Wednesday, May 9, 2012

" क्या संघ नरेंद्र मोदी की भी बलि लेना चाहता है " ?

" बलि - प्रथा " के समर्थक और विरोधी मित्रो , नमस्कार !! और बलि - बलि जाऊं आप सब मित्रों पर , परमात्मा आपको हमेशां प्रसन्न रखे !!
                            अपने हित हेतु दूसरों की बलि दे देना , हिन्दुस्तान में युगों युगों से प्रचलित है !! अलग - अलग कार्यों हेतु अलग - अलग तरह की बलि दी जाती रही है !! इसमें आदमी , पशु , पक्षी और नारियल तक मान्य होते हैं !! आज के आधुनिक समाज में बलि देने का तरीका बदल गया है !! आजकल तलवार से काट कर नहीं बल्कि ऐसे हालात पैदा कर दिए जाते हैं जिस से सामने वाला अपनि बलि हेतु अपने आप ही अपना अनिष्ट कर बैठता है !! ख़ुशी - ख़ुशी वो बलि का बकरा बन जाता है !! मज़े की बात ये है की वो व्यक्ति जिसकी बलि दी जाती है हस्ते - हस्ते मौत को अपने गले लगा लेता है ! 
                                राजनीति में किसी को बलि चढ़ाना आम बात होती है , बल्कि इसे एक कला माना जाता है !! वो इसलिए क्योंकि ये वर्चस्व की लड़ाई होती है !! इसीलिए राजनितिक दलों के मुखिया लोग प्रादेशिक नेताओं की "डोर " अपने हाथों में रखते हैं !! किसी को ऊपर चढ़ा कर मारते हैं तो किसी को निचे गिराकर !! पिछले कुछ समय से संघ और उसके जो स्वयंसेवक भाजपा में हैं वो सब प्रचार माध्यमों से यही प्रचारित कर रहे हैं की अगला प्रधान - मंत्री मोदी जी ही होने चाहियें !! भोली जनता भी बढ़िया देख कर समर्थन कर रही है !! मिडिया भी ना चाहते हुए कभी - कभी इस काम हेतु समर्थन दे देता है !! सोशल - मिडिया तो जी जान से चाहता है की मोदी जी प्रधान - मंत्री बन जाएँ , और देश का कुछ भला हो जाए !! 
               परन्तु संघ और भाजपा के केंद्रीय नेत्रित्व के रविये से मन में शंका पैदा होती है की  कंही वो मोदी जी की राजनितिक रूप से बलि तो नहीं लेना चाहता ?? अगर इतहास देखा जाए तो साफ़ दिखाई देगा की जब भी कोई प्रदेश का मुख्यमंत्री अपनी जमीन बना कर अपना कद बड़ा करना चाहता है तभी उसे क़त्ल करदिया जाता है ?? श्री कल्याण सिंह , मदन लाल खुराना , सुश्री  उमा भारती और श्री मति वसुंधरा राजे इसका उधाहरण हैं !! यंहा तलक की कई बार तो केंद्रीय नेताओं की भी बलि देने से भी नहीं झिझकता संघ !! अटल जी और अडवानी जी तो इसके वार से न जाने कैसे बच गए पता नहीं !! कल जो राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी जी ने भाषण दिया है उसमे भी जाहिर होता है नेताओं का क़त्ल अब होगा !! उन्होंने स्पष्ट कहा की ये सुषमा , जेटली आदि की पार्टी नहीं बल्कि अपनी तरफ इशारा करते हुए कहा की हमारी पार्टी है यानी सिर्फ संघ्द्वारा थोपे गए " बुत " नेताओं की पार्टी है !! क्योंकि ये तो सांप जाने के बाद उसकी लकीर को पीटने वाले नेता हैं ??जितनी चाबी संघ भर देता है उतने ही चलते हैं और जितना बोलने को संघ कहता है उतना ही बोलते हैं चाहे समय ही क्यों ना गुज़र जाए या फिर प्रसंग ही क्योना बदल जाए ??  