Sunday, June 24, 2012

" सीखो भारतीय नेताओं !! सोनिया जी से कुछ सीखो " !! ???

" सीखने - सिखाते रहने " वाले मित्रो और देवियों , मास्टर जी वाला बहुत सारा प्यार और नमस्कार स्वीकार कीजिये !! 
                             ये मास्टर जी का प्यार भी बहुत गज़ब का प्यार होता है जी , मुझे ये तो नहीं पता की आपके जीवन में कब - कब , कितना - कितना और किस - किस मास्टर जी ने कैसे - कैसे प्यार प्रकट किया है ??? उससे आपको आनंद मिला हो या दुःख , लेकिन मेरा दावा है की आपको वो प्यार याद अवश्य होगा ??? इसलिए मैं ही अपना तुज़ुरबा बताता हूँ !! मेरे पिता श्री भी अध्यापक रहे हैं , पूरे शहर के अध्यापक - अध्यापिकाएं उनका सन्मान करते थे और हैं , बचपन में वो मुझे जिस - जिस विद्यालय में दाखिल करने जाते वन्ही वो उन मास्टर जी को ये अवश्य कहते की गुरु जी इसका थोडा "ध्यान " रखना जी , सामने वाले गुरु जी कहते की अवश्य ये मेरे ही बच्चों जैसा है इसका तो मैं विशेष ध्यान रखूँगा आप निश्चिन्त हो जाइए !! लेकिन दुसरे ही दिन से मेरा ऐसा ध्यान रख्खा जाता की बस पूछो मत !! सबसे पहले मुझे ही सारे प्रश्नों के उत्तर देने हेतु कहा जाता , सबसे पहले मुझे ही होम वर्क दिखने हेतु कहा जाता !! ओरों को तो हर गलती की मामूली सी दांत या सजा मिलती लेकिन मेरी तो हर बात पर " विशेष पिटाई " होती वो भी विशेष हथियारों से !!मुझे याद है की जब मैं आठवीं कक्षा में पढता था तो मुझे भरी करंट लगा था , जो भी पता करने आये यही बोले की इसका तो दूसरा जनम हुआ है , लड़का मरते - मरते बचा है !! तो मैंने अपनी माता श्री से पूछ ही लिया की माता जी ज़रा मुझे बताइये की अगर मैं मर जाता तो क्या होता , माता डपट कर बोली की बेटा ऐसा नहीं बोलते मारें तेरे दुश्मन !! मैंने फिर पूछा की माता चलो ये तो बताओ की अगर मैं दोबारा जनम लेता तो क्या मुझे दोबारा से पढना पड़ता ??? माँ  बोली हाँ बेटा आदमी को तो साड़ी उम्र कुछ न कुछ सीखना ही होता है !! बल्कि बड़े बुज़ुर्ग तो यंहा तलक कह गए हैं की अगर कोई ज्ञान की बात दुश्मन से भी मिले तो उस से भी हाथ जोड़ कर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए !! फिर वो मुझे रोज़ महाभारत की कोई न कोई इस विषय से सम्बंधित रात को सोते समय कहानी सुनाती !! कभी एकलव्य की तो कभी अर्जुन की , कभी कर्ण की तो कभी अभिमन्यु की उन्होंने कैसे और किससे शिक्षा प्राप्त की !! 
                          इसीलिए आज मैं भारत के सभी राजनितिक दलों के नेताओं से ये सादर अपील करना चाहता हूँ की निसंदेह आप सब में बहुत साड़ी खूबियाँ हैं तभी आप देवताओं जैसी जिंदगी व्यतीत कर रहे हो , लेकिन आप श्री मति सोनिया गाँधी के काम करने के तरीके से काफी पीछे हो !!जब से वो राजीव जी से शादी करके भारत में आई हैं तभी से उन्होंने हम जैसे विरोधी लोगों का प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष रूप से विरोध सहा है ....लेकिन कभी बोली कुछ नहीं हैं ...!!
और जब से वो राजनीती में आयीं हैं तबसे उनके काम करने का एक विशेष तरीका है !! उनकी पार्टी के नेता ही नहीं लेकिन दुसरे सारे दलों के नेता उनके काम के आगे फीके पद जाते हैं !! क्यों ...?????क्या किसी ने सोचा ???
                                     मैं एक छोटा सा उद्धरण देता हूँ आपको उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद उन्होंने दुसरे नेताओं के साथ साथ अपने सुपुत्र राहुल गाँधी को चुप रहने को कहा है और जिस अनुशासन से वो सरे नेता इतनी देर तलक चुप बैठे हैं और बैठे रहेंगे ..वो अपने आप में एक मिसाल है ! जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते !! हमारे नेताओं को तो बस बोलने का मौका मिलना चाहिए , चाहे उन्हें हार मिली हो या जीत , ना उन्हें कोई शर्म महसूस होती है  
बस बोलते चले जाते हैं ....बोलते चले जाते हैं क्यों .?
                    क्यों दोस्तों आपका क्या कहना है इस बारे मैं ....जल्दी से हमारे ब्लॉग को ज्वाईन कीजिये आज ही लोग ओं करके अपने अनमोल विचारों से हमें अवगत अवश्य कर्वैयेगा , जिसका नाम है :- " 5थ पिल्लर करप्शन किल्लर " लिंक है :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 


