सभी कातिल मित्रों को प्यार भरा नमस्कार !! आप कन्हेगे यार ये क्या बात हुई , शरीफ लोग तो कातिलों की गली से भी गुज़रते हुए डरते हैं और आप एक लेखक हो कर कातिलों को प्यार भरा नमस्कार कहते हो ??? तो सभी प्रकार के मित्रो सुनो !! " क़त्ल " सिर्फ चक्कू - छुरियों या बंदूकों से ही होता हो , ऐसा नहीं है ! खूबसूरत लोग तो " नज़रों " से ही क़त्ल कर देते हैं , है की नहीं ??? ऐसे कातिल मित्रों को तो " प्यार " भरा सलाम कहना ही पड़ता है !!तो चलो आज के विषय पर आते हैं .......पिछले दिनों सलमान खुर्शीद साहिब से एक भूल हो गयी , चुनाव - आयोग ने राष्ट्रपति जी को पात्र लिखा , महामहिम जी ने पी.एम्. साहिब को पत्र " रेफर " कर दिया , पी. एम्. साहिब के फोजी लोग बोले :- " ये कोई ऐसी गलती नहीं है जिसके लिए इतनी हाय तोबा मचे " ।। परन्तु फिर भी जब मामला सुलटत। नज़र नहीं आया क्योंकि विपक्ष और मीडिया कुछ ज्यादा ही शोर मचा रहे थे तो हमारे देश के क़ानून मंत्री जी ने " क़ानून तोड़ने की गलती करने पर, चुनाव आयोग से माफ़ी मांग ली "। अब इतनी हिम्मत तो चुनाव - आयोग में है नहीं की वो मंत्री जी को माफ़ न करके कोई छोटी - बड़ी सज़ा सुना दे ....???? जय हो हमारे संविधान की !! और" महा - महिम " ....उनको भी पता नहीं क्या हुआ ?? कोई बयान तक भी देना उचित नहीं समझा इस घटना क्रम पर ...??? " दूध में पड़ी मख्खी की तरह .........!! ?? दो दिन बाद ही दुसरे मंत्री जी बोले " हम भी गलती कर देते हैं और हम भी माफ़ी मांग लेंगे चुनाव - आयोग से " महा - महिम " जी का फिर नाम पिक्चर में नहीं है यानी उनसे तो कोई दर भी नहीं है क्यों ??? तो आज हमने भी सोच लिया की बोल देते हैं की .." क़त्ल कर देते हैं और मांग लेंगे हम भी माफ़ी "? ? ? लेकिन हमारे पिता जी बोले :- " अरे बुध्धू !! किसी भूल में मत रहना , तू अगर कोई छोटी सी भूल भी करेगा तो इस " क़ानून के छोटे से सिपाही के हाथ भी इतने लम्बे हो जायेंगे की तू अगर पाताल में भी जाकर पनाह ले लेगा तो भी तुझे सज़ा मिल जाएगी " ????? ये सुविधा केवल मंत्रियों हेतु ही है !! अपनी ओकात मत भूल समझा !! मैं बोला हाँ पित। जी !! समझ गया !! तो मित्रो मैं तो समझ गया और आप भी समझ लो !! .... ये क़ानून , अंग्रेजों द्वारा बनाये गए क़ानून की थोड़े बहुत बदलाव के साथ " फोटो - कापी " ही है ।। इस लिए आप भी कभी मंत्री जी की देखा - देखि न कर देना !!.....अब जय राम जी की तो बोलना ही पड़ेगा .....तो बोलिए ....जय --- श्री --- राम !!!! ज्यदा जानकारी हेतु लाग इन करें :-www.pitamberduttsharma.blogspot.com. या फोन करें ०९४१४६५७५११.पर डायल करें । अपने अनमोल विचार भी ब्लाग पर अवश्य लिखें !! धन्यवाद !!
FIGHT ANY TYPE OF CORRUPTION, WITH "PEN"!
Sunday, February 19, 2012
Wednesday, February 15, 2012
देश को चलाने वालीं - " साम्प्रदायिक " और " सेकुलर " शक्तियां ?
