Tuesday, April 10, 2012

" किस्तों में दोस्ती - किस्तों में दुश्मनी ", हम हैं हिन्दुस्तानी ...!!

किस्तों में सस्ते की बजाय महंगा  सामान खरीदने - बेचने और नाटक फिल्म देखने वाले सभी मित्रों को मेरा हार्दिक डेली सोप वाला नमस्कार ............!! कृपया फुल T.R.P.सहित स्वीकार करें ....!!
                                     जब से हमारा देश अंग्रेजों और तबके भारतीय नेताओं की वजह से , दो टुकड़ों मे बंट कर आज़ाद हुआ है तभी से हम अपने छोटे भाई से न तो ढंग से दुश्मनी निभा पा रहे हैं और नाही दोस्ती !! क्योंकि हमारे तब से लेकर आज तक के नेता कभी भी एक निति पर नहीं चल सके , वो चाहे इंदिरा जी हों या मोरार जी भाई देसाई , अटल जी हों या श्री नरसिम्हा राव जी , सबके सलाहकार " दोगले " ही रहे  ....??? क्योंकि इन्ही सलाहकारों की वजह से ही हम जीती हुई बाज़ी भी हार गए ...!! चाहे वो शिमला समझोता हो या ....आतंकवाद की निति ..सब गुड- गोबर कर दिया इन बुद्धिजीवियों ने ।। नेता भी बराबर के दोषी हैं जो न तो ढंग से सख्ती दिखा पाए और न ही ढंग से प्रेम !! बंटवारे के समय और बाद में भी न जाने कितनी बार हमने पाकिस्तान को पैसा भी दिया है जिसको कभी तर्क संगत नहीं माना गया ..!! महात्मा गांधी जी के कत्ल में एक ये कारण भी मुख्य  था !!
                                  कभी बेनजीर आयीं तो कभी मुशर्रफ , कभी जरदारी आये तो कभी गिलानी ......नतीजा.......सिर्फ धुंधली सी एक किरण मात्र और कुछ भी नहीं !! फिर कोई ऐसी घटना घटती है की तलवारें निकल आती हैं ...!! वन्ही हम पाकिस्तानी नेताओं की भूमिकाओं की तरफ देखें तो हम पायेंगे की न सिर्फ वो हमसे बल्कि सब देशों से वो पैसा भी ऐंठ लेते हैं और आज तलक हमसे दुश्मनी भी निभाते आ रहे हैं ....चाहे वो काश्मीर हो या पंजाब , बंगला देश हो या अफगानिस्तान , सब जगह हमें जो भी नुकसान हुआ है उसमे पाकिस्तानियों का हाथ अवश्य पाया गया है !!
                                 जनता हर समस्या का निर्णय चाहती है चाहे वो कष्टदायक हो या प्रसन्नतादायक ..परन्तु ढीला - ढाला तो बिलकुल भी नहीं क्यों ....क्या मैंने गलत कहा ....नहीं ना ...?? दोस्ती निभानी है तो दोस्ती निभाओ चाहे जो कुछ भी देना पड़े दोस्ती की खातिर देदो !! चाहे पूरा भारत दे कर फिर से वृहिद भारत बनादो और एक की बजाय इस देश के दो प्रधान - मंत्री , दो संसद और एक संविधान ही क्यों न बना ना पड़े ....हमें यानी जनता को सब मंज़ूर है  !! और अगर दुश्मनी का निर्णय होता है तो देखि जायेगी चाहे परमाणु बम्ब चलें या कोई और लेकिन फैसला करके हम हटें ....ऐसे नहीं !!??? 
                                   जो संसद के हमले में , नक्सलियों के नरसंघार में,या फिर किसी भी और आतंकवादी हमले में शहीद हुए हैं उनकी आत्माएं आज हमारे नेताओं और बुध्धिजीवियों के गलत निर्णयों से तड़प रही हैं  ....!! 


