आरोप लगाने वालो राम - राम !जी हाँ किसी से भी पूछ लो की भ्रष्टाचारी कौन है ? तो कोई भी अपना नाम नहीं लेगा सब किसी दुसरे का नाम लेंगे | ये भ्रष्टाचार है किस चिड़िया का नाम ? कैसा,कब,क्यों और कैसे होता है ये भ्रष्टाचार ? कोई विस्तार से बताता तो है नहीं ? बस बहुत हो रहा है भ्रष्टाचार यही शोर सुनाई देता है | किसी ने अपने बाप से बड़े बूढ़े को तू या ओये कहकर संबोधित कर दिया तो क्या वो भ्रष्टाचार है ? किसी कार्यालय में अपना काम जल्दी करवाने हेतु बाबु को कुछ या ज्यादा रूपये दे दिए तो क्या वो भ्रष्टाचार है ? अचानक यात्रा करने पर रेल कंडक्टर को १०० \- रूपये दे कर एक बर्थ ले ली तो क्या भ्रष्टाचार है ?किसी मंत्री को दस - बीस हज़ार दे कर ट्रांसफर कर्वालिया तो क्या ये भ्रष्टाचार है ?किसी भूखे या मजबूर ने रूपये या भोजन चुरा लिया तो क्या ये भ्रष्टाचार है ? अख़बार वाले या चेनल वाले अपने पत्रकार को पूरे पैसे न दे और वो पैसे लेकर कोई खबर चाप दे तो क्या ये भ्रष्टाचार है ?ऐसी कई लाइने हैं जिनमे भ्रष्टाचार को तोला जा सकता है |अगर ये भ्रष्टाचार है तो इसकी सजा क्या होनी चाहिए ?कोई कहेगा एक या दो साल , पर मैं तो कहूँगा ऐसे आदमी की डिग्रियां समाप्त कर दी जानी चाहियें और उसे दोबारा अच्छे टीचर से पढ़ना चाहिए ?परन्तु अगर कोई ऐसी बातों का व्यापार शुरू करले , या फिर कोई व्यक्ति किसी इन्सान या देश की अस्मत को लूटने का प्रयास करे देश के धन में हेराफेरी करे ऐसे आदमियों को तो सरेआम फांसी पर लटका देना चाहिए ? वो चाहे मैं होऊं या फिर आप या वो ,सब के साथ एक जैसा न्याय होना चाहिए | परन्तु आज़ाद भारत मैं पांच से पचास हज़ार रूपये की चोरी या हेराफेरी करने वाले को तो सजा मिल जाती है और जो लोग लाखों - करोड़ों की चोरी कर के डकार भी नहीं मारते ,वो ट्रायल में जितना जेल में रह लिए रहलिये बाद में तो छूट ही जाते हैं |किसको बदलें भारत वासी को या कानून को आप ही बताएँ ? कोई भी बदलने को तैयार नहीं ? न कानून और न आदमी | तो जोर से बोलो " जय - हिंद "
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Thursday, June 16, 2011
Wednesday, June 15, 2011
" KOUN - - SEWAK - - KOUN - - MALIK , SIRF - JHOOTE KHWAAB "- ????