भारत देश में अपना जीवन जैसे - तैसे व्यतीत करने वाले माध्यम दर्जे और स्वरण जाती का ठप्पा लगवाकर घिस - घिस कर जीने वाले दोस्तों !! " घिसा - पिटा " नमस्कार स्वीकार करें !!हम चाहे कितना भी सोच समझ कर चुनाव में अपनी पसंद का या किसी भी पार्टी के हाई - कमांड की पसंद का प्रत्याशी क्यों न चुन लें , पत्रकार और नेता हमें कितनी ही " समझदार - जनता" क्यों न घोषित करदे ...परन्तु देखने में यही आया है की हम अपने निर्णय पर पांच साल बाद पछताए ही हैं !!दो साल बाद ही हम सोचने लग जाते हैं की ये ससुरी सरकार का " आखरी - टाइम " कब आएगा ??? परन्तु सरकार के मंत्री और बाकी सभी नेता " एक चोरी - ऊपर से सीना जोरी " वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए कहते हैं की हमें पूरे पांच साल तक राज करने हेतु " जनादेश " मिला है , इसलिए हम अपने पांच साल पूरे करके रहेंगे !! जब जनता ने किसी भी पार्टी को बहुमत देना बंद कर दिया तो हमारे चतुर नेताओं ने एक नया तरीका अपना लिया देश की सारी पार्टियों को तीन भागों में बाँट दिया । एक ग्रुप का नाम " साम्प्रदायिक शक्तियां " रख दिया , दुसरे ग्रुप का नाम " कम साम्प्रदायिक पार्टियां " और तीसरे ग्रुप का नाम " तीसरा - मोर्चा " नाम ही रख दिया !! कुछ सालों तक तो देश की जनता को इस तरह से बेवकूफ बनाया की जिस तरफ बहुमत की कमी होती थी उसका समर्थन तथाकथित तीसरा - मोर्चा कर देता था ! फिर जैसे जैसे देश की जनता के सामने इन पार्टियों के बने ग्रुपों के भेद खुलते गए वैसे - वैसे तीन ग्रुपों से कम हो कर अब सिर्फ देश में सिर्फ दो ही ग्रुप रह गए हैं , जो देश को बारी - बारी से चलाने की कोशिश कर रहे हैं ???जिनका नाम देश को चलाने वालीं - " साम्प्रदायिक " और " सेकुलर " शक्तियां है ।। आज एक ग्रुप की पार्टियां केंद्र में तो अपने ग्रुप का साथ देती हैं लेकिन प्रदेश में वो चुनावों के समय में दुश्मन होने का नाटक करती हैं !! जब देश की किसी भी पार्टी को बहुमत से नहीं जिताती है तो सभी को यही कहना चाहिए की " क्योंकि किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है इस लिए देश में आज से " राष्ट्रपति - शासन " लागू होगा ।। लेकिन नहीं --- क्योंकि सभी संविधानिक पद " सत्ता रुढ " पार्टियों द्वारा ही भरे गए होते हैं इस लिए वो सब " मिटटी के माधो " बन जाते हैं और बोलते हैं की " दुबारा चुनाव नहीं हो सकते हैं क्योंकि देश पर खरबों रूपये का " बोझ " पड जाएगा ???? उनके चमचे पत्रकार भी यही भाषा बोलने लग जाते हैं !! समझ दार जनता एक बार फिर बेवकूफ बन जाती है और इसी आशा में जीने लगती है की शायद अगली बार सब ठीक हो जाए लेकिन हाय री किस्मत !! बासठ साल हो गए आज तक नहीं किस्मत सुधरी तो आगे भी जल्दी सुधरने की कोई उमीद भी नहीं है ????? इन नेताओं को जब अपनी कोई तनख्वाह बढाने या कोई और अपने हित का प्रस्ताव पास कराना होता है तो न तो इनको कोई साम्प्रदायिक नज़र आता है और न ही किसी को " झूठा सेकुलर नज़र आता है ??? सब एक हो कर अपना " उल्लू " सीधा कर लेते हैं !! जन - हित का कोई काम करना हो तो इन्हें सारे क़ानून याद आ जाते हैं और सभी भेद नज़र आने लग जाते हैं ???? भोली जनता आज भी ......पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के नतीजों की तरफ इक आस लगाये बैठी है ........बोलो जय श्री राम !! सभी मित्रों से मेरा अनुरोध है की सब मेरे ब्लॉग और ग्रुप , जिसका नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " को खोल कर पढ़ें या LOG ON करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आपके जो भी इस पर विचार हो वो अवश्य प्रकट करें क्योंकि वो हमारे लिए " च्यवन प्राश " का काम करेंगे !! ज्यादा से ज्यादा लोग हमारे ब्लॉग और ग्रुप से जुड़ें ताकि हम सब मिल कर देश की जनता को जागृत कर सकें !! संपर्क हेतु डायल करें 09414657511
Monday, February 13, 2012
" बिन्नो " बनी स्टार --- " वेदांता " की !!!!
