्ट और रसोई की व्यवस्था होगी !जिस गाँव-शहर में जाएंगे वहाँ थोड़ा सत्संग करेंगे,अपना आने का उद्देश्य बताएँगे और वहाँ के लोगों से जानकारी लेंगे कि क्या उनके पास कोई धार्मिक पुरानी किताब है ? क्या उनके यहां कोई पुरातन धार्मिक स्थान है ?जहां ये सब होगा वहाँ जरूरत के मुताबिक रुकेंगे और जहां ऐसा कुछ नहीं होगा वहाँ सत्संग करके आगे बढ़ जाएंगे ! ये है मोटा-मोटा हमारा प्लान ! अब आप इस कार्यक्रम में अपनी बुद्धि से और चार-चाँद लगाइये ! और जो मित्र इसमें अपना जो सहयोग जैसा भी , देना चाहे , वो भी हमें सूचित करें !

अब होगी एक और " सरल सनातन धर्म वेब- ग्रन्थ " की रचना !! 

मानव जाति को सच्चा रास्ता दिखाने हेतु समय समय पर पहले ऋषियों मुनियों ने फिर कई धर्म-गुरुओं ने कई ग्रन्थ लिखे हैं जिनमे सनातन-धर्म के बारे में विस्तार से बताया गया है !उनका अनुभव हमारे लिए रास्ता आसान करता है ! लेकिन पहले वाले धर्म-ग्रन्थ संस्कृत, फ़ारसी और अन्य कई भाषाओँ में लिखे गए थे ! जिनको पढ़ने हेतु ना तो आज के इन्सान के पास इतना भाषा-ज्ञान है और ना ही इतना समय ! लेकिन वो ईश्वर को प्राप्त तो करना चाहता है लेकिन जल्दी ! इसी बात का फायदा उठाकर इस कलयुग में कई स्वयंभू भगवान बन बैठे हैं ! वो आम जनता को भगवान की फोटो दिखाकर स्वयं को ही पुजवाते हैं !
                                 इसीलिए मैंने ये सोचा है कि आप जैसे विद्वान मित्रों के सहयोग से एक वेबसाईट बनायीं जाए , जिसमे सनातन धर्म से सम्बंधित सभी मुख्य देवी-देवताओं की जन्म से लेकर देवलोक गमन तक की सच्ची गाथाएं और परमात्मा को पाने की प्रमाणिक विधियां लिखी हुई हों ! उसमे जीवन के आदर्शों और संस्कारों का भी पूर्ण विवरण हो ! सृष्टि की रचना और प्रलय के बारे में भी विस्तार से बताया गया हो ! 
                      आज जो धर्म ग्रन्थ हमारे पास उपलब्ध हैं वो केवल 40% ज्ञान ही उपलब्ध करवाते हैं ! इसलिए सन 2018 में एक यात्रा शुरू की जाएगी जो पुरे भारत में तो जायेगी ही ,आवश्यकता पड़ने पे अगर विदेश भी जाना पड़ेगा तो जाएंगे लेकिन धार्मिक जिज्ञासुओं हेतु सम्पूर्ण सामग्री उस वेबसाईट में उपलब्ध रहेगी आप सबके सहयोग से ! इस टीम मैं ऐसे विद्वान भी शामिल करने होंगे जो सनातन ग्रंथों के बारे में जानकारी रखते हैं ! उनके साथ कंप्यूटर टाइपिस्ट और ऑपरेटर भी जोड़े जाएंगे ! भारत के अलग-अलग हिस्सों में इस कार्य हेतु कार्यालय खोले जायेंगे !इनका कार्य होगा कि  उपलब्ध सभी ग्रंथों का अध्ययन कर उनमे लिखे ज्ञान को क्रमबद्ध करके नयी वेब साइट पर डालना ! यात्रा का उद्देश्य ये होगा की नगर-नगर,गाँव-गाँव जाकर पूछना कि क्या आपके पास कोई पुराण ग्रन्थ , लिपि या कोई ऐतिहासिक मंदिर या स्थान है जिससे सनातन धर्म के किसी अंश का पता चल सके !
                            एक रथ बनाकर , उसमें सारे उद्देश्य अंकित करके,छोटी सी भजन-मण्डली का गठन करके भारत-भ्रमण किया जायेगा जो 2018 से उद्देश्य पूर्ति तक चलेगा ! ये अभी एक मोटा -मोटा खाका है ! इसमें आप सभी मित्रों के सुझाव शामिल करके इसे और प्रभावी बनाया जायेगा ! अब आप  धर्म-प्रेमी मित्रों से निवेदन है कि आप इस पवित्र कार्य में कैसे कितनी और किस रूप में मदद कर सकते हैं , वो हमें जल्द से जल्द बताने का कष्ट करें ! ताकि ये बड़ी योजना समय पर शुरू की जा सके ! आपके पास जितना भी समय इस पवित्र कार्य हेतु हो हमें बताएं !मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रभु-प्रेरणा से आप सब मित्र हमारा इस पवित्र कार्य में सहयोग करेंगे ! मैं आपसे वडा हूँ की हमारी वेबसाईट में किसी को ना तो बुरा कहा जायेगा और नाही किसी तथ्य को तोडा-मरोड़ा जायेगा ! 