                 तो बोलिए जय श्री राम !! आपका अपना दोस्त !! पीताम्बर दत्त शर्मा , मोबाईल नंबर -- +919414657511.   

Friday, June 22, 2012

" ससुरा भी कभी जँवाई था , बकरा भी कभी कसाई था " !!!!????

" रिश्तों की इज्ज़त करने वाले मित्रो ", लाड भरा नमस्कार स्वीकारें !!
                                वैसे तो भारत में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनसे विश्व आश्चर्य चकित हो कर दांतों तले उंगलियाँ दबा ले जैसे भारतियों का खान - पान , पहनावा , बोल - चाल आदि आदि । लेकिन मैं आपको भारत के एक प्यारे से रिश्ते के बारे में आज बताना चाहता हूँ ! हालाँकि " मुन्नी - एकता कपूर " जी ने मेरे इस रिश्ते की बराबरी वाले रिश्ते पर एक लम्बा सारा नाटक भी बना डाला और उसने भी भारत में एक नया रिकार्ड कायम कर दिया , प्यार से मैं उसे भी आशीर्वचन देता हूँ !!  तो चलिए और ज्यादा आपको इंतजार नहीं करवाता हूँ आपको बता ही देता हूँ , वो रिश्ता है " ससुर व्  जंवाई का और बकरे एवं  कसाई का " !! 
                                      जी हाँ इन दोनों रिश्तों के बारे में जितना कहा और लिखा जाये वो कम ही होगा क्योंकि जब भी ये दोनों एक दुसरे के सामने होते हैं , तभी एक नया वाकया घट जाता है जो की ऐतिहासिक ही होता है !!?? यही एक रिश्ता है जो हर दिन अपनी नयी उचाईयां स्थापित करता है !! क्योंकि ये रोज़ गिरता भी है बिलकुल अपने शेयर - मार्किट की तरह !! इसका भी ग्राफ चाहे नीचे जाए या ऊपर पर इसका क्रेज़ हमेशां कायम रहता है !! दूसरा रिश्ता है , बकरे और कसाई का ये रिश्ता भी सात जन्मों तक अपना हिसाब किताब बारी बारी से बराबर करता है इसी लिए कोई भी बकरा काटने से पहले ज्यादा शोर नहीं करता बस उसी समय जो दर्द होता है उसे ही रोकर बयान करता है !!
                            आप कहेंगे की आज क्या लेकर बैठ गए पीताम्बर जी !! तो मित्रो मैं बिना मतलब के कोई बात नहीं करता हूँ , आज जो भाजपा में माननीय अडवानी जी की हालत है उसे देख करही मुझे उपरोक्त उदहारण याद आ रहे हैं !! और कोई नहीं भाजपा के ही पुराने महामंत्री श्री श्री गोविंदा चार्य जी ने जो सच ब्यान किया है वो माननीय अडवानी जी पर तो लागू होता ही है , लेकिन मज़ा तो इस बात का है की वो मुझे अपने पर भी लागू होता दिखाई दे रहा है ??? 
                              अयोध्या के प्राचीन राम मंदिर के विध्वंस से पहले अडवानी जी को बड़ा ही महत्त्व दिया जाता था !!घटिया भाषा में कान्हें तो एक जंवाई जैसा ??? लेकिन आज देखो तो ..........??? आप सब जानते हो मुझे कुछ ज्यादा लिखने की आवश्यकता नहीं है !!तीस - चालीस साल तक उनका पार्टी ने खूब जूस निकाल कर पिया , अब जब कुछ कार्यकर्त्ता उनके ज्यूस से मोटे - ताज़ा और बलवान बन गए हैं तो अब उनकी किसी को आवश्यकता ही नहीं ??? जिस प्रकार से ज्यूस वाली मशीन के साथ निकले हुए ज्यूस वाला गुद्दा लटक रहा होता है वैसे ही माननीय अडवानी जी और मुझ जैसे कई कार्यकर्त्ता लटक रहे हैं !! मैं भी जब तक पार्टी के आदर्शों को देख कर उसके स्थानीय नेताओं को पार्षद , डायरेक्टर , विधायक , सांसद या मंडल अध्यक्ष या जिलाध्यक्ष बनाता रहा उनका समर्थन करके तो मैं सबको भाता था लेकिन जैसे ही उनके कर्मों को देख कर  मुझ जैसे कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध शुरू किया तो वो सब ऐसे इकठ्ठे हो गए जैसे अन्ना जी के विरुद्ध अपनी भारत सरकार ???
                          लग - भग ऐसा ही हाल सब जगह है !! सच हमेशां कड़वा होता है इसी लिए ज्यादातर लोगों को अच्छा नहीं लगता लेकिन फिर भी मुझ जैसे लोग सत्य के बल पर कुछ भी ताकत नहीं होने के बावजूद उन " बाहुबलियों " से भिड जाते हैं नतीजे की परवाह किये बिना !!आपका क्या विचार है ???
                  आज ही लिखिए हमारे ब्लॉग पर जिसका नाम है " 5थ पिल्लर करप्शन किल्लर " इसे खोलने हेतु रोजाना लाग आन करें और उसपर अपने विचार भी लिखें  -: www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
            आज ही ज्वाईन कीजिये !! 
आपका अपना मित्र , पीताम्बर दत्त शर्मा 


