भारत के रत्नों , कीमती प्यार कबूल हो !! जब से ये नया समाचार आया है की अपनी सरकार अब खिलाडियों को भी " भारत - रतन " का पुरूस्कार देगी , तो खिलाडियों में भूचाल आ गया कि " शुरुआत " कंहा से होगी ,गुज़रे खिलाडियों के बच्चों ने अपने बुजुर्गों और महान खिलाडियों के नाम का प्रस्ताव रखा जो उचित भी है | और जो रिटायर जीवन व्यतीत कर रहे हैं ,उन्होंने ने भी अपने नाम कि लोबिंग शुरू करवादी | मौजूदा खिलाडियों में से सबसे ज्यादा नाम " सचिन " का ही आ रहा है , बल्कि ये कहा जाए तो ज्यादा उचित होगा कि सचिन के लिए ही सरकार ने ऐसा करना सोचा है |वैसे तो ये भी विचार सामने आया था कि नए खिलाडी तो ज्यादा धन पाकर , और अन्य सन्मान पाकर सन्मानित हो चुके हैं | सिर्फ गुज़रे हुए लोगों को ही ये सन्मान मिलना चाहिए | ताकि सिफारिशों का झन्झट ही ख़तम हो जाए | नए खिलाडी तो पेप्सी भी बेचते हैं , तो क्या पेप्सी बेचने वाला भारत रतन हो सकता है , ये भी सोचने वाली बात है जी | मेरे पास बैठा मेरा कर्मचारी बोला साहिब खिलाडी ही क्यों सब काम करने वालों को " भारत - रतन " मिलना चाहिए जब बड़े व्यपारी को ये सन्मान मिल सकता है तो पेप्सी बेचने वाले को क्यों नहीं ???? भारत का हर २०० वाँ व्यक्ति भारत रतन का हकदार है | इतना हुनर है अपने " भारत " में जी | और अगर कंही सरकार रूपए लेकर शहर - रतन , जिला - रतन और प्रांत -रतन और देना शुरू करदे तो सरकार का खज़ाना भी भर जायेगा और हम जैसे लोग भी प्रसन्न हो जायेंगे ???
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
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