"फरेब और षड्यंत्र "रचने में माहिर आज का विपक्ष नित नए "ड्रामे"करता है ! सोचता है कि ऐसा करने से उनकी पार्टियों को जनता वोट दे देगी ! जनता एक दो बार तो इनके झांसे में आ सकती है ,लेकिन हमेशां जनता को बेवकूफ बनाया नहीं जा सकता ! चाहे कांग्रेस हो या कॉमरेड,ममता हो या बहन मायावती , सब अपनी अदाओं से जनता को बरगलाने की कोशिश करते रहते हैं ! काम भाजपा भी नहीं है , लेकिन वो कभी अपने राष्ट्र-हित को दांव पर नहीं लगाती !कभी ये लोग तीसरा मोर्चा बनाते हैं तो कभी महागठबंधन !संसद को ना चलने देना ,दुश्मन देशों के मन को बहाने वाले कुकृत्य करना ,दुश्मन के पक्ष को मजबूत करने वाले बयान देना इनका काम हो गया है आजकल !सोशल मीडिया की सक्रियता ने इन्हें नंगा करके रख दिया है !
आज संसद में जिस बेशर्मी से राजयसभा के उप-सभापति जी को धमकाया गया है ,खुला चेलेंज दिया गया है ,ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है ! पिछले कई सेशनों में ये देखा गया है कि "मिडिया-हाईप "हेतु पहले एक पार्टी का नेता जबरदस्ती बिना कोई नोटिस दिए नियमों को तोड़ते हुए ,अपना कोई मुद्दा रखता है ,फिर बड़ी चालाकी से बाकी के विपक्षी दल उसी मुद्दे को उठाते हैं !फिर शोर मचाकर संसद भंग करवा देते हैं ,ताकि सरकार अपने कोई बिल पास ना करवा सके और केवल उनको ही मीडिया महत्त्व दे ! और मीडिया ऐसा करता भी है ! ना केवल ऐसा करता है बल्कि वो इसे और ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है !जिससे वोभी इनका पार्टनर नज़र आता है !
पहले तो कुछ शर्म इनको आती थी दिखावे के लिए ,लेकिन आजकल तो सारे दुष्कर्म बड़ी बेशर्मी से ये लोग करते हैं !जैसे आज बहन मायावती ने किया और कांग्रेस ने उनकी मदद करि ! हुआ यूँ कि मायावती बिना कोई नोटिस दिए पुराणी घटना सहारनपुर के दंगों का मुद्दा उठाना चाहतीं थीं !माननीय उप-सभापति जी ने नियमों के अनुसार उन्हें रोका ,तो वो जबरदस्ती करने पर उतर आयीं !योजनानुसार अन्य विपक्षी दलों ने उनका साथ दिया तो , मज़बूरी में उन्हें तीन मिंट का समय दे दिया गया ! लेकिन मायावती जी बोलती ही गयीं तो उप-सभापति जी ने उन्हें रोका तो लानत-फ्लानत करतीं वो रूठ कर चलीं गयीं ,ये कहते हुए की जिस संसद में दलितों को बोलने नहीं दिया जाता ,मैं उस सदन से त्यागपत्र देती हूँ !कांग्रेस ने इस नाटक को ज्यादा वजनी बनाने हेतु राजयसभा से वाक्-आउट कर दिया !बाकी काम देश का बिकाऊ-मीडिया करेगा ही !
पिछले 70 वर्षों से कमज़ोर वर्गों को की सहयता ये देश दे रहा है !भारत के स्वर्ण लोग अपनी खून-पसीने की कमाई से आयकर भरते हैं ,उसका बड़ा हिस्सा इस काम हेतु दिया जाता है !आरक्षण के नामपर स्वर्ण जातियों के लोग अपने अधिकारों का त्याग करके इन दलितों को नोकरिया दिलाते हैं !इनको संसद में कितना बोलने दिया जाता है ,ये रिकार्डिंग निकलवाकर कभी भी देखा जा सकता है !सहूलियतों का दोहन किन लोगों ने किया ?कौन लोग आज भी वंचित रह गए हैं ,ये तो मूल्यांकन कभी इन फ़र्ज़ी दलित नेताओं ने करने नहीं दिया !लेकिन कभी भी दलितों के नाम पर अपनी रोटियां सेंकने से ये लोग बाज़ नहीं आते !
केवल 10 महीने संसद सदस्य के रूप में बहन मायावती जी के बचे हैं !आगे वो सदस्य नहीं बन पाएंगी !जनता ने उन्हें इस तरह से नकारा है !वो केवल एक ड्रामा करके शहर-शहर,गाँव-गाँव घूमना चाहतीं हैं ! रोना रोयेंगी की देखो दलित की बेटी के साथ अन्याय हुआ है !मुझे बोलने नहीं गया ,हमारी कोई इस देश में सुनता नहीं !सभी दल अगले चुनावों के मुद्दे बनाने में जुट गए हैं !लेकिन जनता धोखे में नहीं आने वाली ! जय हिन्द !!
