मित्रो ! जनता पार्टी जब टूटी तो कई नेताओं ने अपनी निजी कम्पनी की तरह पार्टी बनाली , कइयों ने मिलकर जनता दल बना लिया और एक भारतीय जनता पार्टी बन गयी ! जनता दल में शामिल नेताओं को जैसे-जैसे बुद्धि आती गयी वैसे-वैसे वो अपनी कंपनियां यानी पार्टियां बनाते चले गए , जो आज तक " चारा " खा रहे हैं ! कॉमरेडों ने इस हालात का बहुत ही फायदा उठाया ! जिधर भोजन देखा उधर ही अपनी थाली लेकर घुस जाते थे ! जनता भी परेशान थी और दोनों बड़ी पार्टियां भी !
एक चीज़ और भी विचारने लायक है जी !! और वो ये कि जितने भी भारत के प्रमुख नेता हुए हैं वो सभी कभी ना कभी कांग्रेसी भी रहे हैं ! संघ भी पहले अपने स्वयंसेवक को किसी भी राजनितिक दल का सदस्य बनने की छूट दिया करता था ! इसी कारण से आज भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बहुत से ना केवल गुन मिलते हैं बल्कि कार्यशैली और d. n. a. भी मिलते हैं ! इसी का नतीजा है कि कहने को तो दोनों पार्टियों में " संगठन " ही महान है ! लेकिन सत्य ये है कि केवल व्यक्तिवाद ही कामयाब हो रहा है !
संगठन के नेताओं के भाषण सुन-सुन कर कि कार्यकर्त्ता महान हैं , कार्यकर्त्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डी हैं आदि-आदि ये भाषण तो तभी दिए जाते हैं जब कोई नेता मुसीबत में हो या फिर कोई चुना नज़दीक हों ! और जो कार्यकर्त्ता पार्टी की रीतियों - नीतियों पर चलते हैं , उनको स्थानीय मौजूदा M. L. A . ,M . P ., रह चुके , या बनने वाले नेता अपना आदमी मानते ही नहीं ! और ना ही संगठन उनको विशेष ध्यान देता है क्योंकि चाहे कोई पदाधिकारी हो या चाहे वो कोई नेता , आजकल सिर्फ धन को ही सब कुछ माना जाता है ! धनी कार्यकर्त्ता चाहे जितनीबार पार्टी से विद्रोह करले , चाहे जितने अपशब्द बोल ले या फिर चाहे वो पार्टी के विरोध में चुनाव भी लड़ ले ! उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर पता ! वो बड़ी शान से फिर उसी पार्टी के मंच पर आकर विराजमान हो जाता है !मंच के सामने बैठे असली कार्यकर्त्ता हक्का-बक्का सा बस देखता ही रह जाता है ! घर जाता-जाता सोचता जाता है की कार्यकर्त्ता मैं हूँ या फिर वो जो अपने गले में माला पहनकर और भाषण सुना कर चला गया !?
जो नेता कार्यकर्ताओं को कल तक संगठन की रीतियाँ - नीतियां समझा रहे थे , वो ही उसके स्वागत भाषण पढ़ रहे ! तरह-तरह के कारण भी गिनाये जाते हैं कि ये पार्टी के हित में है वगेरह-वगेरह ! ये सब तो बड़े चुनावों में होता है ! लेकिन जब निकाय स्तर या ग्रामीण स्तर के चुनाव आते हैं तब कार्यकर्त्ता ऐसे-ऐसे नेताओं के दर-दर भटक कर अपने लिए एक अदद टिकट की मांग करता फिरता है जो कल तक उस से जूनियर थे लेकिन आज उनके पास पार्टी के महत्वपूर्ण पद है ! इसलिए वो मक्कार नेता उसको कहते है कि कल तक तो उस फलाने नेता के घर बैठा रहता था , जा उसी से लेले अब टिकट !! यहाँ क्या लेने आया है ! बेचारा खून के घूँट पीकर फिर भी वो प्रार्थी बोलता है की नहीं जी आप बड़े हो ! आप ही दे देना ! ऐसा बोल कर वो जा रहा होता है तो वही नेता अपने पास बैठे व्यक्ति को धीरे से बोलता है की देखो !! कैसे बावरा हुआ घूमता है ?? और फिर वातावरण में ऐसी हंसी गूंजती है जो उसे भी सुनाई दे जाती है जो टिकट मांगने आया था ! तब उसे लगता है कि वो ठगा गया है ! उसका जीवन बेकार चला गया है उसकी जवानी के वो कीमती दिन बर्बाद हो गए हैं ! संगठन वाले भी अपनी पसंद के दो-चार मंत्री बनवाकर सो जाते हैं !