सपनो की दुनिया के निवासियों , नमस्कार !कल अन्ना जी कह रहे थे कि " जनता की सिविल सोसाइटी मालिक है और एम्.पी., एम्.एल.ऐ. सेवक हैं " | लालू यादव और प्रणब दा कहरहे हैं कि हम देखेंगे कि कैसे लोकपाल बिल संसद में पास होता है ? कांग्रेस के प्रवक्ता तिवाड़ी जी कहते हैं कि अन्ना जी जैसे सिविल सोसाइटी के लोग तानाशाह हैं | इस तरह से ये मामला भी " अटका " दिया गया है जैसे आरक्षण को समाप्त करना , महिला आरक्षण लागु करना,शिक्षा पद्धिति बदलना ,और युवाओं को रोज़गार गारंटी जैसे कई बिल अटके पड़ें हैं| दरअसल में जनता ने इन्हें सर पर चढ़ा लिया है | मेरा ये मानना है कि सभी राजनितिक पार्टियों कि मान्यता समाप्त करदी जानी चाहिए ताकि वर्करों कि झूटी जिंदाबाद सुन कर कोई इन्हें वोट न दे | चुनाव जितने से पहले इन्हें कोई गले में माला न डाले |किसी मुद्दे पर ये संसद न चलने दें तो उतनी देर इनसे काम ज्यादा करवाया जाए जितना समय बर्बाद हुआ है | "वेतन " बढ़ाने का बिल तो ये तुरंत इक्कठे हो कर पास करवा लेते हैं | लकिन देश हित के कार्यों हेतु ये तरह - तरह कि अडचने खड़ी करते हैं |पहले जैसे नेताओं जैसा स्तर आज के नेताओं का नहीं है | कई चोर,डाकू लुटेरे और ठग अपना पुराना धंदा छोड़ कर नेता बन गए हैं तो कई नेता चुनाव जीत कर " चोर, ठग और लुटेरे बनगए हैं " | ये अपने आपको किसी राजा से कम नहीं मानते | इनके रिश्तेदार भी अपनेआपको किसी देवता से कम नहीं मानते ? परिवर्तन होना चाहिए ? परिवर्तन तब होगा जब हम परिवर्तन करेंगे | जनता को नेताओं के पीछे भागना बंद कर देना चाहिए | ये काम करें तो इन्हें वेतन मिले अन्यथा नहीं | मैं तो यहाँ तक कहता हूँ कि सारे प्रदेशों व देश के नेताओं और मुख्यसचिवों को जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में बंद कर दिया जाये ,और तब निकाला जाय जब आने वाले ५० वर्षोंनुसार व्यवस्था बना न दी जाय | रोज़गार , सुरक्षा और शिक्षा की नीतियाँ न बन जाएँ | विदेश निति पर तो जनता का मत भी लेना आवश्यक है | संक्षिप्त में कहें तो पूरा " बर्तन " रगड़ रगड़ कर साफ़ करने वाला है ? सब गन्दा हो चुका है | बड़ी " बदबू " आ रही है ? बोलो " जय - हिंद " -----!!!!!
Friday, June 10, 2011
" NIRDAYI - SARKAAR , BHRASHT WYVASTHA , ASANWDEN SHEEL - RAAJNITI OR WYVSAYI MIDIA"
राम नाम सत्य है दोस्तों ,इसलिए आप सब को राम - राम !क्योंकि सरकार निर्दयी ,व्यवस्था भ्रष्ट ,राजनितिक दल असंवेदनशील ,और मिडिया व्यवसायी हो गया है | सब प्रतीक्षा में रहते हैं की कब कोई मरे और हम अपनी रोटीआं सेकें |बाबा का बी.पी. ठीक है तो कोई खास बात नहीं ,परन्तु अगर बाबा मरण आसन पर हों तो खबर है |"धुर फिट्टे मुंह तुहाडे जम्मन दे "| मुझे याद है की पहले जब किसी फिलम के किसी किरदार पर कोई पारिवारिक अत्याचार भी परदे पर दिखाया जाता था तो पूरा हाल रोने लग जाता था , और अब टी.वी. पर सरेआम गोली मारते दिखा दिया जाता है ,तो भी कुछ नहीं होता ?जिस केंद्रीय सरकार के चार - चार मंत्री बाबा के आगे - पीछे घूम कर कह रहे थे कि बाबा हम आपकी सारी बातें मान लेंगे आप अनशन पर मत बैठो , और अगर बैठो तो एक दो दिन में अपना धरना समाप्त कर देना ,हम आप को लिखित में दे देंगे ,आप अपनी तरफ से पहले लिख दो हमें प्रधानमंत्री जी को दिखाना है ताकि वो आदेश दे सकें | भोले बाबा ने अपने सहयोगी से लिखवा दिया |और जब उस दिन सरकार कि मंशा सामने आई तो बाबा समझ गए कि धोखा हो रहा है |तब सरकार ने आधी रात को उनका पंडाल तहस - नहस करदिया और शांति पूर्वक अनशन कर रहे बाबा और उनके समर्थकों को खदेड़ दिया गया | उन्हें तड़ीपार भी कर दिया गया |मजबूरन उन्हें हरिद्वार में ही अपना अनशन जारी रखना पड़ा |अब यु.पी.ऐ.के सभी घटक दल " हराम्ज़दगी " और "मक्कारी " वाली चुप्पी साढ़े हुए है | कमुनिस्ट पार्टियाँ तो पहले से ही " चुप " हैं |उन्हें तो देश कि समस्याओं से कोई मतलब ही नहीं है |१९४७ से वो तो समस्या को बढ़ाने में ही अपनी महत्व पूरण भूमिका निभाती है |बंद,रास्ता जाम और तोड़ फोड़ करके ?जबकि लोकतंत्र के सभी खम्भों को हमेशां संवेदनशील और रचनात्मक रहना चाहिए |
