Thursday, April 21, 2016

उत्तराखंड H.C.का "आँख मारकर "दिया गया फैसला !! - पीतांबर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो.न. - +919414657511.

कंही भी अगर कोई बात-विवाद का फैसला  "आँख मारकर "कहा या किया जाए तो उसके पीछे छिपा सत्य ये होता है कि बात कहने वाला या तो मज़ाक कर रहा है,या फिर वो जिसकी तरफ देखकर आँख मार रहा है , उससे वो मिला हुआ है !उस जज के ऐसा करने के कई कारण हो सकते हैं , जैसे एहसान तले दबे होना,मित्रता होना या फिर जज का उस जैसी प्रकृति का ही होना हो सकता है जिसके पक्ष में "आँख मारकर" फैसला सुनाया गया हो ! आजकल तो H.C.-S.C.का जज बनने हेतु किसी राजनितिक दल से जुड़ा होना आवश्य्क माना जाता है !और नेता लोग तो कई बार कह भी चुके हैं कि हम "राजनीतिज्ञ"हैं कोई "संत"के व्यवहार की हमसे अपेक्षा ना करे ! ऐसा हर नेता ने साबित भी कर दिया है अपने राजनितिक "कर्मों"से !
                तो क्या उत्तराखंड के ये जज साहिब जिन्होंने राष्ट्रपति शासन को हटाने का निर्णय आज सुनाया है , उनकी भी जांच नहीं होनी चाहिए ? क्या ये नहीं देखा जाना चाहिए की उन्होंने पिछले चुनावों में किस पार्टी को अपना मतदान किया ?क्या वो किसी आरक्षित श्रेणी से आते हैं ?जिस प्रकार से माननीय हरीश रावत जी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस जज साहिब को धन्यवाद दिया है उस से तो यही शंका मन में उठ रही है कि वे विधायक नहीं खरीद पाए तो जज साहिब को "ऑब्लाइज"करके अपना काम करवा ले गए !कांग्रेस एवं सेकुलर नेता बड़े ही चालाक हैं खुद पर जब कोई आरोप लगता है तो वो कहते हैं कि जब तलक सुप्रीम-कोर्ट फैसला ना दे दे तब तलक हमें दोषी ना कहो लेकिन वो ही नेता जब भाजपा पर कोई छोटी अदालत या कोई छोटा अफसर भी आरोप लगा दे तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का त्यागपत्र मांगने लग जाते हैं ?क्यों ? 
                 आज कॉंग्रेसी मित्र बड़े ही नाच रहे हैं ! अपनी पीठ को खुद ही ठोक रहे हैं !तो क्या ये समझा जाए कि हाई-कोर्ट के एक निर्णय से कांग्रेस+सेकुलरनेताओं+मीडिया के सारे पाप धुल गए हैं ??तो क्या अब सोनिया,राहुल,या नीतीश जैसों में से किसी एक को देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाए ??मुंगेरी लाल के हसीं सपने कभी सफल नहीं होंगे !मैंने तो कल ही एक ट्वीट में मोदी जी को लिखा था कि "आप अपने सिपाहियों की जांच करवाएं ,वो मोदी जी आप की तरह मेहनत नहीं कर रहे हैं" !यही बात आज सिद्द हो गयी है ! सरकार द्वारा निर्धारित सॉलिसिटर जनरल आदि ने उच्तम न्यायालय में म्हणत नहीं करी जिससे मोदी सरकार को ये "धक्का"सहना पड़ रहा है !
                    अंत में मैं तो यही कहूंगा की ये कांग्रेस और उनके "ज़मूरे"नासिर्फ हिन्दुओं के दुश्मन हैं बल्कि हिंदुस्तान के भी दुश्मन हैं ! ये लड़ाई लम्बी है ! षड्यंत्रों से भरी है ! ये एक महाभारत है जिसमे भारतवासी ही भारतवासियों के खिलाफ लड़ रहे हैं !दुश्मन तो हमारा फायदा बाद में उठाता है मित्रों !!समय आ गया है जब हमें अपनी आँखें और बुद्धि को खुला और चौकन्ना रखना है अन्यथा देश के साथ साथ हम भी बर्बाद हो जाएंगे !अब चुप नहीं रहना है !
जय-हिन्द !! जय भारत !! भारत माता की जय ! 
                  " 5TH PILLAR CORRUPTION KILLER " THE BLOG .


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पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,सूरतगढ़ !!


2 comments:

  1. काहे के विश्लेषक हो आप जो न्यायपालिका का भी सम्मान करना नहीं जानते हो।
    --
    एक बात और भी कहना चाहता हूँ आपके भा.ज.पा. प्रेम का...
    और कितनी छीछालेदर कराओगे केन्द्र की
    पूर्व जज माननीय विजय बहुगुणा जी।
    --
    विजय बहुगुणा ने केन्द्र को सुझाव दिया कि
    केन्द्र उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ
    सर्वोच्च न्यायलय में जाये।
    विदित हो कि पूर्व मुख्यमन्त्री उत्तराखण्ड की याचिका पर
    उत्तराखण्ड माननीय उच्च न्यायालय ने उत्तराखण्ड में
    राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला सुनाया है।
    --
    और कितनी छीछालेदर कराओगे केन्द्र की
    पूर्व जज माननीय विजय बहुगुणा जी।

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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