" सभी समझदार "मित्रों को मेरा सादर प्रणाम !!
टी.वी. प्रवक्ताओं को स्पेशल नमस्कार !!
चेनलों के वफादार एंकरों को - राम-राम !!
सभी घ्रणित कार्यो की दोषियों को सज़ा दिए जाने की प्रार्थना और पीड़ितों के इलाज और समाज में पुनर्स्थापना की याचना " ठेकेदारों " को करने के बाद अपनी बात कहना चाह रहा हूँ महिला आयोग से माफ़ी मांगते हुए………कृपया आज्ञा प्रदान करें !!
" भगवान श्री रजनीश " जी की एक पुस्तक में मैंने पढ़ा था कि , नवजात बच्चे के अन्दर भी सेक्स की इच्छा जागती है जिसकी पूर्ती वो " स्तन-पान " और अंगूठा चूस कर करता है !!
कलयुग चल रहा है , तो समय की भी यही चाल है कि धरती पर " पाप " बढ़ें !!
केंद्र की सरकार भी चाहती थी कि " आपसी सहमती " से सेक्स करने की उम्र घटे !!
खाप पंचायत के पदाधिकारी भी शादी की उम्र घटाने के पक्ष में हैं !!
" सरप्राइज़ - सेक्स " का आनंद लेने वाले और " गे " समर्थक भी हिंदुस्तान में बहुत पाए जाते हैं !! टीवी पर अश्लील विज्ञापन , नाटक,फ़िल्में और लाइव-शो दिखाने की वकालत करने वाले , जिसको नहीं देखना हो,वो अपना टीवी बंद कर दें, ऐसा कहने वाले भी आज़ाद घूम रहें हैं !! सरिता,गृह-शोभा जैसीं समाज का निर्माण करने वालीं पुस्तकें प्रकाशित हो रहीं हैं !! इंटरनेट पर हर रिश्ते की परम्परा को तोड़कर सेक्स करने वाली जब साईट मौजूद हो तो एक "कच्ची-उम्र " के नौजवान के मन में " सेक्स की भूख " जागे तो इसमें उसकी क्या गलती है ????
संकोची स्वभाव , परदेशी,और कमज़ोर प्रकृति के कारण किसी " व्यस्क-नवयोवना " को प्रणय निवेदन ना कर पाने के कारण वो नवयुवक वासना के अभिभूत होकर एकान्त में नतीजे से अनजान लड़की या लड़के को अपना " शिकार " बनाता है जो उसके आस-पास ही रहती होती है !! या फिर अचानक उसे जो उपलब्ध हो जाये वो उसका शिकार हो जाता या जाती है !!
वो नन्हा शिकार उसी तरह से उत्सुकतावश उसकी बातों में आ जाता है जैसे छोटा बच्चा किसी भी वस्तु को खाने की वस्तु समझकर अपने मुंह में लेने की कोशिश करता है !! पहले- पहले उसे भी " आनन्द " महसूस होता है लेकिन " चरम-स्थिति " का कष्ट असहनीय हो जाता है !! फिर " आगे के डर को देखते हुए पीड़ित का क़त्ल भी हो जाता है !!
लगभग ये घटनाक्रम होता है !! अब हम दोषी ढूँढने का प्रयास करते हैं……। शास्त्र कहते हैं कि विपरीत लिंगियों को एकान्त उपलब्ध नहीं कराना चाहिए !! " नवयौवन " की उम्र में तो माँ-बेटे,भाई-बहन और पिता-पुत्री का साथ-साथ बैठना-सोना बिलकुल वर्जित है !! तो प्रथम दृष्ट्या दोषी वो हुआ जिसने उन्हें " एकान्त " उपलब्ध करवाया !! दुसरे अपराधी वो जो समाज में पश्चमी सभ्यता की " वकालत " करते हैं !! तीसरे अपराधी वो जो ये घृणित कार्य करने का दुस्साहस करते हैं !! चोथे अपराधी वो पुलिस वाले जो दुर्घटना घट जाने के बाद भी अपना काम जल्दी शुरू नहीं करते….???
कलयुग में कुछ भी संभव है चाहे वो अच्छा हो या बुरा !! ऐसे समाचार तब ही बाहर क्यों आते हैं जब अवकाश होते हैं यानी 21वीं सदी के समाजसेवियों को समय उपलब्ध रहता है !! ??? क्या ये अपराध " प्रायोजित " हो सकता है ??????
पुलिस अफसरों को चूड़ियाँ बांटने , उन पर थूकने वाले और भोंडे तरीके से प्रदर्शन करने वाले अपशब्द बोलकर गले पड़कर भड़काने वाले आधुनिक N.G.O.कार्यकर्त्ता भी कंही " प्रायोजित " तो नहीं ? ? ?
युवाओं
की भावनाओं को भड़काकर वोट लेने का कंही ये राजनितिक दलों का कोई षड्यंत्र तो नहीं……. जागो भारत वासियों जागो सिर्फ टीवी देखकर किसी को दोषी मत मानिये… !! अपने क़ानून पर भरोसा कीजिये !! अगर उसपर भी भरोसा नहीं हो तो भारत का संविधान बदलने हेतु अपने घरों से बाहर निकलिए !! उठाओ हथियार !! करो क्रान्ति…….!!
क्यों मित्रो !! आपका क्या कहना है ,इस विषय पर...??
प्रिय मित्रो, ! कृपया आप मेरा ये ब्लाग " 5th pillar corrouption killer " रोजाना पढ़ें , इसे अपने अपने मित्रों संग बाँटें , इसे ज्वाइन करें तथा इसपर अपने अनमोल कोमेन्ट भी लिख्खें !! ताकि हमें होसला मिलता रहे ! इसका लिंक है ये :-www.pitamberduttsharma.blogspo t.com.
आपका अपना.....पीताम्बर दत्त शर्मा, हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार , आर.सी.पी.रोड , सूरतगढ़ । फोन नंबर - 01509-222768,मोबाईल: 9414657511
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कलयुग चल रहा है , तो समय की भी यही चाल है कि धरती पर " पाप " बढ़ें !!
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Real expression. Nice sharing.
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gud !
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