Thursday, June 9, 2011
" SENA SHANTI HETU YA ASHANTI KE LIYE "
राम - राम मित्रो !अब आप बताइए मैं साम्प्रदायिक हूँ या सेकुलर हूँ ?अगर मैं नमस्कार,नमस्ते हाय या फिर हेलो कंहूँ तो सेकुलर और राम- राम ,जय श्री क्रिशन या ऐसा ही कोई और अभिवादन करूं तो मैं साम्प्रदायिक हूँ | ऐसा ही कांग्रेसियों और अन्य तथाकथित सेकुलरों का मानना है |सेकुलर और सम्प्र्दयिकता की परिभाषा क्या है ?इसका नाप दंड क्या है ? कोई नहीं जानता | कुछ रानीतिज्ञ लोगों ने अपनी सुविधा के लिए कुछ मनगढंत शब्द बना लिए हैं |देश में पिछले कई दिनों से हडकंप मचा हुआ है ,परन्तु कम्युनिस्ट पार्टिया आश्चर्यजनक रूप से अपना मुंह बंद किये बैठी हैं ?कोई नहीं पूछता क्यों ?शांति पूर्वक अनशन पर बैठे बाबा रामदेव से मिलने चंद ऐसे लोग मिलने पहुंच गए जो आर.एस.एस.,बी.जे.पी. या विश्व हिन्दू परिषद् के भी सदस्य हैं तो क्या पहाड़ टूट पड़ा ?ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्नों को पूछने के लिए न तो मिडिया के पास समय है और ये "साले"सेकुलर नेता तो यही चाहते हैं की भ्रम की स्थिति बनी रहे |सेंकडों लोगों के साथ बाबा और उनके सहयोगी बालक्रिशन की सरकार के सिपाहियों ने पीट - पीट कर अधनंगा कर दिया तो बाबा ने अपनी घोषणा में कहा कि " अब शांति पूर्वक अनशन ११००० शांति सैनिकों की छत्रछाया में किया जायेगा | तो सरकार सहित सभी "साले" सेक्युलर भड़क गए ,कहने लगे देश को खतरा हो गया है |और बाबा सफाई देने लगे और अपना निर्णय वापिस भी ले लिया |इसी से पता चलता है कि बाबा अनाडी और भोला संत है, कोई देश को नुकसान पहुँचाने वाली पूर्व योजना के तहत नहीं बल्कि देशहित के लिए अनशन पर बैठा है |लेकिन मिडिया को समय ही कंहाँ है कि पहले किसी विषय पर अनुसन्धान करे फिर उसे प्रसारित करे ? उसे तो हर बात को " ब्रेकिंग न्यूज़ "बनाकर अपने चेनल की टी. आर.पी. बढ़नी है ? अभी कल रात को एक चेनल पर कोई पूछ रहा था कि ये "सिविल सोसाइटी " क्या चीज़ है ? ये कब बनी ? कोई अन्ना जी और बाबा के अनशन की तुलना कर रहा है ?मैं भी किन्किर्ताव्याविमुध सा खड़ा हूँ कि किसे कंहूँ अपने दिल कि बात ? कोन है देश का शुभचिंतक ? कौन है शरीफ ?कृपया सभी देश भक्तों और शरीफ राजनीतिज्ञों एक मंच पर एकत्रित हो जाएँ | सभी तरह के बन्धनों को तोड़ दें और करदें एक शंखनाद !सभी तरह कि देश में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ !!!!! अब समय आ गया है !!!!!! जाग जाओ !!!!!!!!!!देश - वासियों !!!!" सेना "चाहे किसी देश की हो या कई देशों की मिलकर बनाई गयी हो और चाहे किसी संत की सेना हो ,वो लोगों की जाने ही लेती है | जब हजारों की संख्या में लोग मर जाते हैं तो " शांति " आ ही जाती है |वो चाहे देवताओं और राक्षसों का युद्ध हो | या महाभारत का कोरवों और पांडवों का युध हो | वो चाहे नाटो की सेनाएँ हों या भारत की श्री लंका में शांति सेना |साडी सेनाओं ने पहले जानें लीं फिर शांति स्थापित हुई |५,जून को पुलिस ने भी तो विध्वंस से " शांति " स्थापित की ?ओउम शांति - शांति - शंतिही !!!!!!