सभी " स्टार " मित्रों को चमकता हुआ नमस्कार !! आज कल एक विज्ञापन देश के सभी चेनलों पर छाया हुआ है । जिस से हमारी साधारण सी वेश भूषा वाली , हंसती खेलती और दौडती भागती , पढ़ती , " बिन्नो " बन गयी है , " स्टार " - - - " वेदांता " के एक महत्वपूरण विज्ञापन की !!!! जब भी वो विज्ञापन किसी चेनल पर दिखाया जाता है तो मन एक " अज्ञात " सी प्रसन्नता से खिल उठता है !! ज्यादातर चेनलों पर दिखाये जाने वाले विज्ञापन जब आते हैं तो हाथ स्वतः ही चेनल बदलने लग जाता है । सिर्फ दो प्रतिशत ही विज्ञापन ऐसे होते हैं जो यादगार बन जाते हैं !! ये विज्ञापन बताता है की किस तरह से इस कम्पनी की मदद से हमारी सरकार बच्चों को " दोपहर का भोजन दे पाती है जिसे सभी पार्टियों के नेता अपना काम बताकर जनता के वोट बटोर रहे थे !! क्या इसी तरह से लड़कियों को कोई कम्पनी " साईकिलें " और " किताबें " बाँट रही हैं और सरकारें अपनी पीठ थप - थापा रही हैं ????? या फिर ये भी कोई देश को लूटने की कोई नै चाल है की चलो इस तरह से ही देश को " रिश्वत " दे रहा है ??????? देश की सुरक्षा एजेंसियों को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए । अगर अदालते भी संज्ञान लेना चाहें तो भी बात की असलियत का पता चल जाएगा ???? मुझे एक पुराना गीत याद आ रहा है की ...." उस मुल्क की सरहद को कोई छु नहीं सकता , जिस मुल्क की सरहद की निगेहबान हैं ......"आँखें " ...!!!
Sunday, February 12, 2012
" चाहे मुझे फांसी पर -.-.-.-. लटका दो "...??
प्रिय मित्रो और मित्र वालियों , मित्रता रुपी प्रेम से भरा नमस्कार स्वीकार करें !! दो दिन पहले भारत के कानून मंत्री श्री नहीं जनाब सलमान खुर्शीद साहिब ने एक " जनसभा " शायद उसमे सभी मुस्लमान ही शामिल थे इसी लिए भारत के मंत्री जोश में आ गए , और बोले की " चाहे मुझे फांसी पर -.-.-.-. लटका दो "...?? तो भी मैं मुसलमानों के हक की खातिर बोलूँगा तथा एक दिन बाद वो फिर बोले की बतला हॉउस के नकली एन्काउंटर की तस्वीरें देख कर " सोनिया " जी रो पड़ीं ????? अब वोट लेने हेतु थोडा बहुत तो उलट - सुलट बोलना पड़ता है जो फ़िल्मी डायलाग जैसा लगे क्यों ???? लेकिन ये ससुरे चुनाव आयोग वाले और बाकी कंग्रेस्सी लोग फटा - फट लगे विरोध करने .....। दो - तीन दिन रुक नहीं सकते थे ??? मैं भी माफ़ी - साफी मांग के बात रफा - दफा कर देता !! परन्तु नहीं जी तुरंत प्रतिक्रिया चाहिए इन ससुरे मिडिया वालों को तो ??? लग पड़े गीत गाने और करवा दी मेरी शिकायत !! पहले तो ये पत्रकार