Wednesday, September 10, 2014

" सूरतगढ़ नगरपालिका चुनावों में कई नामी हस्तियाँ ना - ना करते ...., हाँ करेंगी चुनाव लड़ने को " ??

 मित्रो !! वो एक हिंदी फिल्म का गीत है ना कि :- ना-ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे , करना था इंकार , मगर इकरार , तुम्हीं से कर बैठे.....??? ठीक उसी तरह से हमारे शहर के कई बड़े नेता बड़े ही सूझवान ( चालाक ) हैं !वो पहले तो चुनाव ना लड़ने का कहकर सारा जायज़ा लेते रहते हैं और जब चुनाव लड़ने हेतु समय नज़दीक आता है तो तुरन्त ये कहते हुए मैदान में कूद जाते हैं कि क्या करें यारो पार्टी का दबाव पड़ गया!मैं तो आपका ही समर्थन कर रहा था ! सामने वाला बेचारा भोला-भाला उसके बहकावे में आ जाता है और उसको जी-जान से कोशिश करके , नारे लगाके जितवा भी देता है ! वो तो बाद में पता चलता है कि ये तो उसकी चाल थी ! उस समर्थक की ना तो कोई सुनता है और कोई बात मानता है , उल्टा उसका मज़ाक अवश्य उड़ाया जाता है !!
               मित्रो !! आप भी सब ऐसे चतुर सुजानों से ज़रा बच के रहना जी !! ज़माना बड़ा ही खराब चल रहा है !दूसरी तरफ सभी राजनितिक दल भी कूटनीतियाँ बनाने में जुट गए हैं !! वो  हैं कि पिछली बार कौन किसकी मदद से जीता था ?,उसी को तोड़ कर अपने साथ मिलाने में लगे हुए हैं सब ! अपने घर को कोई नहीं बचा रहा !" आप " बहुजन समाज पार्टी " सी पी एम " और कांग्रेस पार्टियों के पास तो 35 वार्डों में चुनाव लड़वाने हेतु प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे,जबकि शहर में बोर्ड कांग्रेस का बनने की प्रबल संभावना लोग बता रहे हैं 
            उधर भाजपा भी टूटी-फूटी नज़र आ रही है ! उसके जोड़ कई जगह से उखड़े हुए नज़र आ रहे हैं उसे किसी बढ़िया " फेविकोल " की आवश्यकता है जो किसी बनिए के पास नहीं बल्कि किसी " ब्राह्मण " के पास मिलेगी !! क्योंकि ब्राह्मण उस " फेविकोल " को मन्त्र शक्ति से " मजबूत " कर देगा ! तभी भाजपा सूरतगढ़ में नगर पालिका का चेयरमैन बना पायेगी , अन्यथा कोई ना कोई कमी रह ही जायेगी ! इसलिए भाजपा को भी गहरा मंथन करके ही अपना नगर मंडल अध्यक्ष और नगरपालिका के प्रत्याशी घोषित करने होंगे !! हाँ !! अगर नगरपालिका चेयरमैन का सीधा चुनाव  है तो कोई अग्रवाल महिला ही सूरतगढ़ की चेयरमैन बनने की प्रबल संभावना बन रही है ! 
              

" वार्ड चुनावों में ताल ठोकने हेतु महिलाओं ने कसी कमर , श्री मति रजनी मोदी , नीलम सांगवान , गीता देवी सरस्वा सुनीता शर्मा और संतोष गिरी जी खुलकर आयीं जनता के सामने ! अपने अपने वार्डों में शुरू किया जनसम्पर्क "!



वार्ड नंबर 10 सेश्री मति सुनीता शर्मा ने अपने निवास पर 

भाजपा के नेताओं के समक्ष अपनी टिकेट की मांग रख दी !

