Friday, May 4, 2012

" ऐ मेरे वतन के लोगो , सब याद रखना ये बातें "..??

तेज़ याददाश्त वाले मित्रो , आप सबको मेरा सादर नमस्कार !! कृपया स्वीकार करें !!
                                     जिन मित्रों की याददाश्त कमज़ोर है या फिर किसी कारन से हो गयी है उन सबको भी मेरी राम - राम !! इन्सान का स्वभाव ही ऐसा है की समय जैसे जैसे गुज़रता जाता है इन्सान धीरे - धीरे सब बातें चाहे वो दुःख की हों या सुख की , भूलने लगता है !! ये एक तरह से इंसान के हित में ही है । क्योंकि अगर वो साड़ी बातों को समयानुसार नहीं भूले तो वो पगला जाए !! शायद भगवन ने इसी लिए इंसान को ये सुविधा प्रदान करी है की वो चाहे जिसे भुला सकता है और जिसे चाहे उसे जिंदगी भर याद भी रख सकता है !! 
                              इसी लिए मैं आज सब देश - वासियों से प्रार्थना कर रहा हूँ की और चाहे सब बातें भूल जाया करो लेकिन जो इन्सान हमें धोखा देते हैं उन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि अगर हम ऐसे धोखे बाजों को भुला देते हैं तो वो लोग दोबारा से हमारे जीवन में आकर हमें धोखा देने की कोशिश करते हैं । नया रूप धर कर और नयी योजना बना कर !! जैसे की हमारे नेता लोग .....ये हमें चुनावों के बाद भुला देते हैं और जब पांच साल बाद दोबारा से चुनाव आते हैं तो ये दोबारा से आकर बड़ी मीठी - मीठी बातें करते हैं , आवभगत करते हैं और लुभावने वादे भी करते हैं और हम सब पिछली बातें भुला कर एक बार फिर उन नेताओं पर ही भरोसा कर बैठते हैं जो हमें पहले भी ठग चुके होते हैं !! कभी ये हमें एक ही धर्म का होना बताते हैं तो कभी एक ही जाती या इलाके का होने के कारण से वोट मांगते हैं !! और कभी कभी नहीं ज्यादातर हम ही किसी एक पार्टी का झंडा उठा कर उसे ही वोट देने का जनता से आग्रह करते हैं चाहे हमारा प्रत्याशी में लाखों बुराइयां ही क्यों न हो ??? 
                                  इसलिए आप सब मित्रों से मेरा हार्दिक निवेदन है की अब चाहे कोई भी चुनाव आयें ...लेकिन इन बातों को कभी मत भूलना जी :- 1. किसी भी लालच में आकर वोट नहीं देना !! 2. धरम , जाती और इलाके का मिलान नहीं करना !! 3. पार्टियों के पीछे नहीं भागना बशर्ते अगर आपका पार्टी प्रत्याशी बुरा है या आपको पसंद नहीं हो तो !! 4. बुरे नेताओं के भाषण सुनना और उन्हें देखने जाना या उनका स्वागत करना बंद कर दो !! अपने आस पास से ही किसी आदमी को चुनो सहमती बना कर और उसे ही जिताओ चाहे वो गरीब ही क्यों न हो ?? ये मत सोचो की केवल इसके जितने से ही क्या होगा , जीतकर ये भी तो किसी ऐसी ही पार्टी में जाएगा आदि आदि !! 

               हमेशां जागुरुक रहो और दूसरों को भी जागुरुक करते रहो जी !! हमारा ब्लॉग " 5th pillar corrouption killer " हमेशा पढो और इसे ज्वाइन भी करो !! हमारे लेखों को अपने फेसबुक मित्रों के संग शेयर करते रहो !! रोज़ लाग आन करो www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने विचार भी हमें लिख कर भेजा करो और अंत में मित्रता जारी रखो जी ....!! नमस्कार !! आपका ये दिन मंगल मय गुज़रे !! 

Thursday, May 3, 2012

" राष्ट्रपति - पद की एक ठोस दावेदार " , हमारी बहन मायावती जी !!

