दूध पीन वाले सभी मित्रों को मेरा सलाम !! पिछले २ - ३ दिनों से समाचारों में लगातार आ रहा है की देश में नकली दूध की आवक युद्ध स्तर हो रही है !! क्या गाँव क्या शहर सब जगह नकली दूध ही बन और सप्लाई हो रहा है !! जिस गाँव में एक भी गाय और भेंस नहीं वंहा रोज़ कई सो किलो दूध और खोया बन और बिक रहा है || दिल्ली के मंत्री जी भी मान रहे हैं की जब दूध की मांग बढ़ जाती है तो हम पौडर का दूध बना कर बेच देते हैं | इसलिए भाइयो और बहनों अब सोच - समझ कर पीना जी अब " रोज़ एक गिलास दूध ".....?????? T.V. वाले पत्रकार भाई तो दूध बनाने की विधि और विधान भी दिखाते हैं शायद इसलिए की जिसको अब तक नकली दूध बनाना नहीं आया वो भी सीख लें !! गाय - भैंस को पालने का श्रम तो अब किसी के बस में रहा नहीं , लेकीन दूध चाहिए डिब्बों में बंद और ज्यादा मात्र में तो नकली ही मिलेगा न ???? पहले हमारे ऋषियों मुनियों ने गाय पालन को " पुण्य " का कार्य बताया था तो हम बचपन में अपनी माता से पूछा करते थे की माँ सिर्फ गाय पालना ही पुन्य क्यों ??? भैंस पलने से पुन्य क्यों नहीं मिलता दूध तो हमें वो भी देती है तो माँ हमारी हमें समझाती थी की गाय के शरीर में सभी देवता विराजमान रहते हैं इसलिए उसका गोबर , मूत्र ,और सारा शरीर यानि उसकी चमड़ी भी हमारे काम आती है | गाय का दूध ओशधियों से भरपूर होता है भैंस का नहीं , इसलिए गाय को पालना पुन्य बताया गया है !! तो आज मैं सभी मानव जातियों से हाथ जोड़ कर अनुरोध करना चाहता हूँ की कम से कम एक गाय तो हम अवश्य पालें अन्यथा समय वो आ जायेगा जब इस संसार में कोई भी खाद्य वस्तु असली नहीं मिलेगी !! हमारे साइंस दानों ने प्रयोग कर - कर के सभी सब्जियों और फलों का असली स्वाद ही गायब कर दिया है !! नदियाँ हमारी शुद्ध नहीं रहीं !! हमारे ग्रंथों में भी लिखा है की जब प्रलय का समय आता है तब नदियाँ गायब हो जाती हैं , प्रकृति अपनी खूबियों को समेटने लगती है और पाप बढ़ जाता है तब समझलो प्रलय आने वाली है ............तो वोही कुछ हो रहा है .......आया समझ में .....बोलो ....जय ....श्री .....राम !!!
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