प्यारे देश वासियों,बजट के बाद हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सब को खुश नहीं रख सकते !!सब को तो भगवान भी खुश नहीं रख सकते !वो भी कर्मों के फल का सहारा लेकर जनता को आशावादी बनाये रखने का प्रयास करते हैं !परन्तु कांग्रेस ने तो ये कहा था कि "कांग्रेस का हाथ ,गरीब के साथ" तो फिर आज बजट के बाद बड़े उद्योगपति खुश और गरीब परेशान क्यों हैं?? मैं यहाँ साफ़ करदूं कि मैं किस गरीब कि बात कर रहा हूँ?? जो पावर्टी लाइन से नीचे अपना जीवनयापन करते थे वो तो आजकल म्नेरेगा और बी.पी.एल.कार्ड के आसरे मजे से उस मध्यमवर्ग को चिढ़ा रहे हैं जो न तो गरीब की तरह रह सकता और न ही उस अमीर की तरह जिसे बढे हुए भावों से कोई फर्क नहीं पड़ता !! गैस सिलेंडर ७००/-रु.का जिसे मिलेगा, सब्सिडी किसको मिलेगी ??ब्रांडेड गहने,कपडे,खरीदने वालों को या लकड़ी जला कर खाना बनाने वाले को !!आम जनता इसी भागदौड में फंसी है कि रोटी का जुगाड़ कैसे हो??करे भी तो क्या करे??लोकतंत्र में क्रांति कि गुंजाईश भी तो कम होती है!!और फिर क्रांति जगाने वाला नेता भी तो होना चाहिए!!है कि नहीं ?? ?? ??
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
-
मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
-
" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !! कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए ,...
-
भारतीय संस्कृति के अनुसार , जब से ये सृष्टि रची गयी है ,लगभग तभी से धर्म के नाम पर तथाकथित धर्म चलाने वालों द्वारा ही अपराध किये या करवाये ...
No comments:
Post a Comment