Tuesday, August 22, 2017

"क्या तीन तलाक़ से तलाक़ हो पायेगा"? - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

ना जाने किसकी प्रेरणा मुस्लिम महिलाओं को मिली , तीन तलाक़ से पीड़ित कई महिलाएं न्यायालय की शरण में चली गयीं !पीड़ित तो वे कई  समस्याओं से भी वर्षों से थीं लेकिन इस विषय को उन्होंने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना और बजा दिया बिगुल मुस्लिम धर्म के नक़ली और नाज़ायज़ ठेकेदारों के खिलाफ जिन्होंने कुरान व शरीयत के नाम पर ना केवल मुस्लिम महिलाओं बल्कि मुस्लिम पुरषों को भी अपना गुलाम बना रख्खा था !ये गुलामी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती ही आ रही थी !कोई भी "मर्द"अपनी मर्दानगी दिखने को तैयार ही नहीं हो सका !बल्कि मुस्लिम मर्द अपने मुल्लाओं,मौलवियों और मुफ्तियों की षड्यंत्र भरी बातों को पवित्र क़ुरान की बात ही मानने लगे थे !जिसके पीछे शिक्षा का ना होना भी एक बड़ा कारण बना !एक और बड़ा कारण है इस सबके पीछे ,वो ये कि मुस्लिम समाज के वो बड़े लोग जो रोज़ नयी औरत का स्वाद चखना चाहते हैं और थे,वो इन मौलवियों द्वारा षड्यंत्र रचकर औरतों के साथ अन्याय करते रहते हैं ! पहले ब्याह करना फिर तलाक़ देना फिर हलाला करना और फिर निकाह करवाना ,ताकि वो औरत ज्यादा मर्दों की आदि हो जाए ! औरतों को विदेश लेजाना और बेच देना तो आम बात है मुस्लिम समाज में !ऐसे सभी कुकर्मों के पीछे धर्म के नक़ली क़ानून बताये जाना,डर दिखाना भी एक कारण बना !
                              आज लगभग सभी धर्मों और जातियों के लोग अपनी कुरीतियों को समाप्त करना चाहते हैं !इसी चाहत में अगर मुस्लिम औरतों ने इतना साहसी कदम उठाया है तो कइयों ने इसका स्वागत किया ,लेकिन जिनके हाथ से कंट्रोल निकल रहा है , जो लोग इससे बेरोजगार हो जाएंगे ,केवल वही लोग इसकी खिलाफत करते दिखाई दे रहे हैं !माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने जो आज निर्णय सुनाया है वो एक ऐतिहासिक निर्णय है ! लेकिन कई लोग इसको भी तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं !पहले तो 5 जजों ने क्या कहा इसका ज़िक्र नहीं होकरके अंतिम संयुक्त निर्णय का ही प्रसारण किया जाता था ,लेकिन अब 3 /2 में बाँट कर बताया जा रहा है !
                             राजनीतिक पार्टियां पहले तो देश के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर बहस करते समय गंदी राजनीति नहीं किया करतीं थीं ,लेकिन आजकल बड़ी बेशर्मी से संवेदनशील मुद्दों पर भी गंदे एवं हानिकारक वक्तव्य बड़ी शान से दिए जाते हैं ! अभी लड़ाई बहुत बाकी है ! ये इस लड़ाई की पहली जीत है !इस जीत  के पीछे कुछ हाथ मोदी सरकार का भी है !लेकिन चुनोतियाँ अभी बड़ी बड़ी सामने आने वाली हैं !मुस्लिम समाज के मर्द पुरुषों को अपने फ़िरक़े की महिलाओं का खुलकर साथ देना होगा ,तभी उनका धर्म-समाज और हमारा देश तरक्की कर पायेगा !!
                     सोशल मीडिया के सिपाहियों से मेरा एक अनुरोध है कि हम गंभीर विषयों का मजाक ना उड़ाएं तो ठीक रहेगा !हमें सभी बुराइयों से जल्द तलाक़ मिले यही मेरी कामना है ! आमीन !! सबको शुभकामनाएं !
                                         



                                                  प्रिय "5TH पिल्लर करप्शन किल्लर"नामक ब्लॉग के पाठक मित्रो !सादर प्यारभरा नमस्कार ! वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे !
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1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (24-08-2017) को "नमन तुम्हें हे सिद्धि विनायक" (चर्चा अंक 2706) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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