सभी ठोस प्रकार के मित्रों को मेरी राम - राम !!
                  जैसा की  सब जानते हैं कांग्रेस पार्टी राष्ट्रपति के प्रत्याशी हेतु  संभावित नामों पर विचार कर रही है । इस चर्चा में वह अपने सहयोगियों से भी सलाह मशवरा भी करेगी । विपक्ष बार - बार आग्रह कर रहा है की हम से भी तो पूछो ??? सत्ता धारी दल ढाढस बंधा रहे हैं की पूछेंगे - पूछेंगे सब्र करो !! 
                     सभी दलों के नेता - प्रवक्ता रोज़ चेनलों पर आ तो जाते हैं लेकिन जवाब नहीं  पाते की कौन सा व्यक्ति देश के इस अहम् पद हेतु उचित है ??? मैंने अपने ब्लाग में पहले इस बात पर आपसे चर्चा की थी की हमारे देश का राष्ट्रपति कैसा होना चाहिए ??? मैंने यही लिखा था की ऐसा व्यक्ति हमारा राष्ट्रपति होना चाहिए जो हमारे प्रधान मंत्री जी को अपनी राय दे सके , और अगर किसी राष्ट्र हित की बात को प्रधानमंत्री जी न माने तो वह व्यक्ति  मुद्दे को जनता और मिडिया की सहायता से देश - दुनिया के समक्ष रख सके !! नाकि सिर्फ एक रबड़ की मोहर भर बन कर रह जाए !! इस बात को आप सब पाठकों ने भी उचित माना था !! 
                       मैंने भी इतने दिन गहन चिंतन किया की ब्लाग में लिख तो दिया की कोई ठोस व्यक्ति होना चाहिए !! लेकिन कोई नाम तो जनता के सामने रख्खा ही नहीं !! सारे नेताओं के पिछले क्रिया - कलापों को जब गहनता से जांचा तो एक दलित महिला नेत्री पर जा कर मेरी सोच अटक गयी !! कोई चाहे लाख कमियाँ गिनाये उस महिला में लेकिन उसने देश के साथ गद्दारी नहीं की है। वो एक कुशल प्रशासक हैं , क़ानून की ज्ञाता भी हैं !!सबसे बड़ी बात ये है की वो u.p.a. सरकार की मददगार भी हैं !! भाजपा में भी उनके भाई रहते हैं और मुलायम जी की तो चांदी सी हो जायेगी ???? उनमे वो सारे गुण विद्यमान हैं जो किसी भी संभावित राष्ट्रपति के उमीदवार में होने चाहियें !! देश की मिटटी से जुडी हुई नेता हैं वो !! मैं एक भाजपा का कार्यकर्त्ता होते हुए भी उनका समर्थन कर रहा हूँ तो आप भी सोच कर अपनी राय प्रकट अवश्य करें !! हमारे ब्लाग  और ग्रुप को आज ही ज्वाईन कीजिये जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अगर आपको हमारे ये विचार  लग रहे हों तो कृपया इसे अपने सभी फेस - बुक मित्रों के संग शेयर अवश्य करें क्योंकि हम सब मिलकर ही देश में एक ...!! क्रान्ति ला सकते हैं सभी मित्रो को धन्यवाद !! सभी कहिये ..." धर्म की ...जय हो !! अधर्म का ... नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !! विश्व का ...कल्याण हो !! हर - हर - हर महादेव ..........!!!!!!!!! 

Wednesday, May 2, 2012

" संसद का घोर अपमान , जनता अब नहीं सहेगी " !

        मान - अपमान का अंतर समझने वाले समझदार मित्रो , आप सब को मेरा हार्दिक नमस्कार !! 
              कल अपनी यात्रा शुरू करते हुए , जोश में आकर , बाबा राम देव जी ने एक बार फिर , हमारे माननीय सांसदों के भेद खोल दिए , उनका कच्चा चिठ्ठा एक बार फिरसे जनता के बीचमे पढ़ दिया । फिर जो हाय तौबा मची है , वो देखने लायक थी । कोई भी शरीफ नेता अपने आपको उन 162 दागी सांसदों से अलग करने की हिम्मत तो कर नहीं पाया , बाबा राम देव पर ही उँगलियाँ उठाने में लगे रहे बड़ी ही बेशर्मी से कोई उन्हें पागल तो कोई उन्हें हताशा से भरा हुआ बताने लगा रहा । सब यही साबित करने में लगे रहे की चुने जाने के बाद गंदे से गन्दा आदमी भी " पवित्र " बन जाता है !! सांसद का अपमान , संसद का अपमान है ! 
अपनी गलती कोई भी राजनितिक दल मानने को तैयार नहीं की सबसे पहले उन्होंने ही तो उस गंदे व्यक्ति को टिकट दिया तभी तो जनता को ऐसे गंदे आदमियों को चुनना पडा ....!!!??? की नहीं ????
                   जोनेता बार बार ये कहरहे हैं की जनता के बीच में जाओ उन्हें समझाओ ....!! तो मैं सब पार्टियों के नेताओं को इस माध्यम से बता देना चाहता हूँ , की अब जनता संसद का अपमान बिलकुल भी नहीं होने देगी , वो ऐसे सांसदों को उनके सही स्थान पर पंहुचा कर ही दम लेगी !! केवल शरीफ और काम करने वाले ही संसद में जा पायेंगे !! सोशल - मिडिया लगा हुआ है इस नेक काम को करने में !!


