Saturday, August 15, 2015

"अब निचले स्तरों पर फैले अस्मंजसों को मिटाना और हर पद के कार्य को स्पष्ट करना होगा माननीय मोदी जी " !!

माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी ने आखिर अपना लालकिले से दूसरा भाषण दे ही दिया ! बहुत से लोग आशावादी सोच के साथ प्रतीक्षा कर रहे थे उनके इस भाषण की , उन्हें पूर्ण संतुष्टि भी मिली उनका भाषण सुन कर ! ऐसे लोगों को ये निम्न बातें बहुत पसंद आयीं :- 
1. "टीम इण्डिया" में प्रधानमंत्री जी ने देश के हर नागरिक को ना केवल शामिल किया बल्कि देश की तरक्की में भी सबका योगदान बताया जो सराहनीय बात है !
2. अपने एक वर्ष पहले किये वादे उनको स्पष्ट ना केवल याद थे, बल्कि उन वादों को वो कितना पूरा कर पाये , ये भी बताया ! जो की एक नयी परंपरा है !
3. उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार दूर करने हेतु प्रयास और नए स्त्रोतों से देश की आय बढ़ाना भी उनकी सरकार का एक बड़ा काम है !
4. काले धन , निचले स्तर के लोगों की चिंता ,पूर्वोत्तर राज्यों का विकास ,युवाओं की व्यर्थ इन्टरव्यू बंद करने,सैनिकों को "वन रैंक वन पेंशन"लागू करने का आश्वासन देना , युवाओं को "स्टार्ट-अप" कार्यक्रम के तहत काम करने हेतु लोन देना और किसानों के हित हेतु मंत्रालय  बदलकर ज्यादा कारगर बनाना , ये दर्शाता है कि उनकी नज़र बड़ी बारीकी से सभी समस्याओं को देख रही है ! बस देखना ये है कि कौन सी समस्या पहले और कौन सी बाद में हल होगी और ये कितना समय लेंगी !
                           अब बात करते हैं उनकी जिनका ज़िक्र प्रधानमंत्री जी ने बड़ी ही चतुराई से अपने भाषण में कर दिया ! पहले तो उन्होंने राजीव गांधी जी को निशाना बनाया जो अपने भाषण में " देखेंगे-देखा है" जैसे शब्दों का बड़ा प्रयोग करते थे ! मोदी जी ने कहा की हम करके दिखाते हैं ! दूसरा उन्होंने उन पत्रकारों, विश्लेषकों और एंकरों को अपना निशाना बनाया जो अपने काम  मर्यादा,जिम्मेदारी को भूल कर एक अच्छे काम में भी " मीनमेख "निकालने से बाज़ नहीं आते , जिसकी वजह से देश के दुश्मनों को उनका फायदा पंहुच जाता है !
                              आज के भाषण के बाद भी ऐसे ने पहले तो जाकर पूर्व सैनिकों को भड़काया और फिर उसे अपने चेनेल का समाचार बनाया ! इतना ही नहीं  अपने आपको "निराशावादी"माना भी चाहे हँसते हुए ही ! बिलकुल वैसे ही जैसे कोई ढीठ आदमी जूते खाकर भी हँसता है !अचरज तो तब हुआ कि जब ndtv के रविश कुमार ने यहाँ तलक कह दिया कि प्रधानमंत्री कोम्युनल घटनाओं के बारे में नहीं बोले , जबकि ला एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी तो राज्य सरकारों की होती है ! यानिकि उनकी नज़र में देश के अंदर हो रहे हर बुरे काम हेतु मोदी जी जिम्मेदार हैं और अच्छे कामों हेतु कोई और !इनकी सोच को अब बदला नहीं जा सकता , "उतरी कोरिया जैसा इन्साफ " ही इन लोगों को सुधार सकता है !
                          लेकिन माननीय प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी को "अब निचले स्तरों पर फैले अस्मंजसों को मिटाना और हर पद के कार्य को स्पष्ट करना होगा"!!जैसे किसकी वजह से सब्जियाँ , राशन,कपडे,जूते,दवाइयाँ,बिजली-पानी और मूलभूत वस्तुएं जनता को महँगी मिल रही हैं ?? आखिर किन वजहों से आम आदमी को दफ्तरों के चक्कर काटने और रिश्वत देनी पड़ती है ?? क्यों निर्माता और होलसेलर जब चाहें -जितना चाहें ,अपने उत्पाद का दाम बढ़ा लेते हैं ? इससे सरकार की बदनामी और जनता को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है !
                            आखिरी बात मैं आपको ये  बताना चाहता हूँ प्रधानमंत्री जी कि चाहे पाइवेट काम हो या सरकारी ,लेकिन उसके काम में कोई स्पष्टता नहीं है ! कहीं कोई व्याख्या नहीं है कि किस पद वाले आदमी को क्या करना है !इसलिए हर कोई कार्यालय में बस समय व्यतीत करने आता है !उदाहरण के तौर पर ,प्राइवेट कार्यों में जैसे जनता को "पत्रकार" के काम का नहीं पता, कि वो क्या कर सकता है  नहीं ??वो जब चाहें संवाददाता बन जाते हैं और जब चाहे tv एंकर !! और भी ना जाने क्या क्या ???
                      मोदी जी !! देश की तरक्की में जो भी आड़े आये, चाहे फिर वो कोई राजनितिक दल हो या कोई पत्रकार या विश्लेषक-विशषज्ञ , ये सुधरने वाले नहीं हैं !!पूरे देश में इस प्रजाति के केवल पांच-सात सौ लॉग ही हैं ! इनका तो " सलीके " से ही समझाना होगा ! बाकी आप समझदार हैं !   आइये मित्रो ! आपका स्वागत है !आपके लिए ढेर सारी शुभकामनाएं ! कृपया स्वीकार करें !फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर नामक ब्लॉग में जाएँ ! इसे पढ़िए , अपने मित्रों को भी पढ़ाइये शेयर करके और अपने अनमोल कमेंट्स भी लिखिए इस लिंक पर जाकरwww.pitmberduttsharma.blogspot.com. है !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल आई. डी. ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत ! इस पर लिखे हुए लेख आपको मेरे पेज,ग्रुप्स और फेसबुक पर भी पढ़ने को मिल जायेंगे ! धन्यवाद ! आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा , ( लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511
                   
