शब्द ज्ञानी दोस्तों , नमस्कार ! अन्ना जी के आन्दोलन में जनता के बीच में श्री मति किरण बेदी और अपने प्रिय अदाकार ओम पुरी जी ने हमारे सांसदों , मंत्रियों और नेताओं को कुछ खरी - खरी नमक - मिर्च लगाकर सुनादी , तो हमारे नेता भड़क गए कहने लगे , कि संसद का अपमान हो गया , वगेरह - वगेरह | दोनों वक्ताओं में से एक तो पंजाबी पुलिस वाली अधिकारी है , तो दूसरा ग्रामीण पंजाबी संस्कृति का, दोनों भले ही डिग्री धारक हों परन्तु शब्द - ज्ञानी तो बिलकुल नहीं हैं | प्रयाय्वाची तो बिलकुल नहीं जानते | बल्कि दोनों भूतकाल में भारी भरकम " गालियों " के ज्ञाता और वक्ता अवश्य रहे होंगे | उन्होंने जो शब्द प्रयोग किये वो उन लोगों के लिए तो उचित नहीं हैं जो ईमानदारी से अपना कार्य करते हैं , चाहे वो किसी भी दल से क्यों न हो ? लकिन जो शुद्ध भ्रष्टाचारी हैं उनके लिए तो ये शब्द बहुत शालीनता से भरे हुए हैं , क्योंकि आम जनता तो उनसे भी गंदे संबोधनों से पुकारती है ? जो शायद उन नेताओं के कानो में नहीं पंहुचते | अब कोई आपको " कुत्ता , कमीना , चोर बदमाश और हरामी कहना चाहे , आपके कार्यों के कारन और उसे इनके प्रयावाची न पता हो , तो कोई क्या करे ?" एक तो चोरी , ऊपर से सीनाजोरी ? ये चोर सांसद उनको धमका भी रहे हैं की आपने " संसद " का अपमान कर दिया ? वाह ! भाई क्या पैंतरा मारा है ? इस सब के लिए जनता भी कम जिम्मेदार नहीं है ? उसे भी अब नए उमीदवार ढूंढ लेने चाहिए | चुनाव चाहे कोई से भी हों ?" पार्टी , धर्म , जाती और इलाके की बंदिशें तोड़ दो " !!!! सिर्फ " भारत - माता - की जय !! और वन्दे - मातरम !! का ही ध्यान हो !!!!!!! जय हो .............!!!!!!!!! एक पुराने गीत की दो पंक्तियाँ याद आ रही हैं ..... " शरीफों का ज़माने में , अजी बस हाल ये देखा की शराफत छोड़ दी मैंने ....................????????? कैसा - लगा ?
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Tuesday, August 30, 2011
Saturday, August 27, 2011
" AB - HONE WALE - HAR CHUNAVON MAIN - JAATI - ILAKA - DHARAM - PARTY- LALCH - SABH - CHODHNA - HOGA , OR NAYA - M.P. - MLA. DHOONDHNA - HOGA." .