Tuesday, June 7, 2011
" GHAGH " MANTRI MANDAL KA " CHATUR " P.M. OR " SANCHALIKA "
भारत के अचंभित देश वासिओ , नमस्कार ! जून का महिना देश के लिए मुसीबतों से भरा ही होता है | गर्मी से बेहाल जनता को जलभुन जानेवाली ख़बरें ही मिलती हैं ,जैसे : खाने पीने और रोज़मर्रा की चीजों के दाम बढ़ना,पेट्रोल,डीजल,और गैस के दामों में बढ़ोतरी आदि - आदि | लकिन ताज़ा रिसर्च ये हुई है कि देश के लिए जून का महिना हमेशां बुरा रहा है !जैसे देश का बंटवारा ,संजय गाँधी कि मृत्यु ,गोल्डेन टेम्पल पर सैनिक कार्यवाही और अब बाबा रामदेव और अन्ना हजारे का आन्दोलन और " राम लीला " सब जून मैं ही हुआ ? लेकिन मेरा मानना ये है कि इस देश मैं आज़ादी से पहले से गड़बड़ चल रही है | हिन्दुस्तानी सीधे सादे और धर्म के अनुसार चलने वाले लोग ज्यादा हुआ करते थे | चोर, कमीने,मक्कार,घाघ और गद्दार लोगों की संख्या कम हुआ करती थी | जैसे - जैसे समय बीता, वैसे - वैसे ये अनुपात बदलता गया | कारन "टोडी बच्चे " बढ़ते गए |पुराने लोग टोडी बच्चों का मतलब समझते हैं |चलिए आपको भी बता देता हूँ | पुराने जमाने में केवल राज घरानों और अमीरों में ही एक से ज्यादा शादियाँ रिवाज़ था | लेकिन आज़ादी से पहले १०० सालों तक अंग्रेजों का शासन रहा तो मिश्रित नस्लें पैदा होने लगीं तो उन बच्चों को " टोडी बच्चे " कहा जाने लगा | इनकी पहचान " बिल्ली आँखें हुआ करतीं थीं | इस तरह से अनुपात बदल गया | अब हालत ये हो गयी है उस रिवाज को अनोपचारिक रूप से ज्यादातर लोगों ने अपना लिया है | इसी लिए जब बाबा रामदेव ये कहते हैं कि मेरे साथ २० करोड़ लोग हैं तो मुझे मन ही मन हंसी आ जाती है |में सोचता हूँ कि कितना भोला है बाबा ?अकेला बाबा ही नहीं ऐसे लोगों कि संख्या अब भी हजारों में है जो कहते हैं कि देश सिधान्तों के अनुसार चलना चाहिए | " राम - राज्य " चाहने वाले तो लाखों में पाए जाते हैं | कितनी भोली है जनता | दुर्भाग्य से राजनीती में " टोडी बच्चे "ज्यादा पाए जाते हैं और कांग्रेस पार्टी में तो भरमार है | वैसे आजकल "टोडी बच्चे " अपने आपको "सेकुलर "कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं | आजकल यु.पी.ऐ. सरकार का नेतृत्व ऐसे ही ज्यादातर लोग कर रहे हैं |जिसमे घाघ,मक्कार और चतुर मंत्री भरे पड़े हैं ,कुछ चोर मंत्री तो इसी सरकार ने जेल में डाले हैं |ससुरे ,इस बात को भी बड़ी शान से बताते हैं कि देखो हम कितने शरीफ प्रधानमंत्री के राज में रह रहे हैं ?पत्रकारों से वार्ता करते वक्त कपिल सिब्बल कि मक्कारी साफ - साफ दिखाई देती है |श्रीमती इंदिरा गाँधी ने जब एमरजेंसी लगायी तब से ये हरम ज़दगी दिखनी शुरू हुई ,और आजकल तो कई नेताओं में भरपूर मात्रा में पाई जाती है |" कलयुग है भाई " इसके इलावा और कहाँ जाकर बात ख़तम कर सकते हैं ? ये तो होना ही है |" प्रलय " आ जाये तो अच्छा है !!!