जय श्री राम .....! 
                                    

Thursday, June 21, 2012

" राजनितिक थाली के बेन्गुन " लुढकने को बैचेन..???

" बेन्गुनों की पहचान रखने वाले प्रिय मित्रो ", " भरते और तंदूरी रोटी - रोटी सहित मीठी लस्सी " वाला नमस्कार कबूल फरमाएं !! 
                अब इसमें बेचारे बेन्गुनों का क्या कसूर जो उन पर किसी विद्वान ने कहावत बना दी , गोल तो बहुत सारी  चीजें होती है मसलन कोलकते का रस - गुल्ला , वो तो कब मुंह से पेट के अन्दर चला जाता है की पता ही नहीं चलता । बिलकुल अपने प्रणब दा की तरह ?? चार दिन पहले तक तो कह रहे थे की मैं राष्ट्रपति बनना ही नहीं चाहता , मेरा नाम मत उछालो प्लीज वगेरह वगेरह ??? और अब जोर शोर से दोस्तों और दुश्मनों से समर्थन भी मांग रहे हैं !!? क्योंकि रसगुल्ला पेट में जाने के बाद वापिस नहीं आ सकता बेन्गुन घूम कर वापिस वंही आ सकता है इस लिए कहावत में बेन्गुन लिखा गया है !!
                         जब भी देश में चुनाव होने का समय नज़दीक आता है तब - तब ऐसी प्रकृति के लोग देखना - जांचना और परखना शुरू कर देते हैं की आने वाला कल कौन से दल के पक्ष में जाने वाला है ...बस उसी और जाने को मन ललचाने लगता है !! अगर सामने वाला दल भी स्वागत करता दिखाई देता है तो ऐसे लोग कोई बहाना बनाकर निकल लेते हैं , अगर सामने वाला दल इन लोगों का स्वागत  नहीं करता दिखाई देता तो तो ऐसे " बेन्गुन - लोग " अपना " तीसरा - मोर्चा " बना लेते हैं !! 
                          अब क्योंकि सयाने और अनुभवी तीन - चार बेन्गुनों ने कोंग्रेस नीत यु . पी . ऐ . के साथ अपना " डिब्बा " जोड़ लिया है और उनको आश्वासन भी मिल गया है तो उन्होंने बड़ी चालाकी से " तीसरे - मोर्चे " की सम्भावना को ही कबर खोद के दबा दिया है !! अब तीसरे मोर्चे हेतु वांछित दल ही नहीं बचे हैं तो बेचारे नितीश जी , शरद यादव जी और उनकी सेना को अभी से घबराहट होनी शुरू हो गयी है ! इसी लिए जब देश में राष्ट्रपति चुनावों हेतु कोई उम्मीदवार इनको भाजपा से मिलकर ढूंढना है , वो तो इनको कोई मिल नहीं रहा है , इनको साफ़ दिखाई देने लगा है की सोनिया द्वारा घोषित व्यक्ति ही राष्ट्रपति बनेगा और पूरे पांच साल प्रतिभा पाटिल जी की तरह अपना मुंह बंद करके बैठेगा !! तो इनका हाजमा खराब होने लगा है ?? कंही जाने की फिराक में हैं ये " थाली के बेन्गुन " ?????
                         जनता होशियार - खबरदार !!!! अपने आपको तैयार कर लो आने वाले चुनावों में हम सबने मिलकर ऐसे बैगुनों को और नकली सेकुलरों को ऐसा सबक सिखाना है की इन बे - इमान नेताओं को नानी याद आ जाए चाहे वो किसी भी दल के क्यों ना हो ??? अपने आस - पास कोई नया , अनुभवी , मेहनती और पढालिखा समाजसेवी देखिये और उसे प्रोत्साहित कीजिये और सपोर्ट कीजिये ताकि वो आपका नया विधायक या सांसद चुना जाए !! अपना जाती - धरम , इलाका और पार्टी सब भुलाकर केवल इमानदार व्यक्ति को ही अपना अनमोल वोट देवें तब कंही जाकर हम देश का कोई जुम्मेदार नेता चुन पायेंगे !! इसके साथ - साथ हमें उस समय किसी भी लालच में भी नहीं आना है जैसे पैसा - शराब आदि आदि !! अगर हम इस बार भी इन लोगों के नाटकों में फंस गए तो फिर इसी तरह रोते रहने के सिवाय हमारे पास कोई चारा नहीं बचेगा और ये " राक्षस " हमारा ऐसे ही भक्षण करेंगे !!