प्रिया पाठक मित्रो ! सादर नमस्कार ! सन २०१८ से शुरू होने 

वाले नए सनातन वेब. ग्रन्थ को लिखने में पूरे भारत से 

अपना 

सहयोग देने हेतु कई मित्रों के प्रस्ताव प्रापत हो रहे हैं ! 

जिनमे 

वो सब अपनी क्षमता अनुसार भरपूर सहायता का विश्वास 

दिला रहे हैं ! मित्रो ! हमें हर संभाग में एक कार्यालय खोलना 

है जिसमे कम से कम 4 सदस्य होंगे ! एक धर्म ग्रंथों को 

पढ़कर सरल भाषा में क्रमबद्ध वेबसाईट पर लिखवा सके ! 

दूसरा सदस्य कम्प्यूटर-ऑपरेटर होगा ! तीसरा रिकार्ड 

संभलकर  और लेखाधिकारी होगा और चौथा सदस्य 

कार्यालय की देखभाल और सम्भाल करने वाला होगा ! मैं जो 

बातें आपके समक्ष आपके सामने रख रहा हूँ , वो सब मोटे-

मोटे सुझाव हैं इनमे बारीकियां आपके सुझाव लाएंगे जिससे 

ये पवित्र काम एक बड़ा काम बन जायेगा !

जो भी जानकारी हमें जिसकी लिखी जो भी जानकारी मिलेगी उसे उसी के नाम से वेबसाईट में दर्शाया जायेगा ! हमें सिर्फ संकलन ही करना है ! अतः निष्काम भाव से आप हमारे साथ आइये ! इस पुण्य कार्य को करने हेतु ,हमारा पता नोट करें :-
                       पीताम्बर दत्त शर्मा 
                         1/120,आवासन मण्डल कालोनी,
                             सूरतगढ़ ! पिन-कोड -335804,
                                (जिला - श्रीगंगानगर),
                                  (राजस्थान - भारत)
                                 मो.न.-91-9414657511  
ई-मेल आई डी :- pitamberdutt.sharma@gmail.com
ब्लॉग - " फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर "
           "5TH PILLAR CORRUPTION KILLER"
लिंक - www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
फेसबुक आई डी - www.facebook.com.pitamberdutt.sharma7
आप सबसे अनुरोध है कि आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ये विषय सबको मालूम हो जाए !अपने अनमोल सुझाव भी हमारे ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !  