अब जब कोई नैतिकता बची ही नहीं है तो कनिष्ठ कार्यकर्त्ता ही अपने हितों का क्यों त्याग करे ?? लड़ो!! साथियो !! लड़ो !! लड़ने से ही तुम्हारी शक्ति को कबूला जायेगा !! एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर रणनीतियां बनाने वाले चुनाव के मैदान में दौड़ नहीं पाएंगे ! अगर आप टिकट मांगने के लिए इनके चक्कर ही नहीं काटोगे तो ये अपने आप सीधे होजाएंगे !! अब सब जगह अपने रिश्ते दारों को ही तो नहीं खड़ा कर सकेंगे ना !!? इनको दिखादो !! की आपको भी वोट हमारे ही मिलते हैं ! अगर कार्यकर्त्ता ही ना हो तो कौन सा नेता अपने आप जीत पायेगा ?? " बावरे " बनकर दिखादो अपनी ताकत को !! चाहे सोनिया जी हो या कोई और ! सब जागने पर विवश हो जाएंगे !
जय श्री राम बोलना पडेगा भाई लोगो !!!
एक चीज़ और भी विचारने लायक है जी !! और वो ये कि जितने भी भारत के प्रमुख नेता हुए हैं वो सभी कभी ना कभी कांग्रेसी भी रहे हैं ! संघ भी पहले अपने स्वयंसेवक को किसी भी राजनितिक दल का सदस्य बनने की छूट दिया करता था ! इसी कारण से आज भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बहुत से ना केवल गुन मिलते हैं बल्कि कार्यशैली और d. n. a. भी मिलते हैं ! इसी का नतीजा है कि कहने को तो दोनों पार्टियों में " संगठन " ही महान है ! लेकिन सत्य ये है कि केवल व्यक्तिवाद ही कामयाब हो रहा है !
संगठन के नेताओं के भाषण सुन-सुन कर कि कार्यकर्त्ता महान हैं , कार्यकर्त्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डी हैं आदि-आदि ये भाषण तो तभी दिए जाते हैं जब कोई नेता मुसीबत में हो या फिर कोई चुना नज़दीक हों ! और जो कार्यकर्त्ता पार्टी की रीतियों - नीतियों पर चलते हैं , उनको स्थानीय मौजूदा M. L. A . ,M . P ., रह चुके , या बनने वाले नेता अपना आदमी मानते ही नहीं ! और ना ही संगठन उनको विशेष ध्यान देता है क्योंकि चाहे कोई पदाधिकारी हो या चाहे वो कोई नेता , आजकल सिर्फ धन को ही सब कुछ माना जाता है ! धनी कार्यकर्त्ता चाहे जितनीबार पार्टी से विद्रोह करले , चाहे जितने अपशब्द बोल ले या फिर चाहे वो पार्टी के विरोध में चुनाव भी लड़ ले ! उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर पता ! वो बड़ी शान से फिर उसी पार्टी के मंच पर आकर विराजमान हो जाता है !मंच के सामने बैठे असली कार्यकर्त्ता हक्का-बक्का सा बस देखता ही रह जाता है ! घर जाता-जाता सोचता जाता है की कार्यकर्त्ता मैं हूँ या फिर वो जो अपने गले में माला पहनकर और भाषण सुना कर चला गया !?
जो नेता कार्यकर्ताओं को कल तक संगठन की रीतियाँ - नीतियां समझा रहे थे , वो ही उसके स्वागत भाषण पढ़ रहे ! तरह-तरह के कारण भी गिनाये जाते हैं कि ये पार्टी के हित में है वगेरह-वगेरह ! ये सब तो बड़े चुनावों में होता है ! लेकिन जब निकाय स्तर या ग्रामीण स्तर के चुनाव आते हैं तब कार्यकर्त्ता ऐसे-ऐसे नेताओं के दर-दर भटक कर अपने लिए एक अदद टिकट की मांग करता फिरता है जो कल तक उस से जूनियर थे लेकिन आज उनके पास पार्टी के महत्वपूर्ण पद है ! इसलिए वो मक्कार नेता उसको कहते है कि कल तक तो उस फलाने नेता के घर बैठा रहता था , जा उसी से लेले अब टिकट !! यहाँ क्या लेने आया है ! बेचारा खून के घूँट पीकर फिर भी वो प्रार्थी बोलता है की नहीं जी आप बड़े हो ! आप ही दे देना ! ऐसा बोल कर वो जा रहा होता है तो वही नेता अपने पास बैठे व्यक्ति को धीरे से बोलता है की देखो !! कैसे बावरा हुआ घूमता है ?? और फिर वातावरण में ऐसी हंसी गूंजती है जो उसे भी सुनाई दे जाती है जो टिकट मांगने आया था ! तब उसे लगता है कि वो ठगा गया है ! उसका जीवन बेकार चला गया है उसकी जवानी के वो कीमती दिन बर्बाद हो गए हैं ! संगठन वाले भी अपनी पसंद के दो-चार मंत्री बनवाकर सो जाते हैं !