जो श्री पार्थ सारथी शर्मा की पत्नी और श्री पीताम्बर दत्त शर्मा 

की पुत्रवधु हैं ! उन्होंने कहा कि हमारे परिवार ने 28 वर्षों से 

पार्टी की पूरी निष्ठां से सेवा की है , इसलिए उन्हें ये चुनाव 

लड़ने का मौका अगर पार्टी देगी तो वे अवश्य पार्षद का चुनाव 

लड़कर वार्ड के हितों की सेवा करेंगी ! उन्होंने अपने आपको 

B.A.B.ed.तक शिक्षित और कॉलेज की पूर्व में प्रधान होना 

बताया ! वार्ड नंबर 10 में अभी से ये चर्चा है की अगर उन्हें 

भाजपा ये चुनाव लड़ने का अवसर देती है तो पार्टी की जीत 

पक्की है ! क्योंकि इस वार्ड से श्री पीताम्बर दत्त शर्मा के 

सहयोग से ही पूर्व में बने पार्षद  जीत पाये हैं !

                       वार्ड नंबर 34 से ज़ाकिर हुसैन बहलिम भी 

अपना दावा लेकर सामने आये हैं !!जो की एक प्रसिद्ध 

समाजसेवी हैं दसवीं तक पढ़े हैं सूरतगढ़ के गणेश मंदिर के 

पास रहते हैं ! बड़े ही मृदुल स्वभाव के व्यक्ति हैं !कांग्रेस पार्टी 

से जुड़े हुए हैं ! पार्षद बनकर शहर की सेवा करना चाहते हैं !

वार्ड के प्रमुख लोग इनका समर्थन कर रहे हैं !हमारी तरफ से 

भी उनको शुभकामनायें !!

        श्रीमती रजनी मोदी सूरतगढ़ की प्रसिद्ध 

राजनीतिज्ञ,समाजसेवी और प्रखर वक्ता हैं ! उन्होंने हिंदी में 

M. A. किया है !वे नगर , जिला , प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के 

संगठनो से जुडी हुई हैं !! भाजपा महिला मोर्चा की वो 

जिलाध्यक्ष हैं ! सामान्य महिला चेयरमैन घोषित होने पर 

पार्टी उनकी तरफ आशा से देख रही है ! चुनाव लड़ने पर वो 

वार्ड नंबर 17 से अवश्य जीत कर आएँगी !!


          वार्ड नंबर 6 से श्री मति गीता देवी कांग्रेस पार्टी की 

उमीदवार हो सकती हैं वे पहले भी पार्षद रह चुकी हैं ! उनके 

पति श्री मोहन सरस्वा अच्छे समाज सेवी हैं ! श्री मति गीता 

देवी ने पार्षद रहते हुए वार्ड वासियों के बहुत काम करवाये !

पहले यंहा कोई सड़क नहीं होती थी इन्होने सड़कें बनवायीं, 

पानी की पाइपें डलवायीं,b. p. l. कार्ड बनवाए , बिजली के 

खंबे भी लगवाये !!स्ट्रीट लाईट भी लगवायी ! इनकी जीत 

सुनिश्चित नज़र आ रही है !



           वार्ड नंबर १७ से ही पूर्व पार्षद श्रीमती संतोष गिरी जी 

एक बार फिर अपना दावा जोर शोर से जता रही हैं ! उन्हें 

अपने द्वारा वार्ड में करवाये गए कार्यों के बल पर पूरा भरोसा 

और विश्वास है कि जनता उन्हें एक बार फिर से जीत 

दिलवाएगी !! वे बड़ी ही मिलनसार स्वभाव की महिला हैं !! 

पूर्व में भाजपा की पार्षद हैं ! वार्ड के काम  उनके पति श्री राज 

गिरी भी पूरा सहयोग करते हैं !!उनका ये भी कहना है की वो 

चैयरमैन के लिए नहीं बल्कि वार्ड वासियों के काम करवाने 

हेतु पार्षद बनना चाहती हैं !!


              

"सूरतगढ़ नगर पालिका का पार्षद बनने हेतु चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग , करवाने लगे अपना-अपना सर्वे "5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " की टीम से "!" कौन बनेगा पार्षद-चैयरमैन और मतदाता जागरूकता अभियान " कार्यक्रम के तहत !!


बनने लगीं रणनीतियां , माँगी जाने लगीं राजनितिक दलों से 

टिकटें !!सम्पर्क भी शुरू !