लोग ऐसे - ऐसे प्रशन पूछते हैं अगर जवाब दे दो तो कहते हैं की देखो जवाब दे दिया ....? और अगर नहीं बोलो तो बोलते हैं की देखो बोल पडा ??? अब बेचारा नेता या मंत्री करे भी तो क्या करे ?? एक मुसल मान ही तो हैं जिनको हम कांग्रेसियों ने पिछले ६२ सालों से मुर्ख बना रखा है , वोही तो बचे हैं जो हम पर थोडा विश्वास करते हैं बाकी तो कोई माया जी पर विश्वास करता है तो कोई मुलायम जी पर हिन्दुओं पर तो सिर्फ r.s.s. का ही विश्वास कायम है !! ये पत्रकार लोग इन मुसलमानों को भी नहीं समझाने देते !! एक " आरक्षण " नामक झुंझना ही तो है अब हमारे पास जिनसे हम हिन्दुओं की जातियों को भी तोड़ सकते हैं और मुसलमानों को भी बहका सकते हैं ??? इन पत्रकारों और समाजसेवियों ने तो लोगों को कुछ ज्यादा ही समझदार बना दिया है !! जिधर देखो आज उधर गरीब से गरीब आदमी भी चुनाव लड़ने की बात करता है ??? इतनी मुश्किल से तो हम नेताओं ने इन चुनावों को लाखों - करोड़ों का खेल बनाया था ??? आम आदमी तो दस - पंद्रह दिन जीपों में घूम कर , बढ़िया भोजन करके और दारु पीकर अपने आपको नेता के बहुत करीब समझने लगता था ??? और हम उसे बेवकूफ बनाकर अपना " उल्लू " सीधा कर लिया करते थे ???? अब हर कोई r.t.i. और लोकपाल की बात करता है !!मत्री जी मन ही मन सोचे जा रहे थे की इस सब के साथ - साथ पार्टियों के केंद्रीय नेत्रित्व को हम जैसी सांसद और विधायक रुपी भेड़ें कन्हा से मिलेंगी जो सिर्फ " हाँ जी " ही बोलना जानती हैं , अपने आकाओं के आगे प्रशन करना नहीं जानती ??? नए - नए सयाने लोग अगर जीत जायेंगे तो इन्ही हाई - कमांड नेताओं को ही मुश्किल होगी हमें क्या ??? इस प्रकार से जनाब सलमान खुर्शीद साहिब ने आज से अपना मुंह पत्र्लारों के सामने बंद कर लिया है , अब वो चुप रहेंगे और सिर्फ यही गीत गायेंगे की ......" हम बोलेगा तो ..बोलोगे की बोलता है ..! एक मेंम साब हैं ......??? आप तो बोलो जय श्री राम जी !! ज्यादा मज़े मत लो हाँ ......????? और नहीं तो क्या ....?? अगर मेरे विचार आपको बढ़िया लगते हों तो बस आज ही ज्वाईन कीजिये हमारा ब्लॉग या ग्रुप , जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " . इसे हर बुधवार और रवि वार को पढ़ें , बढ़िया लगे तो अपने सभी मित्रों को शेयर करें और चाहें तो अपने अनमोल विचार भी लिखें । आपका बहुत - बहुत धन्यवाद !! ज्यादा जानकारी हेतु डायल करें:- ०९४१४६५७५११.पीताम्बर दत्त शर्मा .
Wednesday, February 8, 2012
हमारे " सेक्स - प्रिय " नेता .....? ? ? ! !
