पाठक मित्रो,नमस्कार!!, लो जी आखिर सरकार मान गयी ,कर देन्गे जे.पी.सी.का गठन ,WEH सरकार ही क्या जो एक बार विपक्ष के कहने से मान जाये ,चाहे कितनीजन -हित या देश देश -हित की बात क्यो न हो ? चोर पकडे जाते तो ?? अभी भी सरकार ने बहुत पेच अपने पास रख छोडे हैं !जैसे किस घोटालेकी जान्चहोगी किस की नही ?? कमेटी मे कोन कोन होगा? कोन नही ? जान्च पसंद आयी तो न्यायालय भेजेन्गे नही तो बसते मे डाल देन्गे !पहले जनता को कहा कि विपक्ष की गलती से संसद नही चली देश के धन का नुकसान HUAA .MIDIA की वजाःसे जनता मूर्ख नही बनी !प्रधान मन्त्री कहतेहैं की वो मजबूर हैं !!क्या अपने पद से त्यागपत्र भी नही दे सकते इतने मजबूर हैं ?? ?? या फिर मन के काले हैं ???? ??????
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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