भारतीय संसद की सभी रीतियों व परम्पराओं को तोड़ते हुए विपक्षी नेता शिकारी कुत्तों की तरह कल से संसद को चलने नहीं दे रहे !बारी-बारी से वे राज्यसभा और लोक सभा अध्यक्ष एवम अध्यक्षा की आज्ञा के बिना खड़े होकर अपने आदेश सदन की "चेयर"को सुनाने लग पड़ते हैं !एक चुप होता है तो दूसरा खड़ा हो जाता है और दूसरा चुप होता है तो तीसरा अपनी "काँव -काँव"शुरू कर देता है !बहाना तो ये है कि भारत की जनता परेशान है लेकिन कॉमरेडों और कोंग्रेसियों की यूनियनें सहकारी बैंकों में हड़ताल भी करवा रहीं हैं क्यों ?केवल एक ही रट लगाए बैठे हैं की दोनों सदन तब चलने देंगे अगर प्रधानमंत्री जी दोनों सदनों में दोनों जगह पूरी बहस में हाज़िर रहें !
कोई इन मूर्खों से पूछे कि एक प्रधानमंत्री एक ही समय में दोनों सदनों की बहस कैसे सुन सकता है ?सभी प्रकार के आश्वासन राज्यसभा के नेता और उपाध्यक्ष द्वारा दिए जा चुके हैं !फिर भी ये विपक्षी बहस नहीं चलने दे रहे हैं !इनकी एक और "चालाकी" भी सामने आ रही है , वो ये कि विपक्षी लीडर तो अपना भाषण दे चुके लेकिन सत्तापक्ष के भाषण के समय व्यवधान डाल रहे हैं क्यों ?तृणमूल कोंग्रेस के एक सांसद बोल रहे थे कि मोदी जी ऐसे भाषण देते हैं जैसे हम विपक्षी लीडर आतंकवादी या काले धन रखने वाले हैं !लेकिन जनता जानती है की आपकी करनी की वजह से जनता आपको पहचान चुकी है , मोदी जी के भाषण की वजह से नहीं , ऐसा भारत की जनता का मानना है जी !
बहन मायावती जी ने तो मोदी जी के सर्वे को भी गलत था दिया है !वहीँ समाजवादी के श्री नरेश अग्रवाल तो मोदी जी को आश्वासन देते नज़र आये कि "मोदी जी आपको कोई नहीं मार सकता ,आप रोइये मत उत्तर-प्रदेश में आ जाइये , वहाँ "क़ानून-व्यवस्था" बड़ी बढ़िया है , हम आपको बचाएंगे "!! इतना सुनते ही सारा सदन ऐसे हंस पड़ा जैसे किसी ने कोई चुटकुला सुना दिया हो !
राज्य सभा का ये हाल है तो लोकसभा में राहुल गांधी जिसे " विद्वान् "क्या हाल करेंगे सदन के नियमों का ये भगवान् ही जानता है जी ! धन्य हैं ऐसे नेताओं को अपना "वोट" देकर जिताने वाले !जय हिन्द !जय भारत !राम-राम !
कोई इन मूर्खों से पूछे कि एक प्रधानमंत्री एक ही समय में दोनों सदनों की बहस कैसे सुन सकता है ?सभी प्रकार के आश्वासन राज्यसभा के नेता और उपाध्यक्ष द्वारा दिए जा चुके हैं !फिर भी ये विपक्षी बहस नहीं चलने दे रहे हैं !इनकी एक और "चालाकी" भी सामने आ रही है , वो ये कि विपक्षी लीडर तो अपना भाषण दे चुके लेकिन सत्तापक्ष के भाषण के समय व्यवधान डाल रहे हैं क्यों ?तृणमूल कोंग्रेस के एक सांसद बोल रहे थे कि मोदी जी ऐसे भाषण देते हैं जैसे हम विपक्षी लीडर आतंकवादी या काले धन रखने वाले हैं !लेकिन जनता जानती है की आपकी करनी की वजह से जनता आपको पहचान चुकी है , मोदी जी के भाषण की वजह से नहीं , ऐसा भारत की जनता का मानना है जी !
बहन मायावती जी ने तो मोदी जी के सर्वे को भी गलत था दिया है !वहीँ समाजवादी के श्री नरेश अग्रवाल तो मोदी जी को आश्वासन देते नज़र आये कि "मोदी जी आपको कोई नहीं मार सकता ,आप रोइये मत उत्तर-प्रदेश में आ जाइये , वहाँ "क़ानून-व्यवस्था" बड़ी बढ़िया है , हम आपको बचाएंगे "!! इतना सुनते ही सारा सदन ऐसे हंस पड़ा जैसे किसी ने कोई चुटकुला सुना दिया हो !
राज्य सभा का ये हाल है तो लोकसभा में राहुल गांधी जिसे " विद्वान् "क्या हाल करेंगे सदन के नियमों का ये भगवान् ही जानता है जी ! धन्य हैं ऐसे नेताओं को अपना "वोट" देकर जिताने वाले !जय हिन्द !जय भारत !राम-राम !
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