Wednesday, August 12, 2015

"परायी शिक्षा-पद्धिति,क़ानून,लोक-तंत्र-व्यवस्था,और वैज्ञानिक-खोजों के सहारे आगे बढ़ता ,हमारा ये देश- प्यारा-भारत"!! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

प्यारे देश वासियो ! क्या था हमारा भारत देश , और आज क्या हो गया है ? इसे इस स्थिति तक लाने में हम सब का कुछ न कुछ सहयोग अवश्य रहा है !इसे बर्बाद करने में हमारी "कम" भूमिका इस लिए नहीं है कि हम इसे ज्यादा बर्बाद करना नहीं चाहते थे ! बल्कि हम इसे कम बर्बाद इसलिए कर पाये , क्योंकि "ज्यादा हुनरमन्द"लोगों ने हमें ये पवित्र काम करने का मौका ही नहीं दिया ! अगर हमें ये "सुअवसर" मिल जाता , तो आज हमारा भी नाम किसी सड़क,स्टेडियम,योजना और संसद की कार्यवाही में लिखा हुआ होता !
                               पहले अगर कोई बुरा काम करता था तो पता नहीं चलता था !क्योंकि उस समय बुराईयाँ और सम्पर्क साधन बहुत कम उपलब्ध थे !लेकिन आज कल तो कोई कितना भी छिपाकर कर कैसा भी घोटाला करे , वो तुरंत बाहर आ जाता है !आज के लोकतंत्र का पाँचवाँ खम्भा यानी "सोशियल-मीडिया" एक ऐसा माध्यम है जिसने देश के चौथे खम्भे की भी नींद हराम कर रख्खी है ! उनका धंधा तो दो ही बातों पर चलता था ! पहली तो ये कि इतने पैसे दे दे नहीं तो, देखले !! तेरी फलानी खबर छाप दूंगा या टीवी पर चला दूंगा !और दूसरी ये कि मेरा वो काम करदे नहीं तो तेरी ये खबर दबा दूंगा !
                         मतलब ये कि देश-हित और देश-भक्ति की भावनाएं अगर किसी में हों तो वो आज के समय में बावरा ही कहलाता है ! हम जो भी काम करते हैं उसमें ही ईमानदारी ले आएं तो देश और देशवासी तर जाएँ ! लेकिन हम तो कोई ना कोई नया तरीका बईमानी करने का निकाल ही लेते हैं !! मास्टर,पत्रकार,ठेकेदार,व्यापारी,कर्मचारी,धर्मचारी,समाजसेवी और नेता में से बड़ा चोर-बेईमान कौन है फैसला तो सिर्फ इस बात का करना है हमको ! लेकिन जज किसको बनायें ?? वो भी तो कुछ-कुछ दागी पाये गए हैं !???
                          संसद का मानसून सत्र ऐसे ही देशभक्तों के कारण वर्षा में बह गया ! आखरी दो दिन में कितनी प्रासंगिक बहस और कितने विधेयक पास हो पाते हैं , ये देखेंगे " हम-लोग" !! भविष्य सिर्फ युवाओं के हाथ में ही सुरक्षित है जो अपनी संस्कृति  अनुसार अपने कायदे क़ानून बना पाएंगे ! आंबेडकर साहिब के बनाये संविधान को तो हमलोग कब का बेचकर खा गए ! आज का क़ानून और व्यवस्था 1947 के मूल्यों पर कहीं खरा नहीं उतरता !जरूरत है आमूल-चूल परिवर्तन की और हमारे नेता संशोधन करते नज़र आते हैं !सारा कुछ इन नेताओं ने अपने अनुरूप ढाल लिया है !और फिर 15 अगस्त को हमारे प्रधानमंत्री जी, जो कि सरदार मनमोहन सिंह जी के "मौन-फार्मूले" से बड़े प्रभावित दिखते हैं आजकल ! उस दिन क्या बोलेंगे ! देखेंगे !और हम सब उन्हें सुनकर "धन्य" हो जायेंगे ! सब मिलकर बोलेंगे "जय-हिन्द" !!
                               मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

                                                                     



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