" सैयां " रखने वाले सभी मित्रों को मेरा प्रणाम !! आप कहोगे हमेशा तो प्यार भरा नमस्कार और न जाने कैसे - कैसे नमस्कार करता रहता है आज " प्रणाम " याद आ रहा है, तो मित्रो जो " सैयां को रख सकते हैं वो ताकत वर ही होते हैं चाहे फिर वो स्त्री लिंग हों या पुलिंग !! ऐसे महानुभावों के तो चरण ही स्पर्श करने से जान छूटती है जी नहीं तो इनकी नज़र " वक्र ' हो जाए तो " अल्लाह " भी हाथ जोड़ कर खडा हो जाता है और कहता है की यार अपना घर का मामला खुद ही सुलट लो , मुझे बीच मैं कंहाँ घसीट रहे हो यार ??? आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी की " मोरे सैयां भये कोतवाल , तो अब डर काहे का " ! और जिसका सैंयाँ " डाकू " बन जाए तो चार चाँद लग जाते हैं जी छोटे - मोटे थानेदार तो डाकुओं के चरणों में रोज़ हाजरी लगाते हैं !! है की नहीं ...? अब वो डाकू चाहे पुराने हों या चल - चित्र पान सिंह वाले वाक्यानुसार आजकल के " नेता रुपी मोद्रण डाकू हों ...बेचारे दरोगा जी को तो " हाजरी और प्रबंधन " करना ही पड़ता है न ...????
आज मुझे राजेश खन्ना जी द्वारा अभिनीत एक पुराणी किशोर दा की गायी एक ग़ज़ल भी याद आ रही है जो आजकल के हालात पर बहुत फिट बैठती है ...." चिंगारी कोई भड़के ...तो सावन बुझाए , सावन जो अगन लगाये उसे कौन बचाए ...??? इसी में आगे गज़लकार लिखते हैं की माझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाए ...?? इसी तरह हमारे " मांझी " तो हमारे " पार्षद , विधायक , सांसद , मंत्री , मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री जी ही हैं कानूनी रूप से तो " लेकिन अंदरूनी तौर पर तो ना जाने कंहाँ - कंहाँ के व्यापारी , और वभिन्न भेषों में छिपे बीते भेड़िये ही तो हैं ????
ये जैसा निर्णय करते हैं अपने फायदे हेतु हमारी सरकार भी वैसे ही क़ानून बनाती और मिटाती है ना जाने क्यों .....???? मुझे तो वोभी लूट में हिस्सेदार लगती है और आपको क्या महसूस होता है ...??? पहले वाली सरकारें भी ऐसा करती थीं , लेकिन थोडा छिप कर और कम मात्रा में !! आजकल की सरकार तो सोचती ही नहीं की जनता पर इसका क्या असर हो रहा है !! ऐसा लगता है की हमारे द्वारा चुनी हुई सरकार हमें अपना मालिक ना समझ कर उन ठगों को ही अपना हितेषी समझे बैठी है जो ठग चुनावों में अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद करते है " साम - दाम - दंड और भेद से " ???
अभी कल मैं अपनी बेटी सुकृति शर्मा को नोएडा में जी न्यूज़ के कर्यालय में ट्रेनिंग हेतु छोड़ने गया तो रास्ते में जगह - जगह टोल नाके आये जिन पर बैठे करम चारियों ने अपने मालिकों द्वारा निर्धारित राशि हमसे वसूली !! अभी तो चार या पांच ही टोल नाके आये अगर हमारे शहर सूरतगढ़ से देल्ही के रस्ते में आने वाले सभी शहरों के बीच में ऐसे ही टोल - नाके बन गए तो वो रोजाना कितने पैसे ऍम आदमी से लूट लेंगे आप अंदाज़ा लगायेंगे तो ये राशी अरबों में पंहुच जाएगी !! ??? कोल ब्लोक्स आवंटन की तरह ये मुद्दा भी जांच के अधीन आना चाहिए !!