           " इंटरनेट सोशियल मीडिया ब्लॉग प्रेस फिफ्थ 

पिल्लर करप्शन किल्लर " , साप्ताहिक समाचार पत्र " यश-

केसरी और सूरतगढ़ दूत " की संयुक्त टीम द्वारा सूरतगढ़ में 

पहले विधायक चुनावों में सर्वे किया गया था , जो पूरी तरह से 

सफल रहा था ! उसी से उत्साहित हो कर एक बार फिर 

नगरपालिका चुनावों में ये सर्वे करवाया जा रहा है !! जिसे 

चुनाव लड़ने वाले सभी प्रकार के संभावित प्रत्याशी अपने 

फार्म सर्वे करवाने हेतु  हैं ! इसमें उनको कई फायदे नज़र आते 

हैं !


             1. नामांकन भरने से पहले संभावित प्रत्याशियों को 

अपनी गुप्त सर्वे रिपोर्ट मिल जाएगी कि उनके पक्ष के वोट 

कितने हैं !


             2.तीन प्रकार का सर्वे करवाया जायेगा ! प्रत्यक्ष सर्वे 

, गुप्त सर्वे और मतदान पेटी वाला सर्वे ! जिससे सटीक नतीजे 

मिलेंगे ! 


             3. सर्वे की रिपोर्ट सभी राजनीतिक दलों को भेजी 

जाएगी , जिस से संभावित प्रत्याशी को अपने चहेते 


राजनितिक दाल की टिकेट पाना आसान हो जाएगा !!


             4. सर्वे करने वाले समाचार पत्रों और सोशियल 

मीडिया में सर्वे करवाने वाले संभावित प्रत्याशियों का प्रचार 

प्रचुर मात्रा में हो पायेगा !!उनकी चुनावी गतिविधियों को 

विस्तार से बताया जायेगा !!


             5. इस सर्वे और मतदाता जागरूकता अभियान का 

नतीजा , नगर पालिका कार्यालय के सामने स्थित राष्ट्रीय 

उत्थान रामलीला क्लब के मंच से एक भव्य कार्यक्रम में 

बताया जायेगा !

             6.हमारा सर्वे 100%सही नतीजे भी दे सकता है और 

100% गलत भी , हम किसी प्रकार का दावा नहीं करते हैं !

केवल अनुमान बता रहे हैं !!   

 पूरा शहर इस सर्वे के नतीजे जानने को उत्सुक है !!

 कांग्रेस , बसपा , भाजपा , कम्युनिस्ट और आप 

पार्टी अपने अपने उमीदवार मैदान में उतारेगी ! पूर्व जिला 

प्रमुख पृथ्वी राज मील अपनी रणनीति तैयार करने में लगे 

हुए हैं !उनके सूरतगढ़ आने से सभी कोंग्रेस्सी कार्यकर्त्ता भी 

उत्साह से भर गए हैं ! उनका मानना है कि आगामी 

नगरपालिका के चुनावों में कॉंग्रेस्स को भारी बहुमत मिलेगा 

!35 सीटों में से 20 सीटें कांग्रेस को मिलने की सम्भावना है ! 

भाजपा को 10 और अन्य 5 स्थान ही जीत पाएंगे ! 



                      इसका कारण पिछले 8 महीनों से भाजपा 

कोई का अध्यक्ष ना होना बताया जा रहा है ! जोअध्यक्ष थे, 

उनके कार्यकाल में भी कार्यकर्ताओं का मान और सन्मान नहीं 

था !! मोदी लहर के चलते भाजपा संसद और विधानसभा के 

चुनाव जीत गयी जिसे उन्होंने अपनी जीत  कहकर प्रचारित 

किया ! लेकिन लेट के बाद उन्होंने अपने ही पदाधिकारियों 

पर बगावत करने के इलज़ाम लगाये ,जिस पर भूचाल आ 

गया और अध्यक्ष जी ने त्यागपत्र देकर अपनी जान बचायी !! 