                                                          

  

Friday, August 14, 2015

नेहरू खानदान के 3 "चिरागों"को सत्ता सौंपने और जापान के हितों हेतु हुआ था भारत का बंटवारा एवं मिली थी "आजादी"!!- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

अपुष्ट सूचनाएं बताती हैं कि राहुल गांन्धी की दादी माँ श्रीमती इंदिरा गांधी जी के पिता श्री जवाहर लाल नेहरू , उम्र उब्दुल्लाह के दादा जनाब शेख अब्दुल्लाह और पाकिस्तान के कायदेआज़म मुहम्मद अली जिन्नाह साहेब तीन भाई थे ! ये सब अंग्रेज़ों के बहुत ज़्यादा "करीब" थे ! वो इनकी "कहा" मानते थे और ये उनका ! यही नहीं साहेब ये उनके घर "आते-जाते" थे और वो सब इनके घर "आते-जाते" थे !बताया तो ये भी जाता है कि जवाहर लाल जी के परदादा एक मुसलमान थे और उन्होंने ही श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी की आखरी जासूसी की थी जिसकी वजह से उनका कत्ल हुआ था ! जिसके बाद इन्हें इलाहाबाद वाला घर तथा ढेर सारा धन देकर और कश्मीरी ब्राह्मण बनाकर बसाया गया !
                                उधर जापान अपने व्यापार को बढ़ाने हेतु भारत व अफगानिस्तान के अंदर से रास्ता बनाना चाहता था !जिसके लिए उसने नेता जी सुभाष चन्द्र बॉस की आजाद हिन्द फौज को सहारा दिया !उन्होंने भी अंग्रेजों को ये देश छोड़ने पर मजबूर किया ! लाला लजपत राय , भगत सिंह,सरोजनी नायडू और ऊधम सिंह जैसे वीरों ने भी उनकी नाक में दम करके रख दिया था !
                            महात्मा गांधी भी एक अमीर वकील थे ! वो साऊथ-अफ्रीका से रंग-भेद के चलते दुत्कार कर निकाल दिए गए थे !जिसका बदला उन्होंने भारत में आकर नेहरू-परिवार से मिलकर अंग्रेजों को भारत से "बड़े प्रेम" से भेजा !इसी प्रेम के कारण ही नेहरू-गांधी की जोड़ी ने पाकिस्तान  बनवाया, जिन्ना को खूब सारा धन भी दिलवाया और वहां का प्रधानमंत्री भी बनवाया !
                           नेहरू जी के दुसरे भाई जनाब शेख-अब्दुल्लाह को जानबूझ कर काश्मीर का मसला बीच में छुड़वाकर वहां का राज सौंपा !अपुष्ट सूचनाएँ तो ये भी बताती हैं की इंदिरा जी नेहरू जी की सगी बेटी नहीं थी , उन्हें मजबूरी में इंदिरा जी को सत्ता में लाना पड़ा !आजादी मिलने से पहले हिन्दुओं को चला गया और आजादी मिलने के बाद भी नेहरू परिवार ने हिन्दुओं को छला ! ये अमीर थे और वामपंथी गरीब लेकिन पढ़े-लिखे थे ,इन्होने ही कॉमरेडों से भारत का इतिहास लिखवाया , देश के तंत्र को अपने अनुकूल बनवाया !बदले में कोंग्रेसियों ने कॉमरेडों को पैसे मिलने वाले स्थानों पर बिठा दिया !इस तरह 50 साल तक इनकी "खिचड़ी"पकती" रही ! शोर मचाते रहे "सेकुलर-कोम्युनल" का !
                        जैसे-जैसे दुसरे नेताओं को इनके भेद पता चले वैसे-वैसे वो क्षेत्रीय पार्टियां बनाकर इनसे अपना "हिस्सा" लेने लगे ! अब हाल ये हो गया है कि सभी दलों के बड़े राजनेता एक दुसरे के भेदों को जानते हैं और उसी के बलपर समय-समय पर एक दुसरे को ब्लैकमेल करते रहते हैं ! आम जनता को कुछ और कारण बताते हैं ! 
                          आजकल फिर एक "जनता-परिवार"बन रहा है ! मीटिंग हो रही हैं , हिस्से फिक्स किये जा रहे हैं ! बिहार में 125 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी को महज़ 40 सीटें दी हैं मुलायम-लालू और नीतीश कुमार जी ने !आज कांग्रेस इतने में ही खुश है ! उधर भाजपा में 100 - 150 ऐसे लोग हैं जिन पर भरोसा किया जा सकता है की वो मोदी जी के नेतृत्व में देश को आगे लेकर जाएंगे और आजादी का सही फायदा भारत की आम जनता को पंहुचाएँगे !आप सबको आजादी मुबारक !
           