इसी तरह से और बहुत सारी चीज़ें हैं जिनके ऊपर सरकार का कंट्रोल होना आवश्यक है जैसे " पोस्त , तम्बाकू - उत्पादन ,शराब , पानी -बिजली और गैस !! वैसे तो हर वस्तु के बारे में सरकार को ज्ञान होना आवश्यक की वो कितने रूपये मैं पैदा हो रही है और कितने रूपये में कँहा जाकर बिक रही है ???? है की नहीं लेकिन ऐसा लगता है हमारी सरकार तो ये निर्णय करती है की हमें इतना हिस्सा दे जाओ और जाकर प्रेम से गर्दन काटो और जितना चाहो उसका खून पियो !! तभी तो मुझे कहना पड़ा की मेरे सैयां यानी हमारी सरकार ही डाकू बन गयी है तो हमें अब लुटने से कौन बचा सकता है !! अभी दो दिन पहले वाले लेख में भी मैंने ज़िक्र किया था की किस प्रकार से हमारी केंद्रीय सरकार ने विदेशी कम्पनियों के कहने पर ही " सराय - क़ानून वापिस लेलिया है जिसमे एक ये भी प्रावधान था की हर भारतीय किसी को भी मुफ्त खाना और पानी खिला - पिला सकते हैं , अब जबकि वो वापिस लेलिया गया ही तो अब कोई भी किसी को मुफ्त में भोजन और पानी नहीं पिला सकते , यानी अब हर आदमी को मोल खरीद कर ही पानी पीना पड़ेगा !! इसी तरह आने वाले समय में ना जाने कितने कानूनों को लुटेरों की मर्ज़ी के मुताबिक ढाला जाएगा ?????
हमारे नेता , पत्रकार , अफसर , समाजसेवी और पक्षी - विपक्षी दल जो विदेशी सहायता से पलते हैं सब ना केवल मदद कर रहे हैं बल्कि प्रत्यक्ष - परोक्ष रूप से उनके हिस्से दार भी हैं !! इसलिए हे जनता अब आपको लुटने - पुटने से कोई भी नहीं बचा सकता !! यानी ...राम नाम ....सत्य है .....!! हमेशा की तरह व्यंगात्मक तरीके से लिखी हुईं त्वरित घटनाओं पर आधारित , रचनाएँ पढने हेतु हमारा ये ब्लॉग और ग्रुप ज्वाइन करके पढ़िए , जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " इसे खोलने हेतु लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने विचार भी ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !! जोर से मेरे साथ बोलिए ... धर्म की जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर ...हर .....हर .....महादेव ....!!!!
आपका अपना ... पीताम्बर दत्त शर्मा
आज मुझे राजेश खन्ना जी द्वारा अभिनीत एक पुराणी किशोर दा की गायी एक ग़ज़ल भी याद आ रही है जो आजकल के हालात पर बहुत फिट बैठती है ...." चिंगारी कोई भड़के ...तो सावन बुझाए , सावन जो अगन लगाये उसे कौन बचाए ...??? इसी में आगे गज़लकार लिखते हैं की माझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाए ...?? इसी तरह हमारे " मांझी " तो हमारे " पार्षद , विधायक , सांसद , मंत्री , मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री जी ही हैं कानूनी रूप से तो " लेकिन अंदरूनी तौर पर तो ना जाने कंहाँ - कंहाँ के व्यापारी , और वभिन्न भेषों में छिपे बीते भेड़िये ही तो हैं ????
ये जैसा निर्णय करते हैं अपने फायदे हेतु हमारी सरकार भी वैसे ही क़ानून बनाती और मिटाती है ना जाने क्यों .....???? मुझे तो वोभी लूट में हिस्सेदार लगती है और आपको क्या महसूस होता है ...??? पहले वाली सरकारें भी ऐसा करती थीं , लेकिन थोडा छिप कर और कम मात्रा में !! आजकल की सरकार तो सोचती ही नहीं की जनता पर इसका क्या असर हो रहा है !! ऐसा लगता है की हमारे द्वारा चुनी हुई सरकार हमें अपना मालिक ना समझ कर उन ठगों को ही अपना हितेषी समझे बैठी है जो ठग चुनावों में अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद करते है " साम - दाम - दंड और भेद से " ???