  •                                  मैं बार - बार इस माध्यम से अपनी प्रिय जनता को भी प्रार्थना कर चूका हूँ की पाठको अब वक्त आ गया है जाग जाओ ...!!! जब भी कोई चुनाव हो , तो किसी भी लालच में मत आओ , जैसे पैसा , शराब इत्यादि , कभी ये सोचकर वोट मत दो की वो मेरे इलाके , धर्म , पार्टी या जाती वाला है इस लिए मुझको उसे ही वोट देना है !! पहले देखो की कौन - कौन व्यक्ति चुनाव लड़ रहे हैं उनमे से कौन सा व्यक्ति , पढ़ा - लिखा , मेहनती , इमानदार और अनुभवी नेता है ??? और आपको महत्त्व कौन देता है उसे ही चुनो , किसी भी बहकावे में नहीं आओ !! मेरा आप सब मित्रों से यही अनुरोध है की इन ससुरे भ्रष्ट नेताओं को सबक सिखा ही दो !! आप ज्यादा से ज्यादा लोगों  तक ये सन्देश शेयर करके पंहुचाएं ताकि ज्यादा लोग इसे पढ़कर जागरूक हो सकें !! आप भी हमारे इस ब्लॉग के साथ जुड़ें या हमारे ग्रुप को ज्वाइन करें , जिसका नाम है :- " 5th piller corrouption killer " www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आज ही लोग आन करें और अपने अनमोल विचार भी हमारे तलक पंहुचाएं जी !! ताकि हम आपके साथ जुड़ सकें !! धन्यवाद !! 

" मीठी - मीठी तकरार , भाजपा व संघ के बीच ,क्या - क्या गुल खिलाएगी " ???