सभी सेक्स प्रिय मित्रो को सेक्सी नमस्कार !! कल से टेलीविजन पर और सरे मिडिया जगत में मज़े ले - ले कर शोर मचाया जा रहा है की कर्णाटक के ३ मंत्री मजेदार फिल्म देखते न केवल पकडे गए बल्कि उनका ये कृत्य दूरदर्शन कर्नाटका पर भी दीखाई दे गया या दिखा दिया गया ?? जब भी कोई पब्लिक फिगर वाला प्राणी बेचारा अपना मनोरंजन करने का प्रयास करता है तब - तब कुछ लोगों के पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है ...??? बड़ी - बड़ी बातें की जाती हैं , आदर्शों की दुहाई दी जाती है और न जाने क्या - क्या ??? कहा जाता है , जिसके फलस्वरूप उन बेचारों को अपने पद से त्याग - पत्र देना पड़ता है !! अभी कुछ समय पहले हमारे राजस्थान में कांग्रेस के मंत्री जी ने " भंवरी बाइ " नामक महिला की रजामंदी से " सांस्कृतिक कार्यक्रम " आयोजित कर लिया जिसका उस महिला ने फिल्मांकन भी कर लिया , उसने सोचा होगा की जब ये ससुरा मंत्री कुछ गड़बड़ करेगा , तब काम आएगा ??? और उसने इस काम की कीमत उस मंत्री से लाखों में मांगली , बेचारे मंत्री जी और एक विधायक जी इस चक्कर में बुरी तरह फंस चुके हैं और वो महिला रुपये तो छोड़ो अपनी जान और गँवा बैठी !! भगवन उसकी आत्मा को शान्ति दे !! तब भी मीडिया ने चटखारे ले - ले कर महीनो समाचार सुनाये दिखाए और पढाये थे ?? हमारे समाज में ये कंही भी नहीं कहा गया की सेक्स मत करो या ये कोई बुरी चीज़ है !! हाँ पात्र - अपात्र और समय का अवश्य ध्यान रखा जाना चाहिए !! जैसे - जैसे हम इक्कसवीं सदी में आगे बढ़ रहे हैं वैसे - वैसे हमें हमारे क़ानून में बदलाव भी आवश्यक है , समाज को भी अपनी सोच बदलनी पड़ेगी , जैसे यूरोप में " यूरो " नामक करंसी का चलन शुरू हो गया है ! जैसे हिन्दुस्तान में " गे " नामक जीवों को अपनी मर्ज़ी से रहने की इजाज़त मिल गयी है ! इसी तरह सेक्स के बारे में भी विस्तृत चर्चा के बाद भारत में आवश्यक बदलाव होने अति - आवश्यक हैं !! सनातन धर्म में तो स्त्री को पूरे दिन में अलग - अलग भूमिकाएं निभाने हेतु कहा गया है ....सुबह - माता , दोपहर - दोस्त , शाम - पाक शास्त्री और रात को वैश्या का रूप अपनाने को कहा गया है जिससे बाहर कमाई करके थका हारा लौटा पति आराम पा सके ?? परन्तु आजकल तो पति - पत्नी दोनों काम करने हेतु बाहर जाते हैं .....तो फिर कौन रसोइया , माता , दोस्त और वैश्या बने ????? तो क्या ये सब सहूलतें भी अब लोगों को बाज़ार से खरीदकर लानी पड़ेंगी ...? क्या लोग मेरे ये लिखने से पहले ही ऐसा कर रहे हैं ? क्या तभी भारत में स्त्री तो वैश्या का काम पहले ही करती थी , आज तो पुरुष वैश्या भी मिलने लगे हैं भारत में !! पुरुषों का नंगा नाच भी बड़े शहरों में होने लगा है !! बकायदा बड़ी कीमत अदा की जाती है भारत में पुरुष वैश्या हेतु !! क्या उस आदमी को मनोरंजन करने का हक़ नहीं मिलना चाहिए जो समाज - सेवा का कार्य करता है ?? क्या सेक्स कोई बुरी चीज़ का नाम है ?? मैं कहता हूँ नहीं चाहे कोई आम आदमी हो या कोई संत,नेता,स्त्री,या पुरुष सबको जैसे रोटी की भूख लगती है वैसे ही सबको सेक्स की भी भूख लगती है !! इसमें कोई भी बुराई नहीं ! बुराई ये है की इन लोगों ने उचित समय पर उचित लोगों के बीच ये सेक्स का कार्य नहीं किया इसलिए इन्हें दंड मिलना ही चाहिए था जो की मिल रहा है और मिलेगा भी !! लेकिन इसके साथ - साथ संविधान में भी उचित परिवर्तन होना चाहिए ...ऐसा मेरा मानना है !! जनता और मीडिया को भी ये समझना होगा की अब हमें हर बात में पारदर्शिता रखनी ही पड़ेगी ?? अपनी भावनाओं को भी खुला रखना , बताना और समझाना होगा !! चाहे वो हमारे बच्चे हों या हम हो या हमारे नेता या समाज - सेवी हों सबको पारदर्शिता रखनी पड़ेगी और संयम भी रखना होगा !! संयम बड़ी चीज़ है वो इंसान को संत और देवता भी बना सकती है तो देवता और संत को राक्षस भी बना सकती है ?? बोलो जय श्री राम !! ...... फेस बुक और मेरे ब्लॉग 5th pillar corrouption killer के सभी पाठकों से अनुरोध है की अगर उनको मेरा लिखा कोई लेख बढ़िया लगे तो उसे अपने मित्रों को शेयर( बाँट ) अवश्य देंवे ! और अपने अनमोल विचारों से मुझे अवश्य अवगत करवाएं मेरे ब्लॉग पर जा कर उसपर लिख कर !! आप चाहें तो मेरे ब्लॉग को ज्वाइन भी कर सकते हैं या इसमें छपे लेख को कंही भी प्रकाशित भी कर सकते हैं बिलकुल मुफ्त !! इसी नाम से फेस - बुक पर एक ग्रुप भी बना हुआ है ! जिसके आप भी सदस्य बन सकते हैं और अपने विचार भी लिख सकते हैं ! अपने मित्रों को भी इस ब्लॉग और ग्रुप से जोड़ सकते हैं जिसका नाम है "5th pillar corrouption killer " आज ही अपने अनमोल विचार इस पर लिखें ...सधन्यवाद !!