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Wednesday, August 12, 2015

"परायी शिक्षा-पद्धिति,क़ानून,लोक-तंत्र-व्यवस्था,और वैज्ञानिक-खोजों के सहारे आगे बढ़ता ,हमारा ये देश- प्यारा-भारत"!! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

प्यारे देश वासियो ! क्या था हमारा भारत देश , और आज क्या हो गया है ? इसे इस स्थिति तक लाने में हम सब का कुछ न कुछ सहयोग अवश्य रहा है !इसे बर्बाद करने में हमारी "कम" भूमिका इस लिए नहीं है कि हम इसे ज्यादा बर्बाद करना नहीं चाहते थे ! बल्कि हम इसे कम बर्बाद इसलिए कर पाये , क्योंकि "ज्यादा हुनरमन्द"लोगों ने हमें ये पवित्र काम करने का मौका ही नहीं दिया ! अगर हमें ये "सुअवसर" मिल जाता , तो आज हमारा भी नाम किसी सड़क,स्टेडियम,योजना और संसद की कार्यवाही में लिखा हुआ होता !
                               पहले अगर कोई बुरा काम करता था तो पता नहीं चलता था !क्योंकि उस समय बुराईयाँ और सम्पर्क साधन बहुत कम उपलब्ध थे !लेकिन आज कल तो कोई कितना भी छिपाकर कर कैसा भी घोटाला करे , वो तुरंत बाहर आ जाता है !आज के लोकतंत्र का पाँचवाँ खम्भा यानी "सोशियल-मीडिया" एक ऐसा माध्यम है जिसने देश के चौथे खम्भे की भी नींद हराम कर रख्खी है ! उनका धंधा तो दो ही बातों पर चलता था ! पहली तो ये कि इतने पैसे दे दे नहीं तो, देखले !! तेरी फलानी खबर छाप दूंगा या टीवी पर चला दूंगा !और दूसरी ये कि मेरा वो काम करदे नहीं तो तेरी ये खबर दबा दूंगा !
                         मतलब ये कि देश-हित और देश-भक्ति की भावनाएं अगर किसी में हों तो वो आज के समय में बावरा ही कहलाता है ! हम जो भी काम करते हैं उसमें ही ईमानदारी ले आएं तो देश और देशवासी तर जाएँ ! लेकिन हम तो कोई ना कोई नया तरीका बईमानी करने का निकाल ही लेते हैं !! मास्टर,पत्रकार,ठेकेदार,व्यापारी,कर्मचारी,धर्मचारी,समाजसेवी और नेता में से बड़ा चोर-बेईमान कौन है फैसला तो सिर्फ इस बात का करना है हमको ! लेकिन जज किसको बनायें ?? वो भी तो कुछ-कुछ दागी पाये गए हैं !???
                          संसद का मानसून सत्र ऐसे ही देशभक्तों के कारण वर्षा में बह गया ! आखरी दो दिन में कितनी प्रासंगिक बहस और कितने विधेयक पास हो पाते हैं , ये देखेंगे " हम-लोग" !! भविष्य सिर्फ युवाओं के हाथ में ही सुरक्षित है जो अपनी संस्कृति  अनुसार अपने कायदे क़ानून बना पाएंगे ! आंबेडकर साहिब के बनाये संविधान को तो हमलोग कब का बेचकर खा गए ! आज का क़ानून और व्यवस्था 1947 के मूल्यों पर कहीं खरा नहीं उतरता !जरूरत है आमूल-चूल परिवर्तन की और हमारे नेता संशोधन करते नज़र आते हैं !सारा कुछ इन नेताओं ने अपने अनुरूप ढाल लिया है !और फिर 15 अगस्त को हमारे प्रधानमंत्री जी, जो कि सरदार मनमोहन सिंह जी के "मौन-फार्मूले" से बड़े प्रभावित दिखते हैं आजकल ! उस दिन क्या बोलेंगे ! देखेंगे !और हम सब उन्हें सुनकर "धन्य" हो जायेंगे ! सब मिलकर बोलेंगे "जय-हिन्द" !!
                               मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
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Sunday, August 9, 2015