तीन साल से राजस्थान में प्रदेशाध्यक्ष बने अरुण जी से समस्या सुधरी नहीं राजस्थान के प्रभारी भी कोई पुख्ता काम कर नहीं पाए !! जब कोर कमेटी की बैठक में भी निर्णय नहीं हो पाया की वसुंधरा जी को यात्रा निकलने की अनुमति दी जाए या कटारिया जी को , और मामला बिगड़ गया , वसुंधरा जी श्रीमती किरण महेश्वरी जी के साथ मीटिंग से बाहर आ गयी और त्यागपत्र देने की घोषणा की तो सारे नेताओं को जैसे सांप सूंघ गया हो !! सब दुबक कर बैठ गए अब दो दिन बाद जब वसुंधरा जी ने कह दिया की घर की बात है मामला सुलझ जायेगा तो लगे हैं अनुशासन का पाठ पढ़ाने और कार्यवाही करने की धमकियां देने ?? छोटे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करके ज़मीं से जुड़े नेताओं को धमकाया जाएगा !! ये हताशा नहीं तो और क्या है ?? सिर्फ हिंदी बेल्ट वाले राज्यों में पार्टी की पूछ है जिन में से पांच राज्यों में तो अभी अभी चुनाव हो के हते हैं बड़ी मुश्किल से वंहा पार्टी की इज्जत बची है तो किस मुंह से संघ मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाएगा ?? उसके तथाकथित प्रचारक रह चुके नेता तो केवल कागज़ी शेर हैं जैसे श्री ललित किशोर चतुर्वेदी , श्री गुलाब जी कटारिया , भाभड़ा जी आदि आदि जिनका मंत्री होने पर भी एक अदना सा अफसर कहना ही नहीं मानता और जिनको शासन करना ही नहीं आता केवल संगठन की मीटिंगों में कौन आया कौन नहीं आया ही गिन पाते हैं , कार्यकर्ताओं की बात सुनते नहीं और अपना कमसे कम एक घंटे का भाषण पिला कर समझते हैं की हमने पार्टी का बहुत बड़ा काम कर दिया ??? 
             अब आप कहोगे की आप अगर संघ के काम से इतने नाराज़ हो तो भाजपा में क्यों हो ?? तो मैं आपको बता दूं की हमारा परिवार तीन पीढ़ियों से संघ से जुदा है !! हमने ऐसे ऐसे विद्वान प्रचारकों से ज्ञान प्राप्त किया है की हमें एक ही विचार - धारा के होने के बावजूद आज के नए प्रचारकों का काम करने का तरीका पसंद नहीं है !! हम संघ की मूल जड़ से जुड़े व्यक्ति हैं हमारे समय में सादगी वाले प्रचारक हुआ करते थे , शाखाएं लगा करती थीं और विचार विमर्श हेतु बैठकें हुआ करतीं थीं !! लेकिन अब एक दम से घोषणा होती है की फलाना राम आपका अध्यक्ष होगा और फलाना राम आपका मुख्यमंत्री क्यों ??वसुंधरा जी को राजस्थान में कौन लाया था क्या वो लोग जो आज उनके साथ  खड़े हैं ?? डा . महेश शर्मा जी को राजस्थान का अध्यक्ष किसने बनाया था ??? फिर उनका संघ से ही विरोध क्यों हुआ इसी तरह से जिला स्टार पर और मंडल स्टार पर पहले तो बिना सोचे समझे नेता थोंप दिए जाते हैं फिर जब आम कार्यकर्त्ता उनके साथ मिलकर कर्य्कारना शुरू करता है तो संघ के पेट में दर्द होने लगता है की हमसे पूछ कर काम क्यों नहीं हो रहा ...क्यों ???? शोर मचाया जाता है की हमारी भाजपा में लोक तंत्रीय प्रणाली है लेकिन कोई मुझे बताएगा की कन्हा है ...??? कन्हा जाता है कार्यकर्ताओं से इकठ्ठा किया हुआ चंदा ??? किसी भी राजनितिक दल ने कभी अपने कार्यकर्ताओं को हिसाब दिया ....क्यों नहीं ??? सभी राजनितिक दलों से आज जनता और कार्यकर्त्ता परेशान हैं !! इसी लिए मेरी संघ से ये प्रार्थना है की वो भाजपा को अपने हाल पर छोड़ दे और मोदी जी जैसे किसी नेता की अध्यक्षता में एक नया राजनितिक दल का गठन करे जिसमे सीधा सधा संघ का ही आदेश चले ताकि जनता को भी पता चले की संघ कोई बढ़िया काम कर रहा है न की केवल दूसरों के घरों में तान ही अडाने का काम कर रहा है !! पता नहीं किसके कहने से संगठन को भी दागी लोग पसंद आ रहे हैं जिनको मंडलाध्यक्ष , जिलाद्यक्ष आदि आदि बनाया जा रहा है ?? क्यों ?
               पाठको आपकी क्या राय है इस बारे मैं  आप अपने अनमोल विचार हमारे ब्लाग या ग्रुप में जा कर टाईप करें और हमारा लेख अगर आपको पसंद आये तो आप इसे अपने फेसबुक मित्रों के साथ्शेयर भी कर सकते हैं जी !! हमारे ब्लाग और ग्रुप का नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.


