प्यारे पाठक मित्रो ,बसंती खुशबू से भरा नमस्कार स्वीकार करें !! !! सी.बी.आई.ने नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों में मामूली जेल कि हवा खिला कर छोटी मोटी जाँच करके ऐसा केस अदालत में पेश करने का काम तो बखूबी सीख लिया था जिससे दोषियों को आसानी से राहत मिल जाये या बरी हो जाये ! परन्तु अब तो कत्ल के केस में भी ऍफ़.आर.लगानी शुरू करदी और यह भी कह दिया कि कातिल कौन है ?हमें नहीं पता !! देश की इतनी बड़ी जाँच एजेंसी से ऐसी आशा नहीं थी !परन्तु आजकल वही हो रहा है जो नहीं होना चहिये !!यही कहा जा सकता है कि सी.बी.आई.दोषियों पर लगे इल्जामों का कत्ल करने के लिए ही बनी है !!वक्त आ गया है कि अब सी. बी. आई.का ही कचा चिठा खोला जाये क्यों ठीक हैना ?? ?? ??
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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