क्या अंग्रेजों के रोमियो-जूलिएट जैसे आशिक और क्या भारतीय उपमहाद्वीप के हीर - राँझा ,लैला-मजनू,ससि-पुन्नू और सिरी-फरहाद जैसे आशिकों से लेकर आजकल के आधुनिक "डूड",सभी इसी बात को लेकर परेशान ही रहे कि समाज उन्हें आखिर "प्यार"करने क्यों नहीं देता ?तरीके बदल गए रोकने के लेकिन आज भी दीवारें कड़ी कर दी जाती हैं,बेड़ियाँ समाज-धर्म के नाम की तरहतरह के क़ानून बना कर पहना दी जाती हैं !इस समाज के द्वारा !
उनके समर्थक तब भी थे और आज भी हैं "जे. एन. यू." आदि में !उनके विरोधी तब भी थे "मौलवी-ब्राह्मण के रूप में और आज भी हैं "योगी-फतवों"के रूप में !तो क्या हम आज भी वहीँ खड़े हैं जहां तब थे ??कहाँ है 21वीं सदी के लोग और तथाकथित "आधुनिक"लोग ?प्यार के पक्ष में कोई बोलता क्यों नहीं?क्या वयस्क हो जाने के बाद "तन-मन-धन"से प्यार करना गलत है ?क्या बहार के मौसम में दो प्रेमियों का "गुटरगूं"करना गलत है ?कल एक मित्र मुझसे समाचार पत्र पढ़ते पढ़ते पूछने लगा कि "फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन,या ,गुलशन में "फूल" हैं जो योगी जी पकड़ रहे हैं ?मैंने कहा कि यार अगर मैं योगी जी की जगह होता तो जिस तरह से हर शहर में शराब पिने वालों हेतु "बार"होती है !वैसे ही प्यार करने हेतु युवाओं के लिए "गुटरगूँ"पॉइंट बना देता !मेरी मित्र के बोलने से पहले हमारे पीछे खड़ा एक युवा बोला ,वाह अंकल आइडिया जोरदार है !!सब हंसने लगे !
जब हमारे अंदर ही कोई बदलाव नहीं आया है तो चाहे हम कितने ही आधुनिक कपडे पहन लें!कितने ही आधुनिक विचारों वाली किताबें लिख ले,भाषण देदें !हम नहीं बदल सकेंगे !बदलने के लिए हमें स्वयम को अंदर से पहले बदलना होगा जी ! अन्यथा लोग हमें केवल एक अप्रैल को ही नहीं कभी भी "फूल"बनाकर चले जायेंगे !
"5th पिल्लर करप्शन किल्लर", "लेखक-विश्लेषक एवं स्वतंत्र टिप्प्न्नीकार", पीताम्बर दत्त शर्मा !
वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे !
link -www.pitamberduttsharma.blogspot.com मोबाईल न. + 9414657511.
इंटरनेट कोड में ये है लिंक :- https://t.co/iCtIR8iZMX.
"5th pillar corruption killer" नामक ब्लॉग अगर आप रोज़ पढ़ेंगे,उसपर कॉमेंट करेंगे और अपने मित्रों को शेयर करेंगे !तो आनंद आएगा !मेरा इ मेल ये है -: "pitamberdutt.sharma@gmail.com.
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