चुनावों का माहौल है मित्रो !रोज़ाना सब तरफ से तरह-तरह के जुमलों की बरसात सी हो रही है !सभी टीवी चेनलों के एंकर -समीक्षक-विशेषज्ञ और पत्रकार लोग मज़े ले-लेकर उनका "कचुमर"निकालते हैं !अनजान सी ,बेचारी सी और भोली सी लगने वाली भारत की जनता उन्हें भगवान् का सच्च मानकर देखती-सुनती और पढ़ती है ! लेकिन चुनावों के नतीजों से पता चलता है कि उसने बिलकुल सटीक निर्णय दिया है !
जुमले फैंकना कोई आज से ही शुरू नहीं हुआ है !ये तो मुगलों के समय से चलती आ रही विरासत है जी हमारी !क्या राजा क्या उनके दरबारी?क्या कवी लोग क्या क़ाज़ी ?सब अपने आधीन आने वाले लोगों को जुमले फैंक-फैंक कर ही टरकाते आ रहे हैं !आम आदमी तो "सप्पन-पाट" किस्म का होता है जी !जो उसके मन में आता है या होता है ,वो ही उसकी जुबान पर होता है ! जुमले वो ही फैंक सकता है जो "कारीगर या मदारी" हो !जिसे जनता के मन का पता हो कि उसे इस समय क्या और कैसे सुनना पसन्द है !अँगरेज़ लोगों ने तो राज ही हम पर इसकी बदौलत किया !उनकी ये कला कांग्रेसियों और कॉमरेडों ने भी भलीभांति सीख ली !1977 के बाद भारत की जनता ने इन लोगों पर ऐतबार करना छोड़ा है जी !
कई अच्छे जुमलों से देश का भला भी हुआ है इसमें कतई शक़ नहीं है जी ! जैसे लाल बहादुर शास्त्री जी ने "जय जवान ,जय किसान "का जुमला दिया जो बाद में हमारे देश का प्रिय नारा बना !उससे पहले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था कि "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा"!लेकिन वो हमें बापू जी और नेहरू जी ने ही दिलवाई ,कुछ लोगों के मुताबिक !इन्हीं जुमलों के बलपर कोई हमारा राष्ट्रपिता बन गया तो कोई हमारा चाचा !कई जुमलों ने हमें बाँट दिया जैसे "संविधान सिर्फ आंबेडकर" जी ने ही बनाया ! "गरीबी-हटाओ "आज तलक गरीबी तो हटी नहीं ?!आदि आदि !
आजकल मोदी जी की बातों को "जुमले"बताकर हवा में उड़ाया जाता है !राहुल बाबा ,अखिलेश जी आदि कई नेता भी जुमले फैंकना सीख गए हैं !वे तो इनका अर्थ भी समझाते दिखाई पड़ते हैं !मेरा तो इतना ही कहना है जी "हे नेताओ !! आपका जादू केवल कुछ समय तलक ही चलता है !बाद में जनता कोई दूसरा नेता और मदारी ढूंढती है जी ! इसलिए जो करना चाहते हो जल्दी से करलो !कोई हमेशां के लिए हमारा शासक नहीं हो सकता ! फिर मत कहना कि बताया नहीं था "!!अब केजरीवाल जी की मण्डली को लेलो !कभी थप्पड़ जड़े जा रहे हैं तो कभी स्याही फैंकी जा रही है !"काठ की हांडी रोज़-रोज़ नहीं चढ़ती मित्रो !!
माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ! कृपया अगले चुनाव चाहे देर से करवा लेना ,लेकिन करवाना अपनी हसरतें मिटाकर !यानी जो बदलाव देश में लाना चाहते हो उनकी रूप-रेखा गढ़कर ही चुनाव में जाना जी !जनता सिर्फ जुमले नहीं सुनना चाहती !वो आपको अपना भरपूर समर्थन देगी अगर आप "लाईन से हटकर"कार्य करते नज़र आओगे जी !
जय हिन्द जय भारत !