"इस घोर-कलयुग की माया का मज़ा लीजिये " हज़ूर !! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511.

सेक्स,धोखा,छलावा,भ्रष्टाचार,और ड्रामेबाज़ी आज हमें क्यों परेशान कर रही है ?? नेताओं के ड्रामे आप से देखे नहीं जा रहे ??आप सोच-सोच के परेशान हुए जा रहे हैं कि ये क्यों हो रहा है ?? क्योंकि ये तो होना ही था !! जी क्या कहा  ?? आपको विश्वास नहीं हो रहा ! आइये मैं आपको बताता हूँ हमारे सनातन धर्म के ग्रंथों में ये पहले से ही लिखा हुआ है ! यहां तक कि गोपी फिल्म में दलीप कुमार साहिब पर एक गाना भी फिल्माया जा चुका है कि राम चन्द्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा , हंस चुगेगा दाना - तिनका, कौआ मोती खायेगा !! सच पढ़िए !
कलियुग पारम्परिक भारत का चौथा युग है।
आर्यभट के अनुसार महाभारत युद्ध ३१३७ ईपू में हुआ। कलियुग का आरम्भ कृष्ण के इस युद्ध के ३५ वर्ष पश्चात निधन पर हुआ।भागवत पुराण  के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के इस पृथ्वी से प्रस्थान के तुंरत बाद 3102 ईसा पूर्व से कलि युग आरम्भ हो गया |