Thursday, February 2, 2012
" केंद्र की तरह राज्यों में भी-कांग्रेस-की सरकार बन जाये तो क्या-क्या होगा ?सोचिये ज़रा !
विज्ञापन देखने वाले महा ग्यानी मित्रो , स्टायलिश नमस्कार स्वीकार करें !! आज कल ५ राज्यों में होने वालों चुनावों में कांग्रेस पार्टी द्वारा एक विज्ञापन टी.वी. के कई चेनलों पर दिखाया जा रहा है । जिसमे आखरी लाइन ये बोली जा रही है की " केंद्र की तरह राज्यों में भी-कांग्रेस-की सरकार बन जाये तो क्या-क्या होगा ?सोचिये ज़रा !!और जनता ये सोच रही है की हे परमात्मा जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट रोज़ किसी न किसी बात पर केंद्र सरकार को जिस तरह से " झाड " पिला रही है । और मनमोहन सरकार की " भद्द पिट "रही है इस से तो बढ़िया है की ऐसी सरकार कभी भी और कंही भी न बने !! लेकिन वाह रे कांग्रेसियों ! मान गए आपकी ढिठाई को ज़रा भी शिकन तलक नहीं आई किसी के भी चेहरे पर !!बल्कि ये और कहा जा रहा है बे-शर्म मंत्रियों द्वारा की कोर्ट ने जैसा कहा है हम वैसा कर देंगे ! कोर्ट ने हमारा ना लेकर तो कुछ नहीं कहा ??? किसी कांग्रेसी पर कैग कमेटी आरोप लगा दे तो ये कहते हैं की अभी तो आरोप ही लगा है , साबित तो नहीं हुआ !! साबित हो जाये तो ये कहते हैं की केस चलने दो मामला न्यायालय में है फैसला आने दो , फैसला आ जाता है तो ये कहते हैं की देखो हमारी सरकार ने बे-इमानो को अन्दर कर दिया ??? वाह रे मेरी कांग्रेस सरकार !! भारत देश को इमानदार , शरीफ , कर्तव्यनिष्ठ और देश भक्त प्रधान - मंत्री चाहिए और मंत्री मंडल भी स्वामी भक्त नहीं देश की सेवा करने वाला चाहिए !!देश में अजब सी स्थिति बन गयी है । न तो कोई अफसर काम करना चाहता है और न ही कोई नेता केवल न्याय पालिका ही काम करती दिखाई दे रही है ?? विधायिका और कार्यपालिका सुन्न सी हुई पड़ी हैं तो देश वासी कैसे सही कार्य कर सकते हैं ??? देश के दुश्मन ही कामयाब होंगे ऐसे मौके पर !! कई दुश्मन तो देश के भीतर ही बैठे हैं जो देश में जगह - जगह पर मिलने वाली खनिज संपदा पर कब्ज़ा जमा रखा है जैसे जमीन,पानी,तेल,और फल-सब्जियां आदि आदि !!यंहा तक की देश की माती और रेत तक मुफ्त में प्राप्त कर सेंकडों के भाव में बेचीं जा रही है !! " अफसर-नेता और ठेकेदार का ऐसा त्रिकोण बना है की जन्हा देखो बस इन्ही की चल रही है ?? देश का तो बनता धार हुआ पड़ा है । और ये कांग्रेसी कभी किसी डेरे में जा कर और कभी किसी मुल्ला के घर जा कर तलुए चाट रहे हैं की शायद ऐसा करने से ही सही , वोट तो मिल जाएँ ?? पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के नतीजे ही बतायेंगे की जनता सयानी है या ये नेता एक बार फिर से अपनी घिनोनी चाल चलने में कामयाब हो गए हैं ????????? बोलो .....जय .....श्री ....राम ....!!