  • " तकरारी " मित्रों को मेरा सलाम !! आज कल भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बीच " मीठी - मीठी " सी तकरार चल रही है , जब भी चुनाव नज़दीक आने वाले होते हैं तब - तब ये " सुअवसर " आता है । मंडल स्तर पर , जिला संगठन मंत्री या प्रभारी , प्रादेशिक स्तर पर प्रदेश संगठन मंत्री या प्रभारी और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री या स्वयं संघ प्रमुख जी अपने दखल से उस तकरार को समाप्त करने की कोशिश करते हैं । वो ये भी प्रयास करते हैं की ये बात किसी को भी पता ना चले । लेकिन न जाने कैसे ऐसी बातें सबसे पहले मिडिया में पंहुच जाती है ।। अब जिन नेताओं को अपनी बात गुप्त रखना ही नहीं आता उन्हें जनता राष्ट्र की बागडोर कैसे संभाल दे ??? सारि दुनिया जानती है की R.S.S. की एक शाखा है भाजपा , और वो संघ के निर्देशों पर ही चलती है । किन्तु क्योंकि संघ के प्रचारकों और स्वयं सेवकों में प्रशासनिक शक्ति और राजनितिक दलों के अनुपात में कम होती है इसलिएजब कभी भाजपा को बहुमत मिल जाता है तो वो अफसरों से काम नहीं करवा पाते , बल्कि विधायक , सांसद और मंत्री बन्ने के बावजूद शासन नहीं कर सकते !! इस लिए संघ इस बात को कभी नहीं मानता की वो भाजपा के निर्णयों में हस्तक्षेप करता है !! संघ के लोग चुनावों में खर्च होने वाली राशि भी एकत्रित करने में सक्षम नहीं हैं , कठोर निर्णय भी लेना इनके बस की बात नहीं है ! इसीलिए जो भी प्रचारक संगठन मंत्री बनाकर भाजपा में भेजा जाता है , वो सिर्फ उन्ही कार्यकर्ताओं को महत्व देता जो जो पहलेस्व्यान्म्सेवक रह चुके होते हैं , वो कार्यकर्ता जो भाजपा में बाद में जुड़े याकिसी नेता के साथ पार्टी में आते हैं वो किनारे लगे अपने आपको महसूस करते हैं । जिससे खींचातानी और ग्रुप बाज़ी बढती है । और फिर जब तक चुनाव नज़दीक आता है तब ये संगठन मंत्री वगेरह - वगेरह मीटिंगों में शिक्षा देते हैं की पिछली बातों को भुला दो रीती - नीतियों के अनुसार चलो , जो निष्ठां दिखायेगा उसे पार्टी अवश्य कोई ना कोई फल अवश्य देगी , पार्टी पर संकट है देश पर संकट है समय की पुकार है देखो हम प्रदेश से आये हैं हमारी तो लाज रखो ....पार्टी को जिताओ , तब बेचारा कार्यकर्त्ता उनकी बातों में आकर पार्टी को जीतता है !! लेकिन चुनाव जितने के बाद जो व्यक्ति विधायक मंत्री और सांसद बनता है वो अपने झुण्ड में से अपने ख़ास चमचों को पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर बिठा देता है,और अगले चुनावों तक फिर संगठन के प्रभारी कुछ नहीं बोलते क्योंकि उनके पास इतने व्यापक अधिकार ही नहीं होते की वो कोई सख्त निर्णय लेसकें । मेरे साथ - साथ कई विचारकों का ये विचार है की क्यों संघ दूसरों के कंधे पर बन्दूक रख कर चलता है स्वयं ( भागवत  जी के शब्दों में ) संघराजनितिक क्यों नहीं करता क्यों संस्कारवान कार्यकर्ता क्यों नहीं बनाता ????? कहना आसान है करना मुश्किल है क्या कोई मुझे बताएगा की आज तक संघ कितने संस्कारवान स्वयं सेवक पैदा कर सका ???? किताबी भाषा और और वास्तविकता में अंतर होता है जी !! आज हर मंडल में नज़र घुमा कर अगर कोई सच्चे मन से देखे तो भाजपा के हजारो कार्यकर्त्ता किसी न किसी व्यक्ति से अपने आपको पीड़ित बताएगा !! क्या कभी किसी ने समझने की कोशिश की ...?? जनता भी बेसुध सी कभी इस राजनितिक दल को परखती है तो कभी उस राजनितिक दल को , और सभी राजनितिक दल ये गलतग्फह्मी पाले बैठे हैं की जनता अगर उसे नहीं चाहती तो मुझे चाहेगी !! लेकिन मैं सब के साथ - साथ अपने राजनितिक दल भाजपा और संगठन को भी इस लेख के ज़रिये सचेत करना चाहता हूँ की कोई भी दल ज्यादा देर तक इस वहम में न रहे क्योंकि जनता के पास अभी एक विकल्प और भी है , और वो ये की जनता जब जाग गयी ....तो फिर एक क्रान्ति आएगी ...और जनता फिर सभी पुराने नेताओं को भूल जायेगी , अपने जाती धरम के नेताओं को भी दुत्कार देगी अपने इलाके का नेता है येभी भूल जाएगी !!अपनी पार्टी और संगठन को भूल कर बिलकुल नए , साधारण से पढ़े - लिखे चरित्रवान व्यक्ति को ही जिताएगी या फिर सम्पूर्ण क्रांति होगी संविधान भी नया बनेगा और राजनितिक दल भी ?? इस लिए मेरी हाथ जोड़ कर सबसे प्रार्थना है की सभी दल वास्तविकता में आ जाएँ अपने कार्यकर्ताओं को संभालें और जितने के बाद , जिन कार्यकर्ताओं  ने उन्हें जिताया है उन्को बुलाकर उनकी समस्या और उनके आडोस पड़ोस की समस्या को पहले हल करें ताकि उस कार्यकर्त्ता का भी कुछ होसला बढे और वो अगली बार दुगने जोश के साथ जनता में जाकर अपनी पार्टी और अपने नेता का गुणगान कर सके !!  अब हमारे विधानसभा क्षेत्र को ही देख लीजिये , सूरतगढ़ में 6 M.L.A. के दावेदार हैं ,लेकिन आम जनता और निष्ठावान कार्यकताओं को इनमे से कोई भी पसंद नहीं , ये बात इनको , पार्टी - संगठन के वरिष्ठ नेताओं को भी भली भाँती रूप से पता है परन्तु फिर भी इन्हें ही पार्टी और संगठन प्रोत्साहत कर रही है , ना जाने क्यों ??? इनकी खासियतें ये हैं की कोई तो ज्यादा सख्ती से पेश आता है तो कोई जरूरत मंदों को मीठी - गोली देता रहता है तो कोई अफसरों के आगे घबराता है , किसी का आधार ही नहीं है ...!! अब आप ही बताओ जी जनता किस कूएँ में गिरेजी? क्योंकि गिरना तो पड़ेगा ही ....????संघ को भी अब समझना होगा की अब परदे के पीछे से नहीं सामने से लड़ना होगा तभी देश का कुछ भला हो पायेगा और मैं विश्वास दिलाता हूँ की जनता राष्ट्रीयस्वयंम सेवक संघ को चाहती है शासन सोम्पना  लेकिन वो भाजपा में विश्वास नहीं कर पा रही है ....!! क्यों जी आपका क्या विचार है मित्रो !! क्या संगठन को भाजपा से अब मीठी - मीठी तकरार जारी रखनी चाहिए या संघ को एक नया दल मोदी जी जैसे नेता के नेतृत्व में बना देना चाहिए जिसे शुद्ध रूप से संघ ही चलाये ....!! या फिर ये माना जाए की संघ अटल जी की तरह एक और बड़े नेता यानी मोदी जी को  समाप्त करना चाहता है या फिर यूं कन्हे की अभिमन्यु की तरह मोदी जी का भी वध करना चाहता है क्योंकि संघ के लिए ये बात भी प्रचलित है की वो किसी भी नेता को इतना बड़ा नहीं होने देना चाहता जो वो बाद में संघ पर कोई प्रश्न खडा कर सके !! लेकिन आज एक छोटा सा कार्यकर्ता भी अपनी आवाज़ इस इंटरनेट के माध्यम से पूरे विश्व में पंहुचा सकता है जिसका उत्तर देना हर एक के  लिए आवश्यक हो जाए ???? तो मित्रो आप भी अपने विचार हमें भेजिए हमारे ग्रुप और ब्लॉग पर जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज ही लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अंत में मैं तो सिर्फ इतना ही कहूँगा की आपस में तकरार छोड़ो और देश हित में वो करो जो सही हो !!धन्यवाद !! जय श्री राम ...!!! हो गया काम ...!!

