नमस्ते इंडिया,और संसार के बढ़िया दोस्तों, !! कहावत है की "एक तो करेला ,ऊपर से नीम चढ़ा" |भारत में सब्जियां पहले मुफ्त मिलती थीं, फिर वस्तुओं का आदान-प्रदान शुरू हुआ |आजकल रुपयों से मिलती है,ये सारी प्रकिर्या ७० वर्षों में पूरी हुई |आजकल तो करेला,भिन्डी,शिमला मिर्च और तोरी ५० रूपये किलो मिलरही है |लहसुन २५०\ - तक बिक चुका,फलों का तो भाव सुनते ही रक्तचाप बढ़ जाता है |भाव तो भाव,खाने वाली वस्तुओं का आकार,स्वाद भी असली नहीं है |उपरसे किसी पर पोलिश हुई होती है तो कोई स्टोर किया होता है |इतना ही नहीं फलों को पकाने व मीठा करने हेतु कई जहरीली दवाइयों और रंगों का इस्तेमाल किया जाता है |खानेपीने की कोई वस्तु बची होगी जिसमे किसी प्रकार की मिलावट न हो |क्या ये भ्रष्टाचार नहीं,इसे कौन रोकेगा ???? क्या ये विज्ञान की गलती है ???? सोचिये !!!!!!!!!!!!!!!!!!!
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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