मुर्ख दोस्तों, सलाम ! लो जी सभी कान्ग्रेस्सी भाई आज चिल्ला - चिल्ला कर कह रहे हैं कि जनता उस समय मुर्ख बन जाती है जिस समय वोट पड़ रहे होते हैं | कोई तो उस समय किसी पार्टी का " पक्का " कार्यकर्त्ता बन जाता है,तो कोई किसी जाती विशेष का नेता ? कोई किसी भाषा का प्रेमी बन जाता है तो कोई किसी इलाके का खामखाह अपने आप को समझने लगता है ?ऐसे षड्यंत्र रच कर ये नेता ही हमें मुरख बनाते हैं , और अब यही लोग कह रहे हैं कि जब आपने हमें ५ सालों के लिए चुन लिया तो अब क्यों " रो " रहे हो ? अब तो हम जैसे भी देश चलायें हम नेताओं कि मर्ज़ी ? हम नेताओं को कोई नहीं रोक सकता ? ये " अन्ना " और " राम देव " " किस खेत की मूली हैं " ? कंही पेंशन न मिलने का डर है तो कंही खुद की ही चोरी न पकड़ में आ जाए इसलिए संसद में विपक्ष के सारे नेता चुप हैं ?रशीद मियां तो यह भी कहते हैं कि जनता चुनावों के समय पैसा भी लेती है और शराब भी पीती है ? जो २०% सही है ? अनशन, कैसा , कब , क्यों , कंहाँ और किसलिए होना या नहीं होना चाहिए इसका फैसला तो अब संसद या सुप्रीम - कोर्ट को कर देना चाहिए ? क्योंकि इससे नुकसान अधिक और फायदा कम होता है ? जनता तो मुर्ख बनती आई है , बनती रहेगी ? यंहा तो " कसाई " ही रहम करे ! जनता तो १०० सालों में एकबार जागती है ? तब जो फैंट मे आता है, वो सीधा हो जाता है ? इसलिए हे कांग्रेसी मित्रो जरा अकाल पर हाथ मारो और अपने कियेकी माफ़ी मांगलो ? ये जनता अब भी तुम्हे माफ़ करदेगी ? नहीं तो मेरी बात याद रखना कि ५ साल तो क्या ५० साल तक भी कांग्रेस की सरकार नहीं आ पायेगी | और किस गलतफहमी में हो यारो ? अब भी कोई कांग्रेस की सरकार नहीं है ? अरे तुम्हे तो " एक नितीश - एक मोदी " ही बहुत है ??????????????बोलो जय श्री - राम !
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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