                               हमेशां की तरह आप हमारे ब्लॉग और ग्रुप पर विजिट कीजिये जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " और इसे पढने हेतु लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आप चाहें तो इसे ज्वाईन भी कर सकते है !! आपके अनमोल कमेंट्स का स्वगत तो हम हमेशा ही करते है !! ............आपका प्रिय मित्र _- पीताम्बर दत्त शर्मा , जोर से बोलिए जय ...श्री ...राम ...!!   

Wednesday, June 20, 2012

" मोरे सैयां - भये .....डाकू तो , अब चोरी - डकैती कानूनी है " ! ! ? ?

" सैयां " रखने वाले सभी मित्रों को मेरा प्रणाम !! आप कहोगे हमेशा तो प्यार भरा नमस्कार और न जाने कैसे - कैसे नमस्कार करता रहता है आज " प्रणाम " याद आ रहा है, तो मित्रो जो " सैयां को रख सकते हैं वो ताकत वर ही होते हैं चाहे फिर वो स्त्री लिंग हों या पुलिंग !! ऐसे महानुभावों के तो चरण ही स्पर्श करने से जान छूटती है जी नहीं तो इनकी नज़र " वक्र ' हो जाए तो " अल्लाह " भी हाथ जोड़ कर खडा हो जाता है और कहता है की यार अपना घर का मामला खुद ही सुलट  लो , मुझे बीच मैं कंहाँ घसीट रहे हो यार ??? आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी की " मोरे सैयां भये कोतवाल , तो अब डर  काहे का " ! और जिसका सैंयाँ  " डाकू " बन जाए तो चार चाँद लग जाते हैं जी छोटे - मोटे थानेदार तो डाकुओं के चरणों में रोज़ हाजरी लगाते हैं !! है की नहीं ...? अब वो डाकू चाहे पुराने हों या चल - चित्र पान सिंह वाले वाक्यानुसार आजकल के " नेता रुपी मोद्रण डाकू हों ...बेचारे दरोगा जी को तो " हाजरी और प्रबंधन " करना ही पड़ता है न ...????
                        आज मुझे  राजेश खन्ना जी द्वारा अभिनीत एक पुराणी किशोर दा  की गायी एक ग़ज़ल भी याद आ रही है जो आजकल के हालात पर बहुत फिट बैठती है ...." चिंगारी कोई भड़के ...तो सावन बुझाए , सावन जो अगन लगाये उसे कौन बचाए ...??? इसी में आगे गज़लकार लिखते हैं की माझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाए ...?? इसी तरह हमारे " मांझी " तो हमारे " पार्षद , विधायक , सांसद , मंत्री , मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री जी ही हैं कानूनी रूप से तो " लेकिन अंदरूनी तौर पर तो ना जाने कंहाँ  - कंहाँ  के व्यापारी , और वभिन्न भेषों  में छिपे बीते भेड़िये ही तो हैं ????
                       ये जैसा निर्णय करते हैं अपने फायदे हेतु हमारी सरकार भी वैसे ही क़ानून बनाती और मिटाती है ना जाने क्यों .....???? मुझे तो वोभी लूट में हिस्सेदार लगती है और आपको क्या महसूस होता है ...??? पहले वाली सरकारें भी ऐसा करती थीं , लेकिन थोडा छिप कर और कम मात्रा में !! आजकल की सरकार तो सोचती ही नहीं की जनता पर इसका क्या असर हो रहा है !! ऐसा लगता है की हमारे द्वारा चुनी हुई सरकार हमें अपना मालिक ना समझ कर उन ठगों को ही अपना हितेषी समझे बैठी है जो ठग चुनावों में अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद करते है " साम - दाम - दंड और भेद से " ???