                             क्यों मित्रो आपका क्या कहना है इसके बारे मैं , कृपया आप अपने विचार हमारे ब्लॉग " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " में जाकर अवश्य लिखें !! आज ही लाग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. हमारे विचार आपको बढ़िया लगे हों तो कृपया अपने सभी मित्रों के साथ अवश्य " शेयर " करें , ताकि आपके अनमोल विचारों को हम सहेज कर रख सकें !! धन्यवाद !!  

Sunday, April 8, 2012

" किसकी सरकार है .....भारत देश में ."..???

सरकारी मूड के मालिक मेरे सभी मित्रों को सलाम !!
              जी हाँ कई लोग हमेशा सरकारी मूड यानि स्वभाव में ही रहते हैं , माथे पर चार सलवटें , आँखें लाल और ज्यादा खुली हुईं , भाषा उखड़ी व भद्दी तथा चाल मतवाली सी .....!! कुछ - कुछ ऐसे ही गुण होते हैं सरकारी मूड वाले लोगों के जी , जेब चाहे उनकी खाली हो या भरी उससे कोई फरक नहीं पड़ता जी , !! बस घर में भी बिना मतलब का रौब झाड़ते फिरेंगे और घर से बाहर भी !!ऐसा दिखाएँगे जैसे बस इन्ही का राज चल रहा है सब जगह !! 
                                             और कुछ लोग जिनके पास सचमुच सभी सरकारी अधिकार होते हैं लेकिन वो ऐसे चुप रहते हैं जैसे बोलने का कोई टेक्स लगता हो !!?? जैसे हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री  नरसिम्हाराव जी और उन्ही की  पार्टी के सरदार मनमोहन सिंह जी ......????? सीधे - सीधे चलते हैं , सीधे - सीधे बैठते हैं ...प्रियंका जी के बच्चे को भी हाथ जोड़ कर नमस्ते करते हैं , न किसी मंत्री को कुछ कहते हैं और न किसी अफसर को , इतना ही नहीं कौन मंत्री और कौन अफसर क्या काम कर रहा है उनको कुछ नहीं पता ....!! पता नहीं वो पी.एम्.आफिस जाकर क्या करते हैं ?? यंहा तक की देश के सभी नेताओं की इज्ज़त आजकल इसी लिए जीरो हो गयी है क्योंकि कोई भी नेता कोई काम करता जनता को नज़र ही नहीं आता .....??? नेता के घर जाओ तो वह कुछ खाता  - पीता नज़र आता है विधान सभा या लोक सभा में देखो तो वो सोता,लड़ता - झगड़ता या अपना मनोरंजन करता नज़र आता है ...!! उसके चुनावी क्षेत्र में तो वो और उसके चमचे - रिश्तेदार सब साले खाते - पीते और " सरकारी रौब झाड़ते " नज़र आते है ......??? क्यों ....मुझे नहीं पता जी ...!! जनता बेचारी सिर्फ पूछ ही सकती है की ....." किसकी सरकार है .....भारत  देश में ."..???
                                   नेता चाहता है की किसी काम की जिम्मेदारी उस पर ना आ जाए ..कुछ इस तरह से काम हो की उसका सारा क्रेडिट उसे ही मिल जाए ....और अफसर सोचता है की कंही वो फंस न जाए .....इस लिए दोनों काम करने में कम ही विश्वास करते हैं ....??? इसी लिए आजकल सिर्फ वोही काम होता है जिसमे सबकी चांदी पक्की हो .....या जिस काम की रिश्वत मिल रही हो !! इसी लिए अन्ना जी और रामदेव जी के साथ इतनी जनता कड़ी है !! इज्जत की परवाह भी किसे है मिडिया शोर मचाता है तो मचाये उनकी बला से .....उन्हें क्या हो सकता है ??????
                                    इस देश में पूँजी - पतियों की सरकार है किसी u.p.a. - n.d.a. की नहीं और नहीं जनता को किसी भुलावे में रहना भी नहीं चाहिए की उसकी कभी सरकार थी - है - या रहेगी ....!!! पूँजी पति चाहते हैं जब वो किसी चेनल को और किसी अखबार वाले को पैसे देकर या पैसे से खरीदी जा सकने वाली कोई वस्तु या पद देकर अपना काम निकलवा लेते हैं !! किसको कौनसा मंत्री बनाना है और किस अफसर को कौन सा सेक्रेटरी बनाना है सब पूँजी पति ही तय करता है !! यही नहीं सभी प्रकार के सरकारी निर्णयों में भी उनका ही हस्त क्षेप होता है !! बिकाऊ गुंडे मवालियों को मैं कोई दोष नहीं देता क्योंकि उनका तो काम ही यही होता है !!
                                     तो मित्रो वार्ता यंहा समाप्त हो सकती है की जैसे हमारी सरकार हर बड़ी विपदा में सेना का सहयोग लेती है कुछ समय हेतु ...उसी प्रकार से इस लोक तंत्र को सुधारने हेतु सेना को ही बुलाया जाना चाहिए और देश के नेहरु स्टेडियम में सभी पार्टियों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों , वकीलों, जजों , विशेषज्ञों  को तब तक बिठाए रखना चाहिए जब तलक हमारे संविधान के एक - एक कालम पर चर्चा पूरी नहीं होजाती और जो बदलाव होना आवश्यक है आज की स्थिति अनुसार !! वो हो नहीं जाता तब तलक किसी भी व्यक्ति को घर नहीं जाने दिया जाना चाहिए !! और एक वर्ष तलक उस नए संविधान को परखा जाना चाहिए की वो वस्तव में प्रभावी है या नहीं .....सारी दुविधाएं सुविधाओं में बदली हैं या नहीं ...!! जब सब ठीक लगे तब इन नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए और हमारी सेना को ससम्मान बैरकों में वापिस भेज दिया जाना चाहिए .....???
                             क्यों मित्रो आपका क्या विचार है ....कृपया अपने - अपने अनमोल विचार हमारे ब्लाग के पृष्ठ पर आकर लिखें क्योंकि हम आपके अनमोल विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं ! आज ही हमारा ब्लाग पढ़ें ...जिसका नाम है .." 5th pillar corrouption killer " pl. log on daily www.pitamberduttsharma.blogspot.com. ज्यादा जानकारी हेतु आप मेरी प्रोफाइल पढ़ सकते हैं या फेस-बुक पर मुझसे जुड़ सकते हैं !!
   आपका घनिष्ठ मित्र .....पीताम्बर दत्त शर्मा  मो.न.09414657511. 