बाद में वो आप पार्टी में चले गए , लेकिन वन्हाँ भी उनकी 

दाल नहीं गली तो वो भी पार्टी छोड़ दी ! सुना है अब फिर वो 

भाजपा के दरवाजे अपने चहेतों से खट्खट्वा रहे हैं ! लेकिन 

उनकी पार पड़ती नज़र नहीं आ रही ! क्योंकि विधानसभा 

चुनावों से पहले उनकी शिकायतें भी प्रदेश भाजपा कार्यालय 

तक पंहुचा दी गयीं थीं !!

                       नयी चुनावी गतिविधियाँ और सर्वे की रिपोर्टें जानने 

हेतु हमारे समाचार साइट  विजिट करें या फिर सूरतगढ़ दूत और 

यश केसरी साप्ताहिक समाचार पत्र पढ़ें !


                        *********************************

             

सूरतगढ़ के चेयरमैन का चुनाव सीधे जनता करेगी या फिर नवनिर्वाचित पार्षद ? स्वयं के विवेक से निर्णय लेने वाली होगी हमारी अगली चेयरमैन या फिर अपने पति की रबड़ स्टेम्प बनेगी हमारी " भाग्यविधाता " ???


  हमारे प्रिय शहर  सूरतगढ़ की जनता आगामी  नवम्बर माह 

में अपने शहर की देख-रेख  और आवश्यक सुविधाएँ जनता 

को मिलती रहें , इस हेतु अपने 35 पार्षद एवँ एक अदद 

महिला चेयरमैन चुनेगी जो सामान्य वर्ग से होगी ! ऐसा 

हमारी क़ानून व्यवस्था कहती है !

                            लेकिन वो वर्ग जो आरक्षण  में आते हैं , 

जो सीट उनके लिए आरक्षित होती है वहां से सामान्य वर्ग 

वाला चुनाव नहीं लड़ सकता , लेकिन वो सब सामान्य वर्ग में 

चुनाव लड़ सकते हैं ! ऐसा हमारा संविधान कहता है जो 

हमेशा " न्याय "करता है !! यानी कि वो हमारे घर बना हुआ 

हलवा खा सकते हैं हम उनके घर का हलवा नहीं खा सकते ! 

क्योंकि हमारे नेताओं का कहना है कि हमारे बुज़ुर्गों ने उनके 

घरका " हलवा " कई वर्षों तक खाया था ! इसलिए कानूनन 

आरक्षित  जाति की महिला भी हमारी आगामी चेयरमैन हो 

सकती है !

                  ये सब पहले हमारे राजनितिक दलों के नेता तय 

करेंगे ! जिसको वे " उचित " मानेंगे उसे ही बड़े नेता अपनी 

टिकेट देंगे , फिर उनमे से ही किसी एक को जनता चुनेगी ! 

राजनितिक दलों के लीडर ही देखेंगे कि  किस महिला को 

नगरपालिका के कानूनो-नियमों का ज्ञान है ?? कौन सी 

महिला नेतृत्व की क्षमता रखती है ??कौन वो  महिला होगी 

जो दलगत राजनीती से ऊपर उठ कर सारे सूरतगढ़ की भलाई 

हेतु कार्य करेगी ???कौन वो महिला होगी जो सभी पार्षदों को 

महत्त्व देगी ??


                  क्या - - -क्या  - -  - क्या ?? मैं पागल होगया हूँ 

?? क्या कह रहे हो आप ?? हमारे लीडर लोग ये सब सोचकर 

किसी को हमारा प्रत्याशी कभी नहीं बनाते ?? वो तो उसी को 

हमारा प्रत्याशी  जो उनके कहे अनुसार ही चले .....?? पिछले 

सभी चेयरमैन ऐसे ही थे ?? नहीं जी , नहीं जी, ऐसा नहीं है 

नेता नहीं तो जनता तो अच्छे आदमी को ही चुनती है ना ?? 

क्या कहा ??? वो भी सही आदमी को नहीं चुन पाती ?? 

जनता की भी कई मजबूरियां हो जाती हैं ??वोटर भी अपना 

वोट अच्छे आदमी या ओरत को देखकर नहीं बल्कि उसका 

धर्म-जाति -इलाका-और पार्टी देखकर देता है ! तो फिर लेखक 

जी आप अच्छे चेयरमैन या पार्षद चुने जाने की कल्पना भी 

कैसे कर रहे हो ??? इसलिए पागल ही हुए ना आप ??