Monday, April 30, 2012

" देश का नया राष्ट्रपति - कैसा हो ? आदेश दे सके , वैसा हो " !!

आदेश देने वाले चंद ही बचे सभी मेरे देश वासियों और मित्रों को मेरा हार्दिक नमस्कार !!
              लोक - तंत्र के  सबसे महत्वपूर्ण पद , राष्ट्र पति  हेतु नए प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है । सभी पार्टियों में विचार विमर्श शुरू हो चूका है की किसको अगला राष्ट्रपति बनाया जाए ?? जैसा की सबको विदित है की लोकसभा और राज्यसभा में किसी एक पार्टी का शासन नहीं है , और न ही किसी एक गठबंधन की मर्ज़ी इस बाबत चल सकती है इसलिए गहन चिंतन और परामर्श हो रहा है सब राजनितिक दलों में !! और जिनसे नहीं पूछा जा रहा जैसे मिडिया वाले आदि - आदि वो धक्के से अपने तरीके से " सुझाव " देने पर तुले हैं जैसे की हम !!
                        अब हमारा सुझाव भी आप लोग पढ़ ही लो ...., वो ये है की जितना हम पढ़े हैं राजनीती शास्त्र , तो उसमे यही लिखा है की राष्ट्रपति प्रधान - मंत्री जी को " आदेश " देते हैं , और सभी निर्णय प्रधानमंत्री जी की "सलाह "पर ही करते हैं  । देश की वास्तविक बागडोर हमारे राष्ट्रपति जी के पास ही होती है । यंहा तक की प्रधानमंत्री जी की नियुक्ति और सभी सेनाओं के बड़े जनरल उन्ही का आदेश मानते हैं । लेकिन उन्हें अपने आदेश भारतीय संसद में 6. माह में पास करवाना आवश्यक होता है, 
                     अब यंही पर हमारे संविधान की गागर उलटी हो जाती है , वो ऐसे की अब एक अकेले व्यक्ति की इतनी जान- पहचान होती नहीं जो वो सारे सांसदों से पहले संपर्क करे और फिर जीतने लायक मतों के अधिकार वाले सांसद अपने पक्ष में करना बहुत ही  कठिन काम है , इसलिए जिस पार्टी का संसद में बहुमत आ जाता है उस पार्टी का मुखिया ही तय करता है की इस अहम् पद का प्रत्याशी कौन हो ????? भारत के इतिहास में ऐसे बहुत ही कम अवसर आये हैं जब किसी राष्ट्रपति ने स्वयं का कोई निर्णय प्रधानमंत्री जी से जबरन या समर्थन के बिना पास करवाया हो !! 
                        बल्कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति सरदार ज्ञानी जेल सिंह जी ने तो यंहा तक कहा था की मुझे तो इंदिरा जी कन्हे तो मैं झाड़ू भी लगा सकता हूँ , मौजूदा राष्ट्रपति महोदय जी के बारे में एक कांग्रेसी नेता ने ये कहा था की वे सोनिया जी के घर पर चाय बनातीं थीं इसलिए उन्हें इस पद के काबिल समझा गया हालाँकि उन्हें ये बोलने पर दंड भी दिया गया लेकिन इन बातों से ये पता चलता है की चुना वोही जाता है जो प्रधानमंत्री जी और उस दल के मुखिया जिसका शासन है उनका कहना माने !! अन्यथा नहीं । मतलब ये की हमारे नेताओं ने संविधान को भी अपनी सुविधानुसार तोड़ - मरोड़ लिया है !! 