Saturday, April 7, 2012

कलम रुपी तलवार से - काट के रखदे भ्रष्टाचार को !
आइना दिखादे चोर को - बतलादे सारे व्यभिचार को !
                     रोजाना जो घट रहा है पूरे विश्व में उस पर बड़े ही रोचक और सरल भाषा में क्रान्ति कारी विचार जो आज के आधुनिक विचारों वाले सुविख्यात लेखकों द्वारा लिखे जाते हैं हमारे इस ब्लाग और ग्रुप पेज में जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " |
                             इसे पढ ने  हेतु और अपने अनमोल विचार प्रकट करने हेतु जो हमारे लिए अनमोल हैं तथा जिन्हें हम सहेज कर रखना चाहते हैं  आज ही और रोज़ ही लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
अगर आपको हमारे लेखकों के विचार पसंद आयें तो आप हमरे लेखों को  अपने मित्रों के साथ  " शेयर " भी कर सकते हैं और अपने समाचार पत्र , फेस बुक वाल और ब्लाग में प्रिंट भी कर सकते हैं !! 
               ज्यादा जानकारी हेतु संपर्क करें इस ब्लाग और ग्रुप के निर्माता :-
                                    
                                  पीताम्बर दत्त शर्मा   
                                      मो.न. 09414657511  

Wednesday, April 4, 2012


" चलने से डरती ,काम करने से घबराती ", "ये मनमोहिनी - सरकार "!!??