प्रिय "5TH पिल्लर करप्शन किल्लर"नामक ब्लॉग के पाठक मित्रो !सादर प्यारभरा नमस्कार ! वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे !
आज संसद में जिस बेशर्मी से राजयसभा के उप-सभापति जी को धमकाया गया है ,खुला चेलेंज दिया गया है ,ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है ! पिछले कई सेशनों में ये देखा गया है कि "मिडिया-हाईप "हेतु पहले एक पार्टी का नेता जबरदस्ती बिना कोई नोटिस दिए नियमों को तोड़ते हुए ,अपना कोई मुद्दा रखता है ,फिर बड़ी चालाकी से बाकी के विपक्षी दल उसी मुद्दे को उठाते हैं !फिर शोर मचाकर संसद भंग करवा देते हैं ,ताकि सरकार अपने कोई बिल पास ना करवा सके और केवल उनको ही मीडिया महत्त्व दे ! और मीडिया ऐसा करता भी है ! ना केवल ऐसा करता है बल्कि वो इसे और ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश करता है !जिससे वोभी इनका पार्टनर नज़र आता है !
पहले तो कुछ शर्म इनको आती थी दिखावे के लिए ,लेकिन आजकल तो सारे दुष्कर्म बड़ी बेशर्मी से ये लोग करते हैं !जैसे आज बहन मायावती ने किया और कांग्रेस ने उनकी मदद करि ! हुआ यूँ कि मायावती बिना कोई नोटिस दिए पुराणी घटना सहारनपुर के दंगों का मुद्दा उठाना चाहतीं थीं !माननीय उप-सभापति जी ने नियमों के अनुसार उन्हें रोका ,तो वो जबरदस्ती करने पर उतर आयीं !योजनानुसार अन्य विपक्षी दलों ने उनका साथ दिया तो , मज़बूरी में उन्हें तीन मिंट का समय दे दिया गया ! लेकिन मायावती जी बोलती ही गयीं तो उप-सभापति जी ने उन्हें रोका तो लानत-फ्लानत करतीं वो रूठ कर चलीं गयीं ,ये कहते हुए की जिस संसद में दलितों को बोलने नहीं दिया जाता ,मैं उस सदन से त्यागपत्र देती हूँ !कांग्रेस ने इस नाटक को ज्यादा वजनी बनाने हेतु राजयसभा से वाक्-आउट कर दिया !बाकी काम देश का बिकाऊ-मीडिया करेगा ही !
पिछले 70 वर्षों से कमज़ोर वर्गों को की सहयता ये देश दे रहा है !भारत के स्वर्ण लोग अपनी खून-पसीने की कमाई से आयकर भरते हैं ,उसका बड़ा हिस्सा इस काम हेतु दिया जाता है !आरक्षण के नामपर स्वर्ण जातियों के लोग अपने अधिकारों का त्याग करके इन दलितों को नोकरिया दिलाते हैं !इनको संसद में कितना बोलने दिया जाता है ,ये रिकार्डिंग निकलवाकर कभी भी देखा जा सकता है !सहूलियतों का दोहन किन लोगों ने किया ?कौन लोग आज भी वंचित रह गए हैं ,ये तो मूल्यांकन कभी इन फ़र्ज़ी दलित नेताओं ने करने नहीं दिया !लेकिन कभी भी दलितों के नाम पर अपनी रोटियां सेंकने से ये लोग बाज़ नहीं आते !
केवल 10 महीने संसद सदस्य के रूप में बहन मायावती जी के बचे हैं !आगे वो सदस्य नहीं बन पाएंगी !जनता ने उन्हें इस तरह से नकारा है !वो केवल एक ड्रामा करके शहर-शहर,गाँव-गाँव घूमना चाहतीं हैं ! रोना रोयेंगी की देखो दलित की बेटी के साथ अन्याय हुआ है !मुझे बोलने नहीं गया ,हमारी कोई इस देश में सुनता नहीं !सभी दल अगले चुनावों के मुद्दे बनाने में जुट गए हैं !लेकिन जनता धोखे में नहीं आने वाली ! जय हिन्द !!
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इंटरनेट कोड में ये है लिंक :- https://t.co/iCtIR8iZMX.
मेरा इ मेल ये है -: "pitamberdutt.sharma@gmail.com.
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरूवार (20-07-2017) को ''क्या शब्द खो रहे अपनी धार'' (चर्चा अंक 2672) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'