शर्म महसूस करने वाले जो चंद लोग बचे हैं उन सब मित्रों को मेरा श्रध्धा से भरपूर सलाम !!
" शर्म " वैसे तो ओरतों का गहना माना गया है लेकिन ये कभी कभी पुरषों को भी आ जाती है और जिनको नहीं आती उनको , उनके चाहने वाले प्रयास करते हैं तरह - तरह से की शर्म आजाये, फिर भी अगर शर्म नहीं आती तो वो प्रयास मित्रों और चाहने वालों की बजाय उस व्यक्ति के मोहल्ले निवासियों के पास , फिर नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों के पास , फिर पुलिस के पास और अगर फिर भी वो शख्स शर्म महसूस न करे तो न्यायालय उसे शर्म महसूस करवाता है !! उसे फिर शर्म नहीं ..बल्कि सज़ा कहा जाता है !!
वैसे तो जीवन में ऐसे कई मोके आये हैं की जब हमें हमारे किसी काम की वजह से शर्म आई हो, लेकिन ऐसे मोके बहुत कम आये हैं जब हमें किसी और के द्वारा किये गए काम से शर्म आई हो !!ऐसे अवसर हमारे राजनीतिज्ञों की वजह से आजकल ज्यादा आने लगे हैं , कोई भी राजनितिक दल इन गंदे कामो को करने और फिर उस से देशवासियों को शर्म दिलाने में पीछे नहीं है !! हम बचपन में खेलने के बहाने से " स्वयं - सेवक " बने । फिर युवा अवस्था में चाचा जी , राष्ट्रपिता जी , शास्त्री जी और फिर हिंद की शेरनी के द्वारा किये गए बढ़िया कार्यो और उनके सचरित्र को देख कर कांग्रेस पार्टी जिन्दा बाद के नारे लगाये !! r.s.s. के समर्थन से !! जब थोड़ी होश आई और अच्छे - बुरे की समझ आई तो थोड़ी देर लाल झंडे को भी सलाम किया परन्तु उनके भी अन्दर के राज बहुत गहरे थे , इस लिए जल्दी ही असहजता महसूस होने लगी तो हमने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और वंहा शांति का एहसास हुआ क्योंकि जो संस्कार हमें r.s.s. ने दिए थे उनको ही लेकर इस भाजपा का गठन हुआ था ............लेकिन .....हाय री किस्मत ! सपना मेरा टूट गया .....चंद वर्षों में ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपने " सुकर्मों " से पार्टी को वैसा ही बना दिया ,जिन कारणों से हमदुसरे दलों को छोड़ कर आये थे !! जो प्रचारक किसी गरीब कार्यकर्ता की चटाई पर बैठ कर भोजन किया करते थे और पार्टी संगठन की चर्चा उस परिवार की महिलाओं और बच्चों सहित सबसे किया करते थे , और फिर किसी निर्णय पर पंहुचा करते थे अपने विस्तृत प्रवास के बाद ....!! वोही प्रचारक या संगठन मंत्री , पार्टी के केंद्रीय नेता और प्रदेशिक स्तर के नेता वातानुकूलित कमरों में बैठकर , काजू - बादाम , मदिरा - मांस और सोमरस का सेवन करके भ्रष्ट तरीकों से कमाए गए धन को पार्टी और अपने लिए फंड को ग्रहण करके किसी चोर के पक्ष का निर्णय लेते हैं !! ये बातें सभी जानते हैं लेकिन मानते नहीं थे ...इसलिए शर्म महसूस करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था !! जैसा मेने ऊपर लिखा की आखिर न्यायालय ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण जी को ( भूतपूर्व जानबूझ कर नहीं लिख रहा हूँ ) दोषी करार दे दिया है सज़ा आज सुनाई जाएगी ! सजा चाहे उम्र कैद हो या गिलानी जी की तरह मात्र 30 सेकिंड की सज़ा तो सजा ही है !! इस लिए और किसी को शर्म आई हो या न आई हो ...मित्रो मुझे तो बहुत आई !! एक बार तो जी ने चाहा की राजनीति से त्याग - पत्र दे दिया जाये , लेकिन दुसरे ही पल एक चतुर राजनीतिज्ञ की तरह मैंने अपने मन को समझाया की नहीं तू क्यों किसी के पाप की वजह से त्याग पत्र दे ??? अगर तुमने ही त्याग - पत्र दे दिया तो देश को सुधरेगा कौन ???? इसलिए मित्रो अब मैंने इस देश की राजनीती को सुधार्हे की जिम्मे दारी अपने ऊपर लेली है !!
शर्म तो कल्कि एक और घटना से भी मुझे आ रही है , जब राजस्थान के राजसमन्द शहर में प्रादेशिक स्तर के नेता भाजपा की एक मीटिंग ले रहे थे जिनमे हमारी एक महिला विधायक श्री मति किरण महेश्वरी और महामंत्री श्री सतीश जी पूनिया भी शामिल थे , इतने बड़े नेताओं की उपस्थति में जो गालियाँ निकली गयीं और जो निर्णय लिए गए बस पूछो मत जी , मैं तो वंहा नहीं था लेकिन जैसे ही ये समाचार मुझे मिला बस मेरा तो रना ही निकल पडा ...शर्म के मारे , मुझे रोता देख समाचार देने वाला मेरा मित्र बोला की श्री मति किरण जी भी वंहा रो कर बाहर निकलीं थीं !!
कीचड से तालाब भर गया है , पहले जो कमल खिला था अटल जी के समय में वो इस में दब गया है !! और अब हमको फिर से इस कीचड में कोई नया कमल खिलाना है !! इसलिए मित्रो आप सब ज्यादा से ज्यादा संख्या में हमारे ब्लाग और ग्रुप के साथ जुड़ें जिसका नाम है :- " 5th pillar corrouption killer " रोजाना हमारे लेख पढ़ें , फिर उन लेखों को अपने मित्रों के साथ शेयर करें और फिर अपने अनमोल विचारों को हमारे ब्लॉग में जाकर लिखे ताकि हम उन्हें अपने पास सहेज कर रख सकें ताकि इन लेखों की जब पुस्तक प्रकाशित हो तब हम आपके विचारों को भी प्रकाशित करवा सकें !! धन्यवाद !! बोलिए जय श्री राम !!
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