                              अभी कल मैं अपनी बेटी सुकृति शर्मा को नोएडा में जी न्यूज़ के कर्यालय में ट्रेनिंग हेतु छोड़ने गया तो रास्ते में जगह - जगह टोल नाके आये जिन पर बैठे करम चारियों ने अपने मालिकों द्वारा निर्धारित राशि हमसे वसूली !! अभी तो चार या पांच ही टोल नाके आये अगर हमारे शहर सूरतगढ़ से देल्ही के रस्ते में आने वाले सभी शहरों के बीच में ऐसे ही टोल - नाके बन गए तो वो रोजाना कितने पैसे ऍम आदमी से लूट लेंगे आप अंदाज़ा लगायेंगे तो ये राशी अरबों में पंहुच जाएगी !! ??? कोल ब्लोक्स आवंटन की तरह ये मुद्दा भी जांच के अधीन आना चाहिए !! 
                                इसी तरह से और बहुत सारी चीज़ें हैं जिनके ऊपर सरकार का कंट्रोल होना आवश्यक है जैसे " पोस्त , तम्बाकू - उत्पादन ,शराब , पानी -बिजली और गैस !! वैसे तो हर वस्तु  के बारे में सरकार को ज्ञान होना आवश्यक  की वो कितने रूपये मैं पैदा हो रही है और कितने रूपये में कँहा जाकर बिक रही है ???? है की नहीं लेकिन ऐसा लगता है हमारी सरकार तो ये निर्णय करती है की हमें इतना हिस्सा दे जाओ और जाकर प्रेम से गर्दन काटो और जितना चाहो उसका खून पियो !! तभी तो मुझे कहना पड़ा की मेरे सैयां यानी हमारी सरकार ही डाकू बन गयी है तो हमें अब लुटने से कौन बचा सकता है !! अभी दो दिन पहले वाले लेख में भी मैंने ज़िक्र किया था की किस प्रकार से हमारी केंद्रीय सरकार ने विदेशी कम्पनियों के कहने पर ही " सराय - क़ानून वापिस लेलिया है जिसमे एक ये भी प्रावधान था की हर भारतीय किसी को भी मुफ्त खाना और पानी खिला - पिला सकते हैं , अब जबकि वो वापिस लेलिया गया ही तो अब कोई भी किसी को मुफ्त में भोजन और पानी नहीं पिला सकते , यानी अब हर आदमी को मोल खरीद कर ही पानी पीना पड़ेगा !! इसी तरह आने वाले समय में ना जाने कितने कानूनों को लुटेरों की मर्ज़ी के मुताबिक ढाला जाएगा ?????
                         हमारे नेता , पत्रकार , अफसर , समाजसेवी और पक्षी - विपक्षी दल जो विदेशी सहायता से पलते हैं सब ना केवल मदद कर रहे हैं बल्कि प्रत्यक्ष - परोक्ष रूप से उनके हिस्से दार भी हैं !! इसलिए हे जनता अब आपको लुटने - पुटने से कोई भी नहीं बचा सकता !! यानी ...राम नाम ....सत्य है .....!! हमेशा की तरह व्यंगात्मक तरीके से लिखी हुईं त्वरित घटनाओं पर आधारित , रचनाएँ पढने हेतु हमारा ये ब्लॉग और ग्रुप ज्वाइन करके पढ़िए , जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " इसे खोलने हेतु लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने विचार भी ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !! जोर से मेरे साथ बोलिए ... धर्म की जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर ...हर .....हर .....महादेव ....!!!!


                 आपका अपना ... पीताम्बर दत्त शर्मा           

Monday, June 18, 2012

" भारतीय संस्कृति की दुश्मन , ये सोनिया - मनमोहनी सरकार "???

