जब से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है तभी से "अच्छाई और बुराई में ये लड़ाई"चलती आ रही है कि कौन ज्यादा अच्छा है ? बुराइयां या अच्छाइयां ?भगवान् ने इंसान के शरीर में 9 इन्द्रियां लगादीं,सोचने हेतु बुद्धि दे दी,9 रस दे दिए,काम,क्रोध,लोभ मोह और लालच भी डाल दिए हमारे अंदर और इसके साथ ये भी कह दिया कि "मेरी मर्ज़ी के बिना पत्ता भी नहीं हिलेगा"!!तब से मित्रो !बस "तू डाल-डाल तो मैं पात-पात"वाली बात हो रही है !सनातन धर्म ही सबसे पुराना धर्म है इसलिए उसी के ग्रंथों की बात करते हैं !उनको पढ़ने पर पता चलता है कि सतयुग में ही भगवान् विष्णु के नाक में दम कर दिया था इन बुराई के समर्थक राक्षसों ने !तो भगवान् को स्वयम अवतार लेकर आना पड़ा ,इस धरती पर कहते हैं 24 बार !ना जाने कितने धर्म गुरु हो चुके और ना जाने कितने ग्रन्थ लिखे जा चुके , लेकिन साहिब ये बुराई है कि रोज़ नया रूप धारण करके हमारे सामने आ धमकती है !और हम "सहम"कर रह जाते हैं !
"इंसानियत,शैतानियत,हैवानियत और बुराई"क्या प्रलय आने पर ही जायेगी?भगवान् ही जानता है जी !ग्रंथों के मुताबिक तीन युग बीत चुके हैं और आखरी "कलयुग"चल रहा है !कहते हैं इसमें धर्म भी होगा कर्म भी होगा परंतु शर्म नहीं होगी !रोज़ वो होगा जो आपने सोचा ना होगा !बस जी !! हम तो ये कह सकते हैं कि "राम"भली करे !अपने बच्चों पर "प्यार की छतरी"हमेशां बनाये रख्खें !कभी उनको बड़ा मानने की गलती ना करें !जितना हो सके उनको जीवन में अकेला ना छोड़ें !क्योंकि जीवन के हर मोड़ पर धोखे ही धोखे हैं जी !
एक पुराने फ़िल्मी गीत की पंक्तियाँ याद आ रही है कि - :"राम करे !ऐसा हो जाए !!मेरी निंदिया तोहे मिल जाए !मैं जागूँ तू सो जाए !!बुराइयों का मुकाबला केवल एकता से ही किया जा सकता है !चाहे सतयुग हो या कलयुग !राम-राम जी !"अच्छे दिन आएंगे"!!
5th पिल्लर करप्शन किल्लर" "लेखक-विश्लेषक पीताम्बर दत्त शर्मा " वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे ! link -www.pitamberduttsharma.blogspot.com मोबाईल न. + 9414657511
"इंसानियत,शैतानियत,हैवानियत और बुराई"क्या प्रलय आने पर ही जायेगी?भगवान् ही जानता है जी !ग्रंथों के मुताबिक तीन युग बीत चुके हैं और आखरी "कलयुग"चल रहा है !कहते हैं इसमें धर्म भी होगा कर्म भी होगा परंतु शर्म नहीं होगी !रोज़ वो होगा जो आपने सोचा ना होगा !बस जी !! हम तो ये कह सकते हैं कि "राम"भली करे !अपने बच्चों पर "प्यार की छतरी"हमेशां बनाये रख्खें !कभी उनको बड़ा मानने की गलती ना करें !जितना हो सके उनको जीवन में अकेला ना छोड़ें !क्योंकि जीवन के हर मोड़ पर धोखे ही धोखे हैं जी !
एक पुराने फ़िल्मी गीत की पंक्तियाँ याद आ रही है कि - :"राम करे !ऐसा हो जाए !!मेरी निंदिया तोहे मिल जाए !मैं जागूँ तू सो जाए !!बुराइयों का मुकाबला केवल एकता से ही किया जा सकता है !चाहे सतयुग हो या कलयुग !राम-राम जी !"अच्छे दिन आएंगे"!!
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