                                  कलियुग का आगमन

धर्मराज युधिष्ठिरभीमसेनअर्जुननकुल और सहदेव पाँचों पाण्डव महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये। राजा परीक्षित धर्म के अनुसार तथा ब्राह्नणों की आज्ञानुसार शासन करने लगे। उत्तर नरेश की पुत्री इरावती के साथ उन्होंने अपना विवाह किया और उस उत्तम पत्नी से उनके चार पुत्र उत्पन्न हुये। आचार्य कृप को गुरु बना कर उन्होंने जाह्नवी के तट पर तीन अश्वमेघ यज्ञ किये। उन यज्ञों में अनन्त धन राशि ब्रह्मणों को दान में दी और दिग्विजय हेतु निकल गये।
उन्हीं दिनों धर्म ने बैल का रूप बना कर गौरूपिणी पृथ्वी से सरस्वती तट पर भेंट किया। गौरूपिणी पृथ्वी की नेत्रों से अश्रु बह रहे थे और वह श्रीहीन सी प्रतीत हो रही थी। धर्म ने पृथ्वी से पूछा - "हे देवि! तुम्हारा मुख मलिन क्यों हो रहा है? किस बात की तुम्हें चिन्ता है? कहीं तुम मेरी चिन्ता तो नहीं कर रही हो कि अब मेरा केवल एक पैर ही रह गया है या फिर तुम्हें इस बात की चिन्ता है कि अब तुम पर शूद्र राज्य करेंगे?"
पृथ्वी बोली - "हे धर्म! तुम सर्वज्ञ होकर भी मुझ से मेरे दुःख का कारण पूछते हो! सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, सन्तोष, त्याग, शम, दम, तप, सरलता, क्षमता, शास्त्र विचार, उपरति, तितिक्षा, ज्ञान, वैराग्य, शौर्य, तेज, ऐश्वर्य, बल, स्मृति, कान्ति, कौशल, स्वतन्त्रता, निर्भीकता, कोमलता, धैर्य, साहस, शील, विनय, सौभाग्य, उत्साह, गम्भीरता, कीर्ति, आस्तिकता, स्थिरता, गौरव, अहंकारहीनता आदि गुणों से युक्त भगवान श्रीकृष्ण के स्वधाम गमन के कारण घोर कलियुग मेरे ऊपर आ गया है। मुझे तुम्हारे साथ ही साथ देव, पितृगण, ऋषि, साधु, सन्यासी आदि सभी के लिये महान शोक है। भगवान श्रीकृष्ण के जिन चरणों की सेवा लक्ष्मी जी करती हैं उनमें कमल, वज्र, अंकुश, ध्वजा आदि के चिह्न विराजमान हैं और वे ही चरण मुझ पर पड़ते थे जिससे मैं सौभाग्यवती थी। अब मेरा सौभाग्य समाप्त हो गया है।"
जब धर्म और पृथ्वी ये बातें कर ही रहे थे कि मुकुटधारी शूद्र के रूप में कलियुग वहाँ आया और उन दोनों को मारने लगा।
अरे दुष्ट कलिकाल तू, देता दुःख महान।
पाण्डु पौत्र मारन चले, ले करमें धनुवान॥
राजा परीक्षित दिग्विजय करते हुये वहीं पर से गुजर रहे थे। उन्होंने मुकुटधारी शूद्र को हाथ में डण्डा लिये एक गाय और एक बैल को बुरी तरह पीटते देखा। वह बैल अत्यन्त सुन्दर था, उसका श्वेत रंग था और केवल एक पैर था। गाय भी कामधेनु के समान सुन्दर थी। दोनों ही भयभीत हो कर काँप रहे थे। महाराज परीक्षित अपने धनुषवाण को चढ़ाकर मेघ के समान गम्भीर वाणी में ललकारे - "रे दुष्ट! पापी! नराधम! तू कौन है? इन निरीह गाय तथा बैल क्यों सता रहा है? तू महान अपराधी है। तेरे अपराध का उचित दण्ड तेरा वध ही है।" उनके इन वचनों को सुन कर कलियुग भय से काँपने लगा।
