Saturday, June 25, 2016

"धूर्तों का नार्को टेस्ट करा दो न्यायाधीश जी" !! पीतांबर दत्त शर्मा लेखक-विश्लेषक) मो.न. - +9414657511

  पाठक मित्रो ! पिछले कुछ दिनों से मैं आपके साथ अपने विचार सांझे नहीं कर सका क्योंकि मेरी बेटी सुकृति शर्मा हेतु एक लड़का देखकर उसकी सगाई कर दी है !बस उसी में व्यस्त था ! 
                अब विषय पर आते हैं ! पिछले एक पखवाड़े में कई घटनाक्रम ऐसे हुए जो देखने में तो छोटे थे लेकिन उनमे "दुष्टता,धृष्टता,स्वार्थ,वैरभाव और देश के प्रति गद्दारी"कूट-कूट कर भरी हुई दिखाई दी !इसीलिए आज हम उन सभी छोटे लेकिन देश के लिए गम्भीर विषयों पर चर्चा करेंगे ! सबसे पहले मथुरा के "राम-वृक्ष यादव" की बात करते हैं !जितने जोरशोर से मीडिया ने इस मामले को उठाया उतनी ही जल्दी वो इस विषय को भूल भी गयी !आज कोई खबरनवीस इसपर बात ही नहीं करता दिखाई दे रहा क्यों??"जांच से  हमेशां "निकला"है वही तो इसमें निकलेगा ना !!
                        "उड़ता--पंजाब"जैसी फ़िल्में पता नहीं किस उद्देश्य से कौन किसके पैसों से बनाता आ रहा है , ये भी एक बड़ी जांच का विषय है !पिक्चर के प्रमोशन हेतु कितने "नीच"तरीके आजमाने में भी जब सलमान को शर्म नहीं आती तो भला दुसरों को  कैसे शर्म आये ?ये धंधा ही गंदा कहा जाता है तो इनसे "मूल्यों"की आस भला कैसे की जा सकती है ?
किसके पीछे कौन है ?किसका रुपया और किसकी चाल चली जा रही है ये तो नवजोत सिंह सिद्दू ही जानते हैं !
                       अब आते हैं यादव जाती के "चाचा-भतीजे की लड़ाई पर !अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के संभावित नतीजे उत्तर-प्रदेश के सभी नेताओं को डरा रहे हैं ! चाचा ने तुष्टिकरण का पुराण फार्मूला चला चाहा तो बलराम यादव को मंत्री मंडल से बाहर कर वीटो का प्रयोग कर दिया ! आज का ताज़ा समाचार  की बलराम जी बहाल हो गए हैं और अंसारी बंधुओं को कोई दूसरा ठिकाना ढूंढना होगा ! उन्हें घबराना नहीं चाहिए राहुल की कांग्रेस का हाथ ऐसे ही लोगों के साथ ही तो है यारो !!??
                  उधर  बहन मायावती जी को भी कोई भाव नहीं दे रहा दिखता !उनके एक मजबूत सिपाही जब उन्हें छोड़ कर चले गए तब बहन जी ने नींद से जागते हुए बताया कि उन्हें तो खुद ही निकालना चाहते थे ! मज़ा तब आया जब अखिलेश द्वारा "अच्छे-आदमी"का प्रमाण पत्र उन्होंने निरस्त कर दिया !सुना है भाजपा के साथ भी उनकी बात पट नहीं रही है ! लेकिन "विशेष गुणों वाला मीडिया"उनके खूब इंटरव्यूू ले रहा है और कार्यक्रम बना रहा है !क्यों??पता नहीं !
उधर मोदी जी के अथक प्रयासों के बावजूद  जब भारत nsg का सदस्य नहीं बन पाया तो "ताक"में बैठे भेड़िये नुमा विपक्षी नेता अजीब-अजीब सवाल करके अपनी देश भक्ति दिखाने को तैयार होगये ! शुक्र है की अमेरिका के एक अधिकारी ने ढाढस बंधा दिया की साल खत्म होते होते एकबार फिर इसके लिए प्रयास होंगे !
                    इंग्लॅण्ड को 43 सालों के बाद ये आभास हुआ कि उनके घरों में घुसे "विदेशी-चूहे"उनके अधिकारों सहित उनके  खा रहे हैं तो उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया कि वो यूरोप यूनियन में अब नहीं रहेंगे !तो इस फैसले से ndtv के रविश कुमार जैसे पत्रकारों को बहुत बुरा लगा क्योंकि अगर ये बात भारत में उठ गयी तो उनके मुताबिक "दक्षिण-पंथी वामपंथियों और छद्म-सेकुलरों "की दुकानदार कंही बंद  दें ! इसीलिए वो "प्राइम-टाइम"गलत फैसला और मुर्ख अंग्रेज की माला सी जपते दिखाई दे रहे थे !ग्लोबल व्यपार की वकालत कर रहे थे ! अगर उनके घर में  उनके साधनों में 10 20 %का हिस्सा मिलाकर वो कहें की रविश का घर सबका है किसी के बाप का नहीं तो उनकी क्या हालत होगी ?
                    अंत में नतीजा ये निकल रहा है की आज भारत में कोई भी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहा !मूल्यों-सिद्धांतों पर चलना तो ख्वाबों बातें हो गयी हैं जी आज ! इसीलिए मेरी भारत के प्रधान-न्यायाधीश जी से ये करबद्ध प्रार्थना है की वो एक-एक को लंबा डाल कर उसका नार्को टेस्ट करवाएं और जो तथ्य निकलें उनपर कार्यवाही करके पर्याप्त दण्ड देवें !
जय - भारत !!! जय - हिन्द !!
  1.  रोजाना पढ़ें " 5th pillar corrouption killer "
  2. www.pitamberduttsharma.blogspot.com.




1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (27-06-2016) को "अपना भारत देश-चमचे वफादार नहीं होते" (चर्चा अंक-2385) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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