                  इस कलयुग में चुनाव सिर्फ पैसा बनाने हेतु ही 

लड़ा जाता है !! देखलो अपने शहर के पूर्व पार्षदों और 

चेयरमैनों को !! सब नहीं तो ज्यादातर चुनाव जीतने के बाद 

ही अमीर हुए हैं  !! इंजीनियर होने के बाद भी सूरतगढ़ का 

आज ये हाल है !! सड़कों - नालियों का लेवल तक सही नहीं है 

!!एक दो पार्षदों को छोड़ दें तो कोई भी नगरपालिका के क़ानून 

और कार्यवाही कैसे चलती है ये नहीं जानता !! 5 वर्ष बीत जाने 

के बाद भी !! नयों से क्या आस की जा सकती है ये आप ही 

सोच-समझ लो यारो !!

                   होना तो ये चाहिए कि जो भी हमारा चेयरमैन 

चुनकर आये पहले वो नगरपालिका सम्बन्धी सभी कानून 

सीखे , कार्यवाही कैसे सही चले , ये सीखे ! बाद में अपने 

पार्षदों को भी 5 - 7 दिनों की कार्यशाला में भेजे ! फिर एक 

विस्तृत योजना नगर हेतु सभी की सहमति से बने , 

तत्पश्चात उन योजनाओं पर 5 वर्षों तक काम चले ! तब तो 

सूरतगढ़ का कुछ भला हो सकता है अन्यथा हर बार वो ही 

नतीजा आएगा कि ढोल के तीन ....??

                 अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है !! सूरतगढ़ की 

जनता अगर सोच ले कि जो लोग पिछले 3 - 4 महीनो से पैसे 

के बल पर अपनी जीभ लप -लपा रहे हैं और गुणीजनों को 

अपनी मक्कारी और चतुराई से आगे नहीं आने दे रहे हैं , 

उनको कड़ा सबक सीखा सकती है !! ऐसी चिंगारी जनता के 

मन में उठ भी रही है , ये मैं साफ़-साफ़ अनुभव कर रहा हूँ !!


                  अगर हमने अभी इस बारे में नहीं सोचा तो फिर 

हम सबको पछताना पड़ेगा !! इसलिए  - जाग - जाओ !! 

सूरतगढ़ वासियो !! क्योंकि जो जागत हैं वो ही पावत हैं !! जी 

!! 

                   वैसे हमारे सूरतगढ़ में ज्ञानवान महिलाओं की 

कोई कमी नहीं है !! लेकिन राजनीती का चरित्र देखते हुए , 

ज्यादातर शिक्षित परिवार अपनी बहु-बेटियों को इस क्षेत्र में 

आगे नहीं बढ़ाते ! चन्द महिलाओं के नाम मैं आपको सुझा 

रहा हूँ  - जैसे कि  :- श्री मति आरती शर्मा , श्री मति राजेश 

सिडाना, श्री मति रजनी मोदी , श्री मति हर्ष तनेजा ,श्री मति 

सुनीता टण्डन ,श्री मति रेखा धुआ ,श्रीमती पार्वती देवी 

धानुका ,श्री मति मीराँ ,श्रीमती परमिन्द्र कौर बेदी , श्रीमती 

विमला शर्मा , श्रीमती सुनीता शर्मा वार्ड नंबर 10 ,और  

श्रीमती वनिता पारीक आदि कई महिलाएं हैं जो बढ़िया काम 

कर सकती हैं !  

             अभी कई और परिवारों के मुखियों से बातचीत चल 

रही है ! हो सकता है कोई बिलकुल नया नाम ही सूरतगढ़ की 

जनता के सामने आ जाये जैसे कि श्रीमती काजल छाबड़ा या 

कोई महिला चोपड़ा परिवार से भी आ सकती है इंतज़ार 

कीजिये !


              अभी -अभी  ये समाचार भी आरहा है कि  चेयरमैन 

के चुनाव सीधे जनता द्वारा भी हो सकते हैं तो फिर 

परिस्तिथियाँ 

फिर करवट ले सकती हैं !! 

