आजाद होने के बाद भारत के नेताओं से चाहे कितनी भी गलतियां क्यों ना हुई हों ,लेकिन सभी भारतवासी उनको ना केवल अपना सच्चा नेता मानते थे, बल्कि उनके कहेनुसार चलते भी थे !वो दिन आज भी याद आता है तो मन अभिभूत हो जाता है ,जब नेहरू जी की एक अपील पर भारत की जनता ने अपने घर से सारे गहने तक निकाल कर उनके सामने देश हित हेतु समर्पित कर दिए थे !
इसी तरह माननीय लाल बहादुर शास्त्री जी के आह्वान पर सभी देश वासियों ने "व्रत"रखना शुरू कर दिया था,क्योंकि देश में अनाज भारी कमी थी !ऐसा इसलिए होता था क्योंकि तब के नेता सभी देशवासियों की चिंता एक समान करते थे !फिर जैसे-जैसे नेताओं के मन काले होते गए और पत्रकार "भाई"लोग "ख़बरें गढ़ने और रोकने"लगे,स्वार्थ और लालच सर चढ़ कर बोलने लगा ,तो अच्छे नेताओं की "माला"बिखरने लगी ,तो तब बनी "कोंग्रेस आई",जो आज पता नहीं कोंग्रेस "S " है या कोंग्रेस r है या फिर कोंग्रेस प्रियंका ?
बात सरकार की समझ की करनी है तो सबसे पहले हम ये जानलें कि भारत में एक समय में लगभग 30 तरह की सोच रखने वाली सरकारें काम करती हैं !लेकिन इनकी सोच बिलकुल एक जैसी हो गयी है !इसीलिए मैंने कोंग्रेस के शासन का ज़रा ज्यादा ज़िक्र कर दिया !अभी कल ही हमारे मोदी जी ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को आदेश दिया कि वो पूरे भारत में फ़ैल जाएँ और सरकार द्वारा चलायी जा रहीं विभिन्न "कल्याणकारी"के बारे में बताएं !सभी सरकारें अमीर व्यवसाइयों को तो बिना गारण्टी के अरबों रूपये का उधार देती है फिर उस पर करोड़ों की सब्सिडी देती हैं !इसीलिए वही धन्ना-सेठ लोग राज्य सभा का सदस्य भी बनते हैं ,पार्टियों को चन्द भी देते हैं और तुर्रा ये की अपनी पसन्द के मंत्री भी बनवा लेते हैं जी !
दूसरी तरफ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों और अन्य आरक्षित वर्गों हेतु समय-समय पर सभी सरकारें योजनाएं लाते ही रहते हैं !जिनका लाभ उठाकर आज ये सभी आरक्षित लोग "फूले"पड़े हैं !अब बात करते हैं उस वर्ग की जो इन आमिर-गरीब दो पाटन के बीच बुरी तरह से पिस रहा है !जिसे किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा ! सरकारी नोकरी नहीं मिल पाती !इस मध्यम वर्ग, जो "स्वर्ण"माना जाता है के साथ कोई अत्याचार हो जाए तो "जांच-आयोग"बिठाकर मामला ठंडा कर दिया जाता है ! "मनरेगा"में मजदूरी भी नहीं कर पाता !जगह-जगह पढ़े-लिखे बेरोजगार घूम रहे हैं !किसी "विचारधारा"की कोई सरकार आज तलक इन "बीच"वाले लोगों के हितों का ध्यान नहीं रख पायी !
इसलिए हे मोदी जी !आप मनरेगा में कुछ फेर बदल करवाइये ! इसे शहरों में भी लागू करवाएं और इसमें जो भी मजदूरी करना चाहे वो आसानी से हर सुबह उस कार्यालय में पहुँच जाए जहां काम मिलता हो !हर विभाग के दस लाख सभी कार्य मनरेगा के मजदूरों से ही करवाएं चाहे उनके ऊपर कोई विभागीय अफसर सुपरवाईज़र हो !मजदूरी भी बढ़ाकर 500/- रोज़ाना कर दी जाए तो देश से 70 %बेरोजगारी दूर हो जायेगी ! योजनाएं सीमित लोगों के हित साधती हैं इसलिए योजनाओं के प्रचार से कोई भी चुनाव नहीं जीत सकता !
सचेत कर रहा हूँ आपको ! मान्यवर !अफसरों और चापलूस नेताओं में ना आएं !"मध्यम-वर्ग"के उत्थान हेतु कार्य करें !उन्होंने ही आपको जिताया है !बाकी तो सब , मुलायम,मायावती,ममता,जयललिता,आदि नेताओं के भक्त हैं जी !
जय - हिन्द !! जय भारत ! वन्दे मातरम !
इसी तरह माननीय लाल बहादुर शास्त्री जी के आह्वान पर सभी देश वासियों ने "व्रत"रखना शुरू कर दिया था,क्योंकि देश में अनाज भारी कमी थी !ऐसा इसलिए होता था क्योंकि तब के नेता सभी देशवासियों की चिंता एक समान करते थे !फिर जैसे-जैसे नेताओं के मन काले होते गए और पत्रकार "भाई"लोग "ख़बरें गढ़ने और रोकने"लगे,स्वार्थ और लालच सर चढ़ कर बोलने लगा ,तो अच्छे नेताओं की "माला"बिखरने लगी ,तो तब बनी "कोंग्रेस आई",जो आज पता नहीं कोंग्रेस "S " है या कोंग्रेस r है या फिर कोंग्रेस प्रियंका ?
