शुक्रवार, 27 सितम्बर 2013
जब-जब धर्म की हानी होती है मै आता हु ऐसा गीता मे भगवान श्रीक़ृष्ण ने कहा ऐसा प्रकट भी हुआ, समय- समय पर या तो वे स्वयं आए अथवा अपने अंश को भेजा जिसके द्वारा धरती का उद्धार हुआ जब हम पृथबी की कल्पना करते हैं तो उसका अर्थ आर्यावर्त, भारतवर्ष अथवा हिंदुस्तान ही होगा क्यों की जब धर्म की बात होगी तो केवल भारत मे ही होगी क्यों की वे यहीं आए चाहे वामन के रूप मे या कच्छप अथवा श्रीराम, श्रीक़ृष्ण के रूप मे और यहीं से धरती का उद्धार किया इसका अर्थ भी हमे समझना पड़ेगा मानव, मानवता क्या है ? उसकी भी ब्याख्या होनी चाहिए, जो भगवान मनु की संतान अपने-आप को मानते हैं वास्तव मे मनुष्य वही हैं, इस धरती पर कुछ लोग मोमिन अथवा खृष्ट हैं वे मनुष्य नहीं उनके ग्रन्थों मे मानवता का वर्णन भी नहीं है एक मे कुरान, मोमिन व उनके पैगंबर का वर्णन है दूसरे मे भी इशू, चर्च व बाइबिल का ही वर्णन है इनकी मानवता जो इंनका अनुयाई है जिसका विसवास इनकी पूजा पद्धति मे वही मानव है
जो अपने संप्रदाय तक ही सीमित है।
SWAGAT MITRO !! NAMASKAR !!
जब-जब धर्म की हानी होती है मै आता हु ऐसा गीता मे भगवान श्रीक़ृष्ण ने कहा ऐसा प्रकट भी हुआ, समय- समय पर या तो वे स्वयं आए अथवा अपने अंश को भेजा जिसके द्वारा धरती का उद्धार हुआ जब हम पृथबी की कल्पना करते हैं तो उसका अर्थ आर्यावर्त, भारतवर्ष अथवा हिंदुस्तान ही होगा क्यों की जब धर्म की बात होगी तो केवल भारत मे ही होगी क्यों की वे यहीं आए चाहे वामन के रूप मे या कच्छप अथवा श्रीराम, श्रीक़ृष्ण के रूप मे और यहीं से धरती का उद्धार किया इसका अर्थ भी हमे समझना पड़ेगा मानव, मानवता क्या है ? उसकी भी ब्याख्या होनी चाहिए, जो भगवान मनु की संतान अपने-आप को मानते हैं वास्तव मे मनुष्य वही हैं, इस धरती पर कुछ लोग मोमिन अथवा खृष्ट हैं वे मनुष्य नहीं उनके ग्रन्थों मे मानवता का वर्णन भी नहीं है एक मे कुरान, मोमिन व उनके पैगंबर का वर्णन है दूसरे मे भी इशू, चर्च व बाइबिल का ही वर्णन है इनकी मानवता जो इंनका अनुयाई है जिसका विसवास इनकी पूजा पद्धति मे वही मानव है
जो अपने संप्रदाय तक ही सीमित है।
भारत का अर्थ क्या है यह हमें समझने की आवश्यकता है भारत की अपनी संस्कृति है वह गावों में बसती है जिसे हमारे महापुरुषों ने हजारों -लाखों वर्षों की तपस्या पश्चात् यह मानव-मानव, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों बनास्पतियों सभी में जीव है सभी मानव उपयोगी है जिसका चिंतन हमारे पुर्बजों ने की, किसी में कोई भेद न करने वाली संस्कृति इसी को हम हिन्दू संस्कृति भी कहते हैं वर्तमान परिदृश्य कैसा है--? क्या भारत भारत बच सकेगा ? सेकुलर नेता हिन्दू बिरोधी निति अपनाकर राष्ट्रद्रोह पर उतारू हैं वे सेकुलर के नाम पर हिन्दू बहन बेटियों का सौदा करने में कोई संकोच नहीं करते वे हिन्दुओ की आराध्य गौ माता को बध शालाओं में विदेशी मुद्रा की लालच में ले जा रहे है खुले आम मुस्लिम मुहल्लों में गाय काटी जा रही है, लव जेहाद को माध्यम बना देश में लाखों हिन्दू लड़कियों को जेहादी बनाया जा रहा है वर्तमान भारत के कई प्रान्तों में हिन्दू अल्पमत में आ गया है उन स्थानों पर हिन्दू बहन-बेटियों का जीना दूभर हो गया है कश्मीर जैसे हालत असम में भी पैदा करने का प्रयास हो रहा है.