काम से डरने व घबराने वाले , मेरे जैसे सभी मित्रों को मेरा ......राम - राम जी !!
                       आजकल मुझे ब्लड - प्रेशर , शुगर,कोलेस्ट्रोल और न जाने कौन - कौन सी शिकायतें हो रही हैं !! कभी - कभी तो रात को सोते सोते जाग जाता हूँ घबराकर व कभी दर्द से , नाडी पर नाडी चढ़ जाती है सोते - सोते , डाक्टर साहिब भी आजकल मुझे देख कर खुश हो जाते हैं , मन ही मन सोचते हैं की "आ गया , मोटा - ताज़ा बकरा " ??? पक्का ग्राहक बन्ने ही वाला है ये !! इन सब तकलीफों के चलते आज कल मैं ना तो कोई घर में , और नहीं व्यपार में कोई निर्णय ले पा रहा हूँ जी !! बिलकुल अपनी " मनमोहिनी सर्कार जैसा हो गया हूँ !??
                         जब से इस मनमोहिनी सरकार की दूसरी पारी शुरू हुई है तभी से न तो इस सरकार का कोई मंत्री , और न ही कोई अफसर कोई निर्णय ले पा रहे हैं , यंहा तक की स्वयं प्रधान मंत्री जी भी " अक्षम " ही दिखाई देते हैं !? चपरासी से लेकर सेक्रेटरी तक सब बहाने ढूंढते नज़र आते हैं कोई ठोस निर्णय ले कर काम करते या करवाते नहीं दिखाई दे रहे बस जी रोज़ एक घोटाला इस बेबस जनता के सामने आ जाता है और सारी मशीनरी उसकी जांच करने या उसे समेटने में ही लगी रहती है !!??
                           इसी लिए आप मेरी लिखावट के अंत में हैरानी वाला निशाँ और प्रशन वाचक चिन्ह , दोनों लगे देख सकते हैं !!?? आज वर्ल्ड - बेंक वालों ने खबर छपवाई है की हिन्दुस्तान में जो मेगा - हाई -वे बन रहे हैं उसमे बहुत हेरा -फेरी  हो रही है इस अपनी " मनमोहिनी सरकार "द्वारा !!?? मुझे समझ नहीं आ रहा की हम अपने सरदार मन मोहन सिंह जी की सफ़ेद कमीज़ को चाटें या महात्मा गांधी के सामान की तरह उसको भी बेच खाएं ..???
                    इन कांग्रेसियों का एक और नया घोटाला देश की जनता के सामने आया है जी , वो ये की एक छोटी सी बच्ची ने जब अपनी मनमोहिनी सरकार से ये पुछा की महात्मा गांधी जी को " राष्ट्रपिता " की उपाधि कब प्रदान की गयी तो पता चला की किसी ने उपाधि नहीं दी बल्कि वो तो किसी कांग्रेसी ने श्रध्दा वश एकबार बोल दिया तो सभी देश वासी बोलने लगे जी .......अब देखिये संसार के लोग क्या सोचेंगे और क्या कहेंगे .....यारो मिटटी पलीत करवादी इन भारतीय अफसरों ने फिर बाद में हमारे " निर्दयी - मीडिया " ने .... राम - राम - राम ....डूब के मर जाना चाहिए जी इन ........ किनको ???? आप ही बताइये जी मुझे तो समझ नहीं आ रहा किन - किन को ..... जल्दी से हमारे ब्लाग को लाग इन करें और अपने अनमोल कोमेंट्स लिखें और अपने सभी मित्रों के साथ इस लेख को शेयर करें अगर पसंद आये तो ...... नहीं पसंद आया हो तो " बुरा कोमेंट्स लिखें ....यारो केवल " लायिक " कर के ना छोड़ें ....धन्यवाद जी आप सब का !! बोलो ....हे - राम !!....??? www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 

"राम करे -ऐसा हो जाय,मेरी अनिद्रा तोहे मिल जाये " ....!!