            


Sunday, May 3, 2015

"पूरे भारत से प्रस्ताव आ रहे हैं " सनातन-वेब. ग्रन्थ "की रचना में सहयोग करने हेतु " ! आप भी अपना नाम पते सहित आज ही भेजें !!- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिया पाठक मित्रो ! सादर नमस्कार ! सन २०१८ से शुरू होने वाले नए सनातन वेब. ग्रन्थ को लिखने में पूरे भारत से अपना सहयोग देने हेतु कई मित्रों के प्रस्ताव प्रापत हो रहे हैं ! जिनमे वो सब अपनी क्षमता अनुसार भरपूर सहायता का विश्वास दिला रहे हैं ! मित्रो ! हमें हर संभाग में एक कार्यालय खोलना है जिसमे कम से कम 4 सदस्य होंगे ! एक धर्म ग्रंथों को पढ़कर सरल भाषा में क्रमबद्ध वेबसाईट पर लिखवा सके ! दूसरा सदस्य कम्प्यूटर-ऑपरेटर होगा ! तीसरा रिकार्ड संभलकर  और लेखाधिकारी होगा और चौथा सदस्य कार्यालय की देखभाल और सम्भाल करने वाला होगा ! मैं जो बातें आपके समक्ष आपके सामने रख रहा हूँ , वो सब मोटे-मोटे सुझाव हैं इनमे बारीकियां आपके सुझाव लाएंगे जिससे ये पवित्र काम एक बड़ा काम बन जायेगा !जैसा की आप जानते हैं कि :-मैंने इस से पहले दो लेखों में इस कार्य हेतु विस्तार से लिखा था , जो एकबार फिर नए पाठकों हेतु प्रस्तुत है इस पूरे कार्यक्रम की जानकारी निम्नलिखित है :-
                            

"लो मित्रो !! वानप्रस्थाश्रम और आध्यात्म यात्रा की ओर जाने की तैयारी शुरू कर रहा हूँ "!!-पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक)

मेरे प्रिय पाठक मित्रो !
                  सादर नमस्कार !

कुशलता के आदान-प्रदान पश्चात समाचार ये है कि सन 

2015 की 1 जनवरी से मैंने सभी प्रकार की 

राजनितिक-सामाजिक सक्रिय गतिविधियों को त्याग 

दिया है ! सभी प्रकार की बुरी आदतें 31 दिसंबर 

2010 से ही छोड़ दी थीं !इसी के साथ भोजन भी एक 

समय कर दिया है !क्योंकि -
                   जीवन के ऐसे मोड़ पर आ 

चुका हूँ, जहाँ ये सोचना आवश्यक हो गया है कि 

हमारा जन्म इस धरती पर किस उद्देश्य की पूर्ती हेतु 

हुआ है ?गृहस्थाश्रम की लगभग सभी जिम्मेदारियाँ पूरी 

होने को हैं !जो एक-आध बाकी है वो भगवान पूरी 

करवा ही देंगे !राजनितिक और समाजसेवी संगठनों के 

रंग, जो हमें हमारे जीवन में दिखे,वो मुझे अपने साथ 

ज्यादा कभी भी बाँध ही नहीं पाये !जब तक इनमे रहा 

भी, तो, मैं एक प्रकार की असहजता ही महसूस करता 

रहता था !इसलिए इनको छोड़ने में  भी मुझे ज़रा सी 

भी  दिक्कत महसूस नहीं हुई !
               मित्रो !! अपने आगामी जीवन 

काल में, मैं आपके साथ मिलकर एक बड़ा ही नेक 

उद्देश्य पूरा करना चाहता हूँ ! मुझे पूर्ण विश्वास है की 

आप सबका साथ इस उद्देश्य को पूरा करने हेतु मुझे 

अवश्य मिलेगा ! मैं आज आपके साथ अपना वो उद्देश्य 

भी साँझा करना चाहता हूँ ! उद्देश्य ये है -:

           जीवन के अनुभव से मुझे ये ज्ञात हुआ 

है कि सनातन धर्म के ज्ञान से भरे ग्रंथों,स्थानों एवं 

अन्य बहुमूल्य वस्तुओं को पहले मुस्लिम लुटेरों और 

फिर अंग्रेजी शासकों ने खूब लूटा जलाया और अपने 

साथ भी ले गए ! आज जो हमारे पास ग्रन्थ बचे हैं , 

वो अधूरे और टूटी-फूटी कड़ियों वाले हैं ! जिनका 

फायदा उठाकर कई आडंबरी ठगों ने साधू बनकर या 

अपना धर्म बनाकर एक प्रकार की दुकानें खोल ली हैं ! 