महाराज ने बैल से पूछा कि हे बैल तुम्हारे तीन पैर कैस टूटे गये हैं। तुम बैल हो या कोई देवता हो। हे धेनुपुत्र! तुम निर्भीकतापूर्वक अपना अपना वृतान्त मुझे बताओ। हे गौमाता! अब तुम भयमुक्त हो जाओ। मैं दुष्टों को दण्ड देता हूँ। किस दुष्ट ने मेरे राज्य में घोर पाप कर के पाण्डवों की पवित्र कीर्ति में यह कलंक लगाया है? चाहे वह पापी साक्षात् देवता ही क्यों न हो मैं उसके भी हाथ काट दूँगा। तब धर्म बोला - "हे महाराज! आपने भगवान श्रीकृष्ण के परमभक्त पाण्डवों के कुल में जन्म लिया है अतः ये वचन आप ही के योग्य हैं। हे राजन्! हम यह नहीं जानते कि संसार के जीवों को कौन क्लेश देता है। शास्त्रों में भी इसका निरूपण अनेक प्रकार से किया गया है। जो द्वैत को नहीं मानता वह दुःख का कारण अपने आप को ही स्वीकार करता हैं। कोई प्रारब्ध को ही दुःख का कारण मानता है और कोई कर्म को ही दुःख का निमित्त समझता है। कतिपय विद्वान स्वभाव को और कतिपय ईश्वर को भी दुःख का कारण मानते हैं। अतः हे राजन्! अब आप ही निश्चित कीजिये कि दुःख का कारण कौन है।"
सम्राट परीक्षित उस बैल के वचनों को सुन कर बोले - "हे वृषभ! आप अवश्य ही बैल के रूप में धर्म हैं और यह गौरूपिणी पृथ्वी माता है। आप धर्म के मर्म को भली-भाँति जानते हैं। आप किसी की चुगली नहीं कर सकते इसीलिये आप दुःख देने वाले का नाम नहीं बता रहे हैं। हे धर्म! सतयुग में आपके तप, पवित्रता, दया और सत्य चार चरण थे। त्रेता में तीन चरण रह गये, द्वापर में दो ही रह गये और अब इस दुष्ट कलियुग के कारण आपका एक ही चरण रह गया है। यह अधर्मरूपी कलियुग अपने असत्य से उस चरण को भी नष्ट करने का प्रयत्न कर रहा है। भगवान श्रीकृष्णचन्द्र के स्वधाम गमन से दुष्ट पापी शूद्र राजा लोग इस गौरूपिणी पृथ्वी को भोगेंगे इसी कारण से यह माता भी दुःखी हैं।"
इतना कह कर राजा परीक्षीत ने उस पापी शूद्र राजवेषधारी कलियुग को मारने के लिये अपनी तीक्ष्ण धार वाली तलवार निकाली। कलियुग ने भयभीत होकर अपने राजसी वेष को उतार कर राजा परीक्षित के चरणों में गिर गया और त्राहि-त्राहि कहने लगा। राजा परीक्षित बड़े शरणागत वत्सल थे, उनहोंने शरण में आये हुये कलियुग को मारना उचित न समझा और कलियुग से कहा - "हे कलियुग! तू मेरे शरण में आ गया है इसलिये मैंने तुझे प्राणदान दिया। किन्तु अधर्म, पाप, झूठ, चोरी, कपट, दरिद्रता आदि अनेक उपद्रवों का मूल कारण केवल तू ही है। अतः तू मेरे राज्य से तुरन्त निकल जा और लौट कर फिर कभी मत आना।"
राजा परीक्षित के इन वचनों को सुन कर कलियुग ने कातर वाणी में कहा - "हे राजन्! आपका राज्य तो सम्पूर्ण पृथ्वी पर है, आपके राज्य से बाहर ऐसा कोई भी स्थान नहीं है जहाँ पर कि मैं निवास कर सकूँ। हे भूपति! आप बड़े दयालु हैं, आपने मुझे शरण दिया है। अब दया करके मेरे निवास का भी कुछ न कुछ प्रबन्ध आपको करना ही होगा।"
कलियुग इस तरह कहने पर राजा परीक्षित सोच में पड़ गये। फिर विचार कर के उन्होंने कहा - "हे कलियुग! द्यूत, मद्यपान, परस्त्रीगमन और हिंसा इन चार स्थानों में असत्य, मद, काम और क्रोध का निवास होता है। इन चार स्थानों में निवास करने की मैं तुझे छूट देता हूँ।" इस पर कलियुग बोला - "हे उत्तरानन्दन! ये चार स्थान मेरे निवास के लिये अपर्याप्त हैं। दया करके कोई और भी स्थान मुझे दीजिये।" कलियुग के इस प्रकार माँगने पर राजा परीक्षित ने उसे पाँचवा स्थान 'स्वर्ण' दिया।
कलियुग इन स्थानों के मिल जाने से प्रत्यक्षतः तो वहाँ से चला गया किन्तु कुछ दूर जाने के बाद अदृष्य रूप में वापस आकर राजा परीक्षित के स्वर्ण मुकुट में निवास करने लगा।
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Friday, August 7, 2015