रामजी द्वारा ही सबकुछ  करवाने वाले मेरे सभी प्रिय मित्रों को प्यारी - प्यारी ,राम - राम जी !!
                 मुकेश जी का बहुत ही प्यारा गीत था की " राम करे , ऐसा हो जाये , मेरी निंदिया तोहे मिल जाए मैं जागू , तू सो जाय !!...आजकल तो हम सब चाहते हैं की हम सोये रहें और हमारा काम कोई दूसरा या तीसरा कर जाए ......??? स्वयं के काम से लेकर घर के काम तक और ऑफिस के काम से लेकर देश के काम तक !! यंहा तक की हमारे नेता भी ऐसा ही सोचते हैं की उग्रवादियों को भी अमेरिका मारे , पाकिस्तान को भी अमेरिका समझाए और सभी समस्याओं से हमें कोई दूसरा देश ही  निजात दिलाये 
   ऐसी हमारी आदत सी हो गयी है !!
                                  ताज़ा घटना  जनवरी माह में घटी सेना की हलचल से है , जिसकी खबर कल " इंडियन एक्सप्रेस " ने प्रकाशित की डरते - डरते ! उसका सार ये था की ऐसी सम्भावना लगती थी की सेना दिल्ली पर शायद कब्ज़ा करके तख्ता पलट करदे " !! जो की भारत में संभव ही नहीं है क्योंकि हमारी सेना मैं भी तो हम जैसे ही भारती हैं ??? हाँ हमसे कुछ तंदरुस्त अवश्य हैं !! मैं बलिहारी जाऊं इन नेताओं के की सारे नेता एक दम घबरा गए !! भाजपा के तरुण विजय जी जो की एक पत्रकार भी हैं ने तो एक चेनल की बहस में ही बोल दिया की "आज कल नेताओं की इज्जत बिलकुल निम्न स्तर पर है और सेना की ज्यादा , कंही सच में दोबारा ये बातें सुनकर सेना दिल्ली की तरफ ना चली आये , इसलिए सभी पार्टियों को राजनीति छोड़ सिर्फ ऐसा ही ब्यान देना चाहिए की ये सच नहीं है "।। 
                            देश को ये नेता सच नहीं बताना चाहते बल्कि सभी पार्टियों के नेता जनता को सिर्फ " बेवकूफ " ही बनाना चाहते हैं । इसीलिए भारत के कई लोग जब संसद में आक्रमण हुआ था तो उन्होंने कहा था की " राम करे ..ये संसद पर हमला ...कामयाब हो जाए .....!! परन्तु भगवान् ऐसे लोगों की कम ही सुनता है ..जो दूसरों पर आश्रित रहते हैं ! राम जी सिर्फ उनकी ही सुनते हैं जो अपना काम स्वयं करने की क्षमता रखते हैं !! हम अपनी अनिद्रा दूसरों को नहीं देकर , दुसरे को चैन की नींद देने का प्रयास करें तभी सभी प्रसन्न रह सकेंगे !!
                            इस लोक तंत्र में  देश के नेताओं को सुधारने का यही तरीका है की जो नेता जनता को बेईमान लगे उसे , देखना,सुनना , उसका स्वागत करना और उसे " वोट " देना बंद करदें ....!! फिर देखो कैसे नेता ससुरे सुधारते हैं या नहीं ...??? परन्तु क्या यंहां सिर्फ नेता बेईमान हैं .....मास्टर,क्लर्क ,पुलिस,अफसर ,पटवारी ,व्यपारी ,स्वर्णकार ,वकील और पत्रकार आदि- आदि क्या सब शरीफ हैं .....उत्तर मिलेगा नहीं ...!! तो फिर आप ही बताइए मित्रो कौन किसको सुधारे ....यारो सुधारना तो हम सबको है ......." की मैं झूठ बोलिया ....कोइना बई कोयना ...!! आज ही हमारा ब्लाग और ग्रुप पढ़िए ! जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer "  इनमे प्रकाशित लेख आम जनता के हितों को देख कर बिलकुल सरल भाषा में लिखे जाते हैं !! इस लिए आप सब से निवेदन है की आपको अगर हमारा कोई लेख पसंद आये तो उसे अपने मित्रों को अवश्य बांटिये (शेयर ) कीजिये  और फिर हमारे ब्लाग पर जाकर उस पर अपने विचार भी लिखिए क्योंकि हम आपके अनमोल विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं ! आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आप चाहें तो हमारे किसी भी लेख को कंही भी प्रकाशित भी कर सकते हैं !! बिलकुल मुफ्त !                    