कई नेता और फिल्म-नाटक निर्माता भी इसका फायदा 

उठाकर करोड़ों कमा चुके हैं ! ठगे हमारे भोले 

सनातन-धर्मी लोग ही जाते हैं !आज हमें किसी देवता 

की पूरी जानकारी एक जगह नहीं मिलती और नाही 

सनातन-धर्म के अनुसार परमात्मा को पाने की विधियाँ 

प्रमाणित रूप से एक जगह मिलती हैं !समय का 

अभाव मनुष्य को रहता ही है ! किसी के पास  समय 

नहीं है जिस से वो सारे ग्रन्थ पढ़ कर स्वयं निर्णय ले 

सके कि उसे किधर जाना है ?!
               इन्हीं बातों से प्रेरित होकर मैंने ये 

निर्णय लिया है कि मैं फेसबुक,गूगल+,ब्लॉग और 

ग्रुप्स की मदद से , आप सब दोस्तों के ज्ञान का 

फायदा उठाकर , एक टीम का गठन करूँ और फिर 

गाँव-गाँव, शहर-शहर और पूरे भारत में भ्रमण करके 

, आप सभी मित्रों से मिलकर आपकी मदद से 

वो,ऐतिहासिक जानकारियां एकत्रित करूँ, जो हमारे 

धर्म-ग्रंथों में वर्णित नहीं हैं ! और फिर विद्वानों के 

माध्यम से नयी व पुरानी जानकारियां मिलाकर इंटरनेट 

पर नए सिरे से सभी देवताओं की जीवनियाँ , उनके 

उपदेश आदि एक जगह पर डाल दें ! ताकि भविष्य में 

ना तो कोई भ्रमित हो सके , और नाही कोई किसी 

को भ्रमित कर सके !जिसको किसी देवता की 

जानकारी चाहिए होगी , वो उसे एक क्लिक करने पर 

मिल जाएगी और जिसको परमात्मा पाने की सनातन-

धर्म की विधियां जाननी होंगी वो भी उसे एक ही 

क्लिक करने पर उपलब्ध हो जाएंगी !

            इस पवित्र कार्य को पूरा करने हेतु 

इसकी शुरुआत 1 नवम्बर 2015 को सूरतगढ़ राजस्थान 

से करने की इच्छा है ! इस भारत-भ्रमण यात्रा में एक 

वैन में इंटरनेट के साथ प्रिंटर-कंप्यूटर लगे होंगे , एक 

वैन में साउंड-टेन्ट और रसोई की व्यवस्था होगी !जिस 

गाँव-शहर में जाएंगे वहाँ थोड़ा सत्संग करेंगे,अपना 

आने का उद्देश्य बताएँगे और वहाँ के लोगों से जानकारी 

लेंगे कि क्या उनके पास कोई धार्मिक पुरानी किताब है 

? क्या उनके यहां कोई पुरातन धार्मिक स्थान है ?जहां 

ये सब होगा वहाँ जरूरत के मुताबिक रुकेंगे और जहां 

ऐसा कुछ नहीं होगा वहाँ सत्संग करके आगे बढ़ जाएंगे 

!
              ये है मोटा-मोटा हमारा प्लान ! अब 

आप इस कार्यक्रम में अपनी बुद्धि से और चार-चाँद 

लगाइये ! और जो मित्र इसमें अपना जो सहयोग जैसा 

भी , देना चाहे ,  वो भी हमें सूचित करें !हमारा 

नाम और पता सब विस्तार से नीचे लिखा है !
          


            " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " नामक ब्लॉग ( समाचार-पत्र ) के पाठक मित्रों से एक विनम्र निवेदन - - - !!
आपका हार्दिक स्वागत है हमारे ब्लॉग ( समाचार-पत्र ) पर, जिसका नाम है - " 5TH PILLAR CORRUPTIONKILLER " कृपया इसे एक समाचार-पत्र की तरह ही पढ़ें - देखें और अपने सभी मित्रों को भी शेयर करें ! इसमें मेरे लेखों के इलावा मेरे प्रिय लेखक मित्रों के लेख भी प्रकाशित किये जाते हैं ! जो बड़े ही ज्ञान वर्धक और ज्वलंत - विषयों पर आधारित होते हैं ! इसमें चित्र भी ऐसे होते हैं जो आपको बेहद पसंद आएंगे ! इसमें सभी प्रकार के विषयों को शामिल किया जाता है जैसे - शेयरों-शायरी , मनोरंजक घटनाएँ आदि-आदि !! इसका लिंक ये है -www.pitamberduttsharma.blogspot.com.,ये समाचार पत्र आपको टविटर , गूगल+,पेज़ और ग्रुप पर भी मिल जाएगा ! ! अतः ज्यादा से ज्यादा संख्या में आप हमारे मित्र बने अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर इसे सब पढ़ें !! आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ आयें इसी मनोकामना के साथ !! हमेशां जागरूक बने रहें !! बस आपका सहयोग इसी तरह बना रहे !! मेरा इ मेल ये है : - pitamberdutt.sharma@gmail.com. मेरे ब्लॉग और फेसबुक के लिंक ये हैं :-www.facebook.com/pitamberdutt.sharma.7. मेरा ई मेल पता ये है -: pitamberdutt.sharma@gmail.com.
जो अभी तलक मेरे मित्र नहीं बन पाये हैं , कृपया वो जल्दी से अपनी फ्रेंड-रिक्वेस्ट भेजें

                       
सधन्यवाद !!
आपका प्रिय मित्र,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
जिला-श्री गंगानगर।
मोबाईल नंबर-09414657511
" आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....!!!
BY :- " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " THE BLOG . READ,SHARE AND GIVE YOUR VELUABEL COMMENTS DAILY . !!
Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh. (raj)INDIA.    
                 

अब होगी एक और " सरल सनातन धर्म वेब- ग्रन्थ " की रचना !! - पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विश्लेषक)