सरकार और विपक्ष के लटकों - झटकों में फंसे दोस्तों ! नमस्कार !! सभी भारत वासी पिछले १२ दिनों से सरकार - विपक्ष और मिडिया के लटके - झटके देख रहे हैं , समझ रहे हैं | कैसे - कैसे नाटक कर रहे हैं , " लालू, बंसल , प्रणब, राहुल,मायावती,आदि - आदि | जनता समझ भी रही है , और सोच भी रही है कि क्या किय जाए ? नेता चेलेंज कर रहे हैं कि हिम्मत है तो २०१४ में चुनाव लड्लें , अपनी सरकार बनालें और " बिल " पास करवालें ? सरकार संसद में तो ये दिखा रही है कि वो " जन्लोकपाल " के कुछ - कुछ पक्ष में है | विपक्ष दिखा रहा है कि वो " ज्यादातर " पक्ष में है " लेकिन दोनों कि शह पर " माया - लल्लू असली भाषा बोल रहे हैं "| बेशर्मी की हद हो गयी है ? पुराने संसद - सदस्य या मंत्री होने का " दंभ " लगातार बढ़ रहा है | जिसका इलाज आवश्यक है , और इस बीमारी की डाक्टर " जनता " ही है | आज हम सबको ये "प्रण" करना है कि अब चाहे जो भी चुनाव आये , चाहे छोटा हो या बड़ा , तब हमने किसी लालच में नहीं फंसना , जाती , धरम , इलाका और पार्टी के बन्धनों में नहीं फंसना " सिर्फ और सिर्फ " इमानदार " और " सेवा - भावी व्यक्तियों को ही चुनना है | ये मशाल जलती रहनी चाहिए | तभी शुद्ध लोक तंत्र आएगा |
Wednesday, August 24, 2011
" B A D M A S H - NETA , -- GARIB JANTA --, SACHCHA --ANNA "
प्यारे देशवासियों , नमस्कार ! नेताओं ने सर्वदलीय मीटिंग में जो तय हुआ उसका सार ये है की " जन - लोकपाल " पर विचार तो होगा पर " श्रेय " कंही " अन्ना " जी की टीम को नहीं चला जाए , ये नहीं होगा | अब सवाल ये पैदा होता है कि " क्या इन नेताओं को संसदीय प्रणाली की चिंता है ?" या ये जिद है की हमारी चले ? मौजूदा सांसदों का चरित्र जनता को समझ आ गया है चाहे वो किसी भी पार्टी का है ? अभी आखरी बात प्रणब जी के साथ होने वाली है मुझे नहीं लगता कि कोई हल निकलेगा ? फिलहाल " जन्लोकपाल - बिल " विचारार्थ स्वीकार हो जायेगा और अनशन समाप्त हो जायेगा ? लकिन क्या जनता " चुनावों " के समय तक सब भूल जाएगी या ये संघर्ष याद रखेगी ? मेरा तो यही मत है कि जनता को आज ये प्रण कर लेना चाहिए कि अगले चुनावों में न तो कोई "पुराना सांसद जीतना चाहिए और न ही कोई पुराना विधायक जीतना चाहिए " ? " अन्ना " जी की टीम को अभी से " इमानदार " लोग ढूँढने का कार्य शुरू कर देना चाहिए ? ताकि जनता को निर्णय करने में कोई परेशानी न हो ? जनता को ये भी प्रण करना होगा कि अपनी " पार्टी , धर्म , जाती और इलाका " के नाम पर " वोट " न देकर केवल " इमानदार " प्रतिनिधियों को ही चुनना होगा | अन्यथा अन्याय होता रहेगा | भारत - माता - की - जय !! अन्ना - जी - की - जय !! " ए - कम्पनी - की जय हो !! भारत - की - जनता - की जय हो !! नेताओं कुछ सीखो " अन्ना " जी से | परमात्मा इन नेताओं को सदबुध्धि दे ?
Monday, August 22, 2011
" AB - PATA - CHALA - KYON NAHI PRINT HOTA NOTON PAR "AZAAD"?"