              धन्यवाद !! और जय श्री राम !!  

Tuesday, May 8, 2012

" यु.पी.ऐ.और एन.डी.ऐ.अमेरिका की कठपुतली बनाना चाहते हैं क्या भारत को "..??

" कठपुतली " को जानने-पहचानने वाले मेरे सभी मित्रों को मेरा नमस्कार !! बचपन में मनोरंजन का एक बड़ा साधन हुआ करता था , कठपुतली का खेल !! उसमे परदे के पीछे से दो कलाकार अपनी कला का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया करते थे ! सामने से देखने वाले को तो खिलोने सजीव दिखाई देते थे लेकिन वास्तविकता में पीछे वाले कलाकार ही गाते और बजाते थे !! कई तरह के मनोरंजन से भरपूर कहानिया दिखायीं और सुनाई जातीं थी !! वक्त के साथ - साथ ये कहावत भी बन गयी की फलाना तो फलाने की कठपुतली मात्र है जी !! 

पिछले 18. सालों से भारत में जिसकी भी सरकार बनी है , वो अपने दिमाग से काम नहीं कर रही बल्कि यूरोपीय देशों के कहने के मुताबिक निर्णय ले रही है !! पहले पहले तो ये आर्थिक सुधार सुनने में और लागू करने में बड़े ही अच्छे लग रहे थे ! लेकिन अब देश इसका दुष्प्रभाव भी देख रहा है !! देश में लाखों टन अनाज सढ रहा है लेकिन गरीब भूखा सो रहा है क्यों ...? आदमी की आमदन 30,000/- से कम नहीं , लेकिन घर में फिर भी कमियाँ हैं , क्यों ..?? बेरोज़गारी बढ़ रही है क्यों ? हमारे किसके साथ कैसे सम्बन्ध हों ये भी अमेरिका तय कर रहा है , और हम क्या खाए , क्या पहने और कन्हा से खरीदें , ये भी अमेरिका ही तय करता है क्यों .? अमेरिका की विदेश मंत्री श्री मति हिलेरी क्लिंटन जी सीधे ममता जी से मिली क्योंकि वो मनमोहन जी से मानी नहीं थी , बंगला देश के साथ नदी समझोता करने और अमेरिका के बड़े माल खोलने हेतु , क्या ये उचित है ? केंद्र के साथ बातचीत क्यों नहीं हुई ? प्रधान मंत्री चाहते तो ममता जी को बुलाकर बातचीत में साथ बिठा सकते थे परन्तु ये बिलकुल उचित नहीं कहा जा सकता !!हमारे सात पडोसी हैं उनके साथ हमारे सम्बन्ध अच्छे नहीं क्यों ? इरान से हम तेल खरीदें या नहीं ये भी हमें अमेरिका बताये जी ..क्यों ?? देश में मिडिया क्या खबर दे और कितनी बढ़ा - चढा कर दे ये भी अमेरिका और उसके एजेंट u.p.a.और n.d.a.के नेता ही अपने चमचे n.g.o.और मिडिया से तय करवाते हैं क्यों ?? देश की जनता को पेड़ न्यूज और व्यूज़ के ज़रिये मुर्ख बनाया जा रहा है क्यों ? ये तो भला हो सोशल मिडिया का की कुछ सच बाहर आ रहा है नहीं तो ये देश द्रोही देश को कबका बेच कर खा जाते !! फेसबुक को धन्यवाद !! 
           मेरा तो सभी देश भक्त लोगों से निवेदन है की चाहे वो किसी भी फील्ड में काम कर रहे हों अगर किसी ऐसी घटना का पता चले तो फ़ौरन उजागर करें और अपना कार्य पूरी इमानदारी से करें !! देश को इस वक्त इमानदारों ,की बहुत सख्त आवश्यकता है जी !! 
             हमेशां की तरह " 5th pillar corrouption killer " को आप पढ़ते रहिये , अपने मित्रों को भी शेयर करके पढवाते रहिये , साथ - साथ अपने अनमोल विचारों से अवगत करवाते तहिये जी !! आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
               dhanywad !! 

Sunday, May 6, 2012

" राजनितिक दलों के संगठन , कातिल या पालनहार " ....???

राजनीति में रूचि रखने वाले मेरे सभी मित्रो , घायल सलाम कबूल फरमाएं जी !!
                          कल देश के दो बड़े राजनितिक दलों की राजस्थान शाखा से दिल तोड़ देने वाले समाचार एक साथ आये !! जीवन में सुख के क्षण भी आते हैं और दुःख के प्रकृति का नियम है ये , लेकिन अगर दुःख को आवाज़ देकर बुलाया जाए तो उसे एक हिंदी के मुहावरे के मुताबिक यही कहते हैं की " अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारना " !! 
                           हुआ यूं की राजस्थान के कांग्रेस  प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान जी संगठन की एक मीटिंग ले रहे थे और कार्यकर्ताओं की बात नहीं समझ पाए या समझना ही नहीं चाहते थे ?? इसलिए उन्ही के सामने कार्यकर्ताओं ने वो सब कुछ कर दिया जो अशोभनीय मन जाता है !! किसी जिलाध्यक्ष तक के कपडे तार - तार हो गए और सभ्यता भी शरमसार हो गयी !

