Thursday, July 14, 2016

"माई नेम इज़ शीला......!!शीला की......"!!- पीतांबर दत्त शर्मा लेखक-विश्लेषक) मो.न. +9414657511

लो जी पाठक मित्रो !कांग्रेस को आनेवाले उत्तर-प्रदेश के विधान-सभा चुनावों हेतु श्रीमती शीला दीक्षित इस लिए पसंद आईं हैं क्योंकि उनमे प्रदेश के सभी नेताओं से ज्यादा प्रशासनिक समझ है !वो up और दिल्ली में सबसे प्रभावशाली नेत्री हैं !राहुल और प्रियंका सहित कोई भी नेता उनके जितना राजनीती  पारंगत नहीं है !पाठक मित्रो !कांग्रेस को आज फिर से "ब्राह्मण"याद आये हैं क्यों भला??क्या उत्तर-प्रदेश के ब्राह्मण अपना फायदा उठा पाएंगे !मुझे तो लगता है कि कांग्रेस उत्तर-प्रदेश की जनता को शीला जी का ब्राह्मण चेहरा दिखाकर बहलाएंगे और अन्य लोगों को टिकटें बांटेंगे !मैं आज ही ब्राह्मणों को सचेत करना चाहता हूँ !क्योंकि सभी राजनितिक दलों को तो बीएस वो ही प्यारा केंडिडेट लगता है जो कमाई करके "हाई-कमांड"के सामने अर्पित कर दे , और फिर हाई-कमांड उस में से एक छोटा सा हिस्सा उसे भी दे दे !कांग्रेस ने इस देश पर सबसे ज्यादा  है तो उसने ही भारतवासियों को भरष्ट बनाया है !तो क्या शीला जी वहाँ सोनिया जी के सपनों को पूरा कर पाएंगी ?क्या जनता उनके इतिहास को भूल जायेगी !
                             लेकिन हम कहते हैं कि वो तो दिल्ली के विधानसभा चुनावों में इतनी बुरी तरह से नकारी जा चुकी हैं कि उन्हें  के मारे रजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए था !लेकिन वाह री राजनीति !! जितना मर्ज़ी घोटालों में नाम आये , जितने मर्ज़ी आरोप लगें लेकिन नेता की मोटी चमड़ी पर कोई  दिखाई पड़ता !ऐसा लगता है जैसे सभी राजनीतिक दल अपनी विचारधाराओं की पोटली बनाकर किसी गहरे कुएं में फेंक आये हैं !आजकल तो सब जातिवादऔर धर्म की ही राजनीती करते दिखाई पड़ते हैं !
                   बहन मायावती जी की तो पार्टी ही बिखरती नज़र आ रही है !और समाजवादी पार्टी के मुख्य्मंत्री जी आज बता रहे हैं कि वो तो "लर्निंग-मुख्य्मंत्री"थे ! अगली बार वो "सुपर-cm" बनकर जनता को निहाल करेंगे !जनता को क्या समझ रख्खा है आपने "यादव-बन्धुओ"!!? जहां तलक बात मुस्लिम वोटरों की है ,तो इस विषय पर मेरा मानना है कि उनको सभी सेकुलर पार्टियों ने मुर्ख ही बनाया है !और ये इसलिए हुआ क्योंकि उनके धार्मिक और राजनीतिक नेता अनपढ़ ही नहीं लालची और बेवकूफ भी थे और हैं जिन्होंने अपने स्वार्थपूर्ति को ही आगे रख्खा !
                            कांग्रेस में भी अब ये स्प्ष्ट हो चुका है कि यहाँ भी अब गुटबाजी अपने चरम पर है ! एक गुट सोनिया जी का जिसमें बूढ़े और अनुभवी लोग हैं ! अनुभव किस-किस विषय में है ये अंदर की बात है !दूसरा गुट राहुल गांधी जी का है जिस में तथाकथित नौजवान लोग है जो बड़ों से ज्यादा अपने आपको "अनुभवी"मानते हैं !तीसरा गुट प्रियंका गांधी का है ,जो सिर्फ "आपातकाल"में ही बाहर निकाला जाता है !बाकी सभी कॉंग्रेसी नेताओं को बस "सलाम"बजाना आता है जी !और अफसरों और जजों से अपने पक्ष में फैसले करवाना !इसीलिए तो उत्तराखण्ड में दोबारा सत्ता सम्भालते वक़्त हरीश रावत ने जज साहिब को धन्यवाद दिया और अरुणांचल प्रदेश की दोबार सत्ता सम्भालते  वक़्त राहुल ने धन्यवाद जज साहिब को दिया !इसीलिए कांग्रेस कभी मरती नहीं है वो " अमर" !देखते हैं कि "ऊँट किस करवट बैठता है "??
                   जय - हिन्द !! जय भारत ! वन्दे मातरम !
प्रिय मित्रो !सादर नमस्कार !कुशलता के आदान-प्रदान पश्चात जिन भी मित्रों का आज जन्म-दिन या विवाह दिवस है , उनको मेरी तरफ से हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं !आप अपने ब्लॉग "फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर"को बहुत पसंद कर रहे हैं,रोज़ाना इसमें प्रकाशित लेखों को पढ़ कर शेयर करते हैं ,उन पर अपने अनमोल कॉमेंट्स भी देते हैं !उस सब के लिए भी आपका हार्दिक आभार प्रस्तुत करता हूँ !इस ब्लॉग का लिंक ये है - www.pitamberduttsharma.blogspot.com 
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1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-07-2016) को "धरती पर हरियाली छाई" (चर्चा अंक-2405) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...