Friday, February 21, 2014

प्रस्तुतकर्ता - सूबेदार जी पटना - " मखतब-मदरसों से भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद को होता खतरा " -----------!



               देश आज़ादी के पश्चात् देश में मदरसों की संख्या नगण्य थी १९७७-७८ में यह संख्या बढ़कर ५८ से सौ तक थी यह सरकारी आकड़ा है ९० के दसक में यह संख्या बढ़कर २० हज़ार हो गयी जब हम इसका विश्लेषण करते है कि इन सबका बढ़ाना भारतीय परिवेश में कितना महगा पडेगा --! इसका विचार तो करना चाहिए, क्या भारतीय संस्कृति समाप्त करने पर तुले है ये मदरसे-! फिर राष्ट्रीयता पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है! भारतीय मीमाशंकों के लिए यह विचारणीय विषय है।
           क्या है भारतीय संस्कृति-? सनातन काल से चली आयी ऋषियों-मुनियों द्वारा हजारों-लाखों वर्षो की तपश्चर्या के पश्चात इस मानवतावादी संस्कृति का निर्माण हुआ जिसे हम हिन्दू संस्कृति, हिन्दू धर्म अथवा सनातन धर्म कहते हैं, हमारी भारतीय संस्कृति का निर्माण नदियों के किनारे जंगलों व हिमालय की कंदरावों मे ऋषियों-मुनियों ने बड़ी योजना पूर्वक किया, एक अरब सत्तानवे करोङ पचासी लाख वर्ष पूर्व हमारे वेदों को भगवान ने हमे दिया जो ऋषि विश्वामित्र, अगस्त, लोमहर्षिनी, लोपमुद्रा, दीर्घतमा, ऐलुष, जमदग्नि, ऋचिक और परसुराम जैसे ऋषियों के कंठो मे आकर इनहोने इसके दर्शन किए यानी इस पर सोध किया भगवान राम, श्रीक़ृष्ण जैसे महापुरुषों ने इन आदर्शों पर चलकर हमारा मार्गदर्शन किया, चाणक्य व आदि शंकराचार्य ने इस संस्कृति के आधार पर राष्ट्र निर्माण किया, चन्द्रगुप्त और पुष्यमित्र शुंग जैसे प्रतापी राजाओं ने इस महान राष्ट्र को आधार बना सम्पूर्ण आर्यावर्त का राजनैतिक स्वरूप का निर्माण किया जिनकी महान गाथाओं के आधार पर हम गौरवान्वित होते रहते हैं।

         आज की स्थित पर जब हम विचार करते है तो क्या पाते है ? जहां प्रातः काल मंदिरों पर आरती व पूजा, घंटा -घरियाल के आवाज़ सुनाई देती थी मठ, मंदिरों मे वेद मंत्रो की गूंज सुनाई देती थी वहाँ मस्जिदों पर मक्का-मदीना की आवाज सुनाई दे रहा है खेत-खलिहानों मे धोती कुर्ता दिखाई देता था वहाँ लुंगी दिखाई दे रहा है, परिस्थितियों मे बहुत-कुछ बदल चुका है यदि समय रहते हिन्दू समाज नहीं सचेत हुआ तो परिणाम यह होगा की भारतीय संस्कृति कहानियों मे ही सुनने को मिलेगा, जहां 70 के दशक के पहले मस्जिदों पर ध्वनि विस्तारक की आवाज सुनाई नहीं देती थी वहीं बिना किसी परमिसन किसी सूचना के इतनी तेज आवाज़ ! बच्चो की पढ़ाई मे ब्यवधान हो रहा है कोई सुनने वाला नहीं स्थिति यहाँ तक बिगड़ गयी है कि एक सर्वे के अनुसार 77-78 तक मदरसों की कुल संख्या 88 थी जो सन 2000 तक बढ़कर 20000 हो गयी उसका परिणाम क्या हुआ ? आज इस्लामी टोपी लगाने वाले, अध-कटा पैजामा पहनने वाले, कठमुल्ला दाढ़ी रखने वाले तो हर गली मुहल्ले मे दिखाई ही नहीं दे रहे हिन्दू समाज के प्रति घृणा भी फैला रहे हैं सरस्वती जी की पूजा हो अथवा दुर्गा जी की मूर्ति का विसर्जन का विषय हो हर स्थानो पर विबाद खड़ा करने का प्रयास, सरकारी जमिनो पर मज़ारों के नाम पर कब्जा जहां बड़े पुल, हास्पिटल, सैनिक छावनी, रेलवे स्टेशन अथवा कोई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान सभी स्थानों पर मज़ार बना एक 'आईएसआई' का एजेंट मुल्ला के रूप मे बैठा दिया जा रहा है, बग्लादेशियों की घुसपैठ इतनी हो गयी है की बिहार के किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, भागलपुर, झारखंड का पाकुड़, सहबगंज, देवघर इत्यादि जिलों मे हिन्दुओ का रहना दूभर हो गया है उसकी बहन-बेटी सुरक्षित नहीं इतना ही नहीं सामान्य हिन्दू यदि मर जाता है तो उसे फूकने नहीं देते जबर्दस्ती उसे दफनवा देते हैं सभी हिन्दुओ को दबाव पूर्बक इस्लामी पद्धति से लूँगी लगाना पड़ता है प्रत्येक हिन्दू भय के कारण लोटा न रखकर इस्लामी बधना रखता है धीरे-धीरे ये इस्लामी अरबी संस्कृति की ओर बढ़ता देश दिखाई देता है इन मदरसों मे लव जेहाद का बकायदे प्रशिक्षण दिया जाता है यह परिणाम सन2000 तक के 20000 मदरसों का है।
          वर्तमान मे मदरसों की संख्या 35 हज़ार है कुछ लोगो का मानना है की ये संख्या एक लाख है इस समय दस लाख मुल्ला -मौलबी एक करोण इस्लामी क्षात्र, दस साल बाद ये जब भारतीय नगरों, गावों मे आएगे तो उनके स्वच्छंद स्वभाव को कौन रोकेगा ? कौन सेना लड़ेगी इनसे ? क्यों की ये तो इस्लामिक सैनिक है जिसे यह आदेश हैं हिंदुओं की बहन -बेटियो को उठा लाओ, मंदिरो को तोड़ो, मूर्तियों को नष्ट करो, प्रत्येक हिन्दू पहचान से घृणा करो इसलिए हिन्दुओ सोचो-समझो और विचार करो, भारतीय राष्ट्र मठ, मंदिर और गुरुद्वारों के रास्ते से होकर गुजरता है न की मखतब, मदरसों के रास्ते इसलिए हे हिन्दुओ आगे आओ भारतीय संस्कृति और राष्ट्र को बचाओ नहीं तो यह स्मृति ही रह जाएगी। 