                      दूसरी घटना भाजपा के प्रादेशिक कार्यालय में हुई जिसमे भाजपा की कोर कमिटी की एक मीटिंग हो रही थी जिसमे भाजपाके तीन बड़े नेता गुलाब जी कटारिया , श्रीमती किरण जी महेश्वरी और पूर्व मुख्यमंत्री श्री मति वसुंधरा राजे जी किसी बात को लेकर इतने खिन्न हो गए की बाहर आकर दो जानो को तो त्याग -पात्र देने की घोषणा करनी पड़ी और कटारिया जी ने अपनी यात्रा को रद्द कर दिया !! अब सवाल ये पैदा होता है की कौन है वो जो पीछे से इन सबको शाह दे रहा था ??? और वोही हो गया जो वो चाहता था .....यानी पार्टी का बंटाधार ......!!!! क्या संगठन है वो जो नहीं चाहता की कोई भी ज़मीं से जुदा नेता इतना आगे न आनेपाए की वो संगठन को ही चेलेंज करने लग जाए !!!! उदाहरण के लिए ....मदन लाल खुराना , कल्याण सिंह , सुश्री उमाभारती जी और यंहा तक की अटल जी और अडवानी जी तक भी नहीं बच पाए इस संगठन की मार से !! तर्क यही दिया जाता है की ये नेता संगठन की सुनते ही नहीं है ???? आखिर संगठन चाहता क्या है स्पष्ट क्यों नहीं करता ??? मेरी जानकारी के मुताबिक वसुंधरा जी के खिलाफ तो योजना तभी से बननी शुरू हो गयी थी जब उन्हें मुख्यमंत्री बने मात्र सात महीने ही हुए थे !! पहले ॐ परकाश माथुर जी को उनके खिलाफ लगाया गया , फिर डॉ. महेश शर्मा जी को भेजा गया लेकिन वो दोनों ही वसुंधरा जी के भगत हो गए तो फिर संगठन ने तब के संगठन मंत्री श्री प्रकाशजी भाई साहिब को लगाया की वो कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों को वसुंधरा से अलग करें ताकि जनता में उनका प्रभाव कम किया जा सके !! लेकिन वसुंधरा जी का प्रभाव बढ़ता ही चला गया ...!! और कोई नेता होता तो वो आज से दस साल पहले ही त्याग - पात्र दे देता लेकिन वसुंधरा जी ने त्याग पात्र का तीर बड़े ही सही समय पर चलाया है !! ज्यादा तर सम्भावना यही है की सबको मना लिया जाएगा !! लेकिन संगठन ऐसा करता ही क्यों है ???? वो जो चाहता है स्पष्ट क्यों नहीं बताता सोचिये आप भी और संगठन वाले भी ...!!! क्या मिलता है उसे अपने ही पेरों पर कुल्हाड़ी मार कर !! ऐसे ही जिला स्तर पर हो रहा है और ऐसा ही मंडल स्तर पर हो रहा है !! निराशा बढती ही जा रही है !! कैसे हम अपनी पार्टी को 2014. में जीता पाएंगे ??? कैसे आप ही बताइए मित्रो ....लाग आन करें हमारा ब्लाग और ग्रुप जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " अपने विचारों से हमें अवश्य अवगत करवाएं !! धन्यवाद !! अगर जल्दी सब ठीक नहीं हुआ तो पार्टी का बंटाधार निश्चित है !! 

Friday, May 4, 2012

" ऐ मेरे वतन के लोगो , सब याद रखना ये बातें "..??