                              जरा नज़र घुमा कर देखें की जिन महापुरषों का नाम संभावित  राष्ट्रपति पद हेतु लिया  जा रहा है क्या वो अपने विवेक से कोई निर्णय लेने में सक्षम हैं  ???या सिर्फ एक " रबड़ - स्टेम्प " बन कर ही रह जायेंगे !! जैसे मौजूदा राष्ट्रपति जी ने एक कसाब के मुद्दे पर ही इतना टाईम लगा दिया, क्या ऐसे ही आने वाले समय में सारे निर्णय लए जायेंगे ???? जब की देश में जन - लोकपाल , भ्रष्टाचार , कालेधन और अफसरों का काम नहीं करने जैसे मुद्दे विराजमान हैं जिन पर न तो कभी राष्ट्रपति महोदय बोलीं हैं और न ही भविष्य में बन्ने वाला कोई राष्ट्रपति बोलेगा ...??? भारत को एक मजबूत स्वयं के विवेक से निर्णय लेने वाला राष्ट्रपति चाहिए जो आवश्यक कार्य प्रधानमंत्री जी की सलाह से तुरंत करवा सके अगर किसी वजह से प्रधानमंत्री जी आनाकानी करें तो उस अहम् निर्णय को दबाव दाल कर लागू करवाएं या मिडिया और जनता से सुझाव मांगें .....क्यों ....??? जी आप सब मित्रों की इस बारे में क्या राय है ??? आपकी नज़र में कौन वो व्यक्ति है या महिला है जो इस अहम् भूमिका को निभा सकता है ???? कृपया अपने सुझाव अपने तर्कों के साथ हमें लिख भेजें हमारे ब्लॉग और ग्रुप में कमेंट्स लिख कर !! जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज  ही  लाग  आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. बोलो जय श्री राम !! धर्म की जय हो , अधर्म का नाश हो , प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो !! हर - हर - महादेव ..!!! 

Sunday, April 29, 2012

" कांग्रेस का हाथ - जनता के मुंह पर तमाचे जैसा " ..??