मंदिरों का धन हज यात्रियों, चर्चों व अन्य कार्यों में लगाने की आदत सी हो गयी है भारत सरकार की निगाहे हिन्दू मंदिरों में रखे सोना पर लगी है ये देश द्रोही नेता क्या करना चाहते हैं ---? हे भगवान अब तुम ही भारत को बचा सकते हो गीता में आपने कहा था की ''यदा-यदाहि धर्मस्य-----'' जब जब भारत में धर्म की हानी होगी मै आउगा, आप आये भी शंकर के रूप में सुदूर दक्षिण केरल के कालड़ीग्राम में, आप आये रामानंद स्वामी के रूप में, आप आये महाराणा, शिवाजी के रूप में, आप आये दयानंद, विवेकानंद के रूप में, आप को आना होगा फिर किसी के रूप में नहीं तो मानवता को कौन बचाएगा--? कौन बचाएगा इस पवित्र हिन्दू धर्म को--? कौन बचाएगा भारतमाता की अस्मिताता को--? अयोध्या, मथुरा, काशी, कांची, अवंतिका को कौन बचाएगा ---? गंगा, कावेरी के पवित्र जल को कौन बचाएगा ? इसलिए अब आपको आना ही होगा नहीं तो आपकी पूजा, श्रधा कैसे होगी---? हे श्रीकृष्ण जिस पवित्र यमुना जी तट पर खेलते थे जिसको पवित्र करने हेतु कालियानाग को भगाया उसकी दुर्दसा आपसे कैसे देखी जाती है, भगवान श्रीराम जिस पवित्र सरयू के किनारे खेले वह तुम्हे बुला रही है, गंगाजी अपना आक्रोस केदारनाथ में प्रकट कर चुकी हैं आपको यह सब कैसे देखा जाता है क्या इन सब की करुण पुकार आपको सुनाई नहीं देती---!
इसलिए हे भगवान कृष्णा इस देश को बचने फिर कब आओगे----?
सूबेदार जी
मंदिरों का धन हज यात्रियों, चर्चों व अन्य कार्यों में लगाने की आदत सी हो गयी है भारत सरकार की निगाहे हिन्दू मंदिरों में रखे सोना पर लगी है ये देश द्रोही नेता क्या करना चाहते हैं ---? हे भगवान अब तुम ही भारत को बचा सकते हो गीता में आपने कहा था की ''यदा-यदाहि धर्मस्य-----'' जब जब भारत में धर्म की हानी होगी मै आउगा, आप आये भी शंकर के रूप में सुदूर दक्षिण केरल के कालड़ीग्राम में, आप आये रामानंद स्वामी के रूप में, आप आये महाराणा, शिवाजी के रूप में, आप आये दयानंद, विवेकानंद के रूप में, आप को आना होगा फिर किसी के रूप में नहीं तो मानवता को कौन बचाएगा--? कौन बचाएगा इस पवित्र हिन्दू धर्म को--? कौन बचाएगा भारतमाता की अस्मिताता को--? अयोध्या, मथुरा, काशी, कांची, अवंतिका को कौन बचाएगा ---? गंगा, कावेरी के पवित्र जल को कौन बचाएगा ? इसलिए अब आपको आना ही होगा नहीं तो आपकी पूजा, श्रधा कैसे होगी---? हे श्रीकृष्ण जिस पवित्र यमुना जी तट पर खेलते थे जिसको पवित्र करने हेतु कालियानाग को भगाया उसकी दुर्दसा आपसे कैसे देखी जाती है, भगवान श्रीराम जिस पवित्र सरयू के किनारे खेले वह तुम्हे बुला रही है, गंगाजी अपना आक्रोस केदारनाथ में प्रकट कर चुकी हैं आपको यह सब कैसे देखा जाता है क्या इन सब की करुण पुकार आपको सुनाई नहीं देती---!
इसलिए हे भगवान कृष्णा इस देश को बचने फिर कब आओगे----?
सूबेदार जी
SWAGAT MITRO !! NAMASKAR !!