तेज़ याददाश्त वाले मित्रो , आप सबको मेरा सादर नमस्कार !! कृपया स्वीकार करें !!
                                     जिन मित्रों की याददाश्त कमज़ोर है या फिर किसी कारन से हो गयी है उन सबको भी मेरी राम - राम !! इन्सान का स्वभाव ही ऐसा है की समय जैसे जैसे गुज़रता जाता है इन्सान धीरे - धीरे सब बातें चाहे वो दुःख की हों या सुख की , भूलने लगता है !! ये एक तरह से इंसान के हित में ही है । क्योंकि अगर वो साड़ी बातों को समयानुसार नहीं भूले तो वो पगला जाए !! शायद भगवन ने इसी लिए इंसान को ये सुविधा प्रदान करी है की वो चाहे जिसे भुला सकता है और जिसे चाहे उसे जिंदगी भर याद भी रख सकता है !! 
                              इसी लिए मैं आज सब देश - वासियों से प्रार्थना कर रहा हूँ की और चाहे सब बातें भूल जाया करो लेकिन जो इन्सान हमें धोखा देते हैं उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि अगर हम ऐसे धोखे बाजों को भुला देते हैं तो वो लोग दोबारा से हमारे जीवन में आकर हमें धोखा देने की कोशिश करते हैं । नया रूप धर कर और नयी योजना बना कर !! जैसे की हमारे नेता लोग .....ये हमें चुनावों के बाद भुला देते हैं और जब पांच साल बाद दोबारा से चुनाव आते हैं तो ये दोबारा से आकर बड़ी मीठी - मीठी बातें करते हैं , आवभगत करते हैं और लुभावने वादे भी करते हैं और हम सब पिछली बातें भुला कर एक बार फिर उन नेताओं पर ही भरोसा कर बैठते हैं जो हमें पहले भी ठग चुके होते हैं !! कभी ये हमें एक ही धर्म का होना बताते हैं तो कभी एक ही जाती या इलाके का होने के कारण से वोट मांगते हैं !! और कभी कभी नहीं ज्यादातर हम ही किसी एक पार्टी का झंडा उठा कर उसे ही वोट देने का जनता से आग्रह करते हैं चाहे हमारा प्रत्याशी में लाखों बुराइयां ही क्यों न हो ??? 
                                  इसलिए आप सब मित्रों से मेरा हार्दिक निवेदन है की अब चाहे कोई भी चुनाव आयें ...लेकिन इन बातों को कभी मत भूलना जी :- 1. किसी भी लालच में आकर वोट नहीं देना !! 2. धरम , जाती और इलाके का मिलान नहीं करना !! 3. पार्टियों के पीछे नहीं भागना बशर्ते अगर आपका पार्टी प्रत्याशी बुरा है या आपको पसंद नहीं हो तो !! 4. बुरे नेताओं के भाषण सुनना और उन्हें देखने जाना या उनका स्वागत करना बंद कर दो !! अपने आस पास से ही किसी आदमी को चुनो सहमती बना कर और उसे ही जिताओ चाहे वो गरीब ही क्यों न हो ?? ये मत सोचो की केवल इसके जितने से ही क्या होगा , जीतकर ये भी तो किसी ऐसी ही पार्टी में जाएगा आदि आदि !! 

               हमेशां जागुरुक रहो और दूसरों को भी जागुरुक करते रहो जी !! हमारा ब्लॉग " 5th pillar corrouption killer " हमेशा पढो और इसे ज्वाइन भी करो !! हमारे लेखों को अपने फेसबुक मित्रों के संग शेयर करते रहो !! रोज़ लाग आन करो www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने विचार भी हमें लिख कर भेजा करो और अंत में मित्रता जारी रखो जी ....!! नमस्कार !! आपका ये दिन मंगल मय गुज़रे !! 

Thursday, May 3, 2012

" राष्ट्रपति - पद की एक ठोस दावेदार " , हमारी बहन मायावती जी !!

सभी ठोस प्रकार के मित्रों को मेरी राम - राम !!
                  जैसा की  सब जानते हैं कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति के प्रत्याशी हेतु  संभावित नामों पर विचार कर रही है । इस चर्चा में वह अपने सहयोगियों से भी सलाह मशवरा भी करेगी । विपक्ष बार - बार आग्रह कर रहा है की हम से भी तो पूछो ??? सत्ता धारी दल ढाढस बंधा रहे हैं की पूछेंगे - पूछेंगे सब्र करो !! 
                     सभी दलों के नेता - प्रवक्ता रोज़ चेनलों पर आ तो जाते हैं लेकिन जवाब नहीं  पाते की कौन सा व्यक्ति देश के इस अहम् पद हेतु उचित है ??? मैंने अपने ब्लाग में पहले इस बात पर आपसे चर्चा की थी की हमारे देश का राष्ट्रपति कैसा होना चाहिए ??? मैंने यही लिखा था की ऐसा व्यक्ति हमारा राष्ट्रपति होना चाहिए जो हमारे प्रधान मंत्री जी को अपनी राय दे सके , और अगर किसी राष्ट्र हित की बात को प्रधानमंत्री जी न माने तो वह व्यक्ति  मुद्दे को जनता और मिडिया की सहायता से देश - दुनिया के समक्ष रख सके !! नाकि सिर्फ एक रबड़ की मोहर भर बन कर रह जाए !! इस बात को आप सब पाठकों ने भी उचित माना था !! 
                       मैंने भी इतने दिन गहन चिंतन किया की ब्लाग में लिख तो दिया की कोई ठोस व्यक्ति होना चाहिए !! लेकिन कोई नाम तो जनता के सामने रख्खा ही नहीं !! सारे नेताओं के पिछले क्रिया - कलापों को जब गहनता से जांचा तो एक दलित महिला नेत्री पर जा कर मेरी सोच अटक गयी !! कोई चाहे लाख कमियाँ गिनाये उस महिला में लेकिन उसने देश के साथ गद्दारी नहीं की है। वो एक कुशल प्रशासक हैं , क़ानून की ज्ञाता भी हैं !!सबसे बड़ी बात ये है की वो u.p.a. सरकार की मददगार भी हैं !! भाजपा में भी उनके भाई रहते हैं और मुलायम जी की तो चांदी सी हो जायेगी ???? उनमे वो सारे गुण विद्यमान हैं जो किसी भी संभावित राष्ट्रपति के उमीदवार में होने चाहियें !! देश की मिटटी से जुडी हुई नेता हैं वो !! मैं एक भाजपा का कार्यकर्त्ता होते हुए भी उनका समर्थन कर रहा हूँ तो आप भी सोच कर अपनी राय प्रकट अवश्य करें !! हमारे ब्लाग  और ग्रुप को आज ही ज्वाईन कीजिये जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अगर आपको हमारे ये विचार  लग रहे हों तो कृपया इसे अपने सभी फेस - बुक मित्रों के संग शेयर अवश्य करें क्योंकि हम सब मिलकर ही देश में एक ...!! क्रान्ति ला सकते हैं सभी मित्रो को धन्यवाद !! सभी कहिये ..." धर्म की ...जय हो !! अधर्म का ... नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !! विश्व का ...कल्याण हो !! हर - हर - हर महादेव ..........!!!!!!!!! 

