Monday, October 19, 2015

रावण जी की " गैस ट्रबल "!!ऐसे दूर हुई !! आप भी पढ़ें मित्रो !!- पीताम्बर दत्त शर्मा का निवेदन !

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज हमारे बड़े भाई श्री नीरज चतुर्वेदी जी ने हमें रामायण से जुड़ा एक 'आधुनिक' प्रसंग सुनाया ... वही आप सब को पढ़वा रहा हूँ |

"रावण का चमत्कार या राम नाम का...पावर...??"
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श्री राम के नाम से पत्थरो के तैरने की 'न्यूज़' जब लंका पहुँची, तब वहाँ की 'पब्लिक' ने सोशल मीडिया मे  काफी 'गौसिप' किया कि भैया जिसके नाम से ही पत्थर तैरने लगें, वो आदमी क्या गज़ब होगा।

इस तरह की बेकार की अफ़वाहों से परेशान रावण ने तैश में आकर घोषणा करवा दी कि कल 'रावण' के नाम लिखे हुए पत्थर भी पानी में तिराये जायेंगे। और अगले दिन लंका में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया।

निश्चित दिन और समय पर सारी जनता रावण का चमत्कार देखने पहुँच गयी। उचित समय पर रावण भी अपने भाई - बँधुओं , पत्नियों तथा 'स्टाफ' के साथ वहाँ पहुँचे और एक भारी से पत्थर पर उनका नाम लिखा गया।

मजदूर लोगों ने पत्थर उठाया और उसे समुद्र में डाल दिया -- पत्थर सीधा पानी के अंदर !
सारी पब्लिक इस सब को साँस रोके देख रहे थी जबकी रावण लगातार मन ही मन में मँत्रोच्चारण कर रहे थे।
अचानक, पत्थर वापस पानी के ऊपर आया और तैरने लगा। पब्लिक तो पागल हो गयी , और 'लँकेश की जय' के कानफोड़ू नारों ने आसमान को गुँजायमान कर दिया। एक पब्लिक सेलिब्रेशन के बाद रावण अपने लाव लश्कर के साथ वापस अपने महल चले गये और लंका की पब्लिक को भरोसा हो गया कि ये राम तो बस ऐसे ही हैं पत्थर तो हमारे महाराज रावण के नाम से भी तिरते हैं।

पर उसी रात को मँदोदरी ने नोटिस किया कि रावण बैड में लेटे हुए बस सीलिंग को घूरे जा रहे थे।

“ क्या हुआ स्वामी ? फिर से एसिडिटी के कारण नींद नहीं आ रही क्या ?” इनो दराज मे पडी है ले कर आऊँ ? - मँदोदरी ने पूछा।
“ मँदु ! रहने दो , आज तो इज़्ज़त बस लुटते लुटते बच गयी। आइन्दा से ऐसे एक्सपरिमेंट नहीं करूंगा। " सीलिंग को लगातार घूर रहे रावण ने जवाब दिया।
मँदोदरी चौंक कर उठी और बोली , “ऐसा क्या हो गया स्वामी ?”

रावण ने अपने सर के नीचे से हाथ निकाला और छाती पर रखा , “ वो आज सुबह याद है पत्थर तैरा था ?”
मँदोदरी ने एक स्माइल के साथ हाँ मे सर हिलाया।

“ पत्थर जब पानी में नीचे गया था , उसके साथ साथ मेरी साँस भी नीचे चली गयी थी।" रावण ने कहा।

इस पर कन्फूज़ मँदोदरी ने कहा, “ पर पत्थर वापस ऊपर भी तो आ गया था ना। वैसे ऐसा कौन सा मँत्र पढ़ रहे थे आप जिस से पानी में नीचे गया पत्थर वापस आकर तैरने लगा ?”

इस पर रावण ने एक लम्बी साँस ली और बोले, “ मँत्र-वँत्र कुछ नहीं पढ़ रहा था बल्कि बार बार बोल रहा था कि ... 'हे पत्थर ! तुझे राम की कसम, प्लीज डूबियो मत भाई !!"

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तो भैया राम नाम मेँ है दम !!
बोलो
जय श्री राम !!
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
साभार !लिया गया है जी !!
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BY :- " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " THE BLOG .  प्रिय मित्रो , सादर नमस्कार !! आपका इतना प्रेम मुझे मिल रहा है , जिसका मैं शुक्रगुजार हूँ !! आप मेरे ब्लॉग, पेज़ , गूगल+ और फेसबुक पर विजिट करते हो , मेरे द्वारा पोस्ट की गयीं आकर्षक फोटो , मजाकिया लेकिन गंभीर विषयों पर कार्टून , सम-सामायिक विषयों पर लेखों आदि को देखते पढ़ते हो , जो मेरे और मेरे प्रिय मित्रों द्वारा लिखे-भेजे गये होते हैं !! उन पर आप अपने अनमोल कोमेंट्स भी देते हो !! मैं तो गदगद हो जाता हूँ !! आपका बहुत आभारी हूँ की आप मुझे इतना स्नेह प्रदान करते हैं !!नए मित्र सादर आमंत्रित हैं ! the link is - www.pitamberduttsharma.blogspot.com. , गूगल+,पेज़ और ग्रुप पर भी !!ज्यादा से ज्यादा संख्या में आप हमारे मित्र बने अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर !! आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ आयें इसी मनोकामना के साथ !! हमेशां जागरूक बने रहें !! बस आपका सहयोग इसी तरह बना रहे !!

मेरा मोबाईल नंबर ये है :- 09414657511. 01509-222768. धन्यवाद !!
आपका प्रिय मित्र ,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
जिला-श्री गंगानगर।

Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE


2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (21-10-2015) को "आगमन और प्रस्थान की परम्परा" (चर्चा अंक-2136) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सुंदर रचना। एंटीवायरस आपके ब्‍लाग को हार्मफुल बता रहा है। चेक कीजिए।

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...