सभी सेक्स प्रिय मित्रो को सेक्सी नमस्कार !! कल से टेलीविजन पर और सरे मिडिया जगत में मज़े ले - ले कर शोर मचाया जा रहा है की कर्णाटक के ३ मंत्री मजेदार फिल्म देखते न केवल पकडे गए बल्कि उनका ये कृत्य दूरदर्शन कर्नाटका पर भी दीखाई दे गया या दिखा दिया गया ?? जब भी कोई पब्लिक फिगर वाला प्राणी बेचारा अपना मनोरंजन करने का प्रयास करता है तब - तब कुछ लोगों के पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है ...??? बड़ी - बड़ी बातें की जाती हैं , आदर्शों की दुहाई दी जाती है और न जाने क्या - क्या ??? कहा जाता है , जिसके फलस्वरूप उन बेचारों को अपने पद से त्याग - पत्र देना पड़ता है !! अभी कुछ समय पहले हमारे राजस्थान में कांग्रेस के मंत्री जी ने " भंवरी बाइ " नामक महिला की रजामंदी से " सांस्कृतिक कार्यक्रम " आयोजित कर लिया जिसका उस महिला ने फिल्मांकन भी कर लिया , उसने सोचा होगा की जब ये ससुरा मंत्री कुछ गड़बड़ करेगा , तब काम आएगा ??? और उसने इस काम की कीमत उस मंत्री से लाखों में मांगली , बेचारे मंत्री जी और एक विधायक जी इस चक्कर में बुरी तरह फंस चुके हैं और वो महिला रुपये तो छोड़ो अपनी जान और गँवा बैठी !! भगवन उसकी आत्मा को शान्ति दे !! तब भी मीडिया ने चटखारे ले - ले कर महीनो समाचार सुनाये दिखाए और पढाये थे ?? हमारे समाज में ये कंही भी नहीं कहा गया की सेक्स मत करो या ये कोई बुरी चीज़ है !! हाँ पात्र - अपात्र और समय का अवश्य ध्यान रखा जाना चाहिए !! जैसे - जैसे हम इक्कसवीं सदी में आगे बढ़ रहे हैं वैसे - वैसे हमें हमारे क़ानून में बदलाव भी आवश्यक है , समाज को भी अपनी सोच बदलनी पड़ेगी , जैसे यूरोप में " यूरो " नामक करंसी का चलन शुरू हो गया है ! जैसे हिन्दुस्तान में " गे " नामक जीवों को अपनी मर्ज़ी से रहने की इजाज़त मिल गयी है ! इसी तरह सेक्स के बारे में भी विस्तृत चर्चा के बाद भारत में आवश्यक बदलाव होने अति - आवश्यक हैं !! सनातन धर्म में तो स्त्री को पूरे दिन में अलग - अलग भूमिकाएं निभाने हेतु कहा गया है ....सुबह - माता , दोपहर - दोस्त , शाम - पाक शास्त्री और रात को वैश्या का रूप अपनाने को कहा गया है जिससे बाहर कमाई करके थका हारा लौटा पति आराम पा सके ?? परन्तु आजकल तो पति - पत्नी दोनों काम करने हेतु बाहर जाते हैं .....तो फिर कौन रसोइया , माता , दोस्त और वैश्या बने ????? तो क्या ये सब सहूलतें भी अब लोगों को बाज़ार से खरीदकर लानी पड़ेंगी ...? क्या लोग मेरे ये लिखने से पहले ही ऐसा कर रहे हैं ? क्या तभी भारत में स्त्री तो वैश्या का काम पहले ही करती थी , आज तो पुरुष वैश्या भी मिलने लगे हैं भारत में !! पुरुषों का नंगा नाच भी बड़े शहरों में होने लगा है !! बकायदा बड़ी कीमत अदा की जाती है भारत में पुरुष वैश्या हेतु !! क्या उस आदमी को मनोरंजन करने का हक़ नहीं मिलना चाहिए जो समाज - सेवा का कार्य करता है ?? क्या सेक्स कोई बुरी चीज़ का नाम है ?? मैं कहता हूँ नहीं चाहे कोई आम आदमी हो या कोई संत,नेता,स्त्री,या पुरुष सबको जैसे रोटी की भूख लगती है वैसे ही सबको सेक्स की भी भूख लगती है !! इसमें कोई भी बुराई नहीं ! बुराई ये है की इन लोगों ने उचित समय पर उचित लोगों के बीच ये सेक्स का कार्य नहीं किया इसलिए इन्हें दंड मिलना ही चाहिए था जो की मिल रहा है और मिलेगा भी !! लेकिन इसके साथ - साथ संविधान में भी उचित परिवर्तन होना चाहिए ...ऐसा मेरा मानना है !! जनता और मीडिया को भी ये समझना होगा की अब हमें हर बात में पारदर्शिता रखनी ही पड़ेगी ?? अपनी भावनाओं को भी खुला रखना , बताना और समझाना होगा !! चाहे वो हमारे बच्चे हों या हम हो या हमारे नेता या समाज - सेवी हों सबको पारदर्शिता रखनी पड़ेगी और संयम भी रखना होगा !! संयम बड़ी चीज़ है वो इंसान को संत और देवता भी बना सकती है तो देवता और संत को राक्षस भी बना सकती है ?? बोलो जय श्री राम !! ...... फेस बुक और मेरे ब्लॉग 5th pillar corrouption killer के सभी पाठकों से अनुरोध है की अगर उनको मेरा लिखा कोई लेख बढ़िया लगे तो उसे अपने मित्रों को शेयर( बाँट ) अवश्य देंवे ! और अपने अनमोल विचारों से मुझे अवश्य अवगत करवाएं मेरे ब्लॉग पर जा कर उसपर लिख कर !! आप चाहें तो मेरे ब्लॉग को ज्वाइन भी कर सकते हैं या इसमें छपे लेख को कंही भी प्रकाशित भी कर सकते हैं बिलकुल मुफ्त !! इसी नाम से फेस - बुक पर एक ग्रुप भी बना हुआ है ! जिसके आप भी सदस्य बन सकते हैं और अपने विचार भी लिख सकते हैं ! अपने मित्रों को भी इस ब्लॉग और ग्रुप से जोड़ सकते हैं जिसका नाम है "5th pillar corrouption killer " आज ही अपने अनमोल विचार इस पर लिखें ...सधन्यवाद !!
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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
प्रिय पाठक मित्रो ! सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...
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मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!! दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू...
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" झीनी चादर " अपने जीवन में ओढने वाले सभी मित्रों को मेरा सादर नमस्कार !! कबीर जी कहते हैं ,जब हम पैदा हुए ,...
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भारतीय संस्कृति के अनुसार , जब से ये सृष्टि रची गयी है ,लगभग तभी से धर्म के नाम पर तथाकथित धर्म चलाने वालों द्वारा ही अपराध किये या करवाये ...
एकदम उचित बात
ReplyDeleteTHANKS TO YOU !! VISIT AGAIN ....JI .
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