Sunday, June 5, 2011
" YUDH - KAB - SHURU - HOGA" ---- ? ? ?[BHRASHT SARKAAR KE KHILAF
वन्दे मातरम , !उद्घोष होना चाहिए लोक तंत्र के समर्थको की और से |युद्ध का |भूल जाओ सारे मतभेद |अब अंतर करना होगा शरीफ और बदमाश राजनीतिज्ञों में |" अगर कोई शरीफ बचा है तो ?सभी समाज्सेविओं को और राष्ट्रीय ताकतों को एक मंच पर आना होगा |जैसे १९७५ में हुआ था |वो गठबंधन ढाई साल बाद टूट भी गया था सत्ता मिलने के बाद ,वो अब न टूटे ,ये भी ध्यान देने लायक बात है |सभी बुद्धिजीवी विचार करें |चार मंत्री चर्चा कर रहे थे ,तो मक्कार कपिल सिब्बल और द्विगविजय प्रहार करते रहे ?भोले भाले दवाई बताने वाले से गुमराह करके सहमती पत्र लिखवा लिया,और कहा अभी बताना नहीं ,बाद में वही पत्र दिखा कर बाबा को धोखेबाज़ साबित करने की कोशिश की गयी | आज प्रधान मंत्री और सोनिया गाँधी जहां पुलिस कार्यवाही के लिए जनता से माफ़ी मांग रहे हैं , तो वही दो कमीने और मक्कार कंग्रेस्सी सारीकार्यवाही को जायज़ ठहरा रहे हैं |ढूध का ढूध और पानी का पानी हो चुका है |" क्रांति -- होनी -- चाहिए "|अगर शरीफ राजनीतिज्ञ हैं तो वो बदमाश राजनीतिज्ञों के साथ बैठ कर क्या कर रहे हैं ? जनता फैसला करे | "संत को सिपाही बनना होगा "
Friday, June 3, 2011
"KALA - DHAN ," " DESI YA VIDESHI " AB SAB BAHAR AA JAYEGA ---??
गोरे रंग और काले धन के मालिको,नमस्कार !आप के लिए अच्छी खबर नहीं है, एक बाबा रामदेव नाम का आदमी योग सिखाता सिखाता नजाने किसके बहकावे में आ गया ,दिल्ली के रामलीला मैदान में कल ४,जून से आमरण अनशन पर बैठेगा, आप की सरकार के ६ मंत्री ,महात्मा गाँधी का पोता,शारुख खान और द्विगविजय सिंह जैसे लोग उन्हें मनाने के साथ -साथ एंटी बायटिक डोज़ भी दे रहे हैं | टी.वी. चेनलों के एंकर भी कुरेदने में लगे हैं ,अन्ना हजारे और बाबा के आन्दोलन में कम्पीटीशन भी करवा रहे हैं ,पर बाबा न जाने किस माटी का बना है ,अपने पत्ते खोल ही नहीं रहा | परन्तु आपलोग बिलकुल चिंता नहीं करें ,कई नेता,अभिनेता,पत्रकार और समाजसेवी आपकी मेहरबानियों पर ही जीवित हैं,वो साले किस दिन काम आयेंगे,वो इतनी बड़ी भीड़ में घुस कर किसी न किसी तरह से कलाकारी कर जायेंगे | भोले बाबा,और सिधान्तों के अनुयायी ,कंही न कंही आप की चाल में फंस जायेंगे | बस फिर आपकी बल्ले - बल्ले !!!! अच्छा जी नमस्ते ,क्या , कंही आपको ये तो नहीं लग रहा कि में बाबा के पक्ष कि बात कर रहा हूँ| मेरी बला से, जो समझना हो समझो,एक बात ध्यान से सुनलो " अगर बाबा विदेशी धन बहार निकलवाने में कामयाब हो गया तो देश के अन्दर का कला धन भी गले में अंगुली डाल कर बहार निकाल लेगा !! फिर मुझे मत दोष देना,कि मैंने बताया नहीं | अच्छा तो हम चलते हैं दिल्ली के राम लीला मैदान में |
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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