Wednesday, May 2, 2012

" संसद का घोर अपमान , जनता अब नहीं सहेगी " !

        मान - अपमान का अंतर समझने वाले समझदार मित्रो , आप सब को मेरा हार्दिक नमस्कार !! 
              कल अपनी यात्रा शुरू करते हुए , जोश में आकर , बाबा राम देव जी ने एक बार फिर , हमारे माननीय सांसदों के भेद खोल दिए , उनका कच्चा चिठ्ठा एक बार फिरसे जनता के बीचमे पढ़ दिया । फिर जो हाय तौबा मची है , वो देखने लायक थी । कोई भी शरीफ नेता अपने आपको उन 162 दागी सांसदों से अलग करने की हिम्मत तो कर नहीं पाया , बाबा राम देव पर ही उँगलियाँ उठाने में लगे रहे बड़ी ही बेशर्मी से कोई उन्हें पागल तो कोई उन्हें हताशा से भरा हुआ बताने लगा रहा । सब यही साबित करने में लगे रहे की चुने जाने के बाद गंदे से गन्दा आदमी भी " पवित्र " बन जाता है !! सांसद का अपमान , संसद का अपमान है ! 
अपनी गलती कोई भी राजनितिक दल मानने को तैयार नहीं की सबसे पहले उन्होंने ही तो उस गंदे व्यक्ति को टिकट दिया तभी तो जनता को ऐसे गंदे आदमियों को चुनना पडा ....!!!??? की नहीं ????
                   जोनेता बार बार ये कहरहे हैं की जनता के बीच में जाओ उन्हें समझाओ ....!! तो मैं सब पार्टियों के नेताओं को इस माध्यम से बता देना चाहता हूँ , की अब जनता संसद का अपमान बिलकुल भी नहीं होने देगी , वो ऐसे सांसदों को उनके सही स्थान पर पंहुचा कर ही दम लेगी !! केवल शरीफ और काम करने वाले ही संसद में जा पायेंगे !! सोशल - मिडिया लगा हुआ है इस नेक काम को करने में !!


  •                                  मैं बार - बार इस माध्यम से अपनी प्रिय जनता को भी प्रार्थना कर चूका हूँ की पाठको अब वक्त आ गया है जाग जाओ ...!!! जब भी कोई चुनाव हो , तो किसी भी लालच में मत आओ , जैसे पैसा , शराब इत्यादि , कभी ये सोचकर वोट मत दो की वो मेरे इलाके , धर्म , पार्टी या जाती वाला है इस लिए मुझको उसे ही वोट देना है !! पहले देखो की कौन - कौन व्यक्ति चुनाव लड़ रहे हैं उनमे से कौन सा व्यक्ति , पढ़ा - लिखा , मेहनती , इमानदार और अनुभवी नेता है ??? और आपको महत्त्व कौन देता है उसे ही चुनो , किसी भी बहकावे में नहीं आओ !! मेरा आप सब मित्रों से यही अनुरोध है की इन ससुरे भ्रष्ट नेताओं को सबक सिखा ही दो !! आप ज्यादा से ज्यादा लोगों  तक ये सन्देश शेयर करके पंहुचाएं ताकि ज्यादा लोग इसे पढ़कर जागरूक हो सकें !! आप भी हमारे इस ब्लॉग के साथ जुड़ें या हमारे ग्रुप को ज्वाइन करें , जिसका नाम है :- " 5th piller corrouption killer " www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आज ही लोग आन करें और अपने अनमोल विचार भी हमारे तलक पंहुचाएं जी !! ताकि हम आपके साथ जुड़ सकें !! धन्यवाद !! 

