" अहंकार " से पीड़ित ,षड्यंत्रकारी-भ्रष्टाचारी और बाहुबल से दम्भित U.P.A.सरकार के सभी दलों के मंत्रियों सांसदों और प्रवक्ताओं की इस कदर पिटाई होना सव्भाविक ही था ! मीडिया के ऐंकर जो प्रवक्ताओं का रोल भी अदा कर रहे थे बड़ी चालाकी से अपना " रोल "बदलने में माहिर हैं ! हालाँकि शरद पवार ने इशारों ही इशारों में सोनिया जी को चेता दिया है कि इन " झोला-छाप सलाहकारों " से बचना चाहिए !!
" आप से बड़ा मोदी का करिश्मा " झाड़ू ने कोंग्रेस को केवल दिल्ली में पीटा तो " मोदी फेक्टर "ने चार राज्यों में घसीटा...! ! ? ?तो क्या इन सबको अक्ल आएगी ????? मेरा तो मानना यही है कि अभी अक्ल आने का कोई " ढंग " नज़र तो नहीं आ रहा !! ये नेता लोग बड़ी ही अजीब " मिटटी " से बने हुए होते हैं !!चाहे वो किसी भी दल के क्यों ना हों ??? सब देख रहे हैं कि भाजपा दिल्ली में सरकार क्यों नहीं बना रही !!ये पब्लिक है - ये सब जानती है !! जनाब !!
पत्रकार लोग अभी भी भाजपा में फूट डालने कि कोशिश करते नज़र आ रहे हैं , मोदी बड़ा या पार्टी का सवाल खड़ा करके !!?? आदत से मजबूर हैं बेचारे क्या करें !! असली पत्रकार की भूमिका महाभारत के " संजय " जैसी होनी चाहिए ना कि रामायण कि मन्थरा जैसी " !!
पांच राज्यों में चुने गए नेता आगामी सप्ताह में अपनी-अपनी सरकारों का गठन कर लेंगे , दिल्ली में आप-आप करते थोड़ी देर हो सकती है !! लेकिन भाजपा और R.S.S. को अभी से आगे कि योजना बनाने में जुट जाना चाहिए !! अपने नेताओं पर भी " नज़र " रखनी चाहिए , थोडा उन्हें होशियार भी कर ही देना चाहिए कि कोई भी उनका "स्टिंग-ऑपरेशन " कर सकता है !आखिर बचाव में ही बचाव है भाई !!
जनता सच्चाई के साथ साथ वास्तविक प्रयास भी चाहती है कि उसकी चुनी हुई सरकार उसकी जरूरतों को पूरा करने हेतु ठोस प्रयास करती नज़र आये !!जनता कटाक्ष से भरे ब्यान या आँकड़ों की जादूगरी से नहीं बहकना चाहती !! ये हमारे नेताओं को भलीभांति समझना होगा !! उन्हें ये भी समझना होगा कि हमारे संविधान में राजनितिक दलों का कोई स्थान घोषित नहीं है , ये व्यवस्था केवल अनोपचारिक तौर पर " विभिन्न - विचारधाराओं " से जनता के जुड़ाव हेतु बाद में हमारे देश में आयी है ! लेकिन पिछले 65 सालों में सभी राजनितिक दलों ने अपनी-अपनी विचारधाराओं को " साईड " में सजाकर चन्दन कि माला पहनकर टांग दिया था !!
इसीलिए भारत की जनता पिछले 30सालों से चुनावों में अलग-अलग निर्णय देकर हमारे नेताओं को चेता रही है लेकिन हमारे नेता चोरी-ठगी के नए-नए आविष्कार करके भ्रष्टाचार फैला रहे हैं !!
हम तो बस यही कह सकते हैं कि -:
धर्म कि जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सदभावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर-हर-हर-- महादेव ...!
" आप से बड़ा मोदी का करिश्मा " झाड़ू ने कोंग्रेस को केवल दिल्ली में पीटा तो " मोदी फेक्टर "ने चार राज्यों में घसीटा...! ! ? ?तो क्या इन सबको अक्ल आएगी ????? मेरा तो मानना यही है कि अभी अक्ल आने का कोई " ढंग " नज़र तो नहीं आ रहा !! ये नेता लोग बड़ी ही अजीब " मिटटी " से बने हुए होते हैं !!चाहे वो किसी भी दल के क्यों ना हों ??? सब देख रहे हैं कि भाजपा दिल्ली में सरकार क्यों नहीं बना रही !!ये पब्लिक है - ये सब जानती है !! जनाब !!
पत्रकार लोग अभी भी भाजपा में फूट डालने कि कोशिश करते नज़र आ रहे हैं , मोदी बड़ा या पार्टी का सवाल खड़ा करके !!?? आदत से मजबूर हैं बेचारे क्या करें !! असली पत्रकार की भूमिका महाभारत के " संजय " जैसी होनी चाहिए ना कि रामायण कि मन्थरा जैसी " !!
पांच राज्यों में चुने गए नेता आगामी सप्ताह में अपनी-अपनी सरकारों का गठन कर लेंगे , दिल्ली में आप-आप करते थोड़ी देर हो सकती है !! लेकिन भाजपा और R.S.S. को अभी से आगे कि योजना बनाने में जुट जाना चाहिए !! अपने नेताओं पर भी " नज़र " रखनी चाहिए , थोडा उन्हें होशियार भी कर ही देना चाहिए कि कोई भी उनका "स्टिंग-ऑपरेशन " कर सकता है !आखिर बचाव में ही बचाव है भाई !!
जनता सच्चाई के साथ साथ वास्तविक प्रयास भी चाहती है कि उसकी चुनी हुई सरकार उसकी जरूरतों को पूरा करने हेतु ठोस प्रयास करती नज़र आये !!जनता कटाक्ष से भरे ब्यान या आँकड़ों की जादूगरी से नहीं बहकना चाहती !! ये हमारे नेताओं को भलीभांति समझना होगा !! उन्हें ये भी समझना होगा कि हमारे संविधान में राजनितिक दलों का कोई स्थान घोषित नहीं है , ये व्यवस्था केवल अनोपचारिक तौर पर " विभिन्न - विचारधाराओं " से जनता के जुड़ाव हेतु बाद में हमारे देश में आयी है ! लेकिन पिछले 65 सालों में सभी राजनितिक दलों ने अपनी-अपनी विचारधाराओं को " साईड " में सजाकर चन्दन कि माला पहनकर टांग दिया था !!
इसीलिए भारत की जनता पिछले 30सालों से चुनावों में अलग-अलग निर्णय देकर हमारे नेताओं को चेता रही है लेकिन हमारे नेता चोरी-ठगी के नए-नए आविष्कार करके भ्रष्टाचार फैला रहे हैं !!
हम तो बस यही कह सकते हैं कि -:
धर्म कि जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सदभावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर-हर-हर-- महादेव ...!
No comments:
Post a Comment