हम अपने "गुरु"जी को कितना जानते-पहचानते हैं और क्या हम उनका "कहा"मानते भी हैं ?? - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511 .

मित्रो !! आजकल टीवी चैनलों में तथाकथित "गुरुओं" के बारे में बहुत कुछ दिखाया, समझाया और बताया जा रहा है ! उनके गवाह भी पता नहीं कहाँ -कहाँ से आकर , अपना "ज्ञान" दिखा,सुना और बोलकर बता जाते हैं ?? वैसे तो सनातन धर्म "गुरुओं,देवताओं,देवियों और राक्षसों" से भरा पड़ा है ! जितने चाहो -जैसे चाहो वैसे ही गुरु और भगवान आपको और हमको मिल जाएंगे ! लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों हमें "वर्तमान"में जन्मे गुरु की "सेवा" करने की बड़ी ही इच्छा रहती है !??
                     मैं बदनाम हुए या जेल में पंहुच चुके "गुरुओं"की महिमा का बखान या कोई बुराई , अपने इस लेख में करके अपनी "T.R.P."नहीं बढ़ाना चाहता हूँ ! मैं तो सिर्फ ये कहना चाहता हूँ कि इन जैसों की आवश्यकता ही क्यों महसूस होती है ! आप सब अपने अंतर्मन में झाँक कर स्वयं ही इसका उत्तर मुझे और अपने आप को बताएं जी ! मैं तो अपने अंतर्मन की बात आपसे साँझा कर सकता हूँ !जो ये है -:
                         मैं एक ब्राह्मण परिवार में जन्मा व्यक्ति हूँ !मेरे माता-पिता ने सनातन धर्म का प्रचार करने का काम भी किया है ! इस कारण से मुझे  बताया गया है कि हर इंसान का पहला गुरु उसकी माता , दूसरा गुरु उसका पिता, तीसरा गुरु उसका शिक्षक होता है ! उसके बाद जो कोई जितनी "कलाओं" में निपुण होना चाहे उसे उतने ही गुरुओं की आवश्यकता पड़ती है ! इसी तरह से शायद सबका जीवन चलता है !
                               आगे चल कर जब उसे स्वर्ग जाने और नरक में ना जाने की चिंता सताने लगती है अपने कर्मों के कारण , तो वो परमात्मा से मिलने हेतु किसी धार्मिक गुरु की तलाश करता है ! जिस के लिए वो जिस घर में जन्मा है, उसी घर वालों के धर्म का ही गुरु तलाशना "आसान समझता है !बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो जन्मे तो किसी धर्म वाले घर में और शिष्य बनें किसी और धर्म के गुरु का ! हाँ !! लालच और बहलाकर अवश्य ऐसे लोगों की संख्या अवश्य बढ़ायी जा सकती है !
                            हमारे सनातन धर्म में तो स्पष्ट लिखा गया है कि " गुरु और शिष्य , दोनों एक दुसरे को ठोक-बजाकर  ही अपनाएं " !! फिर भी ई कलयुग में ना जाने कैसे कैसे चेले और गुरुओं से पाला पड़ जाता है जी !! भगवान ही बचाये इन "करामाती-खुराफाती"गुरुओं और उनसे भी खतरनाक उनके चेलों से ! भैया !वैसे ये भी देखने में आया है कि होशियार "चेले"तो गुरु को धत्ता बताकर अपनी नयी "दूकान" खोल लेते हैं !नए नियम बना देते हैं  दूसरों को भी उसके ही बनाये नियमों पर चलने हेतु मजबूर कर देते हैं !
                     "राधा-स्वामी,निरंकारी और सच्चा-सौदा "जैसे आधुनिक पन्थों में लिखी अच्छी बातों को तो छोड़िये जी !ऐसे लोग तो वेद,शास्त्र,रामायण,गीताऔरश्री गुरु ग्रन्थ साहेब की सच्ची बानी का कहा भी नहीं मानते ! अपने ही बनाये नियमों का महत्व बताते हैं ! ऐसे लोगों ने तो सीधे नरकों में ही जाना है ना जी ! ऐसे लोगों को कौन बचा सकता है ??इसलिए आज हम एकांत में बैठकर सोचें , और जानने की कोशिश करें कि हम अपने "गुरु"जी को कितना जानते-पहचानते हैं और क्या हम उनका "कहा"मानते भी हैं ?? नहीं मानते तो मानना शुरू करो जी !! आज से ही !

                                





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आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत ! इस पर लिखे हुए लेख आपको मेरे पेज,ग्रुप्स और फेसबुक पर भी पढ़ने को मिल जायेंगे ! धन्यवाद ! आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा , ( लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

Wednesday, August 5, 2015

" कासिम हो या उस्मानुल्लाह "है तो पाकिस्तान का ठुल्ला !! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

आज गांदरबल के पास हाइवे पर पाकिस्तान से आये हुए 2 आतंकवादियों ने पहले तो सेना के वाहन पर आक्रमण कर दिया , जिसमे 2 जवान शहीद हो गए और एक आतंकवादी भी मारा गया ! दूसरा उग्रवादी जंगलों की तरफ भाग निकला ! आगे चल कर उसने दो युवाओं को रास्ता जानने हेतु बंधक बना लिया !
                              चलते-चलते मौका पाकर , खाना खिलाने के बहाने से उन दो बंधकों ने हौसला करके उस आतंकवादी को काबू में कर लिया ! पोलिस भी उनको ढूंढती हुई उधर ही आ गयी तो उसे ज़िंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल हुई ! जो कि एक बहुत बड़ी बात है !अब पाकिस्तान का "भांडा"फूट जाएगा और दुनिया के सामने असलियत बाहर आ जायेगी !
                              एक तरफ तो मोदी  को बाहर के दुश्मनों से लड़ना पड़ रहा है और दूसरी तरफ देश के अन्दर बैठे वामपंथी विचारधारा यानिकि धरना,प्रदर्शन,जलसे,जलूस से तोड़-फोड़ करने वाले , बिकाऊ मीडिया और भ्रष्ट नेताओं-पार्टियों की घृणित चालों से स्वयं को और अपने सहयोगियों को भी बचाना पड़ता है !अब मौजूदा संसद सत्र को ही देख लीजिये ! कांग्रेस कुटिल योजनाएं बनाकर मोदी सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर अनाप-शनाप आरोप लगाकर उनके स्तीफे मांग रही है और उनके सहयोगी चेनेल वाले एंकर व पत्रकार इन मामूली आरोपों को U.P.A.सरकार के हज़ारों -करोड़ के घोटालों के बराबर करने पर उतारू हैं ! जनता को बेवकूफ समझा जा रहा है !
                             लेकिन मोदी जी ! आप बेफिक्र होकर काम कीजिये ! आपको भारत की जनता का आशीर्वाद मिला हुआ है !उसे आज भी आप पर पूरा भरोसा है !जिस तरह से आपने नागालैंड की समस्या का समाधान किया है ! आप प्रशंसा के पात्र हैं ! पूरा विश्व आपकी योग्यता की कद्र करता है ! आप तो पाकिस्तान को भी मुंह-तोड़ जवाब देने की कोई पुख्ता योजना बनाओ जी !इस उग्रवादी को जिन युवाओं ने हौसला करके पकड़ने में पोलिस की मदद करी है उनको भी उचित इनाम दिया जाना चाहिए !
                             हालांकि भाजपा के दुसरे नेता आप जितने जज़्बे से भरे हुए नहीं है , लेकिन फिर भी जनता आने वाले 5 सालों में आपके कार्यों को देखेगी , समझेगी और फिर निर्णय करेगी कि आपको आगे 5 साल और काम करने का अवसर दिया जाए या नहीं !निचले स्तर पर भाजपा संगठन को बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है !क्योंकि छोटे नेताओं जीवन मूल्यों से भरा नहीं है ! वो अपने कर्तव्यों को भी नहीं पहचान रहे !
                       " कासिम हो या उस्मानुल्लाह "है तो पाकिस्तान का ठुल्ला !! जल्दी जांच करके जल्दी इसका फैसला कराओ !दिवाली आने तक दिवाली मनवा ही दो जी आप तो !
                       

  मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

    

Monday, August 3, 2015

"मैडम सुमित्रा महाजन ने अपनी क्लास (संसद) से बाहर किये 25 शरारती बच्चे (सांसद)"!! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

"संयम - धैर्य"की परीक्षा ले रहा विपक्ष संसद में आज उस वक़्त अचंभित रह गया ,जब लोकसभा की अध्यक्षा श्रीमती सुमित्रा महाजन जी को कोंग्रेसी सांसदों के हुड़दंग ने उनके "नाक तक पानी"कर दिया ! कभी संसद की वेल में आ जाना शोर मचाते हुए ! तो कभी पोस्टर दिखाना पिछले 10 दिनों से लगातार जारी था !
                        मैडम सोनिया जी और युवराज राहुल गांधी ने अपने सांसदों को समझा रख्खा था कि "मोदी सरकार को कोई काम नहीं करने देना है "!! उसी का नतीजा था कि बार-बार सर्वदलीय बैठकें बुलाये जाने , हर विषय पर चर्चा का आश्वासन देने के बाद भी उनके कानों तक जूँ तक नहीं रेंगी !मजबूरन ये कार्यवाही लोकसभा अध्यक्षा जी को करनी ही पड़ी !
                        अब ये चतुर सुजान ये शोर मचाएंगे कि विरोध करने की परम्परा तो पुरानी है जी , मैडम को " थोड़ा " सबर करना चाहिए था ! भाजपा भी विरोध करती थी और स्वयं सुमित्रा महाजन जी भी !तो हमें इतनी बड़ी सज़ा क्यों ? सच ये है कि कांग्रेस के हर काम में एक विशेष प्रकार की "कुटिलता"भरी होती है ! जो अब जनता को भली-भाँती समझ आने लगी है ! इसी का नतीजा ये है कि जहां-जहां राहुल और सोनिया जी वोट मांगने जाएंगे वहां-वहाँ उनकी पार्टी हारेगी ! उनकी स्वयं की जीत तो दुसरे दलों के "लिहाज़" के कारण होती है !
                       अब देखना ये है कि क्या इस छोटी सी सज़ा से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कोई सबक सीखेगा या फिर देश को "पीछे" लेजाने की कार्यवाहियां इन देश-द्रोही राजनितिक दलों द्वारा जारी रख्खी जाएंगी ??मुझे नहीं लगता कि इस घटना से कांग्रेस के "उदंडी"सांसदों के व्यवहार में कोई अंतर आएगा !क्योंकि इनके पुराने सांसदों का भी कोई विशेष योगदान नहीं है संसदीय इतिहास में , बस !! सिफारशों से ही ईनाम पाये हुए हैं !
                          अरे यारो !! बहस करो !! प्रभावित करो !! और फिर किसी नतीजे पर पंहुचो ! क्या नाटक लगा रख्खा है ! बेशर्मो !! अफ़सोस है तुम जैसे नेताओं पर  !! " आक-थू !! इन हरामजादों को कोई नहीं समझा सकता !सिवाए मोदी जी के !! कब है 15 अगस्त ?? कब है 15 अगस्त " ??

                             मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...