Friday, March 30, 2012

" कहाँ कहाँ घुस चुके हैं .." इटली,चाईना,पाकिस्तान,और अमेरिका "...??

सरप्राईज़ प्रेमी मित्रो , " अचानक वाला नमस्कार स्वीकार करें !! हम सब भारत वासी सरप्राईज़ प्रेमी हैं , चाहे हमारा कोई मित्र हो या दुश्मन , वो जब हमें अचानक आकर झिंझोड़ता है , तभी हम जागते हैं ...की ओहो तुम हो ....???                                         
                        न जाने कितनी दफा हमें हमारे दुश्मनों ने हमें सरप्राईज़ दिया है , वो कभी नेपाल, बांगला देश ,पाकिस्तान से आते हैं तो कभी और कंही से !! पिछले दिनों हमारी समुद्री सीमा में जबरदस्ती घुसे हुए एक इटली के जहाज़ से इटली के सैनिकों ने हमारे मछुआरे मार दिए ...... हमारी निकम्मी सरकार उनसे " प्यार और दुलार से पूछ रही है जी आप यंहा कुन और कब आये ...??? हमारे आदमियों को क्यों मारा ??? अब हमें बताइये न हम किसपर केस करें ....??? क्योंकि दिखावे के लिए हमें कुछ तो करना पड़ेगा न .....???? ऐसे सोनिया गांधी जी के दर से गिडगिडा रहे हैं हमारे सुरक्षा अफसर और विदेश मंत्रालय के लोग क्यों ......???

                                          आज कल भारत में इटली का सामान भी भारत में बहुत बिकने लगा है !! पहले भी जिन्होंने हमारे देश को गुलाम बनाया था , वो व्यपारी बन कर ही आये थे ...!! हमारी करंसी पर भी इटली के निशाँ और उनके लीडरों के फोटो भी छपने लगे हैं क्यों ....???? कहाँ - कहाँ तलक घुस चुके है हमारे दुश्मन और हमें " सरप्राईज़ " देने को तैयार बैठे हैं ...!! मेरी इस लेख और हमारे ब्लाग "5TH PILLAR CORROUPTION KILLER "के मंच से सभी देश भगतों और सुरक्षा एजेंसियों से निवेदन है की कृपया चौकस रहें और भारत को आने वाली सभी मुसीबतों से बचाएं ....मंत्री तो हमारे किसी काम के नहीं हैं !! अगर वो कोई काम करते हैं तो हमें दिखाई क्यों नहीं देते कोई काम करते हुए .......कोई तो बताये ......आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. और अपने अनमोल विचारों से हमें अवगत  करवाएं ...!! हम चाहते हैं की आप सबसे हमारा संवाद कायम हो और हम सब मिलकर देश में खुशियाँ ला सकें ..!! धन्यवाद !! जय - माता - की ......जय हो !!
                        जाते - जाते एक गीत की दो पंक्तियाँ .. पेश है ......" उस मुल्क की सरहद को कोई छु नहीं सकता ....., जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान हैं आँखें .....!! 

" कराहता - तडपता , कार्यकर्ता और " मौज उड़ाता " नेता "....???