" मीठी - मीठी तकरार , भाजपा व संघ के बीच ,क्या - क्या गुल खिलाएगी " ???



  • " तकरारी " मित्रों को मेरा सलाम !! आज कल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच " मीठी - मीठी " सी तकरार चल रही है , जब भी चुनाव नज़दीक आने वाले होते हैं तब - तब ये " सुअवसर " आता है । मंडल स्तर पर , जिला संगठन मंत्री या प्रभारी , प्रादेशिक स्तर पर प्रदेश संगठन मंत्री या प्रभारी और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री या स्वयं संघ प्रमुख जी अपने दखल से उस तकरार को समाप्त करने की कोशिश करते हैं । वो ये भी प्रयास करते हैं की ये बात किसी को भी पता ना चले । लेकिन न जाने कैसे ऐसी बातें सबसे पहले मिडिया में पंहुच जाती है ।। अब जिन नेताओं को अपनी बात गुप्त रखना ही नहीं आता उन्हें जनता राष्ट्र की बागडोर कैसे संभाल दे ??? सारि दुनिया जानती है की R.S.S. की एक शाखा है भाजपा , और वो संघ के निर्देशों पर ही चलती है । किन्तु क्योंकि संघ के प्रचारकों और स्वयं सेवकों में प्रशासनिक शक्ति और राजनितिक दलों के अनुपात में कम होती है इसलिएजब कभी भाजपा को बहुमत मिल जाता है तो वो अफसरों से काम नहीं करवा पाते , बल्कि विधायक , सांसद और मंत्री बन्ने के बावजूद शासन नहीं कर सकते !! इस लिए संघ इस बात को कभी नहीं मानता की वो भाजपा के निर्णयों में हस्तक्षेप करता है !! संघ के लोग चुनावों में खर्च होने वाली राशि भी एकत्रित करने में सक्षम नहीं हैं , कठोर निर्णय भी लेना इनके बस की बात नहीं है ! इसीलिए जो भी प्रचारक संगठन मंत्री बनाकर भाजपा में भेजा जाता है , वो सिर्फ उन्ही कार्यकर्ताओं को महत्व देता जो जो पहलेस्व्यान्म्सेवक रह चुके होते हैं , वो कार्यकर्ता जो भाजपा में बाद में जुड़े याकिसी नेता के साथ पार्टी में आते हैं वो किनारे लगे अपने आपको महसूस करते हैं । जिससे खींचातानी और ग्रुप बाज़ी बढती है । और फिर जब तक चुनाव नज़दीक आता है तब ये संगठन मंत्री वगेरह - वगेरह मीटिंगों में शिक्षा देते हैं की पिछली बातों को भुला दो रीती - नीतियों के अनुसार चलो , जो निष्ठां दिखायेगा उसे पार्टी अवश्य कोई ना कोई फल अवश्य देगी , पार्टी पर संकट है देश पर संकट है समय की पुकार है देखो हम प्रदेश से आये हैं हमारी तो लाज रखो ....पार्टी को जिताओ , तब बेचारा कार्यकर्त्ता उनकी बातों में आकर पार्टी को जीतता है !! लेकिन चुनाव जितने के बाद जो व्यक्ति विधायक मंत्री और सांसद बनता है वो अपने झुण्ड में से अपने ख़ास चमचों को पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर बिठा देता है,और अगले चुनावों तक फिर संगठन के प्रभारी कुछ नहीं बोलते क्योंकि उनके पास इतने व्यापक अधिकार ही नहीं होते की वो कोई सख्त निर्णय लेसकें । मेरे साथ - साथ कई विचारकों का ये विचार है की क्यों संघ दूसरों के कंधे पर बन्दूक रख कर चलता है स्वयं ( भागवत  जी के शब्दों में ) संघराजनितिक क्यों नहीं करता क्यों संस्कारवान कार्यकर्ता क्यों नहीं बनाता ????? कहना आसान है करना मुश्किल है क्या कोई मुझे बताएगा की आज तक संघ कितने संस्कारवान स्वयं सेवक पैदा कर सका ???? किताबी भाषा और और वास्तविकता में अंतर होता है जी !! आज हर मंडल में नज़र घुमा कर अगर कोई सच्चे मन से देखे तो भाजपा के हजारो कार्यकर्त्ता किसी न किसी व्यक्ति से अपने आपको पीड़ित बताएगा !! क्या कभी किसी ने समझने की कोशिश की ...?? जनता भी बेसुध सी कभी इस राजनितिक दल को परखती है तो कभी उस राजनितिक दल को , और सभी राजनितिक दल ये गलतग्फह्मी पाले बैठे हैं की जनता अगर उसे नहीं चाहती तो मुझे चाहेगी !! लेकिन मैं सब के साथ - साथ अपने राजनितिक दल भाजपा और संगठन को भी इस लेख के ज़रिये सचेत करना चाहता हूँ की कोई भी दल ज्यादा देर तक इस वहम में न रहे क्योंकि जनता के पास अभी एक विकल्प और भी है , और वो ये की जनता जब जाग गयी ....