मेरे प्यारे दोस्तों , नमस्कार !! दलीप कुमार जी की एक फिल्म का गीत था , " साथी हाथ बढ़ाना ..., एक अकेला थक जायेगा मिलकर बोझ उठाना "..। उसी तर्ज़ पर कांग्रेस ने चुनावों से पहले ये नारा दिया था की " कांग्रेस का हाथ गरीब और कमज़ोर के साथ " ! लेकिन कल की एक घटना ने ये एक बार फिर साबित कर दिया की ये हाथ साथ के लिए नहीं बल्कि जनता का मुंह बंद करने हेतु है !! 
                                       कल कर्णाटक के तुमकुर शहर में कांग्रेस की अध्यक्षा जी का एक कार्यक्रम था , उसमे एक महिला अपनी बात कहना या रखना चाहती थी ज्ञापन के द्वारा , जब उस महिला की कोई बात नहीं सुनी गयी तो उसने प्रदर्शन किया काले झंडे का और नारे बजी की जिसको रोकने हेतु उस सभा में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने उस महिला की नाकेवल पिटाई की और उसका मुंह भी बंद करके मारने की कोशिश की गयी  । इस काले कारनामे में एक खाकी वर्दीधारी कोई सरकारी कर्मचारी भी दिखाई दे रहा है जो उस महिला का मुंह दबा रहा है !
                          इतना समय बीत जाने के बावजूद न तो कोई महिला संगठन उस महिला के पक्ष में सामने आया है और ना ही कोई टी.वी. चेनल !! क्यों ...पता नहीं जब इसी तरह की कोई घटआज ना किसी और पार्टी या हिन्दू धरम से सम्बंधित जगह पर हुई होती तो माथे पर बड़ी - बड़ी बिंदियाँ लगा कर कई महिलायें इंग्लिश मिडिया पर शोर मचने आ जातीं ....क्यों ...??आपको याद होगा इससे पहले भी राजीव जी की सभा में एक प्रदर्शन कर रहे व्यक्ति की कई नेताओं द्वारा पिटाई की गयी थी , तब चुनाव चल रहे थे इसलिए चुनाव आयोग के ध्यान में आ गयी बात नहीं तो दबा ही दी जाती वो घटना !!

                             ये वास्तविकता है की आज कल के नेता , चाहे वो किसी भी दल से सम्बंधित क्यों न हों अपने आपको किसी राजा  से कम नहीं समझते  ! इसी तरह बड़े अफसर और धनि लोग सब आम जनता को दबा कर ही रखना चाहते हैं क्यों ....??????????     आप ही बताएं मित्रो हमारे ब्लॉग या ग्रुप पर आकर अपने अनमोल विचार अवश्य टाईप करें !! जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आपके विचार हमारे लिए " च्यवन प्राश " का काम करेंगे !! ..धन्यवाद !! बोलो ...धरम की जय हो , अधरम का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !! विश्व का कल्याण हो !! ...हर - हर महा देव ....!!

Friday, April 27, 2012

" कल हमारी (भाजपा की )," " शेम - शेम " हो गयी ! ! और हम रो पड़े !!