                                      what IS this .......?? who is SHE ......?? IS THIS STORY TRUE ...???
रॉबर्ट और प्रियंका की शादी सन 1997 में हुई थी .लेकिन अगर कोई रॉबर्टको ध्यान से देखे तो यह बात सोचेगा कि सोनिया ने रॉबर्ट जैसे कुरूप और साधारण व्यक्ति से प्रियंका की शादी कैसे करवा दी?

क्या उसे प्रियंका के लिएकोई उपयुक्त वर नहीं मिला ,
और यह शादी जल्दी में और चुप चाप क्यों की गयी . ???
वास्तव में सोनिया ने रॉबर्ट से प्रियंका की शादी अपनी पोल खुलने के डर से की थी .
क्योंकि जिस समय सोनिया इंगलैंड में एक कैंटीन में बारगर्ल थी . उसी समय उसी जगह रोबट की माँ मौरीन (Maureen) भी यही कामकरती थी .??

मौरीन को सोनिया और माधव राव की रास लीला की बात पता थी ,
जबवह उसी कैंटीन सोनिया उनको शराब पिलाया करती थी .
मौरीन यह भी जानती थी कि किन किनलोगों के साथ सोनिया के अवैध सम्बन्ध थे .
जब सोनिया राजिव से शादी करके दिल्ली आ गयी ,
तो कुछ समय बाद मौरीन भी दिल्ली में बस गयी .

मौरीन जानती थी कि सोनिया सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है ,
क्योंकि जो भी व्यक्ति उसके खतरा बन सकता था सोनिया ने उसका पत्ता साफ कर दिया ,
जैसे संजय , माधव राव , पायलेट ,जितेन्द्र प्रसाद , योगी , यहाँ तक लोग तो यह भी शक है कि राजीव की हत्या में सोनिया का भी हाथ है ,

वर्ना वह अपने पति केहत्यारों को माफ़ क्यों कर देती ?

चूँकि मौरीन का पति और रॉबर्ट का पिता राजेंदर वडरा पुराना जनसंघी था ,

और सोनिया को डर था कि अगर अपने पति के दवाब ने मौरीन अपना मुंहखोल देगी तो मुझे भारत पर हुकूमत करने और अपने नालायक कु पुत्र राहुल को प्रधानमंत्री बनाने में सफलता नहीं मिलेगी .
इसीलिए सोनिया ने मौरीन के लडके रॉबर्ट की शादी प्रियंका से करवा दी .

............शादी के बाद-की कहानी -..........

राजेंद्र वडरा के दो पुत्र , रिचार्ड और रॉबर्ट और एक पुत्री मिशेल थे .
और प्रियंका की शादी के बाद सभी एक एक कर मर गए या मार दिएगए .
जैसे , मिशेल ( Michelle )सन 2001 में कार दुर्घटना मेंमारी गयी ,
रिचार्ड ( Richard )ने सन 2003 में आत्मह्त्या कर ली .

और प्रियंका के ससुर सन 2009 में एक मोटेल में मरे हुए पाए गए थे .

लेकिन इनकी मौत के कारणों की कोई जाँच नहीं कराई गयी ,

और इसके बाद सोनिया ने रॉबर्ट को राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री केबराबर का दर्जा इनाम के तौर पर दे दिया .
तब इस अधिकार को परजिस रॉबर्ट को कोई पडौसी भी नहीं जानता था ,

उसने मात्र आठ महीनों में करोड़ों की संपत्ति बना ली ,और कई कंपनियों का मालिक बन गया , साथ ही सैकड़ों एकड़ कीमती जमीने भी हथिया ली"दोस्तों अगर आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगे तो प्लीज शेयर करना न भूले .. ....!!
खुदा - खैर - करे - !! आमीन !!
आपका क्या कहना है साथियो !! अपने विचारों से तो हमें भी अवगत करवाओ !! ज़रा खुलकर बताने का कष्ट करें !! नए बने मित्रों का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन स्वीकार करें !

जिन मित्रों का आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयाँ !!"इन्टरनेट सोशियल मीडिया ब्लॉग प्रेस "
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