            आगे-आगे देखिये होता है क्या ??????

                    *********************

                     

"सूरतगढ़ में सभी राजनितिक दलों के बड़े नेता अपने कार्यकर्ताओं को बन्धुआ मजदूर समझते हैं और धनाढ्यों की कठपुतलियाँ स्वयं बने हुए हैं "- पीताम्बर दत्त शर्मा ( लेखक-विचारक )



सूरतगढ़ के नगरपालिका चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आते जा 

रहे हैं ,वैसे-वैसे शहर का राजनितिक तापमान बढ़ने  लगा है 

! इस छोटे से जनप्रतिनिधि के पद का चुनाव लड़ने हेतु 

किसी ना किसी राजनितिक दल का टिकेट  अत्यंत 

आवश्यक समझा जाता है क्योंकि टिकेट मिलने के बाद 

100 वोटों में से 20 से 40 वोट स्वतः ही उसके खाते में 

जुड़ जाते हैं !!वैसे भी जो कार्यकर्त्ता जिस पार्टी के साथ जुड़ा 

हुआ होता है वो उसी पार्टी की टिकेट मांगता है !! 

                 अब हर राजनितिक दल में कई नेता होते हैं , 

सब ऐसे दिखाते हैं की बस उन्ही की ही पार्टी में चलती है , 

इसलिए बेचारा टिकटार्थी सभी के आगे अपना सर नवाता 

फिरता है ! इसी आस में कि क्या पता इसको निवेदन करने 

पर टिकेट मिल जाए !लेकिन सभी नेता उसे वार्ड में जाकर 

पार्टी का प्रचार करने और अपना प्रभाव बढ़ाने और दिखाने 

का कहकर चलता करते हैं !  जो काम बड़े नेताओं का होता है 

उसे वो अदना सा कार्यकर्त्ता दिखाई पड़ता है तो वार्ड के 

निवासी भी मज़े ले-ले कर उसे ही समर्थन देने का वायदा 

करते हैं ! बस इसी चक्करघिन्नी से तंग आकर वो अपने 

नेतृत्व को ही चुनौती दे देता है ! कहता है की मैं देख लूँगा 

निर्दलीय चुनाव लड़ कर आपको भी दिखा दूंगा !!


                दूसरी तरफ देखने में आ रहा है की सूरतगढ़ में 

आप पार्टी तो अपना आधार भी नहीं बना पायी है और बसपा 

का संगठन बेहद कमज़ोर है ! कम्युनिस्ट पार्टी भी 3 से 

ज्यादा व्यक्तियों को चुनाव में नहीं उतार पाती !! उधर शिव 

सेना भाजपा का समर्थन करते-करते ही थक जाती है 

इसलिए सारे वार्डों में अपने प्रत्याशी खड़े करना और उनको 

जितवाने  का मादा रखना इस सभी दलों हेतु दूर की कोडी हैं 

!! धन की व्यवस्था भी इनका प्रादेशिक नेतृत्व नहीं कर 

पाता , वो तो खुद इनकी ही मदद पर चलते हैं ! ये सारे दल 

मिलकर सूरतगढ़ में अपने 5 पार्षद भी नहीं जीता पाएंगे !


                क्योंकि जनता भी अब दो बड़े राजनितिक दलों 

पर ही भरोसा करती है ! और वो हैं कांग्रेस और भाजपा ! 

दोनों की कार्यशैली भी एक जैसी है ! ये हर स्तर पर बड़े 

व्यपारियों पर ही ज्यादातर निर्भर रहती हैं कहने को तो ये 

कार्यकर्ताओं के तन-मन-धन पर चलती हैं , लेकिन जो 

भव्यता इनकी चुनावी रैलियों और सभाओं में नज़र आती हैं 

वो कुछ और ही कहानी कहती हैं !अभी जो 4 पार्षद विधायक 

जी की सहमति से मनोनीत हुए हैं उन नामों पर अगर अपनी 

गहन दृष्टि हम डालेंगे तो समझ में आ जायेगा ! 


