माननीय प्रदेशाध्यक्ष परनामी जी , सादर नमस्कार !
कुशलता के आदान-प्रदान पश्चात समाचार ये है कि हमने जैसे ही आपके श्रीगंगानगर जिले में आगमन और कार्यकर्ताओं के मिलन समाचार अख़बारों में पढ़ा , तभी से हमारा मन तरह-तरह के विचारों से उद्वेलित होने लगा !आपको अपने सुझाव संगठन को मजबूत करने हेतु दूँ या ना दूँ !वैसे तो हमने एक जनवरी 2016 से सक्रिय राजनीती और समाजसेवा से अपनेआप को अलग कर लिया है ! क्योंकि हमें 30 वर्षों के राजनितिक और समाजसेवी जीवन से ये अनुभव प्राप्त हुआ है कि आज की जनता को ना तो ईमानदार नेता चाहिए और नाही सच्चा समाजसेवी ! इसीलिए हमने अपना सारा ध्यान केवल लेखन पर ही लगा दिया है !इंटरनेट पर "फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर"नामक ब्लॉग मुझे सम्पूर्ण संतुष्टि देता है !
मान्यवर !
भाजपा के सभी नेता मंत्री अपनी अपनी क्षमता अनुसार बढ़िया काम कर रहे हैं !इनके पास कार्यकर्ताओं से मिलने का समय नहीं है और ना ही उनको ये संतुष्ट कर पाये हैं !आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को एक ही तराजू में तो नहीं तोला जा सकता ?लेकिन हमारा संगठन जैसे कुम्भकर्णी नींद सो गया लगता है !राजनितिक नियुक्तियां भी नहीं करी गईं हैं !कोई रोजगार उपलब्ध कराने में मदद देना तो बड़ी दूर की बात हो गयी है !इसलिए मेरे मन में कुछ प्रश्न दौड़ रहे हैं उत्तर मैं कार्यकर्ताओं के हित में चाहता हूँ !
1. क्या हमारे उतने ही कार्यकर्त्ता होते हैं जितने कार्यक्रमों में या मीटिंग में उपस्थित होते हैं ?
2. आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि जो नहीं आये वो क्यों नहीं आये !
3. क्या केवल कार्यकर्ताओं की संख्या से ही आप संतुष्ट हो जाते हैं ?कभी पुराने कार्यकर्ताओं से अलग से मिलने की इच्छा नहीं होती आपको?
4. क्या करोड़ों के विज्ञापन देकर कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए प्रचार को नकारा जा सकता है ?
5. क्या आज के नए कार्यकर्त्ता सिर्फ फोटो में भीड़ दिखाने के लिए ही हैं ?
6. क्या आप और आपके संगठन के पदाधिकारी अपने कर्तव्यों के बारे में जानते हैं ?या फिर वो भी नेताओं की तरह माला पहनी,भाषण दिया और नाश्ता करके चले जाते हैं !
माफ़ कीजियेगा मेरे प्रश्न कड़वे हैं लेकिन ये कड़वी दवाई पार्टी हित में मुझे आपको देनी पड़ी !ऐसा लगता है जैसे संगठन की "गुद्दी"सत्ता ने पकड़ रख्खी हो !
नमस्कार !!
एक पुराना कार्यकर्त्ता,
पीतांबर दत्त शर्मा
मो.न. 9414657511
कुशलता के आदान-प्रदान पश्चात समाचार ये है कि हमने जैसे ही आपके श्रीगंगानगर जिले में आगमन और कार्यकर्ताओं के मिलन समाचार अख़बारों में पढ़ा , तभी से हमारा मन तरह-तरह के विचारों से उद्वेलित होने लगा !आपको अपने सुझाव संगठन को मजबूत करने हेतु दूँ या ना दूँ !वैसे तो हमने एक जनवरी 2016 से सक्रिय राजनीती और समाजसेवा से अपनेआप को अलग कर लिया है ! क्योंकि हमें 30 वर्षों के राजनितिक और समाजसेवी जीवन से ये अनुभव प्राप्त हुआ है कि आज की जनता को ना तो ईमानदार नेता चाहिए और नाही सच्चा समाजसेवी ! इसीलिए हमने अपना सारा ध्यान केवल लेखन पर ही लगा दिया है !इंटरनेट पर "फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर"नामक ब्लॉग मुझे सम्पूर्ण संतुष्टि देता है !
मान्यवर !
भाजपा के सभी नेता मंत्री अपनी अपनी क्षमता अनुसार बढ़िया काम कर रहे हैं !इनके पास कार्यकर्ताओं से मिलने का समय नहीं है और ना ही उनको ये संतुष्ट कर पाये हैं !आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को एक ही तराजू में तो नहीं तोला जा सकता ?लेकिन हमारा संगठन जैसे कुम्भकर्णी नींद सो गया लगता है !राजनितिक नियुक्तियां भी नहीं करी गईं हैं !कोई रोजगार उपलब्ध कराने में मदद देना तो बड़ी दूर की बात हो गयी है !इसलिए मेरे मन में कुछ प्रश्न दौड़ रहे हैं उत्तर मैं कार्यकर्ताओं के हित में चाहता हूँ !
1. क्या हमारे उतने ही कार्यकर्त्ता होते हैं जितने कार्यक्रमों में या मीटिंग में उपस्थित होते हैं ?
2. आपने कभी ये जानने की कोशिश की कि जो नहीं आये वो क्यों नहीं आये !
3. क्या केवल कार्यकर्ताओं की संख्या से ही आप संतुष्ट हो जाते हैं ?कभी पुराने कार्यकर्ताओं से अलग से मिलने की इच्छा नहीं होती आपको?
4. क्या करोड़ों के विज्ञापन देकर कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए प्रचार को नकारा जा सकता है ?
5. क्या आज के नए कार्यकर्त्ता सिर्फ फोटो में भीड़ दिखाने के लिए ही हैं ?
6. क्या आप और आपके संगठन के पदाधिकारी अपने कर्तव्यों के बारे में जानते हैं ?या फिर वो भी नेताओं की तरह माला पहनी,भाषण दिया और नाश्ता करके चले जाते हैं !
माफ़ कीजियेगा मेरे प्रश्न कड़वे हैं लेकिन ये कड़वी दवाई पार्टी हित में मुझे आपको देनी पड़ी !ऐसा लगता है जैसे संगठन की "गुद्दी"सत्ता ने पकड़ रख्खी हो !
नमस्कार !!
एक पुराना कार्यकर्त्ता,
पीतांबर दत्त शर्मा
मो.न. 9414657511
"5th पिल्लर करप्शन किल्लर"वो ब्लॉग जिसे आप रोज़ाना पढ़ना,बाँटना और अपने अमूल्य कॉमेंट्स देना चाहेंगे !
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