अब जब कोई नैतिकता बची ही नहीं है तो कनिष्ठ कार्यकर्त्ता ही अपने हितों का क्यों त्याग करे ?? लड़ो!! साथियो !! लड़ो !! लड़ने से ही तुम्हारी शक्ति को कबूला जायेगा !! एयर कंडीशनर कमरों में बैठकर रणनीतियां बनाने वाले चुनाव के मैदान में दौड़ नहीं पाएंगे ! अगर आप टिकट मांगने के लिए इनके चक्कर ही नहीं काटोगे तो ये अपने आप सीधे होजाएंगे !! अब सब जगह अपने रिश्ते दारों को ही तो नहीं खड़ा कर सकेंगे ना !!? इनको दिखादो !! की आपको भी वोट हमारे ही मिलते हैं ! अगर कार्यकर्त्ता ही ना हो तो कौन सा नेता अपने आप जीत पायेगा ?? " बावरे " बनकर दिखादो अपनी ताकत को !! चाहे सोनिया जी हो या कोई और ! सब जागने पर विवश हो जाएंगे !
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मित्रो !! मैं अपने ब्लॉग , फेसबुक , पेज़,ग्रुप और गुगल+ को एक समाचार-पत्र की तरह से देखता हूँ !! आप भी मेरे ओर मेरे मित्रों की सभी पोस्टों को एक समाचार क़ी तरह से ही पढ़ा ओर देखा कीजिये !!
" 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " नामक ब्लॉग ( समाचार-पत्र ) के पाठक मित्रों से एक विनम्र निवेदन - - - !!
आपका हार्दिक स्वागत है हमारे ब्लॉग ( समाचार-पत्र ) पर, जिसका नाम है - " 5TH PILLAR CORRUPTIONKILLER " कृपया इसे एक समाचार-पत्र की तरह ही पढ़ें - देखें और अपने सभी मित्रों को भी शेयर करें ! इसमें मेरे लेखों के इलावा मेरे प्रिय लेखक मित्रों के लेख भी प्रकाशित किये जाते हैं ! जो बड़े ही ज्ञान वर्धक और ज्वलंत - विषयों पर आधारित होते हैं ! इसमें चित्र भी ऐसे होते हैं जो आपको बेहद पसंद आएंगे ! इसमें सभी प्रकार के विषयों को शामिल किया जाता है जैसे - शेयरों-शायरी , मनोरंजक घटनाएँ आदि-आदि !! इसका लिंक ये है -www.pitamberduttsharma.blogspot.com.,ये समाचार पत्र आपको टविटर , गूगल+,पेज़ और ग्रुप पर भी मिल जाएगा ! ! अतः ज्यादा से ज्यादा संख्या में आप हमारे मित्र बने अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर इसे सब पढ़ें !! आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ आयें इसी मनोकामना के साथ !! हमेशां जागरूक बने रहें !! बस आपका सहयोग इसी तरह बना रहे !! मेरा इ मेल ये है : - pitamberdutt.sharma@gmail.com. मेरे ब्लॉग और फेसबुक के लिंक ये हैं :-www.facebook.com/pitamberdutt.sharma.7. मेरा ई मेल पता ये है -: pitamberdutt.sharma@gmail.com.
जो अभी तलक मेरे मित्र नहीं बन पाये हैं , कृपया वो जल्दी से अपनी फ्रेंड-रिक्वेस्ट भेजें , क्योंकि मेरी आई डी तो ब्लाक रहती है ! आप सबका मेरे ब्लॉग "5th pillar corruption killer " व इसी नाम से चल रहे पेज , गूगल+ और मेरी फेसबुक वाल पर हार्दिक स्वागत है !!
आप सब जो मेरे और मेरे मित्रों द्वारा , सम - सामयिक विषयों पर लिखे लेख , टिप्प्णियों ,कार्टूनो और आकर्षक , ज्ञानवर्धक व लुभावने समाचार पढ़ते हो , उन पर अपने अनमोल कॉमेंट्स और लाईक देते हो या मेरी पोस्ट को अपने मित्रों संग बांटने हेतु उसे शेयर करते हो , उसका मैं आप सबका बहुत आभारी हूँ !
आशा है आपका प्यार मुझे इसी तरह से मिलता रहेगा !!आपका क्या कहना है मित्रो ??अपने विचार अवश्य हमारे ब्लॉग पर लिखियेगा !!
सधन्यवाद !!
आपका प्रिय मित्र,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
जिला-श्री गंगानगर।
मोबाईल नंबर-09414657511
" आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....!!!
BY :- " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " THE BLOG . READ,SHARE AND GIVE YOUR VELUABEL COMMENTS DAILY . !!
Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh. (raj)INDIA.
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