" अन्ना " और " कृष्णा " के रस में डूबे दोस्तों ! ! जय -जय श्री राधे कृषण ..! !कुछ समय पहले कई देश भगतों के भगतों ने ये आवाज़ लगायी थी कि महात्मा गाँधी जी की ही फोटो " नोटों " पर क्यों छापी जाती है ? किसी दूसरे देश भगत की क्यों नहीं नोटों पर फोटो छापी जाती | जैसे :- भगत सिंह , चंदर शेखर आज़ाद , सुभाष चंदर बोस , सरदार उधम सिंह आदि - आदि | आज जब अन्ना जी का आन्दोलन देखा ,तो समझ आया कि शांति दूत , राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का ही चित्र नोटों पर छापना उचित था | देश की आज़ादी की लड़ाई में उपरोक्त देश भगतों का महत्वपूरण योगदान था जिसे देशवासी हमेशां याद रखेंगे | लेकिन शांतिपूर्वक आन्दोलन चलाने का एक अपना ही महत्व है | आशा है ऐसे सभी देश भगतों के समर्थक भी समझ गए होंगे ? जो किसी और देश भगत का नाम भारतीय नोटों पर छपवाना चाहते हैं | आज हमने देखा " श्री मनीष तिवाड़ी " अपना मुंह छुपाते घूम रहे हैं , सरकार जनान्द्दोलन के आगे झुक गयी है | श्री संजय निरुपम ने अन्ना की " टोपी " पहन ली है |चोर दुबक कर बैठ गए हैं | कोई ऐसा शहर या गॉंव नहीं जंहा से अन्ना को समर्थन नहीं मिला | सब प्रकार के कार्य करने वाले ,बूढ़े , बच्चे , जवान ,औरत और मरद सब अन्ना जी के साथ हैं | कईयों की आँखें खुल गयीं हैं | " भारत माता की जय बोलना पड़ेगा जी | "
Thursday, August 18, 2011
" 2014 main ek bhi "saansad ya vidhayak " purana chunkar nahi jana chahiye"
अनशन पर बैठे दोस्तों , और समर्थन दे रहे मित्रो !नमस्कार !! देश ने " अन्ना " जी के नेत्रित्व में " अंगडाई " ले ली है | देश में फैले भ्रस्टाचार और कुव्यवस्था के खिलाफ | सभी वर्ग के लोग न केवल इसमें शामिल हैं बल्कि पक्के इरादे के साथ "खम्बा " गाढ़ दिया है | कल संसद में " निरुपम " जी ने जब ये कहाकि "जनता" हम सबको " बेईमान " समझती है , दर्शकों ने यही कहा होगाकि आप सही हो " निरुपम " जी | आज कोई भी जनप्रतिनिधि बिना " हेराफेरी " के जीत सकता है क्या ??? मैं कहता हूँ की बिलकुल नहीं ! अब लड़ाई " आर - पार " की है | ये हम सब जानते हैं इसीलिए इतना जन - समर्थन इस अनशन को मिल रहा है | सरकार कहती है कि अन्ना जी "जिद" कर रहे हैं, मैं कहता हूँ कि यही तो " इच्छा - शक्ति " है , जो सरकार में नहीं पाई जाती | " मक्कार " , "ढीठ", " कमीने", " झूठे "और बेईमानो से भरी पड़ी है हमारी संसद और विधानसभाएँ | इसलिए सभी भारत वासियों से निवेदन है कि इस " अनशन " का चाहे जो नतीजा क्यों न निकले परन्तु हमने आज ये "प्रण " करना है कि चाहे जो हो जाए लेकिन सन 2014 में कोई भी " सांसद " पुराना नहीं जीतना चाहिए , और भविष्य में कोई " विधायक " पुराना नहीं जीतना चाहिए | चाहे हम किसी भी पार्टी ,जाती या धर्म के क्यों न हों ?????? क्योंकि हमने अपनी आनेवाली पीढ़ियों को निराश नहीं होने देना है |
Monday, August 15, 2011
" M U R A K H - - - - - - - - J A N T A - - OR -- YE " ULLU - KE - PATHTHE " ?