अभी कल मैं अपनी बेटी सुकृति शर्मा को नोएडा में जी न्यूज़ के कर्यालय में ट्रेनिंग हेतु छोड़ने गया तो रास्ते में जगह - जगह टोल नाके आये जिन पर बैठे करम चारियों ने अपने मालिकों द्वारा निर्धारित राशि हमसे वसूली !! अभी तो चार या पांच ही टोल नाके आये अगर हमारे शहर सूरतगढ़ से देल्ही के रस्ते में आने वाले सभी शहरों के बीच में ऐसे ही टोल - नाके बन गए तो वो रोजाना कितने पैसे ऍम आदमी से लूट लेंगे आप अंदाज़ा लगायेंगे तो ये राशी अरबों में पंहुच जाएगी !! ??? कोल ब्लोक्स आवंटन की तरह ये मुद्दा भी जांच के अधीन आना चाहिए !!
इसी तरह से और बहुत सारी चीज़ें हैं जिनके ऊपर सरकार का कंट्रोल होना आवश्यक है जैसे " पोस्त , तम्बाकू - उत्पादन ,शराब , पानी -बिजली और गैस !! वैसे तो हर वस्तु के बारे में सरकार को ज्ञान होना आवश्यक की वो कितने रूपये मैं पैदा हो रही है और कितने रूपये में कँहा जाकर बिक रही है ???? है की नहीं लेकिन ऐसा लगता है हमारी सरकार तो ये निर्णय करती है की हमें इतना हिस्सा दे जाओ और जाकर प्रेम से गर्दन काटो और जितना चाहो उसका खून पियो !! तभी तो मुझे कहना पड़ा की मेरे सैयां यानी हमारी सरकार ही डाकू बन गयी है तो हमें अब लुटने से कौन बचा सकता है !! अभी दो दिन पहले वाले लेख में भी मैंने ज़िक्र किया था की किस प्रकार से हमारी केंद्रीय सरकार ने विदेशी कम्पनियों के कहने पर ही " सराय - क़ानून वापिस लेलिया है जिसमे एक ये भी प्रावधान था की हर भारतीय किसी को भी मुफ्त खाना और पानी खिला - पिला सकते हैं , अब जबकि वो वापिस लेलिया गया ही तो अब कोई भी किसी को मुफ्त में भोजन और पानी नहीं पिला सकते , यानी अब हर आदमी को मोल खरीद कर ही पानी पीना पड़ेगा !! इसी तरह आने वाले समय में ना जाने कितने कानूनों को लुटेरों की मर्ज़ी के मुताबिक ढाला जाएगा ?????
हमारे नेता , पत्रकार , अफसर , समाजसेवी और पक्षी - विपक्षी दल जो विदेशी सहायता से पलते हैं सब ना केवल मदद कर रहे हैं बल्कि प्रत्यक्ष - परोक्ष रूप से उनके हिस्से दार भी हैं !! इसलिए हे जनता अब आपको लुटने - पुटने से कोई भी नहीं बचा सकता !! यानी ...राम नाम ....सत्य है .....!! हमेशा की तरह व्यंगात्मक तरीके से लिखी हुईं त्वरित घटनाओं पर आधारित , रचनाएँ पढने हेतु हमारा ये ब्लॉग और ग्रुप ज्वाइन करके पढ़िए , जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " इसे खोलने हेतु लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने विचार भी ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !! जोर से मेरे साथ बोलिए ... धर्म की जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर ...हर .....हर .....महादेव ....!!!!
आपका अपना ... पीताम्बर दत्त शर्मा
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