तो फिर एक क्रान्ति आएगी ...और जनता फिर सभी पुराने नेताओं को भूल जायेगी , अपने जाती धरम के नेताओं को भी दुत्कार देगी अपने इलाके का नेता है येभी भूल जाएगी !!अपनी पार्टी और संगठन को भूल कर बिलकुल नए , साधारण से पढ़े - लिखे चरित्रवान व्यक्ति को ही जिताएगी या फिर सम्पूर्ण क्रांति होगी संविधान भी नया बनेगा और राजनितिक दल भी ?? इस लिए मेरी हाथ जोड़ कर सबसे प्रार्थना है की सभी दल वास्तविकता में आ जाएँ अपने कार्यकर्ताओं को संभालें और जितने के बाद , जिन कार्यकर्ताओं  ने उन्हें जिताया है उन्को बुलाकर उनकी समस्या और उनके आडोस पड़ोस की समस्या को पहले हल करें ताकि उस कार्यकर्त्ता का भी कुछ होसला बढे और वो अगली बार दुगने जोश के साथ जनता में जाकर अपनी पार्टी और अपने नेता का गुणगान कर सके !!  अब हमारे विधानसभा क्षेत्र को ही देख लीजिये , सूरतगढ़ में 6 M.L.A. के दावेदार हैं ,लेकिन आम जनता और निष्ठावान कार्यकताओं को इनमे से कोई भी पसंद नहीं , ये बात इनको , पार्टी - संगठन के वरिष्ठ नेताओं को भी भली भाँती रूप से पता है परन्तु फिर भी इन्हें ही पार्टी और संगठन प्रोत्साहत कर रही है , ना जाने क्यों ??? इनकी खासियतें ये हैं की कोई तो ज्यादा सख्ती से पेश आता है तो कोई जरूरत मंदों को मीठी - गोली देता रहता है तो कोई अफसरों के आगे घबराता है , किसी का आधार ही नहीं है ...!! अब आप ही बताओ जी जनता किस कूएँ में गिरेजी? क्योंकि गिरना तो पड़ेगा ही ....????संघ को भी अब समझना होगा की अब परदे के पीछे से नहीं सामने से लड़ना होगा तभी देश का कुछ भला हो पायेगा और मैं विश्वास दिलाता हूँ की जनता राष्ट्रीयस्वयंम सेवक संघ को चाहती है शासन सोम्पना  लेकिन वो भाजपा में विश्वास नहीं कर पा रही है ....!! क्यों जी आपका क्या विचार है मित्रो !! क्या संगठन को भाजपा से अब मीठी - मीठी तकरार जारी रखनी चाहिए या संघ को एक नया दल मोदी जी जैसे नेता के नेतृत्व में बना देना चाहिए जिसे शुद्ध रूप से संघ ही चलाये ....!! या फिर ये माना जाए की संघ अटल जी की तरह एक और बड़े नेता यानी मोदी जी को  समाप्त करना चाहता है या फिर यूं कन्हे की अभिमन्यु की तरह मोदी जी का भी वध करना चाहता है क्योंकि संघ के लिए ये बात भी प्रचलित है की वो किसी भी नेता को इतना बड़ा नहीं होने देना चाहता जो वो बाद में संघ पर कोई प्रश्न खडा कर सके !! लेकिन आज एक छोटा सा कार्यकर्ता भी अपनी आवाज़ इस इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व में पंहुचा सकता है जिसका उत्तर देना हर एक के  लिए आवश्यक हो जाए ???? तो मित्रो आप भी अपने विचार हमें भेजिए हमारे ग्रुप और ब्लॉग पर जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज ही लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अंत में मैं तो सिर्फ इतना ही कहूँगा की आपस में तकरार छोड़ो और देश हित में वो करो जो सही हो !!धन्यवाद !! जय श्री राम ...!!! हो गया काम ...!!

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...