" पानी पिलाने वाले मेरे प्रिय मित्रो , सावन सी फुहारों से भरा नमस्कार स्वीकार कीजिये !! पानी पिलाना एक मुहावरा है जिसका अर्थ हम सब जानते हैं की दुश्मन को चित कर देना ! दोस्तों हमारी सरकार ही हमें चित्त करने पर उतारू है वो भी विदेशी कम्पनियों के कहने पर !! ये तो हद ही हो गयी ! की इतनी बड़ी खबर को इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने तो दिखाया ही नहीं क्योंकि उसको तो देश की जनता का ध्यान बंटाने का काम ही करने के पैसे मिलते हैं !!   प्यासे को पानी पिलाना तो भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है उसे किसी कानून के तहत कैसे समाप्त किया जा सकता है ??? लेकिन इस विदेशी हाथों और साँसों से पलने वाली संप्रग सरकार ने वर्षों पुराना " सराय - कानून " समाप्त कर दिया है !! जिसके अन्दर अब ये होगा की कोई भी किसी को मुफ्त में पानी नहीं पिला सकेगा !
                           आप आने वाली परस्थितियों का अंदाज़ा भली - भाँती लगा सकते हैं ! की इस देश में ये सरकार पानी की कमी जान बूझ कर बनाएगी और विदेशी कम्पनियों के मालिक या माफिया के लोग अपने खजाने भरेंगे जिसमे निश्चित रूप से नेताओं का भी हिस्सा होगा !!कब तक सोते रहेंगे हम ! सब बिकाऊ माल हो गया है बस कीमत का अंतर है मित्रो !! इस लिए आप सब से प्रार्थना है की वोट देते समय हमेशा याद रखें ----- कि अबकी बार हम किसी धर्म के नाम पर अपना वोट नहीं देंगे , किसी जाती या इलाके के नाम पर अपना वोट नहीं देंगे यंहा तक की किसी पार्टी के पीछे लग कर भी अपना वोट बेकार नहीं करेंगे !! पैसे और दारु की पेशकश करने वालों की तो जूतों से सेवा करेंगे !हम सब देख रहेंगे की सभी पार्टियों के नेता अपने सांसदों या विधायकों की राय नहीं ले रहा , बल्कि उनको तो भेड़ें समझ रहा है ! बस सोदे - बाज़ी के चक्कर में पड़े हुए हैं !! तो हम ऐसे नेताओं को दोबारा सांसद और विधायक क्यों चुने .............???????????
                    आप ही बताइए मित्रो क्या मैं गलत हूँ ..?? अपने विचार आप अवश्य मेरे ब्लॉग और ग्रुप को ज्वाईन करके लिखें क्योंकि हम आपके विचारों को भी अपनी पुस्तक में प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे !! जिसका नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " और इसे खोलने हेतु लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. जितना हो सके इसे आप अपने मित्रों संग शेयर भी अवश्य करें क्योंकि ये आवाज़ हमने करोड़ों लोगों तक पन्हुचानी है जी !! .....जय श्री राम !! आपका ...पीताम्बर दत्त शर्मा , सम्पर्क 9414657511. 

Sunday, June 17, 2012

" खिलाडी पिंकी " निकला " पिन्का " ?? गयी नौकरी !
 प्यारे मित्रो , नमस्कार !! इस कलयुग में हर रोज़ हैरान कर देने वाली ख़बरें आ ही जाती हैं ! जैसे ही मैंने ये खबर पढ़ी माथा सन्न सा रह गया !! क्या होगा इस देश का ???? समझ ही नहीं आ रहा मुझे तो , आप ही इस समाचार को पढ़ कर मुझे बताइए !! आपको मेरे ब्लॉग और ग्रुप का नाम तो पता ही है ना ...!! " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " इसे खोलने हेतु रोजाना लोग आन करें जी www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
    