शर्म महसूस करने वाले जो चंद लोग बचे हैं उन सब मित्रों को मेरा श्रध्धा से भरपूर सलाम !!
                   " शर्म " वैसे तो ओरतों का गहना माना गया है लेकिन ये कभी कभी पुरषों को भी आ जाती है और जिनको नहीं आती उनको , उनके चाहने वाले प्रयास करते हैं तरह - तरह से की शर्म आजाये, फिर भी अगर शर्म नहीं आती तो वो प्रयास मित्रों और चाहने वालों की बजाय उस व्यक्ति के मोहल्ले निवासियों के पास , फिर नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों के पास , फिर पुलिस के पास और अगर फिर भी वो शख्स शर्म महसूस न करे तो न्यायालय उसे शर्म महसूस करवाता है !! उसे फिर शर्म नहीं ..बल्कि सज़ा कहा जाता है !!
                                   वैसे तो जीवन में ऐसे कई मोके आये हैं की जब हमें हमारे किसी काम की वजह से शर्म आई हो, लेकिन ऐसे मोके बहुत कम आये हैं जब हमें किसी और के द्वारा किये गए काम से शर्म आई हो !!ऐसे अवसर हमारे राजनीतिज्ञों की वजह से आजकल ज्यादा आने लगे हैं , कोई भी राजनितिक दल इन गंदे कामो को करने और फिर उस से देशवासियों को शर्म दिलाने में पीछे नहीं है !!               हम बचपन में खेलने के बहाने से " स्वयं - सेवक " बने । फिर युवा अवस्था में चाचा जी , राष्ट्रपिता जी , शास्त्री जी और फिर हिंद की शेरनी के द्वारा किये गए बढ़िया कार्यो और उनके सचरित्र को देख कर कांग्रेस पार्टी जिन्दा बाद के नारे लगाये !! r.s.s. के समर्थन से !! जब थोड़ी होश आई और अच्छे - बुरे की समझ आई तो थोड़ी देर लाल झंडे को भी सलाम किया परन्तु उनके भी अन्दर के राज बहुत गहरे थे , इस लिए जल्दी ही असहजता महसूस होने लगी तो हमने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और वंहा शांति का एहसास हुआ क्योंकि जो संस्कार हमें r.s.s. ने दिए थे उनको ही लेकर इस भाजपा का गठन हुआ था ............लेकिन .....हाय री किस्मत !                         सपना मेरा टूट गया .....चंद वर्षों में ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपने " सुकर्मों " से पार्टी को वैसा ही बना दिया ,जिन कारणों से हमदुसरे दलों को छोड़ कर आये थे !! जो प्रचारक किसी गरीब कार्यकर्ता की चटाई पर बैठ कर भोजन किया करते थे और पार्टी संगठन की चर्चा उस परिवार की महिलाओं और बच्चों सहित सबसे किया करते थे , और फिर किसी निर्णय पर पंहुचा करते थे अपने विस्तृत प्रवास के बाद ....!! वोही प्रचारक या संगठन मंत्री , पार्टी के केंद्रीय नेता और प्रदेशिक स्तर के नेता वातानुकूलित कमरों में बैठकर , काजू - बादाम , मदिरा - मांस और सोमरस का सेवन करके भ्रष्ट तरीकों से कमाए गए धन को पार्टी और अपने लिए फंड को ग्रहण करके किसी चोर के पक्ष का निर्णय लेते हैं !! ये बातें सभी जानते हैं लेकिन मानते नहीं थे ...इसलिए शर्म महसूस करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था !! जैसा मेने ऊपर लिखा की आखिर न्यायालय ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण जी को ( भूतपूर्व जानबूझ कर नहीं लिख रहा हूँ ) दोषी करार दे दिया है सज़ा आज सुनाई जाएगी ! सजा चाहे उम्र कैद हो या गिलानी जी की तरह मात्र 30 सेकिंड की सज़ा तो सजा ही है !! इस लिए और किसी को शर्म आई हो या न आई हो ...मित्रो मुझे तो बहुत आई !! एक बार तो जी ने चाहा की राजनीति से त्याग - पत्र दे दिया जाये , लेकिन दुसरे ही पल एक चतुर राजनीतिज्ञ की तरह मैंने अपने मन को समझाया की नहीं तू क्यों किसी के पाप की वजह से त्याग पत्र दे ??? अगर तुमने ही त्याग - पत्र दे दिया तो देश को सुधरेगा कौन ???? इसलिए मित्रो अब मैंने इस देश की राजनीती को सुधार्हे की जिम्मे दारी अपने ऊपर लेली है !! 
                                    शर्म तो कल्कि एक और घटना से भी मुझे आ रही है , जब राजस्थान के राजसमन्द शहर में प्रादेशिक स्तर के नेता भाजपा की एक मीटिंग ले रहे थे जिनमे हमारी एक महिला विधायक श्री मति किरण महेश्वरी और महामंत्री श्री सतीश जी पूनिया भी शामिल थे , इतने बड़े नेताओं की उपस्थति में जो गालियाँ निकली गयीं और जो निर्णय लिए गए बस पूछो मत जी , मैं तो वंहा नहीं था लेकिन जैसे ही ये समाचार मुझे मिला बस मेरा तो रना ही निकल पडा ...शर्म के मारे , मुझे रोता देख समाचार देने वाला मेरा मित्र बोला की श्री मति किरण जी भी वंहा रो कर बाहर निकलीं थीं !!


                             कीचड से तालाब भर गया है , पहले जो कमल खिला था अटल जी के समय में वो इस में दब गया है !! और अब हमको फिर से इस कीचड में कोई नया कमल खिलाना है !! इसलिए मित्रो आप सब ज्यादा से ज्यादा संख्या में हमारे ब्लाग और ग्रुप के साथ जुड़ें जिसका नाम है :- " 5th pillar corrouption killer " रोजाना  हमारे  लेख पढ़ें , फिर उन लेखों को अपने मित्रों के साथ शेयर करें और फिर अपने अनमोल विचारों को हमारे ब्लॉग में जाकर लिखे ताकि हम उन्हें अपने पास सहेज कर रख सकें ताकि इन लेखों की जब पुस्तक प्रकाशित हो तब हम आपके विचारों को भी प्रकाशित करवा सकें !! धन्यवाद !! बोलिए जय श्री राम !! 

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...