बात सरकार की समझ की करनी है तो सबसे पहले हम ये जानलें कि भारत में एक समय में लगभग 30 तरह की सोच रखने वाली सरकारें काम करती हैं !लेकिन इनकी सोच बिलकुल एक जैसी हो गयी है !इसीलिए मैंने कोंग्रेस के शासन का ज़रा ज्यादा ज़िक्र कर दिया !अभी कल ही हमारे मोदी जी ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को आदेश दिया कि वो पूरे भारत में फ़ैल जाएँ और सरकार द्वारा चलायी जा रहीं विभिन्न "कल्याणकारी"के बारे में बताएं !सभी सरकारें अमीर व्यवसाइयों को तो बिना गारण्टी के अरबों रूपये का उधार देती है फिर उस पर करोड़ों की सब्सिडी देती हैं !इसीलिए वही धन्ना-सेठ लोग राज्य सभा का सदस्य भी बनते हैं ,पार्टियों को चन्द भी देते हैं और तुर्रा ये की अपनी पसन्द के मंत्री भी बनवा लेते हैं जी !
दूसरी तरफ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों और अन्य आरक्षित वर्गों हेतु समय-समय पर सभी सरकारें योजनाएं लाते ही रहते हैं !जिनका लाभ उठाकर आज ये सभी आरक्षित लोग "फूले"पड़े हैं !अब बात करते हैं उस वर्ग की जो इन आमिर-गरीब दो पाटन के बीच बुरी तरह से पिस रहा है !जिसे किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा ! सरकारी नोकरी नहीं मिल पाती !इस मध्यम वर्ग, जो "स्वर्ण"माना जाता है के साथ कोई अत्याचार हो जाए तो "जांच-आयोग"बिठाकर मामला ठंडा कर दिया जाता है ! "मनरेगा"में मजदूरी भी नहीं कर पाता !जगह-जगह पढ़े-लिखे बेरोजगार घूम रहे हैं !किसी "विचारधारा"की कोई सरकार आज तलक इन "बीच"वाले लोगों के हितों का ध्यान नहीं रख पायी !
इसलिए हे मोदी जी !आप मनरेगा में कुछ फेर बदल करवाइये ! इसे शहरों में भी लागू करवाएं और इसमें जो भी मजदूरी करना चाहे वो आसानी से हर सुबह उस कार्यालय में पहुँच जाए जहां काम मिलता हो !हर विभाग के दस लाख सभी कार्य मनरेगा के मजदूरों से ही करवाएं चाहे उनके ऊपर कोई विभागीय अफसर सुपरवाईज़र हो !मजदूरी भी बढ़ाकर 500/- रोज़ाना कर दी जाए तो देश से 70 %बेरोजगारी दूर हो जायेगी ! योजनाएं सीमित लोगों के हित साधती हैं इसलिए योजनाओं के प्रचार से कोई भी चुनाव नहीं जीत सकता !
सचेत कर रहा हूँ आपको ! मान्यवर !अफसरों और चापलूस नेताओं में ना आएं !"मध्यम-वर्ग"के उत्थान हेतु कार्य करें !उन्होंने ही आपको जिताया है !बाकी तो सब , मुलायम,मायावती,ममता,जयललिता,आदि नेताओं के भक्त हैं जी !
जय - हिन्द !! जय भारत ! वन्दे मातरम !
प्रिय मित्रो !सादर नमस्कार !कुशलता के आदान-प्रदान पश्चात जिन भी मित्रों का आज जन्म-दिन या विवाह दिवस है , उनको मेरी तरफ से हार्दिक बधाई और शुभ कामनाएं !आप अपने ब्लॉग "फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर"को बहुत पसंद कर रहे हैं,रोज़ाना इसमें प्रकाशित लेखों को पढ़ कर शेयर करते हैं ,उन पर अपने अनमोल कॉमेंट्स भी देते हैं !उस सब के लिए भी आपका हार्दिक आभार प्रस्तुत करता हूँ !इस ब्लॉग का लिंक ये है - www.pitamberduttsharma.blogspot.com
मेरा e -mail ऐड्रेस ये है -
pitamberdutt.sharma@gmail.com
मेरा मोबाईल नंबर ये है - +9414657511 .
कृपया इसी तरह इस ब्लॉग को मेरे गूगल+,पेज,विभिन्न ग्रुप ,ट्वीटर और फेस बुक पर पढ़ते रहें , शेयर और कॉमेंट्स भी करते रहें क्योंकि ये ही मेरे लिए "ऑक्सीजन"का काम करती है ! धन्यवाद !आपका अपना - पीतांबर दत्त शर्मा !
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सचेत कर रहा हूँ आपको ! मान्यवर !अफसरों और चापलूस नेताओं में ना आएं !"मध्यम-वर्ग"के उत्थान हेतु कार्य करें !उन्होंने ही आपको जिताया है !...सटीक
ReplyDeleteलेकिन दुःख है एक बार सत्ता में आने के बाद भूल जाना जैसी आदत में शुमार है सबका
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23-07-2016) को "आतंक के कैंसर में जकड़ी दुनिया" (चर्चा अंक-2412) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'