Wednesday, February 1, 2012
" फार्मेलिटी " से भरे फेस -बुक " फ्रेंड्स " ! !
मेरे प्यारे मित्रो , प्यार और स्नेह भरा नमस्कार स्वीकार करें !! आज कल एक शब्द बहुत ही प्रचलित है " फार्मेलिटी " जब भी कोई गरीब आदमी अपने अमीर मेहमान के सामने बड़े ही प्यार से चाय और मिठाई पेश करता है तो अमीर मेहमान फट बोलता है की " भाई फार्मेलिटी की क्या आवश्यकता थी ? " वो बेचारा गरीब मेज़बान मन ही मन सोचता है की ये कैसा मेहमान है इसे मेरा चाय में छिपा प्यार नज़र ही नहीं आ रहा !! ये मेरे प्यार को फार्मेलिटी बता रहा है । बचपन में मैंने एक मित्रता पर कहानी पढ़ी थी, जिसमे दो दोस्त जंगल में जा रहे होते हैं और एक भालू आ जाता है , एक मित्र जल्दी से पेड़ पर चढ़ जाता है और दूसरा नहीं चढ़ पाता,पेड़ पर चढ़ा मित्र उसकी कोई मदद भी नहीं करता । निराश हो कर वो जमीन पर अपनी सांस रोक कर लेट जाता है , जिस से भालू उसे मरा जान , छोड़ कर चला जाता है ! बाद में जब उसका मित्र पेड़ से नीचे उतरता है तो वो कहता है की तुम मेरे सच्चे मित्र नहीं हो , मित्र वोही होता है जो मुसीबत में काम आये !! तुम तो सिर्फ " फार्मेलिटी " के दोस्त हो ?? फेस - बुक ने भी लोगों का दायरा बढ़ा दिया है ! बहुत से मित्र बन रहे हैं । कोई किसी को कविता सुना रहा है तो कोई किसी को शिक्षा दे रहा है । कोई किसी को जानकारी दे रहा है तो कोई गाने,चित्र,और मजाकिया बाते दिखा रहा है !! कोई राजनीति सिखा रहा है तो कोई इस से व्यपार कर रहा है । लेकिन मैं कई दिनों से ये अनुभव कर रहा हूँ की मैं भी झूठा फरेबी और फार्मेलिटी से भरपूर व्यवहार करने लग गया हूँ । बिना पढ़े ही किसी के लिखे लेख को "लाइक " कर देता हूँ तो किसी का बढ़िया चित्र मैं अपनी वाल पर " शेयर " कर देता हूँ जिसे मेरे मित्र भी बिना पढ़े देखे " लाइक " कर देते है । मैं भी सोचता हूँ की " 5th pillar corrouption killer " नामक ब्लॉग और ग्रुप बनाकर तथा उसमे लेख लिखकर मैं देश से भ्रष्टाचार मिटा दूंगा , ये मेरा वहम नहीं तो और क्या है ?? मैं भी फार्मेलिटी ही तो कर रहा हूँ ??? इसे कोई सीरियस प्रयास तो नहीं कहा जा सकता !!?? लोग तो अन्ना जी के अनशन को भी सही नहीं मानते ! हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत ही कम है । किन्तु ऐसा सोचते तो हैं न लोग ?? " फार्मेलिटी " से भरे फेस - बुक फ्रेंड्स !!से मेरी यही प्रार्थना है की कृपया हम सब अपनी असली पहचान ही बातें , असली फोटो और असली जानकारी ही उपलब्ध कराएं । गन्दी बातों , फूहड़ चित्रों और अश्लील जानकारियों को कृपया दूसरों को न दिखाएँ !! अपना और सामने वाले का समय नष्ट न करें !! सच्ची मित्रता कायम करने का ही प्रयास करें !
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...

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प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
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मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
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" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !! कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए ,...