तडपते रहने वाले सभी मित्रों को हमदर्दी वाला नमस्कार !! जी हाँ , कोई प्यार में तड़प रहा है तो कोई किसी की ख़ुशी से तड़प रहा है ! कोई वियोग में तड़प रहा है तो कोई अभियोग से !! कोई दुःख से तड़प रहा है तो कोई किसी के सुन्दर मुख को देख कर तड़प रहा है !
                      लेकिन कई ऐसे विचित्र प्रन्नी भी हैं इस संसार में जो गलत काम क्यों हो रहा है इस लिए दुखी हो कर तड़प रहे हैं !! उनका सोचना ये है की जिसके साथ जो घट  रहा है वो उसकी गहराइयों  को नहीं समझ रहा ,इस लिए वो शोर मचाता है की ओये भले मानुष उठ तेरा नुक्सान हो रहा है , लेकिन वो अपनी मस्ती में मस्त है !! 
                               ये लोग होते हैं ..." विश्लेषक , पत्रकार , सलाहकार ,प्रवक्ता और कार्यकर्ता !! आज हम सिर्फ "राजनितिक कार्यकर्ताओं " की ही बात करेंगे !! भारत में जितने भी राजनितिक दल हैं उनके नेता सारे कार्यकर्ताओं को एक ही बात कहते हैं की " कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डी हैं , कार्यकर्ताओं से ही पार्टी चलती है !! आप निष्ठा पार्टी और उसके असूलों के प्रति बनाये रखिये , आपको कभी न कभी अवश्य मौका मिले गा " । 
                                   ऐसे सब्जबाग दिखाकर हर पार्टी के बड़े नेता उन कार्यकर्ताओं से न केवल अपना और अपनी पार्टी के सारे काम करवाते हैं बल्कि सदस्यता अभियान या और ना जाने किस किस बहाने से उस से चन्दा भी बटोरते रहते हैं । और तो और अपना स्वागत भी करवाते रहते हैं !! चाहे कार्यकर्ता प्रदेश या केंद्रीय कार्यालय जाये , या कोई केंद्रीय या प्रादेशिक नेता कार्यकर्त्ता के शहर में जाए , पैसा तो कार्यकर्ता का ही लगता है !! इसके इलावा कोई बहनजी का जनम - दिन मनाता है , कोई युवराज का , कोई राम मंदिर बनवाता है तो कोई  हाथी पार्क !! सभी प्रदेशिक व केंद्रीय नेता कमोबेश इसी तरह से अपना राजनितिक जीवन "आनंद " से  व्यतीत कर रहे हैं और बिना कोई काम किये एक नंबर के करोड़ों हर साल कमा लेते हैं ....कैसे ???
                               दूसरी तरफ अब " निष्ठावान कार्यकर्ता " का जीवन चरित्र देखें ...!! नौजवानी में किसी दल से जुड़ता है , वंहा के किसी पार्टी के वरिष्ठ या कनिष्ठ नेता से उसका संपर्क होता है एक दो साल तो उस से जयादा मेहनत  के काम करवाए जाते हैं फिर अगर तो वो अपने नेता की तरह शरीफ या बे-इमां होता है तो उनकी पटरी बैठ जाती है अगर किसी के भी गुण नहीं मिले तो नेता अपना कोई और कार्यकर्त्ता ढूढ़ लेता है और कार्यकर्त्ता कोई दूस्रानेता या पार्टी ढूंढ लेता है । जीवन के दस - पन्द्रह साल तो ऐसे ही गुज़र जाते हैं !! फिर जागती है कार्यकर्ता की "महत्वकांक्षा " !! जो की स्वभाविक सी बात है ! तब असली राजनीति शुरू होती है !