प्यारे देश वासियों,बजट के बाद हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सब को खुश नहीं रख सकते !!सब को तो भगवान भी खुश नहीं रख सकते !वो भी कर्मों के फल का सहारा लेकर जनता को आशावादी बनाये रखने का प्रयास करते हैं !परन्तु कांग्रेस ने तो ये कहा था कि "कांग्रेस का हाथ ,गरीब के साथ" तो फिर आज बजट के बाद बड़े उद्योगपति खुश और गरीब परेशान क्यों हैं?? मैं यहाँ साफ़ करदूं कि मैं किस गरीब कि बात कर रहा हूँ?? जो पावर्टी लाइन से नीचे अपना जीवनयापन करते थे वो तो आजकल म्नेरेगा और बी.पी.एल.कार्ड के आसरे मजे से उस मध्यमवर्ग को चिढ़ा रहे हैं जो न तो गरीब की तरह रह सकता और न ही उस अमीर की तरह जिसे बढे हुए भावों से कोई फर्क नहीं पड़ता !! गैस सिलेंडर ७००/-रु.का जिसे मिलेगा, सब्सिडी किसको मिलेगी ??ब्रांडेड गहने,कपडे,खरीदने वालों को या लकड़ी जला कर खाना बनाने वाले को !!आम जनता इसी भागदौड में फंसी है कि रोटी का जुगाड़ कैसे हो??करे भी तो क्या करे??लोकतंत्र में क्रांति कि गुंजाईश भी तो कम होती है!!और फिर क्रांति जगाने वाला नेता भी तो होना चाहिए!!है कि नहीं ?? ?? ??
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Monday, February 28, 2011
Friday, February 25, 2011
KYA KENDRIYA MANTRI SNKIRN SOCH KA HONA CHAAHIYE ?? ??
पाठक मित्रो,नमस्कार! आज केन्द्रीय रेल मन्त्री सु श्री ममता बनर्जी ने रेल बजट लोकसभा मे पेश किया!! पक्ष ने कहा क्या बजट है,विपक्ष ने भी कहा कि क्या ये बजट है??सब बन्गाल को ही दे दिया ,बजट भाषन पढते हुए मन्त्री जी ने कहा कि जिसको अलग से कोइ रेल चाहिये तो मुज्हे बाद मे मिले !!उन्होने ये भी कहाकि लोग मेरी बुरायी ज्यादा करते हैं !मैने इस रेल बजट को और् ही नज़रिये से देखा ,मेने देखा कि पिछले सात रेल मन्त्रियो ने अपने प्रदेश को ही प्रमुखता दी है, ये संकीर्न सोच देश के लिये घातक है ,अगर देश के सारे केन्द्रीय मन्त्री अपने इलाके ,धरमऔर् जातियो से बाहर नही निकल सकते तो क्या ये देश के साथ् गद्दारी नही ??वोटो के लिये हम कितना गिरेन्गे?? भगवान् ही बचाये !!
Sunday, February 20, 2011
LO JI SARKAR MAAN GAYI J. P. C. HETU------!! !! KHUSHIYAN MANAAO JI !! !! ?? ??
पाठक मित्रो,नमस्कार!!, लो जी आखिर सरकार मान गयी ,कर देन्गे जे.पी.सी.का गठन ,WEH सरकार ही क्या जो एक बार विपक्ष के कहने से मान जाये ,चाहे कितनीजन -हित या देश देश -हित की बात क्यो न हो ? चोर पकडे जाते तो ?? अभी भी सरकार ने बहुत पेच अपने पास रख छोडे हैं !जैसे किस घोटालेकी जान्चहोगी किस की नही ?? कमेटी मे कोन कोन होगा? कोन नही ? जान्च पसंद आयी तो न्यायालय भेजेन्गे नही तो बसते मे डाल देन्गे !पहले जनता को कहा कि विपक्ष की गलती से संसद नही चली देश के धन का नुकसान HUAA .MIDIA की वजाःसे जनता मूर्ख नही बनी !प्रधान मन्त्री कहतेहैं की वो मजबूर हैं !!क्या अपने पद से त्यागपत्र भी नही दे सकते इतने मजबूर हैं ?? ?? या फिर मन के काले हैं ???? ??????
Thursday, February 10, 2011
HE BHAARAT MAATA TERE KITNE DUSHMAN ?? ?? ?? ??