"5th पिल्लर करप्शन किल्लर", "लेखक-विश्लेषक", पीताम्बर दत्त शर्मा ! वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे ! link -www.pitamberduttsharma.blogspot.com मोबाईल न. + 9414657511
जुमले फैंकना कोई आज से ही शुरू नहीं हुआ है !ये तो मुगलों के समय से चलती आ रही विरासत है जी हमारी !क्या राजा क्या उनके दरबारी?क्या कवी लोग क्या क़ाज़ी ?सब अपने आधीन आने वाले लोगों को जुमले फैंक-फैंक कर ही टरकाते आ रहे हैं !आम आदमी तो "सप्पन-पाट" किस्म का होता है जी !जो उसके मन में आता है या होता है ,वो ही उसकी जुबान पर होता है ! जुमले वो ही फैंक सकता है जो "कारीगर या मदारी" हो !जिसे जनता के मन का पता हो कि उसे इस समय क्या और कैसे सुनना पसन्द है !अँगरेज़ लोगों ने तो राज ही हम पर इसकी बदौलत किया !उनकी ये कला कांग्रेसियों और कॉमरेडों ने भी भलीभांति सीख ली !1977 के बाद भारत की जनता ने इन लोगों पर ऐतबार करना छोड़ा है जी !
कई अच्छे जुमलों से देश का भला भी हुआ है इसमें कतई शक़ नहीं है जी ! जैसे लाल बहादुर शास्त्री जी ने "जय जवान ,जय किसान "का जुमला दिया जो बाद में हमारे देश का प्रिय नारा बना !उससे पहले नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने कहा था कि "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा"!लेकिन वो हमें बापू जी और नेहरू जी ने ही दिलवाई ,कुछ लोगों के मुताबिक !इन्हीं जुमलों के बलपर कोई हमारा राष्ट्रपिता बन गया तो कोई हमारा चाचा !कई जुमलों ने हमें बाँट दिया जैसे "संविधान सिर्फ आंबेडकर" जी ने ही बनाया ! "गरीबी-हटाओ "आज तलक गरीबी तो हटी नहीं ?!आदि आदि !
आजकल मोदी जी की बातों को "जुमले"बताकर हवा में उड़ाया जाता है !राहुल बाबा ,अखिलेश जी आदि कई नेता भी जुमले फैंकना सीख गए हैं !वे तो इनका अर्थ भी समझाते दिखाई पड़ते हैं !मेरा तो इतना ही कहना है जी "हे नेताओ !! आपका जादू केवल कुछ समय तलक ही चलता है !बाद में जनता कोई दूसरा नेता और मदारी ढूंढती है जी ! इसलिए जो करना चाहते हो जल्दी से करलो !कोई हमेशां के लिए हमारा शासक नहीं हो सकता ! फिर मत कहना कि बताया नहीं था "!!अब केजरीवाल जी की मण्डली को लेलो !कभी थप्पड़ जड़े जा रहे हैं तो कभी स्याही फैंकी जा रही है !"काठ की हांडी रोज़-रोज़ नहीं चढ़ती मित्रो !!
माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ! कृपया अगले चुनाव चाहे देर से करवा लेना ,लेकिन करवाना अपनी हसरतें मिटाकर !यानी जो बदलाव देश में लाना चाहते हो उनकी रूप-रेखा गढ़कर ही चुनाव में जाना जी !जनता सिर्फ जुमले नहीं सुनना चाहती !वो आपको अपना भरपूर समर्थन देगी अगर आप "लाईन से हटकर"कार्य करते नज़र आओगे जी !
जय हिन्द जय भारत !
"5th पिल्लर करप्शन किल्लर", "लेखक-विश्लेषक", पीताम्बर दत्त शर्मा ! वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे ! link -www.pitamberduttsharma.blogspot.com मोबाईल न. + 9414657511
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (05-03-2017) को
ReplyDelete"खिलते हैं फूल रेगिस्तान में" (चर्चा अंक-2602)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/03/9.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद
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