मुर्ख दोस्तों, सलाम ! लो जी सभी कान्ग्रेस्सी भाई आज चिल्ला - चिल्ला कर कह रहे हैं कि जनता उस समय मुर्ख बन जाती है जिस समय वोट पड़ रहे होते हैं | कोई तो उस समय किसी पार्टी का " पक्का " कार्यकर्त्ता बन जाता है,तो कोई किसी जाती विशेष का नेता ? कोई किसी भाषा का प्रेमी बन जाता है तो कोई किसी इलाके का खामखाह अपने आप को समझने लगता है ?ऐसे षड्यंत्र रच कर ये नेता ही हमें मुरख बनाते हैं , और अब यही लोग कह रहे हैं कि जब आपने हमें ५ सालों के लिए चुन लिया तो अब क्यों " रो " रहे हो ? अब तो हम जैसे भी देश चलायें हम नेताओं कि मर्ज़ी ? हम नेताओं को कोई नहीं रोक सकता ? ये " अन्ना " और " राम देव " " किस खेत की मूली हैं " ? कंही पेंशन न मिलने का डर है तो कंही खुद की ही चोरी न पकड़ में आ जाए इसलिए संसद में विपक्ष के सारे नेता चुप हैं ?रशीद मियां तो यह भी कहते हैं कि जनता चुनावों के समय पैसा भी लेती है और शराब भी पीती है ? जो २०% सही है ? अनशन, कैसा , कब , क्यों , कंहाँ और किसलिए होना या नहीं होना चाहिए इसका फैसला तो अब संसद या सुप्रीम - कोर्ट को कर देना चाहिए ? क्योंकि इससे नुकसान अधिक और फायदा कम होता है ? जनता तो मुर्ख बनती आई है , बनती रहेगी ? यंहा तो " कसाई " ही रहम करे ! जनता तो १०० सालों में एकबार जागती है ? तब जो फैंट मे आता है, वो सीधा हो जाता है ? इसलिए हे कांग्रेसी मित्रो जरा अकाल पर हाथ मारो और अपने कियेकी माफ़ी मांगलो ? ये जनता अब भी तुम्हे माफ़ करदेगी ? नहीं तो मेरी बात याद रखना कि ५ साल तो क्या ५० साल तक भी कांग्रेस की सरकार नहीं आ पायेगी | और किस गलतफहमी में हो यारो ? अब भी कोई कांग्रेस की सरकार नहीं है ? अरे तुम्हे तो " एक नितीश - एक मोदी " ही बहुत है ??????????????बोलो जय श्री - राम !
Friday, August 12, 2011
" RAKSHA - BANDHAN - - - - KARE RAKSHA - SWTANTRTA - DIWAS KI "
भाइयो और बहनों एवं प्य्रे दोस्तों , रक्षा - बंधन और स्वतंत्रता - दिवस की हार्दिक बधाई स्वीकार करें ! त्यौहार है इसलिए बधाई तो देनी ही पड़ेगी , लेकिन हालात नहीं है देश के बधाई देने वाले | सोना ,चांदी,हीरे ,मोती,पीतल ,ताम्बा,लोहा,कांच को तो छोड़ो , बाज़ार दाल सब्जी और फल लेने जाना पड़े तो " नानी याद आ जाती है" | इन अफसरों , मंत्रियों और बाबुओं की तनख्वाह इतनी है की इन्हें तो १००/- रूपये कुछ भी नहीं लगते | मध्यम निम्न दर्जे का आदमी जाए तो कंहा जाए | न तो वो बी.पी.एल. बन सकता और न वो अमीर बन सकता | दो पाटन में पिसना ही उसकी किस्मत है | नेता लोग इंग्लिश में आंकड़े सुनाकर जनता को बरगला रहे हैं | पत्रकार बहस कराके अपना पल्ला झाड रहे हैं | विपक्ष शोर मचा रहा है | सोनिया जी राम जाने कैसी बीमारी से जूझ रही हैं,वो परिवार सहित विदेश चली गयी हैं | भगवान उन्हें जल्दी ठीक करे , वैसे " डर " भी एक बीमारी होती है | मंत्री अकड़े पड़े हैं | ऐसे में मुझे भी ये डर सता रहा है कि कंही हमारा देश फिरसे गुलाम न हो जाए ? क्योंकि सरकार की नीतियाँ ही ऐसी हैं | बाबू काबू में नहीं | मुझे तो एक पुराना गाना याद आ रहा है ..." राम चन्द्र कह गए सिया से , ऐसा कलयुग आएगा ...... हंस चुगेगा दाना तिनका कौआ मोती कहेगा ..... हो जी रे .....| तो रक्षा बंधन ही स्वतंत्रता दिवस की रक्षा करे तो करे | या फिर " रक्षा करे तेरी सिया राम ...सियाराम ...!
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...

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प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
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मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
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" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !! कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए ,...