शरीफ कार्यकर्ता तो  यही सोचकर चुप रहता है की नेता जी के मन में अपने आप भावना जागे गी और वो मुझे कोई पार्टी में जिम्मेदारी सोम्पेंगे या कोई चुनाव लड़वाएंगे !! इसी उधेड़ बुन में फिर कुछ साल बीत जाते हैं ! इस दौरान वो शरीफ और निष्ठावान कार्यकर्ता देखता है की कोई उस से बाद में पार्टी में शामिल हुआ और उसी नेता को , कोई लालच दे कर या अपनी जाती का वर्चस्व दिखाकर तुरंत पार्टी में वो स्थान प्राप्त कर लेता है जो " निष्ठावान कार्यकर्त्ता कई साल काम करने से भी नहीं प्राप्त कर  सका था !! सरकार द्वारा दिया जा रहा आरक्षण भी " कोढ़ में खाज वाला काम कर रहा है " !! क्योंकि नेताओं ने यंहा भी हेरा फेरी कर राखी है , वो ऐसे की विधान सभा और लोक सभा में तो आरक्षण का चक्कर नहीं चलता , लेकिन नगर - पालिका , जिला परिषद् और पुन्चायत समिति स्टार पर आरक्षण का फेरा लगा रख्खा है ! जिस से स्वर्ण जाती के लोग ज्यादा पीड़ित हैं क्योंकि आरक्षित जातियों के लोग तो हर जगह से चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन स्वर्ण जाती के नहीं , इसके साथ " महिला, ओ.बी.सी., एस . सी. फिर जनरल यानी हर पांच साल बाद चुनाव हुए तो स्वर्ण जाती को एक बार मौका नहीं मिला तो उसका नंबर तो अगले बीस सालों तक गया ..! तब तलक वो जिन्दा भी रहता है या नहीं क्या पता क्योंकि आजकल ओसत उम्र भी तो मात्र 60.साल रह गयी है ! बेचारा चालीस का तो हो ही चूका होता है टिकट पाने लायक बन्ने में , अपनि  पार्टी में !! 
                                 कोई भी पार्टी अपने कार्यकर्त्ता को चंदे का हिसाब कभी भी नहीं देती ...पता नहीं क्यों ??? अप कहोगे की आपने सरे नेताओं को एक ही पलड़े में तोल दिया ...ऐसा थोड़े ही होता है हमारे देश में बहुत से शरीफ नेता हैं ...!! तो मित्रो मैं भी मानता हूँ की सरे नेता चोर या बे - ईमान नहीं हैं लेकिन ये तथा कथित इमानदार नेता जब अन्याय हो रहा होता है किसी कार्यकर्त्ता के साथ तो ये समझदार बन कर अपना मुंह बंद कर लेते हैं ...महाभारत के भीष्म पितामह की तरह और " चीर हरण " होने देते हैं ...?? इस लिए ये बाकी बचे शरीफ नेता भी उतने ही दोषी हैं जितने भ्रष्टाचार करने वाले ...???
               अब ताज़ा घटना क्रम ही देखलो ...जी ऐसे शरीफ प्रधान मंत्री जी को क्या हम चाटें ....जो किसी बुरी बात पर बोलता ही नहीं ...??? कभी उसे " गठबंधन - धर्म " रोकता है तो कभी कोई और मजबूरी ......???? तो जनता सबको चोर क्यों नहीं कहे ...बताइये आप ??? सेना के एक इमानदार अफसर के ब्यान से हमारे रक्षा मंत्री जी चित हो गए हैं ... सारा देश कुछ ना कुछ बोल रहा है लेकिन वह रे मेरे मनमोहन " दब्बू - कर्मचारी " की तरह चुप  ही मारे बैठा है क्यों ...?? 
                              इस देश को चाहे थोड़े वक्त के लिए ही सही लेकिन एक "सच्चा देश भगत ..तानाशाह " चाहिए जो एक या दो साल में सब सिस्टम दुरुस्त कर फिरसे सच्चे लोकतंत्र की स्थापना करे ।। क्यों मित्रो आपका क्या कहना है इस बारे मैं ...हमेशा की तरह आप हमारा ब्लाग या ग्रुप खोलिए , जिसका नाम है :-" 5th pillar corrouption killer " या लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आपके अनमोल विचारों को हम सहेज कर रखना चाहते हैं इस लिए आप हमारे ब्लाग पर जाकर ही लिखें । अगर आपको हमारे लिखे लेख पसंद आते हैं तो इन्हें आप ख़ुशी से प्रिंट भी कर सकते हैं और अपने दोस्तों से शेयर भी । तो आज ही हमारे ब्लाग को ज्वाईन करें ! धन्यवाद !! बोलिए जय माता की !! 

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...