शुक्रवार, जून 15, 2012,16:36 [IST]
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कोलकाता से एक चौकाने वाली खबर आई थी। एशियन गेम का स्‍वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाली महिला एथलीट पिंकी प्रमाणिक लिंग परिक्षण के बाद पुरूष निकल गयी। पिंकी के खिलाफ एक महिला ने बलात्‍कार की शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने कहा था कि पिंकी पुरूष है और वह शादी की झासा देकर पिछले कुछ महिनों से बलात्‍कार कर रहा है।
इस शिकायत ने खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। उसके बाद पिंकी का लिंग परिक्षण कराया गया, जिसकी रिपोर्ट में पिंकी का पुरूष होना सामने आया। बलात्‍कार के आरोप में पिंकी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आपको बता दे कि पिंकी सन 2006 के दोहा एशियाई खेलों में 4 गुणा 400 मीटर की रिले दौड़ में स्‍वर्ण पदक जीता था।
मेलबर्न राष्‍ट्रमंडल खेलों में पिंकी ने रजत पदक जीता था। एशियन इनडोर गेम्‍स (2005 में) स्‍वर्ण और सैफ गेम्स (2006) में तीन स्वर्ण पदक जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स (2006) में पिंकी ने रजत पदक जीता था। अभी दो साल पहले पिंकी ने एथलेटिक्‍स से सन्‍यास लिया था। पिंकी का मामला वाकई चौकाने वाला है लेकिन यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे दो मामले सामने आ चुके है।
पहला मामला जब महिला एथलीट के महिला होने पर लगा प्रश्‍नचिन्‍ह
तमिलनाडु की महिला एथलीट सान्‍थी सौंदराजन के महिला होने पर भी प्रश्‍नचिन्‍ह लगा था। इस मामले में सान्‍थी ने आत्‍महत्‍या भी कर ली थी। उसने दोहा में आयोजित 2006 एशियन गेम्‍स की 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। इस रेप का नतीजा आने के बाद उसके लिंग पर सवाल उठ गया।
उसका लिंग परिक्षण करवाया गया, जिसमें आया कि सान्‍थी में एक महिला होने की पूरी विशेषताएं नहीं है। उससे सिल्‍वर मेडल छीन लिया गया, इससे आहत होकर उसने सितंबर 2007 में आत्‍महत्‍या कर ली। सान्‍थी ने 3000 मीटर स्‍टीपलचेज रेस (10:44.65) सेकंड में नेशनल रिकॉर्ड बनाया था।
दूसरा मामला जब महिला एथलीट के महिला होने पर लगा प्रश्‍नचिन्‍ह
दूसरी एथलीट दक्षिण अफ्रीका की कैस्‍टर सेमेन्‍या थी, जिसपर महिला न होने का आरोप लगाया गया था। जिसके कारण विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता गया स्‍वर्ण पदक छिन गया था। उसके ऊपर द्विलिंगी होने का आरोप लगाया गया था। उसके बाद यह विवाद एथलीट एसोसिएशन के सिर का दर्द बनकर रह गया। सेमेन्‍या का भी लिंग परीक्षण कराया गया। काफी उठा-पलट के बाद एथलीट अंतरराष्‍ट्रीय संघ ने सेमेन्‍या को महिला टूर्नामेंट में हिस्‍सा लेने की अनुमति दे दी थी।

Saturday, June 16, 2012

" हंस चुगेगा , दाना तिनका , कौआ मोती खायेगा " ?????

मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!!
                          दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू ग्रंथों से प्रेरित होकर और भविष्य की दिक्कतों से जनता को सावधान करने हेतु एक धार्मिक गीत डाला गया था , क्योंकि उस समय के फिल्मकार अपनी फिल्मों में मनोरंजन के साथ साथ कोई न कोई सन्देश भी दिया करते थे , उस गीत के बोल इस प्रकार से थे की " राम चन्द्र कह गए सिया से , ऐसा कलयुग आएगा , हंस चुगेगा  दाना तिनका ,कौआ मोती खायेगा !! बहुत मशहूर भी हुआ था ये गीत !! हर धार्मिक आयोजन में अवश्य बजाया जाता था - है और बजाया जाता रहेगा !! क्योंकि जैसे - जैसे कलयुग अपनी चरम सीमा पर जाएगा तब - तब इस गीत को बजने की इच्छा " हंस रुपी " इंसानों में ज्यादा जागेगी !! हंस रुपी इंसान का मतलब है की ऐसे पुरुष और महिलायें जो इमानदारी , सामाजिक और धार्मिक नियमानुसार ही अपना जीवन व्यतीत करने में ही अपना सुख देखते हैं !! और जो लोग समय रुपी बहाव के साथ अपने आदर्श तोड़ कर बहते हैं वो .......कौए हैं !!!!
                          पैसा , स्वार्थ और झूठी शान हेतु जो व्यक्ति अपने रिश्तों - नातों को भुलाकर , वाक्चातुर्य से , ब्लात्कार्य से ,या चमचागिरी से उच्च स्थान को प्राप्त करलेगा उसीको ज्यादातर लोग " उत्तम पुरुष या महिला " मानेंगे !! जैसे - जैसे ये कलयुग बढेगा वैसे - वैसे ऐसे लोगों की संख्या बढ़ेगी और अंत मैं सब ......एक जैसे हो जायेंगे जो 5.10.% लोग बचेंगे वो कंही दुबुक कर ही अपना जीवन यापन कर सकेंगे !! आप कहो गे की आज इतना लम्बा भाषण किस ख़ुशी में दिया जा रहा है , तो मित्रो ये कोई प्रवचन नहीं बल्कि शुद्ध राजनितिक ज्ञान है !! पिछले एक सप्ताह से देश में जो राष्ट्रपति चुनावों हेतु संप्रग सरकार ने अपना प्रत्याशी घोषित करने हेतु जो नाटक खेले हैं और फिर उन्ही के असली और नकली सहयोगियों ने जो गीत गाये हैं उसको समझने हेतु जनता को ये ज्ञान जानना आवश्यक है !!
                             अब दूसरी नाटक मण्डली यानी अपना एन.डी .ऐ . दो तीन दिन नाटक करेगा .....?? आखिर में ले देकर वो ही चुना जाएगा ..जिसको अपनी सोनिया जी ने चुना है या चुनवाया गया है ! इस सारे घटनाक्रम से ये भी समझ में आता है की सरदारजी सोनिया जी को ये विश्वास दिलाने में कामयाब हो गए हैं की मैं वो ही करूँगा जो सोनिया जी आप कहेंगी !! कल मेरे को एक दोस्त मिला जो जट - सिख है , ने मुझे बताया की भाई साहिब ये अपना प्रधानमंत्री कोई सरदार नहीं बल्कि " भाप्पा - सिख " है !! मैं यंहां पर आपको ये साफ़ करदूं की भाप्पा सिख का मतलब वो सिख है जो अरोड़ा से सिख बने या पंजाब से बहार के सिख !! अगर ये असली ( जट ) सरदार होता तो इस तरह से सोनिया के तलवे नहीं चाटता बल्कि इसकी अब तक अनख जाग गयी होती !! यानी अपने प्रधान मंत्री जी से ग्रामीण इलाके के सरदार भी दुखी है !! मैंने कहा नहीं सरदार जी उसके आगे तो सभी जातियों के नेता माथा टेकते हैं चाहे वो किसी भी राजनितिक दल से क्यों ना हो ...!! चाहे वो माया हो या मुलायम ,ममता हो या करुना , संगमा हो या पवार सब जय माता की बोलते हैं !! कोई धीरेसे तो कोई जोर से !! कोई पद पाने हेतु तो कोई सी .बी . आई . से अपनी जान छुड़ाने हेतु !!
                           इसीलिए तो जब नाम फाईनल हुआ तो समर्थन देने वालों की भी लायीं सी लग गयी !! प्रणब दा में बहुत सी खूबियाँ है , बेहतर राजनीतिज्ञ और प्रशासक हैं , विद्वान भी हैं लेकिन शेर जब तलक जंगल में रहता है तब तलक ही शेर होता है अगर वो कंही बांध जाए तो कुत्ता हो जाता है और धीरे - धीरे शिकार करना भूल जाता है उसे तो मालिक जितना भोजन डालदे  उतना ही खा पाता है ???? और ज्यादा समय तक बंधराहे तो वो " भीगी - बिल्ली " बन जाता है !! और आज देश में जैसे हालात हैं हमें किसी "कुत्ते या भीगी - बिल्ली " की आवश्यकता नहीं , बल्कि एक ऐसे शेर राष्ट्रपति जी की आवश्यकता है जो सरकार के कान पकड़ के कोई देश हित का निर्णय कर्वासके ????
                          क्योंकि देश की स्थिति आज किसी से छिपी हुई नहीं है चाहे वो अन्दर की हो या बाहर की !!..........क्यों मित्रो , आपका क्या विचार है इस बारे में ...!!????? आपके जो भी विचार हैं वो आप हमारे ब्लॉग और ग्रुप को ज्वाईन करके वंहा जाकर टाईप करें , जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " जिसे खोलने हेतु रोजाना लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
               इस पर जाकर अपने अनमोल विचारों को टाईप करें ताकि हम आपके विचारों को अपनी छपने वाली पुस्तक में प्रकाशित करवा सकें !! इस ब्लॉग और ग्रुप में प्रकाशित सभी लेखों को आप अपने फेस - बुक मित्रो संग शेयर भी कर सकते हैं !! सधन्यवाद !! आपका अपना मित्र : - पीताम्बर दत्त शर्मा !!
          जोर से बोलिए ......धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो !!
                 प्राणियों में सद्भावना हो !!
                   विश्व का कल्याण हो !!
                    हर -- हर -- हर  महादेव .......!!!!!!!!   

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...