मानव जाति को सच्चा रास्ता दिखाने हेतु समय समय पर पहले ऋषियों मुनियों ने फिर कई धर्म-गुरुओं ने कई ग्रन्थ लिखे हैं जिनमे सनातन-धर्म के बारे में विस्तार से बताया गया है !उनका अनुभव हमारे लिए रास्ता आसान करता है ! लेकिन पहले वाले धर्म-ग्रन्थ संस्कृत, फ़ारसी और अन्य कई भाषाओँ में लिखे गए थे ! जिनको पढ़ने हेतु ना तो आज के इन्सान के पास इतना भाषा-ज्ञान है और ना ही इतना समय ! लेकिन वो ईश्वर को प्राप्त तो करना चाहता है लेकिन जल्दी ! इसी बात का फायदा उठाकर इस कलयुग में कई स्वयंभू भगवान बन बैठे हैं ! वो आम जनता को भगवान की फोटो दिखाकर स्वयं को ही पुजवाते हैं !
                                 इसीलिए मैंने ये सोचा है कि आप जैसे विद्वान मित्रों के सहयोग से एक वेबसाईट बनायीं जाए , जिसमे सनातन धर्म से सम्बंधित सभी मुख्य देवी-देवताओं की जन्म से लेकर देवलोक गमन तक की सच्ची गाथाएं और परमात्मा को पाने की प्रमाणिक विधियां लिखी हुई हों ! उसमे जीवन के आदर्शों और संस्कारों का भी पूर्ण विवरण हो ! सृष्टि की रचना और प्रलय के बारे में भी विस्तार से बताया गया हो ! 
                      आज जो धर्म ग्रन्थ हमारे पास उपलब्ध हैं वो केवल 40% ज्ञान ही उपलब्ध करवाते हैं ! इसलिए सन 2018 में एक यात्रा शुरू की जाएगी जो पुरे भारत में तो जायेगी ही ,आवश्यकता पड़ने पे अगर विदेश भी जाना पड़ेगा तो जाएंगे लेकिन धार्मिक जिज्ञासुओं हेतु सम्पूर्ण सामग्री उस वेबसाईट में उपलब्ध रहेगी आप सबके सहयोग से ! इस टीम मैं ऐसे विद्वान भी शामिल करने होंगे जो सनातन ग्रंथों के बारे में जानकारी रखते हैं ! उनके साथ कंप्यूटर टाइपिस्ट और ऑपरेटर भी जोड़े जाएंगे ! भारत के अलग-अलग हिस्सों में इस कार्य हेतु कार्यालय खोले जायेंगे !इनका कार्य होगा कि  उपलब्ध सभी ग्रंथों का अध्ययन कर उनमे लिखे ज्ञान को क्रमबद्ध करके नयी वेब साइट पर डालना ! यात्रा का उद्देश्य ये होगा की नगर-नगर,गाँव-गाँव जाकर पूछना कि क्या आपके पास कोई पुराण ग्रन्थ , लिपि या कोई ऐतिहासिक मंदिर या स्थान है जिससे सनातन धर्म के किसी अंश का पता चल सके !
                            एक रथ बनाकर , उसमें सारे उद्देश्य अंकित करके,छोटी सी भजन-मण्डली का गठन करके भारत-भ्रमण किया जायेगा जो 2018 से उद्देश्य पूर्ति तक चलेगा ! ये अभी एक मोटा -मोटा खाका है ! इसमें आप सभी मित्रों के सुझाव शामिल करके इसे और प्रभावी बनाया जायेगा ! अब आप  धर्म-प्रेमी मित्रों से निवेदन है कि आप इस पवित्र कार्य में कैसे कितनी और किस रूप में मदद कर सकते हैं , वो हमें जल्द से जल्द बताने का कष्ट करें ! ताकि ये बड़ी योजना समय पर शुरू की जा सके ! आपके पास जितना भी समय इस पवित्र कार्य हेतु हो हमें बताएं !मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रभु-प्रेरणा से आप सब मित्र हमारा इस पवित्र कार्य में सहयोग करेंगे ! मैं आपसे वडा हूँ की हमारी वेबसाईट में किसी को ना तो बुरा कहा जायेगा और नाही किसी तथ्य को तोडा-मरोड़ा जायेगा ! जो भी जानकारी हमें जिसकी लिखी जो भी जानकारी मिलेगी उसे उसी के नाम से वकबसईट में दर्शाया जायेगा ! हमें सिर्फ संकलन ही करना है ! अतः निष्काम भाव से आप हमारे साथ आइये ! इस पुण्य कार्य को करने हेतु ,हमारा पता नोट करें :-
                       पीताम्बर दत्त शर्मा 
                         1/120,आवासन मण्डल कालोनी,
                             सूरतगढ़ ! पिन-कोड -335804,
                                (जिला - श्रीगंगानगर),
                                  (राजस्थान - भारत)
                                 मो.न.-91-9414657511  
ई-मेल आई डी :- pitamberdutt.sharma@gmail.com
ब्लॉग - " फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर "
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आप सबसे अनुरोध है कि आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ये विषय सबको मालूम हो जाए !अपने अनमोल सुझाव भी हमारे ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !  


              आप सबसे निवेदन है कि  आप सब  मित्रों संग इस विषय पर चर्चा करें ! सहयोग हेतु अपने नाम का प्रस्ताव भेजें !और जो मित्र भारत यात्रा में सहयात्री बनना चाहें वो भी  प्रस्ताव अभी से भेजना शुरू करें ताकि ये कार्य समयनुसार शुरू हो सके ! आपके सहयोग के बिना ये बड़ा काम पूरा हो पाना असंभव है !

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...