               कांग्रेस पार्टी तो जब से बनी है तभी से इसमें 

अमीरों का ही बोलबाला रहा है ! सूरतगढ़ की बात करें तो 

यही सच लगता है ! यंहा पहले इक़बाल मुहम्मद जी अपना 

अनुभव यंहा की जनता को दिखाया जिसका नतीजा ये है की 

आज हर व्यक्ति पार्षद बन कर धन कामना चाहता है  और 

अब बनवारी लालजी ने अपना अनुभव दिखाया है ! 

इंजिनियर होने के बाद भी शहर की कोई नाली और सड़क 

लेबल में नहीं है !पूर्व विधायक श्री गंगाजल जी के साथ 

उनके सुपुत्र अपनी कार्यशैली दिखागए ! जनता ने उन्हें पसंद 

नहीं किया तो अब वो पूर्व जिला प्रमुख जो भाजपा की मदद 

से बने थे श्री पृथ्वी मील जी  को ले आये ! लेकिन कांग्रेस 

ज्वाइन करने के बाद  पिछले विधायक चुनावों में उनका 

जादू भी नहीं चल पाया ! क्या पता पालिका चुनावों में चल 

जाए ! लेकिन ये भी अपने पास के अमीर लोगों के परिवार 

की महिलाओं को ही चेयरमैन देखना और बनाना चाहते हैं !

ऐसा सुनने में आया है ! सच्चाई कितनी है वो राम ही 

जानता है !


                यही हाल सूरतगढ़ में भाजपा का है ! इसके 

प्रादेशिक नेतृत्व को भी अमीर लोगों के बीच बैठना ही पसंद 

है ! नगर मंडल अध्यक्ष और चेयरमैन दोनों रईस लोग ही 

बनेंगे ! सामान्य परिवार तो बस भागते दौड़ते ही नज़र 

आएंगे ! किसी भी दाल के बड़े नेता को इतनी फुर्सत नहीं है 

की वो सभी वार्डों में जाए और अपने कार्यकर्ताओं को 

सांत्वना दे , दिलासा दे और विश्वास दे कि उनके साथ न्याय 

होगा धोखा नहीं ! को टिकेट का असली दावेदार होगा उसको 

ही उम्मीदवार बनाया जायेगा !!

                 पिछले 5 वर्षों में सूरतगढ़  शहर में इतनी 

चोरियां हुईं,लड़ाइयां हुईं, भ्र्ष्टाचार हुआ लेकिन किसी पार्टी के 

पार्षद ने आवाज़ नहीं उठाई और नाही किसी राजनितिक दल 

ने कोई पुख्ता किसी घटना  को लेकर कोई आंदोलन ही 

किया ! सिर्फ जनरल तरीके से ही भाषण दिए जाते रहे !

कौन है जिम्मेदार इसका ?? क्या जनता दोषी है इस सबकी 

??या फिर बेचारा पिस्ता हुआ कार्यकर्त्ता जो जनता और नेता 

के बीच में फंसा हुआ है !!

             आजकल राजनीती सेवा करना नहीं बल्कि अमीरों 

का शुगल बन गयी है ! जो जायज़-नाजायज़ तरीके से धनि 

हो जाता है तो उसे कोई राजनितिक पद पाने की " खारिश " 

होने लगती है और वो किसी नेता को 20 - 50 लाख चंदा 

देकर विधायक बना  देता है और स्वयं या उसके किसी 

परिवार के सदस्य को चेयरमैन बनता हुआ देखना चाहता है 

! यही पूरे देश की कहानी है और यही हमारे सूरतगढ़ की 

कथा है जो सुनी सुनाई बातों पर आधारित है , कृपया कोई 

दिल पे मत ले धन्यवाद !! 






" इन्टरनेट सोशियल मीडिया ब्लॉग प्रेस "
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आशा है आपका प्यार मुझे इसी तरह से मिलता रहेगा !!आपका क्या कहना है मित्रो ??अपने विचार अवश्य हमारे ब्लॉग पर लिखियेगा !!
सधन्यवाद !!
आपका प्रिय मित्र ,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
जिला-श्री गंगानगर।
" आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....!!!
BY :- " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " THE BLOG . READ,SHARE AND GIVE YOUR VELUABEL COMMENTS DAILY . !!
Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.)
   

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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