Wednesday, December 31, 2014

"नव-वर्ष की बेला पर "बुरे" अगर बुराइयाँ नहीं त्यागें , तो आप सब "अच्छे लोगो" अच्छाइयाँ करना मत त्यागना "!- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !! सादर नमस्कार ! और नव-वर्ष की शुभ-मंगल-कामनाओं सहित अभिवादन स्वीकार करें !जैसे कि अच्छे लोग कहते हैं कि हर नव वर्ष पर प्रत्येक मनुष्य को अपने अंदर बसी हुई किसी बुराई को त्यागना चाहिए और कोई अच्छी बात को अपनाना चाहिए ! देखने में ये आया है कि कई मित्र नव-वर्ष पर कोई प्रण तो ले लेते हैं लेकिन कुछ समय बाद उसे भूल जाते हैं और ज़िंदगी वापिस उसी ढर्रे पर चलने लगती है !लेकिन हमें अपनी कोशिश जारी रखनी ही चाहिए !
                    इन्हीं बातों पर चलते हुए मैंने 31 दिसंबर 2010 को अपनी सभी बुराइयों-व्यसनों को एक साथ छोड़ दिया था !वो बुराइयां कौन-कौन सी थीं , ये मैं स्वहित में नहीं बताऊंगा , लेकिन इतना अवश्य बताऊंगा कि आज तक मैं उन सभी बुराइयों को अपने से दूर रखने में कामयाब रहा हूँ ! !अभी कल मैंने ये प्रण लिए हैं कि मैं राजनितिक दल और समाज-सेवी संस्थाओं में किसी पद पर नहीं रहूँगा !और एक समय भोजन करूँगा !
               देखते हैं ! ये सब करने में मैं कितना सफल रह पाउँगा ??शुगर-ब्लड-प्रेशर आदि से इस उम्र में ग्रस्त होना आम बात है , क्योंकि वैज्ञानिकों की तरक्की के कारण हमें खाद्य-पदार्थ मूल-रूप में नहीं मिल पा रहे हैं ! किसान लोग भी ज्यादा फसल पाने के चक्कर में खाद और कीटनाशकों का उपयोग भरपूर मात्र में करते हैं !इसीलिए वैद्य और डॉक्टर लोग चीनी-नमक और घी नहीं खाने की सलाह हमारे ही हित हेतु देते हैं !इसी लिए हम सबको ये भी करना पड़ता है !
              आज की ज़िंदगी में तनाव रहना भी एक बड़ी बीमारी के रूप में सामने आ रही है ! जिस हेतु योगा और प्राणायाम करते रहना भी अति आवश्यक है !आज के लिए सिर्फ इतना ही शुभ- मंगल !


1 comment:

  1. दृढ़ प्रतिज्ञा से सबकुछ मुमकिन है ..
    आपको अपने नेक प्रण में सफल हो यही शुभकामनायें हैं
    नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
    सादर

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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