सरप्राइज़ पसंद भारतीयों ,रिश्वत भरा नमस्कार !!बी.जे.पी.का भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन राजस्थान से गडकरी जी ने बड़े जोर शोर से शुरू किया ,लेकिन अगले ही दिन पंजाब में एक बी.जे.पी. के विधायक "खुराना"जी ने उसका राम नाम सत्य कर दिया |सुनने में आया है कि ये सब उसने सिर्फ अपने लिए नहीं किया ? कई मंत्रिओं को बाँटना था |या फिर पार्टी फंड में जमा करवाना हो ? खैर वो तो अब जांच हो जाएगी |परन्तु हमारी तो बोलती बंद हो गई ? अब हम किसकी मुर्दाबाद करें ? उनकी या अपनी ?दरअसल ,जब तक सभी पार्टियां अपने चुनावी चंदे को पारदर्शिता में नहीं लाती तब तक भ्रष्टाचार आन्दोलन की शुरुआत नहीं हो सकती | चाहे बाबा रामदेव आमरण अनशन करे या श्री अन्ना हजारे ?कुछ नहीं सुधरने वाला |शोले फिल्म का डायलाग इस स्थिति में फिट बैठता है | "इतनी बदलियों के बाद भी हम नहीं बदले ,तो अब क्या बदलेंगे ?
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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