प्यारे मित्रो ,मुस्कराहट भरी नमस्कार !! आज दैनिक पंजाब केसरी में पढ़ा कि "पहले भारत में एक रबड़ स्टाम्प हुआ करती थी,आज दो हैं,प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति अपने द्वारा किये गए किसी कार्य के लिए जिम्मेदार नहीं होते,कलमाड़ी कि करनी के कैसे होंगे"ये शब्द फेस बुक कमेंट्स आफ दा डे में एक युवा अमित मल्होत्रा ने लिखे हैं !इस मुख्यखबर के जवाब में कि"प्रधानमंत्री -राष्ट्रपति के कार्यक्रम को मुझसे जोड़ना गलत"-कलमाड़ी,!! में सोचता ही रह गया कि इतने छोटे बच्चे ने इतनी बड़ी बात कह दी,तो बड़ों को समझ क्यों नहीं आती !! या वे जानबूझ कर देश को लूटने के लिए ऐसा कह रहे हैं ?? तभी में सोचने पर मजबूर हुआ कि हे भारत माता तेरे कितने दुश्मन?? ?? ?? कोई वेदों,ग्रंथों और सदाचार से भरे साहित्य को पढने से युवाओं का ध्यान तरह-तरह से हटा रहा है ,तो कोई महिलाओं को आधुनिकता व अधिकारों के नाम पर भड़का रहा है,कोई धर्मों-जातियों में बाँट रहा है,तो कोई आरक्षण का जहर घोल कर भाई-भाई फूट डाल रहा है,कोई पैसे की भूख बढ़ा रहा है,तो कोई मनोरंजन के नाम पर रिश्तों में जहर घोल रहा है !! दुश्मनों के एजेंट ऐसी ऐसी पदवियों और समाजसेवियों के चोलेपहन कर आते हैं कि हमारे रक्षक ही उन्हें टी.वी.पर बिठा कर देश हित के सवाल पूछते हैं ,और वो कहते हैं कि भारत इतना कमजोर देश नहीं कि छोटी मोटी बातों से टूट जाये हमें आज़ाद विचारों वाला बनना चाहिए वगेरह वगेरह !! ऊपर से लेकर नीचे तक हर जगह हर भेष में देश के दुश्मन बैठे हैं !!जरूरत है ढूंढ -ढूंढ कर मारने की!! !! !!क्रान्ति आनी चाहिए , क्रांति लानी चाहिए ,और क्रांति आएगी ---------आएगी --------आएगी !! !!! !!!!! आमीन !!! !!!
Tuesday, February 8, 2011
kis marz ki dawa hai c.b.i. ?? ?? ?? ??
प्यारे पाठक मित्रो ,बसंती खुशबू से भरा नमस्कार स्वीकार करें !! !! सी.बी.आई.ने नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों में मामूली जेल कि हवा खिला कर छोटी मोटी जाँच करके ऐसा केस अदालत में पेश करने का काम तो बखूबी सीख लिया था जिससे दोषियों को आसानी से राहत मिल जाये या बरी हो जाये ! परन्तु अब तो कत्ल के केस में भी ऍफ़.आर.लगानी शुरू करदी और यह भी कह दिया कि कातिल कौन है ?हमें नहीं पता !! देश की इतनी बड़ी जाँच एजेंसी से ऐसी आशा नहीं थी !परन्तु आजकल वही हो रहा है जो नहीं होना चहिये !!यही कहा जा सकता है कि सी.बी.आई.दोषियों पर लगे इल्जामों का कत्ल करने के लिए ही बनी है !!वक्त आ गया है कि अब सी. बी. आई.का ही कचा चिठा खोला जाये क्यों ठीक हैना ?? ?? ??
Wednesday, February 2, 2011
media murkh banta hai ya banata hai ?? ?? ?? ?? ?? ??
प्यारे पाठक मित्रो, प्यार भरा नमस्कार, बसंत की बहार स्वीकार करें !! !! सी. बी.आई.ने भ्रष्टाचार के "राजा"को हवालात में क्या डाल दिया सारा मिडिया ऐसे प्रतिक्रिया प्रगट कररहा है जैसे सब निष्कर्ष निकल गए हों, न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होगयी हो,और सजा सुनादी गयी हो !आज से पहले नजाने कितने कांग्रेसी नेताओं को सी.बी.आई.ने ग्रिफ्तार करके न्यायालय में पेश किया उन सबका क्या हश्र हुआ ,मीडिया भूल गया?? ?? ?? जनता को भूल जाने की आदत थी ,मीडिया भी इसका शिकार हो गया या वो भी जनता को बेवकूफ बनाने की योजना में शामिल है ?? ?? ?? अभी कल की ही बात है - सी.वी.सी. थामस के मामले में श्रीमती सुषमा जी ने कहा कि मैं न्यायालय में शपथपत्र नहीं दूँगी तो यही मीडिया कहने लगाकि पक्ष -विपक्ष मिलगया है ! ये सब इसी लिए होइता है क्योंकि मीडिया इतनी जल्दी भड़क भी जाता है ,जितनी जल्दी भावुक होता है !! !! !! ऋषि मुनि कह गए हैं कि गन्दी बातों को दबाया जाना चाहिए और बढ़िया बातों को फेलाया जाना चाहिए !परन्तु हो इसके बिलकुल उलट रहा है !
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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